पीसीओडी कितने दिन में ठीक होता है?

  1. पीसीओडी का कारण, लक्षण और उपचार
  2. PCOD Problem: पीसीओडी क्या है, क्यों होता है, लक्षण और घरेलू उपचार
  3. भगंदर (एनल फिस्टुला) का उपचार
  4. पीसीओडी को ठीक करने के लिए क्या खाएं? – Expert
  5. '22 दिन जिंदगी के'! ऐसे ठीक होता है कोरोना का मरीज, जानिए महामारी की टाइमलाइन
  6. पीरियड के कितने दिन बाद सेक्स करना चाहिए या संबंध बनाएं?
  7. सिबिल स्कोर कितना दिन में अपडेट होता है।Cibil Score Kitne Din me Update Hota Hai
  8. ब्लड इंफेक्शन क्या है और कितने दिन में ठीक होता है?
  9. पीसीओडी का कारण, लक्षण और उपचार (PCOD in Hindi)
  10. पीसीओडी और पीसीओएस में अंतर


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पीसीओडी का कारण, लक्षण और उपचार

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PCOD Problem: पीसीओडी क्या है, क्यों होता है, लक्षण और घरेलू उपचार

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन रोग ( PCOD in Hindi ), जिसे पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS in Hindi) के रूप में भी जाना जाता है, महिलाओं में होने वाली एक हार्मोनल समस्या है, जो उनके मासिक धर्म व गर्भधारण करने की क्षमता को प्रभावित करती है। हालांकि, बहुत सी महिलाओं को पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज (पीसीओडी) होने के बावजूद भी उन्हें इसके बारे में पता नहीं चल पाता है और वह इस रोग से उम्र भर प्रभावित रहती हैं। इस पोस्ट में हम आपको पीसीओडी की समस्या (PCOD problem in Hindi) के बारे में बता रहे हैं जिसमें आप जानेंगे – पीसीओडी क्या है? पीसीओडी के लक्षण क्या हैं, पीसीओडी क्यों होता है (कारण) और पीसीओडी का घरेलू उपचार कैसे किया जाता है? तो आइये अब इस पोस्ट को शुरू करते हैं। 13 संदर्भ (References) पीसीओडी क्या है? (PCOD problems in Hindi) Image source pexels PCOD का अर्थ (Meaning of PCOD in Hindi) PCOD का पूरा नाम पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज है जिसे हिंदी भाषा में पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि रोग कहा जाता है। PCOD ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है, जो किशोर और युवा महिलाओं को उनके असंतुलन हॉर्मोन (Hormone imbalance) के कारण प्रभावित करती है। महिलाओं की प्रजनन प्रणाली मुख्य रूप से पांच प्रजनन हार्मोन अर्थात् एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन, एण्ड्रोजन, फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन और ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन की परस्पर क्रिया द्वारा नियंत्रित होती है। जिसमें एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन, मासिक धर्म के चक्र को नियंत्रित करते हैं, एण्ड्रोजन बालों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है और इसके अलावा फॉलिकल स्टिमुलेटिंग और ल्यूटिनाइजिंग, ओवरी से परिपक्व अण्डों के निकलने को नियंत्रित करते हैं। इन होर्मोनेस के बिगड़ने (imbalance) से ही पॉलीसिस्टिक ओ...

भगंदर (एनल फिस्टुला) का उपचार

भगंदर (एनल फिस्टुला) का उपचार - कारण, लक्षण, इलाज एनल फिस्टुला (भगंदर) के लिए जल्द इलाज करवाना ज़रूरी है क्योंकि यह समस्या अपने आप ठीक नहीं होती। Pristyn Care में, आप सबसे अच्छा लेजर उपचार, मेडिकल केयर कोऑर्डिनेटर और सर्जरी के बाद की देखभाल जैसी सुविधाओं के साथ विशेषज्ञ डॉक्टरों से एनल फिस्टुला(भगंदर) का इलाज प्राप्त कर सकते हैं। एनल फिस्टुला (भगंदर) के लिए जल्द इलाज करवाना ज़रूरी है क्योंकि यह समस्या अपने आप ठीक नहीं होती। Pristyn Care में, आप सबसे अच्छा ... लेजर उपचार, मेडिकल केयर कोऑर्डिनेटर और सर्जरी के बाद की देखभाल जैसी सुविधाओं के साथ विशेषज्ञ डॉक्टरों से एनल फिस्टुला(भगंदर) का इलाज प्राप्त कर सकते हैं। Read More Call Us: 6366-528-050 Ahmedabad Bangalore Bhopal Bhubaneswar Chandigarh Chennai Coimbatore Dehradun Delhi Guwahati Hyderabad Indore Jaipur Kanpur Kochi Kolkata Kozhikode Lucknow Ludhiana Madurai Meerut Mumbai Mysore Nagpur Nashik Patna Pune Raipur Ranchi Siliguri Surat Thiruvananthapuram Vadodara Vijayawada Visakhapatnam एनल फिस्टुला (भगंदर) क्या होता है? - Bhagandar Kya Hai? एनल फिस्टुला (भगंदर – Bhagandar) के अंदर बनने वाली एक लंबी सुरंग होती है जो दो ऐसी नसों या अंगों को जोड़ देती है जो प्राकृतिक रूप से नहीं जुड़ी होती हैं। जब किसी व्‍यक्ति को भगंदर होता है तो गुदा मार्ग के पास एक फोड़ा हो जाता है जिससे खून और पस निकलने लगता है और तेज दर्द होता है। अगर भगंदर शुरुआती स्‍टेज में है तो डॉक्टर पस निकालकर मरीज को दवा देकर सही करने की कोशिश करते हैं। लेकिन अगर भगंदर के फोड़े ने अंदर लंबी सुरंग बना ली है तो इसकी सर्जरी कराना ज़रूरी है। निदान डॉक्टर फिस्टुला के बाहर...

पीसीओडी को ठीक करने के लिए क्या खाएं? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • पीसीओडी को ठीक करने के लिए क्या खाएं? साबुत अनाज जैसे साबुत गेहूं, ब्राउन राइस, एक प्रकार का अनाज, क्विनोआ, जई, पोहा, मूसली और जौ एक बेहतरीन पीसीओएस खाद्य पदार्थ हैं. साबुत अनाज फाइबर और अनप्रोसेस्ड कार्ब्स से भरपूर होते हैं. वे पचने में भी अधिक समय लेते हैं और इस प्रकार, रक्त शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं. पीसीओडी में कौन कौन से फल खाने चाहिए? ऐसे में आपको हाई फाइबर वाली डाइट जैसे हरे पत्तों वाली सब्जियां, साग, ब्रोकली, पालक, गाजर, और फल जैसे सेब, अनार और कीवी खाने चाहिए। ये आपके शरीर को इंसुलिन रेजिस्टेंस से लड़ने में मदद करते हैं। PCOD में क्या नहीं खाना चाहिए? पीसीओडी में क्‍या नहीं खाना चाहिए और परहेज – Food we should avoid in PCOD In Hindi • संसाधित खाद्य पदार्थ – संसाधित खाद्य पदार्थों में हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है जिसका सीधा संबंध इंसुलिन के ज्यादा उत्‍पादन और डायबिटीज से होता है। • खराब वसा युक्त आहार – • सोया उत्‍पाद – • जंक फूड को कहें ना – पीसीओडी को जड़ से खत्म कैसे करें? ‘सूर्य नमस्कार’ स्त्री, पुरुष, बाल, युवा तथा वृद्धों के लिए भी उपयोगी बताया गया है. सूर्य नमस्कार करने से प्यूबिक एरिया की मसल्स, यूरिनरी ट्रैक्ट वेन्स और लोअर अबडॉमिन की मसाज होती है और मजबूती भी आती है. यह पीसीओडी को खत्म करने के साथ मेन्सट्रुअल साइकिल को रेग्युलर करने में भी फायदेमंद होता है. READ: खुद के जन्मदिन पर क्या लिखें in English? क्या पीसीओडी में दूध पी सकते हैं? -इसके लिए सबसे पहले कार्बोहाइड्रेट्स युक्त भोजन को इन दिनों में नहीं खाना है। जैसे, चपाती, दाल, दूध, दही, छाछ इन चीजों का सेवन मुख्य रूप से आपको ...

'22 दिन जिंदगी के'! ऐसे ठीक होता है कोरोना का मरीज, जानिए महामारी की टाइमलाइन

कोरोना वायरस (Coronavirus) का इलाज क्या है? क्या कोई दवा इसमें काम करती है? मरीज को कैसे पता चलता है कि वो ठीक है या नहीं? महामारी की चपेट में आया व्यक्ति कितने दिन में ठीक हो सकता है? ये ऐसे सवाल हैं जिसने पूरे विश्व को अपनी गिरफ्त में लिया है. कोरोना वायरस की शुरुआत दबे पांव होती है. मरीज को इसकी पहचान खुद नहीं होती. शुरुआत में यह बिल्कुल सामान्य फ्लू जैसा लगता है. लेकिन, धीरे-धीरे कोरोना मरीज को अपने आगोश में ले लेता है. वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस को लेकर एक टाइमलाइन तैयार की है. इसमें साफ बताया गया है कि 22 दिन तक अगर कोई कोरोना वायरस से लड़ लेता है तो वह पूरी तरह ठीक हो जाता है. चीन से शुरू हुए कोरोना वायरस (Covid-19) ने दुनिया के 200 से ज्यादा देशों को अपनी चपेट में लिया है. मेडिकल साइंस में लगातार इस वायरस की दवा खोजी जा रही है. कई तरह के दावे किए गए. लेकिन, फिलहाल को ठोस इलाज नहीं है. हालांकि, अमेरिका, यूरोप जैसे देशों में अलग-अलग तरह से इलाज का दावा किया जा रहा है. कोई विटामिन सी से मरीजों की रोगनिरोधक क्षमता बढ़ाने का दावा कर रहा है तो अमेरिका में मलेरिया के ड्रग से इलाज हो रहा है. हालांकि, वैज्ञानिक पहले ही कह चुके हैं कि कोरोना वायरस की दवा अभी तक तैयार नहीं है. क्या है कोरोना वायरस की टाइमलाइन? वैज्ञानिकों के मुताबिक, मरीज को फ्लू के लक्षण साफ दिखते हैं. लेकिन, पूरी साइकिल 22 दिनों की है. इन 22 दिनों तक अगर कोई इससे लड़ता है तो वह ठीक हो सकता है. आइये जानते हैं टाइमलाइन कोरोना वायरस के लक्षण की टाइमलाइन पहला दिन- हल्का बुखार, थकान, मांसपेशियों में दर्द और सूखी खांसी दूसरा दिन- सांस लेने में तकलीफ सातवां दिन- सांस लेने में तकलीफ रहने पर अस्पताल में भर्ती आठवां...

पीरियड के कितने दिन बाद सेक्स करना चाहिए या संबंध बनाएं?

ऐसा माना जाता है कि फैमिली प्लानिंग करने के लिए पीरियड्स के शुरू होने के 10 से लेकर 18 दिन के बीच संभोग करने से प्रेग्नेंट होने की संभावना बढ़ जाती है, लेकिन यदि आप सिर्फ इंजॉय करने के लिए अनसेफ सेक्स करना चाहते हैं, तो पीरियड शुरू होने के पांचवें या छठे दिन के बाद सेक्स कर सकते हैं. आज जानेंगे पीरियड्स के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए के बारे में - (और पढ़ें - • • • आमतौर पर महिलाओं में मेंस्ट्रुअल साइकिल 28 से 30 दिन का होता है. सबसे अधिक गर्भधारण करने की संभावना ओवुलेशन के समय होती है. इस दौरान ओवरीज से एग रिलीज होता है. पीरियड्स शुरू होने के 10वें से 12वें दिन पर ओवुलेशन शुरू होता है और तकरीबन एक सप्ताह तक रहता है. आइए जानते हैं पीरियड्स के कितने दिन बाद संबंध बनाने चाहिए - महिला प्रेग्नेंट होना चाहती है या प्रेग्नेंसी को रोकना चाहती है इन दोनों बातों के लिए ही ओवुलेशन पीरियड की सही जानकारी होना जरूरी है. आमतौर पर महिलाएं मेंस्ट्रुअल साइकिल के 14वें दिन ओवुलेट होती हैं. इस समय अगर यूट्रस में पुरुष का स्पर्म महिला के शरीर में 5 से 7 दिन तक रह सकता है. इसलिए अगर पीरियड्स के कुछ दिनों बाद संबंध बनते हैं और उसके 5 या 7 दिन बाद ओवुलेशन होता है, तो भी गर्भधारण करने की संभावना बनी रहती है. यदि महिला का ओवुलेशन जल्दी होता है, तो पीरियड्स खत्म होने के तुरंत बाद गर्भवती हो सकती है. ओवुलेशन हर महिला में अलग-अलग हो सकता है. इसलिए, ये साइकिल कितने दिनों का है, इस बात का पता होना चाहिए. ओवुलेशन के जितने अधिक दिन बाद संबंध बनेंगे, उतना प्रेगनेंट होने का रिस्क भी कम होता जाएगा. ऐसे में आप पीरियड के 5-6 दिन बाद भी संबंध बनाते हैं, तो जीवित स्पर्म ओवुलेशन पीरियड्स आते ही महिला को प्रे...

सिबिल स्कोर कितना दिन में अपडेट होता है।Cibil Score Kitne Din me Update Hota Hai

आज के समय में हर तरह के Loan लेने के लिए हमें अच्छे Cibil Score की आवश्यकता पड़ती है।अगर आपका Cibil Score कम है तो आपको यह जानना जरूरी है कि Cibil Score कितना दिन में Update होता है? उसके बाद ही आप यह पता कर पाएंगे कि आपका Cibil Score कम है या ज्यादा। अगर आप सोच रहे हैं कि Cibil Score से Loan पर क्या फर्क पड़ता है? तो मैं आपको बता दूं उससे ही बैंक को यह पता चलता है कि आपने अपना पुराना Loan समय पर चुकाया है या नहीं और यही आपकी Credit History को भी दर्शाता है। इसीलिए एक अच्छा Cibil Score होना काफी जरूरी है।अगर आप भी यह जानना चाहते हैं कि Cibil Score कितना दिन में Update होता है? जिससे आप अपनी Cibil Score की जांच कर सके तो मैं आपको आज के इस आर्टिकल में उसी के संदर्भ में बताने जा रही हूं। आज आप इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद जानेंगे कि सिविल स्कोर कितना दिन में अपडेट होता है?(Cibil Score Kitne Din me Update Hota Hai?) सिबिल स्कोर कितना दिन में अपडेट होता है(Cibil Score Kitne Din me Update Hota Hai) Cibil Score Loan से Credit Card तक की सारी जानकारियां save करके रखता है। यह 300 से 900 के बीच की वह संख्या होती है, जिससे आपके Credit History को जाना जा सकता है। इसमें आपकी काफी सारी चीजों को Notice किया जाता है और इसी के हिसाब से आपका Cibil Score तैयार होता है। अगर किसी भी व्यक्ति का Cibil Score 750 से ज्यादा होता है तो उस व्यक्ति को Loan या Credit Card बड़ी आसानी से मिल जाता है। लेकिन अगर आपका Cibil Score 750 से कम होता है तो वैसे व्यक्ति को Loan या Credit Card हासिल करने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जैसा कि मैंने आपको अभी बताया Cibil Score 300 से 900 के बीच का एक नंबर हो...

ब्लड इंफेक्शन क्या है और कितने दिन में ठीक होता है?

ब्लड इंफेक्शन खून मे हानिकारक बैक्टीरीया संक्रमण होने से होता है । वक्त रहते इलाज शुरू होने पर यह 7-10 दिन में ठीक हो जाता है । सही इलाज नहीं मिलने से यह घातक बीमारी में तब्दील हो सकता है । इस विषय में blood infection की वजह, लक्षण और कितने दिन में ठीक होता है इसकी जानकारी के लिए पोस्ट को आगे पढ़ते रहिए । 🩸🩸🩸 ब्लड इंफेक्शन क्या है ? रक्त विषाक्तता को ब्लड इन्फेक्शन कहते है । रक्त विषाक्तता एक गंभीर संक्रमण है। खून में नुकसान कारक बैक्टीरिया का संक्रमण होने से ब्लड इन्फेक्शन होता है । इसके नाम में विषाक्तता शब्द होने के बावजूद इस संक्रमण का जहर से कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि एक चिकित्सा शब्द नहीं है, “रक्त विषाक्तता” का उपयोग बैक्टरेरिया, सेप्टीसीमिया या सेप्सिस का वर्णन करने के लिए किया जाता है। ब्लड इंफेक्शन कैसे होता है? रक्त विषाक्तता तब होती है जब आपके शरीर के दूसरे हिस्से में संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया आपके रक्तप्रवाह में प्रवेश कर जाते हैं। रक्त में बैक्टीरिया की उपस्थिति को बैक्टरेरिया या सेप्टीसीमिया कहा जाता है। “सेप्टिसीमिया” और “सेप्सिस” शब्द अक्सर एक दूसरे के लिए उपयोग किए जाते हैं, हालांकि तकनीकी रूप से वे काफी समान नहीं हैं। सेप्टिसीमिया में आपके रक्त में बैक्टीरिया होने की स्थिति से सेप्सिस हो सकता है। सेप्सिस संक्रमण की एक गंभीर और इलाज न करने पर जानलेवा बीमारी है । किसी भी प्रकार का संक्रमण – चाहे बैक्टीरियल, फंगल या वायरल सेप्सिस का कारण बन सकता है। और इन संक्रामक एजेंटों को सेप्सिस लाने के लिए किसी व्यक्ति के रक्त प्रवाह में होने की आवश्यकता नहीं है। इस तरह के संक्रमण ज्यादातर फेफड़े, पेट और मूत्र मार्ग में होते हैं। अस्पताल में भर्ती लोगों में ...

पीसीओडी का कारण, लक्षण और उपचार (PCOD in Hindi)

Table of Contents • • • • • • • • पीसीओडी का क्या मतलब होता है? पीसीओडी फुल फॉर्म ‘पॉलिसिस्टिक ओवरी डिजीज’ होता है जिसे आम बोलचाल की भाषा में पीसीओडी कहते हैं। यह महिलाओं को प्रभावित करने वाली एक कॉमन समस्या है जो मुख्य रूप से हार्मोन में असंतुलन के कारण होती है। पीसीओडी से पीड़ित महिला के शरीर में पुरुष हार्मोन यानी एण्ड्रोजन का स्तर बढ़ जाता है एवं अंडाशय पर सिस्ट बनने लगते हैं। पीसीओडी में प्रेगनेंसी हासिल करना एक महिला के लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। पीसीओडी के कारण पीसीओडी के अनेक कारण हो सकते हैं, लेकिन निम्नलिखित को इसके मुख्य कारणों में गिना जाता है: • अस्वस्थ जीवनशैली • निष्क्रिय जीवनशैली • खान-पान में लापरवाही • शारीरिक गतिविधि नहीं करना • पीरियड्स में असंतुलन होना • पोषक तत्वों से भरपूर भोजन नहीं करना • आनुवंशिक कारण • शरीर में इंसुलिन की मात्रा अधिक होना • अचानक से वजन बढ़ना यानी मोटापा होना • सिगरेट और शराब का अत्यधिक सेवन करना पीसीओडी के लक्षण पीसीओडी के लक्षण पर ध्यान देकर इसे गंभीर रूप लेने से रोका जा सकता है। पीसीओडी के लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं: • • शरीर पर एक्स्ट्रा बाल आना • बाल झड़ना • श्रोणि में दर्द होना • वजन बढ़ना • मुहांसे आना • बांझपन की शिकायत होना • त्वचा तैलीय होना • ब्लड प्रेशर बढ़ना • दूसरे हार्मोन में असंतुलन होना • नींद नहीं आना • थकान महसूस करना • • मूड में अचानक बदलाव आना अगर आप ऊपर दिए गए लक्षणों को खुद में अनुभव करती हैं तो जल्द से जल्द स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। उपचार शुरू होते ही आप खुद में पीसीओडी ठीक होने के लक्षण अनुभव करना शुरू कर सकती हैं। पीसीओडी मेडिकल जांच विशेष रूप से पीसीओडी का मेडिकल जांच यानी निदान...

पीसीओडी और पीसीओएस में अंतर

अधिकतर लोगों और खासकर महिलाओं को यही लगता है की पीसीओएस और पीसीओडी एक ही हैं। लेकिन वास्तविकता यह है की ये दोनों एक दूसरे से भिन्न हैं। हालाँकि, ये दोनों स्थितियां ओवरीज यानी अंडाशय से जुड़ी हैं और इनसे ग्रसित महिला के शरीर में हार्मोनल असंतुलन होता है। महिलाओं के शरीर में हार्मोनल असंतुलन होने पर कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं – पीसीओडी और पीसीओएस भी उन्हीं में शामिल हैं। आइए, इस ब्लॉग में हम पीसीओएस और पीसीओडी के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं। Table of Contents • • • • पीसीओएस क्या है? पीसीओएस का पूरा नाम पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम है। यह एक गंभीर समस्या है जिससे ग्रसित महिलाओं को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पीसीओएस की स्थिति में महिला के मेटाबॉलिक और हार्मोन्स में असंतुलन होता है। विशेषज्ञ का मानना है कि जिन महिलाओं को लंबे समय तक पीरियड्स नहीं आता है उन्हें पीसीओएस का खतरा अधिक होता है। पीसीओएस से पीड़ित महिला के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है जिससे ओवुलेशन अनियमित हो जाता है। पीसीओएस के सटीक कारणों की पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन इसके संभावित कारणों में आनुवंशिकी, पुरुष हार्मोन, अनहेल्दी जीवनशैली और गलत खान-पान आदि शामिल हैं। पीसीओएस के लक्षणों में अनियमित पीरियड्स, हेवी ब्लीडिंग, बालों का झड़ना, अचानक वजन बढ़ना, मूड में अचानक बदलाव आना, ठीक से नींद नहीं आना आदि शामिल हैं। पीसीओएस का उपचार करने के लिए जीवनशैली में बदलाव लाने का सुझाव और कुछ ख़ास दवाएं निर्धारित की जाती हैं। पीसीओडी क्या है? पीसीओडी का पूरा नाम पॉलिसिस्टिक ओवरी डिजीज है। हार्मोन में असंतुलन के कारण महिलाओं को होने वाली यह एक आम समस्या है। इससे ग्रसित महिला के शरी...