पीरियड में ब्लड कम आने के कारण

  1. पीरियड कम आने के कारण : Periods Kam Aane Ke Karan In Hindi
  2. अनियमित (Irregular) पीरियड्स: लक्षण, आपके डॉक्टर द्वारा बताए गए ब्लड टेस्ट और कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां
  3. पीरियड मिस होने के कारण क्या हैं? सिर्फ PCOS नहीं है इसकी वजह
  4. गर्भवती और ब्रेस्‍टफीडिंग वाली महिलाएं क्‍यों नहीं कर सकती है ब्‍लड डोनेट, ये है वजह
  5. What is Light periods in Hindi: लाइट पीरियड्स क्या होती है? पीरियड्स में बहुत कम ब्लीडिंग होने के कारण और लक्षण
  6. पीरियड का कम आना क्या होता है ?
  7. समय के साथ बदलने लगता है पीरियड्स का फ्लो, चेंज हो जाती है साइकिल
  8. पीरियड में ब्लड आना कितना खतरनाक, किस रंग का ब्लड बढ़ा सकता है परेशानी
  9. पीरियड कम आने के नुकसान / पीरियड में कम ब्लड आए तो क्या करें


Download: पीरियड में ब्लड कम आने के कारण
Size: 17.16 MB

पीरियड कम आने के कारण : Periods Kam Aane Ke Karan In Hindi

महिलाओं के जीवन में पीरियड्स (periods) एक अनिवार्य सत्य है। इस समस्या में महिला को हीट पैक, मूड स्विंग और क्रेविंग होती है, लेकिन इसके बावजूद हम पीरियड्स का इंतजार करते हैं, क्योंकि यह किसी भी स्त्री के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। लेकिन ऐसे में अनियमित पीरियड्स की तरह हल्के या लाइट पीरियड आना भी एक समस्या है। चलिए जानते हैं पीरियड्स कम आने के कारण। बढ़ती उम्र की वजह से - 20 से 30 साल के बीच में महिलाओं के पीरियड नियमित रहते हैं, लेकिन इस उम्र के बाद महिलाओं को पीरियड्स या तो बहुत हैवी या बहुत लाइट हो जाते हैं। इसके पीछे का कारण बढ़ती हुई उम्र ही होती है। इस दौरान पहले से अधिक अनियमित पीरियड्स भी हो सकते हैं और कुछ महीनों में यह स्किप भी हो सकते हैं। कम वजन होना - अगर किसी महिला का वजन (Weight) बहुत कम है, तो हो सकता है इसकी वजह से उनके पीरियड्स पर इसका असर देखने को मिले। लेकिन ऐसा कभी-कभार ही होता है। इसका कारण यह होता है कि कम फैट के कारण आपके शरीर में फैट लेवल इतने लो हो जाते हैं कि वह ओवुलेशन नहीं कर पाते हैं। स्ट्रेस की वजह से - अगर आप अधिक स्ट्रेस (stress) लेती हैं, तो इसकी वजह से आपके शरीर का हार्मोनल बैलेंस (hormonal balance) बिगड़ सकता है। जो पीरियड्स को अनियमित करने या हल्का करने का एक बहुत बड़ा कारण होता है। इसलिए कहा जाता है कि तनाव शरीर को बहुत तरह से प्रभावित कर सकता है, जिसमें से एक है लाइट पीरियड का आना है। अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा...

अनियमित (Irregular) पीरियड्स: लक्षण, आपके डॉक्टर द्वारा बताए गए ब्लड टेस्ट और कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां

मेंस्ट्रुअल साइकल्स अक्सर असहज (uncomfortable)और थोड़ा दर्दनाक होता है। लेकिन अगर ये साइकल्स असामान्य हो जाते हैं तो ये तनाव का कारण भी बन सकते हैं। पीरियड्स को अनियमित कहा जाता है जब लगातार पीरियड्स के बीच का समय बदलता है, या आपको बहुत अधिक या हल्का रक्त प्रवाह होता है या आपके पीरियड्स अलग-अलग दिनों तक चलते हैं। इस आर्टिकल में, देखें कि अनियमित पीरियड्स के लक्षण क्या हैं, अब्नोर्मलिटी होने पर आपको क्या कदम उठाने चाहिए, और कौन से ब्लड टेस्ट हैं जो आपके डॉक्टर आपको बता सकते हैं। अनियमित पीरियड्स के लक्षण क्या हैं? असामान्य या अनियमित मेंस्ट्रुअल केवल असामयिक (untimely) मेंस्ट्रुअल साइकल्स को रेफर करता है। अनियमित पीरियड्स को इंडीकेट करने वाले लक्षणों में शामिल हैं: • 21 दिनों से कम समय में पीरियड्स आना • 35 दिनों से अधिक समय के बाद पीरियड्स आना • लगातार 3 से 4 पीरियड मिस करना • बहुत हैवी मेंस्ट्रुअल फ्लो • 7 दिनों से अधिक समय तक चलने वाला पीरियड्स • पीरियड्स के दौरान ऐंठन(cramping), दर्द, उल्टी या जी मिचलाना • पीरियड्स के बीच में या मेनोपॉज या इंटरकोर्स के बाद ब्लीडिंग या स्पॉटिंग। लेट पीरियड्स के लिए क्या करें? यदि आप अपने पीरियड्स में अनियमितता (irregularity) देखते हैं, तो आपको निश्चित रूप से डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। आपके पीरियड्स के देर से आने के मूल कारणों के आधार पर, आपका डॉक्टर उचित उपचार का सुझाव देगा। आपका डॉक्टर आपको मेडिकल ट्रीटमेंट का सुझाव दे सकता है, उसमें शामिल हैं: हाॅर्मोन थेरेपी: यदि आपके पीरियड्स में अनियमितता का कारण हाॅर्मोनल असंतुलन है, तो आपका डॉक्टर हाॅर्मोन थेरेपी का सुझाव दे सकता है। इसमें दवाएं या इंजेक्शन शामिल हो सकते हैं जो आपके शरीर में हा...

पीरियड मिस होने के कारण क्या हैं? सिर्फ PCOS नहीं है इसकी वजह

क्या अनियमित पीरियड्स से परेशान हैं? इन कारणों से पीरियड्स देर से आते हैं यहाँ जानिए पीरियड मिस होने के कारण। पीरियड टाइम से पहले आना और देर से आना दोनों ही परेशानी का कारण हैं। पीरियड्स में देरी होना सामान्य बात हैं। यह परेशानी हर महिला को अपने जीवन में कभी ना कभी होती ही है। जरुरी नहींं की यह प्रेग्नेंसी का ही संकेत हो पीरियड्स लेट आने की वजह और भी बहुत सी होती हैं। आज हम इन ही वजहों पर बात करेंगे। Table of Contents • • • पीरियड्स में देरी के कारण क्या अभी तक आपके पीरियड नहींं आये हैं और आप इस बात को लेकर चिंता में हैं। तो चिंता ना करते हुए आपको इसके पीछे के कारणों को जानना होगा तो क्या हैं पीरियड्स मिस होने के कारण। 1. तनाव तनाव पीरियड मिस होने के कारण में से एक हैं। इससे आपका मासिक धर्म लेट हो सकता है या आपको दर्द ज्यादा हो सकता हैं। तनाव ना लें, योग और व्यायाम की मदद लें सकते हैं। अपनी मनपसंद गतिविधि करें आपको ख़ुशी मिलेगी। 2. कम वजन जिन महिलाओं का वजन कम होता हैं उनके पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। ऐसा इसलिए होता हैं क्योंकि शरीर में पर्याप्त वसा नहींं होती है तो इससे ओव्यूलेशन रुक जाता हैं। 3. अधिक व्यायाम करना शारीरिक गतिविधि ज्यादा कर लेने से पीरियड्स में योगदान देने वाले हार्मोन प्रभावित हो जाते हैं। तीव्र शारीरिक गतिविधि ना करें। 4. मोटापा जैसे कम वजन की वजह से हार्मोनल परिवर्तन होते है वैसे ही ज्यादा वजन भी देरी का कारण बनता हैं। 5. रजोनिवृत्ति मेनोपॉज का समय करीब होने पर पीरियड मिस होने लग जाते हैं। 6. बर्थ कंट्रोल शायद आपको नहींं पता की बर्थ कंट्रोल से पीरियड कितना लेट हो सकता है। बर्थ कंट्रोल से आपके पीरियड्स टाइम में परिवर्तन आ सकते हैं। 7. गर्भावस्था यदि आप...

गर्भवती और ब्रेस्‍टफीडिंग वाली महिलाएं क्‍यों नहीं कर सकती है ब्‍लड डोनेट, ये है वजह

To Start receiving timely alerts please follow the below steps: • Click on the Menu icon of the browser, it opens up a list of options. • Click on the “Options ”, it opens up the settings page, • Here click on the “Privacy & Security” options listed on the left hand side of the page. • Scroll down the page to the “Permission” section . • Here click on the “Settings” tab of the Notification option. • A pop up will open with all listed sites, select the option “ALLOW“, for the respective site under the status head to allow the notification. • Once the changes is done, click on the “Save Changes” option to save the changes. रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए हर साल 14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनर डे 2022 का आयोजन होता है। रक्तदान करने वालों को सलाह दी जाती है कि हर 2 महीने या 56 दिन में एक बार रक्तदान कर सकते हैं। यह उनकी सेहत और सुरक्षा के लिहाज से बेहतर है। रक्तदान करना जितना जरूरी है, उतना ही यह जानना भी अहम है कि किन लोगों को रक्तदान नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को हीमोग्लोबिन और आयरन की कमी नहीं होनी चाहिए। इसल‍िए उन्‍हें ब्‍लड डोनेशन करने के ल‍िए योग्‍य नहीं माना जाता है। इससे डिलीवरी के दौरान ब्‍लड लॉस की वजह से उन्‍हें ज्‍यादा दिक्‍कतें हो सकती है। यही कारण है कि महिलाओं को ब्लड डोनेट नहीं करने की सलाह दी जाती है। अगर इमरजेंसी में गर्भवती महिला को ब्लड डोनेट करना है, तो ध्यान रहे कि पहली तिमाही में तो बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। अगर कोई महिला ब्लड डोनेट करती है और उसे बाद में पता चलता है कि वो प्रेगनेंट थी, तो इससे मां और बच्चे को कोई नुकसान नहीं होगा। ऐसे में डाइट में आयरन...

What is Light periods in Hindi: लाइट पीरियड्स क्या होती है? पीरियड्स में बहुत कम ब्लीडिंग होने के कारण और लक्षण

पीरियड्स में हद से ज्यादा कम होती है ब्लीडिंग, कहीं आपको लाइट पीरियड्स की समस्या तो नहीं, जानें इसके लक्षण, कारण।© Shutterstock. What is Light periods in Hindi: पीरियड्स के दौरान रक्त प्रवाह आमतौर पर दो से सात दिनों तक होता है। हालांकि, पीरियड्स की अवधि, डेट और ब्लड फ्लो में कई बार काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। कई बार बहुत कम ब्लीडिंग होती है। ऐसा क्यों होता है, इस समस्या को कहते क्या हैं, जानें सबकुछ... Written by |Updated : December 7, 2020 1:00 AM IST • • • • • What is Light periods in Hindi: पीरियड्स (Periods) आमतौर पर 21 से 35 दिनों के गैप में होता है, लेकिन कुछ महिलाओं में यह 25 दिनों के गैप में भी हो जाता है। कई बार किसी-किसी महिला को हेवी ब्लीडिंग होती है, तो किसी-किसी में स्पॉटिंग या डॉट्स की तरह ब्लड आता है। पीरियड्स में ऐसी समस्या आने को लाइट पीरियड्स (Light periods in Hindi) कहते हैं। पीरियड्स होने पर रक्त प्रवाह दो से सात दिनों तक होता है। किसी-किसी महिला में यह 4 दिनों में ही समाप्त हो जाती है। इस दौरान आपको बहुत कम ब्लीडिंग हो, तो इसे नजरअंदाज किए बिना डॉक्टर से संपर्क करें। खासकर, कम उम्र की युवतियों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। जानें, लाइट पीरियड्स के कारण, लक्षण क्या (Light periods symptoms and causes in Hindi) हैं... लाइट पीरियड्स के लक्षण (Symptoms of Light period) पीरियड्स सिर्फ दो दिन होना, उसमें भी बेहद कम रक्त स्त्राव। स्पॉटिंग के रूप में ब्लीडिंग होना। Also Read • • • अनियमित पीरियड्स होना। लगातार लाइट पीरियड्स हो, तो नजरअंदाज ना करें। लाइट पीरियड्स के कारण (Causes of Light period) बढ़ती उम्र भी है लाइट पीरियड्स के कारण किशोरावस्था और मेनोपॉज...

पीरियड का कम आना क्या होता है ?

नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप? आज का हमारा विषय है पीरियड का कम आना क्या होता है,मासिक धर्म हर महिला के लिए कई सारी परेशानियां साथ लेकर आता है। मां बनने की इच्छा रखने वाली महिलाओं के लिए मासिक धर्म का नियमित होना बहुत ही आवश्यक होता है। मासिक धर्म नियमित होना एक महिला के स्वस्थता का लक्षण होता है। सामान्य तौर पर, मासिक चक्र दो से सात दिनों तक का होता है। शारीरिक बदलाव के कारण इसमें कभी-कभी बाधा उत्पन्न हो सकती हैं। महिलाओं में मासिक धर्म को लेकर काफी हिचकिचाहट देखने को मिलती हैं। मासिक धर्म में अगर कोई अनियमितता आ भी जाए; तो किसी के साथ चर्चा करने या बात करने में महिलाएं कतराती हैं। इस विषय पर आज भी समाज में खुलकर बातें ना होने के कारण महिलाओं को कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पीरियड्स का कम आना, मासिक चक्र की एक परेशानी के तौर पर उभर कर आ रही हैं। वैसे तो, हर महीने आने वाले पीरियड में ब्लड फ्लो कम या अधिक हो सकता है। यह हार्मोनल बदलाव, लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव और हमारे वजन में बदलाव के कारण हो सकता है। कभी हमारे पीरियड्स चार दिन की बजाय २-३ दिन में ही खत्म हो सकते हैं। लेकिन, ज्यादा महीनों तक आपको यह परेशानी दिख रही हो; तो यह चिंता का कारण हो सकता है। पीरियड के कम आने का मतलब माहवारी के दौरान आपको बहुत कम दिनों तक और बहुत कम मात्रा में रक्त स्राव होना। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे भी आजमा सकते हैं। इसी के साथ, फर्क नजर ना आने पर आप डॉक्टर के पास जाकर भी ट्रीटमेंट करवा सकती हैं। लेकिन, कभी भी मासिक धर्म से जुड़ी कोई भी परेशानी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि, यह की प्रजनन क्षमता पर असर डाल सकता है। तो दोस्तों, आज जानेंगे पीरियड का कम आना ...

समय के साथ बदलने लगता है पीरियड्स का फ्लो, चेंज हो जाती है साइकिल

पीरियड्स हर महिला के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है. इस दौरान महिलाओं को कई समस्याएं झेलनी पड़ती हैं. यह एक बॉयोलॉजिकल प्रोसेस है. इस दौरान शरीर में हार्मोनल चेंजेज होते हैं. पीरियड्स हमारी सेहत से जुड़े कई राज खोलते हैं. कुछ लोगों पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग होती है तो कुछ लोगों के पीरियड्स का फ्लो हल्का होता है. Also Read: • • • कितने दिनों की होती है साइकिल- एक एवरेज पीरियड साइकिल 28 से 30 दिनों की होती है. हालांकि ये 21 से 35 दिनों में कभी भी हो सकता है और ये 2 से 7 दिनों तक चल सकता है. कई लड़कियों का पीरियड साइकिल 21 दिनों का होता है. पीरियड की अवधि सेक्स हार्मोन और अन्य अंतःस्रावी हार्मोन जैसे थायराइड, प्रोलैक्टिन और इंसुलिन पर भी निर्भर करती है. इन दिनों में होती है अधिक ब्लीडिंग- पीरियड्स के दौरान फ्लो बदलता रहता है. सबसे अधिक फ्लो पीरियड्स के दूसरे दिन होता है. वहीं कभी कभी तीसरे दिन भी फ्लो बढ़ा रहता है. 20 से 30 उम्र के बीच पीरियड्स- उम्र के पड़ावों के अनुसार पीरियड्स का फ्लो बलदता रहता है. 20 से 30 के बीच की उम्र महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है. इस अवधि में यौन क्रिया, संतानोत्पत्ति और महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं शुरू हो सकती हैं. गर्भ निरोधकों, आपातकालीन गोलियों, या इंजेक्शन जैसे चीजों का प्रयोग अनियमित अवधि या कम अवधि के फ्लो का कारण बनती हैं. इतना ही नहीं, गर्भाशय पॉलीप्स, फाइब्रॉएड, या पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) जैसी विशिष्ट बीमारियों के कारण भी पीरियड फ्लो बदल सकता है. वहीं ब्रेस्ट फीडिंग के चलते पीरियड्स मिस हो सकते हैं. 30 से 40 के बीच पीरियड्स- इस आयु वर्ग में महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं, जिसके चलते फ्लो में भी चेंजे...

पीरियड में ब्लड आना कितना खतरनाक, किस रंग का ब्लड बढ़ा सकता है परेशानी

Written by |Updated : December 4, 2020 12:31 PM IST • • • • • अगर आपको पहले कभी भी पीरियड्स के दौरान हेवी ब्लीडिंग (blood in period) नहीं हुई तो पहली बार ब्लीडिंग होते हुए देखना आपके लिए बेहद डरावना भी साबित हो सकता है। लेकिन पीरियड्स के दौरान निकलने वाला रक्त, जो कभी-कभी गाढ़ा, चिपचिपा होता है, वह रक्त को लेकर आपकी पूरी जानकारी बदल सकता है। आपको ये जानने में मुश्किल हो सकती है कि सामान्य पीरियड अवधि में रक्त (blood in period) कैसा दिखता है। इस लेख में हम आपको ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि पीरियड के दौरान क्या नार्मल है और क्या नहीं। इतना ही नहीं हम आपको ये भी बताएंगे कि पीरियड के दौरान किस प्रकार का ब्लड आने पर आपको चिंतित होना चाहिए और क्या करना चाहिए। तो आइए जानते हैं। पीरियड में ब्लड कितना स्वभाविक आमतौर पर पीरियड के दौरान ब्लड आना किसी प्रकार की चिंता का कारण नहीं है। ज्यादातर मामलों में महिलाओं को पीरियड के दौरान एक मामूली का रक्त का थक्का और जेलनुमा ब्लड आता है , जो कि यूट्रस से निकलता है। छोटे-छोटे रक्त के थक्के आना सामान्य होते हैं। हां, इस बात को जरूर याद रखें कि आपका पीरियड प्रत्येक मासिक धर्म चक्र के पहले दिनों की ओर इशारा करता है, जब आपके गर्भाशय की लाइनिंग को आपके शरीर अलग कर देता है। पीरियड के दौरान ब्लड आना इस छोड़े गए गर्भाशय लाइनिंग, रक्त और योनि द्रव का एक मिश्रण है। आपके पीरियड्स के पहला दिन या फिर दूसरे दिन बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है। इन दोनों दिनों में आपको अपने शरीर से निकलने वाले रक्त में भिन्नता भी दिखाई दे सकती है। Also Read • • • पीरियड्स के दौरान रक्त निकलना कब चिंता का विषय (notice color of blood in period) पीरियड्स में चिपचिपे द्रव के स...

पीरियड कम आने के नुकसान / पीरियड में कम ब्लड आए तो क्या करें

पीरियड कम आने के नुकसान / पीरियड में कम ब्लड आए तो क्या करें –किसी भी महिला में पीरियड आना एक सामान्य बात है. और किसी भी महिला में समय पर पीरियड आना यह अच्छी बात हैं. कई बार हम देखते है की काफी महिला को पीरियड अधिक आता है. तो काफी महिला को पीरियड कम आता हैं. पीरियड अधिक और कम आना भी महिलाओं के लिए नुकसानदायी हो सकता हैं. कम पीरियड आने से होने वाले कुछ नुकसान के बारे में आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करने वाले हैं. तो यह महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पीरियड कम आने के नुकसान बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. • • • पीरियड कम आने के नुकसान जिस प्रकार पीरियड अधिक आने पर महिलाएं उसे गंभीरता से लेती हैं. बिलकुल उसी प्रकार पीरियड कम आने पर इसको भी गंभीरता से लेना चाहिए. पीरियड कम आना भी महिला के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायी माना जाता हैं. अगर किसी महिला को कम पीरियड आते हैं. तो वह कोई भी गंभीर बीमारी का शिकार बन सकती हैं. इससे मानसिक विकार भी उत्पन्न होता हैं. अगर आपके पीरियड कम आते है. तो आपको बीना सोचे तुरंत ही किसी अच्छे से डॉक्टर की राय लेनी चाहिए. अगर आपके पीरियड कम आ रहे हैं. और आप उसको ध्यान में नहीं ले रहे हैं. तथा लंबे समय से कम पीरियड आ रहे हैं. तो इसको इग्नोर नही करना चाहिए. तुरंत किसी एक्सपर्ट की सलाह लेकर दवाई शुरू करनी चाहिए. कुछ डॉक्टर और एक्सपर्ट का मानना है की पीरियड कम आने की समस्या भी काफी गंभीर हैं. अगर इसको ध्यान में नहीं लिया जाता. तो महिला को आगे जाकर गर्भधारण करने में परेशानी आ सकती हैं. इसके अलावा महिला अन्य कई सारे रो...