पल्लव किसकी रचना है

  1. भारतेन्दु युग और द्विवेदी युग टेस्ट सीरीज़ 11
  2. पल्लवन की परिभाषा, विशेषताएं ,महत्व एवं नियम
  3. पल्लव कविता संग्रह
  4. MCQ Questions for Class 6 Hindi Chapter 2 बचपन with Answers
  5. पल्लव वंश
  6. 'कीर्तिलता' किसकी रचना है?
  7. काव्यशास्त्र 200 प्रश्नोत्तर
  8. पल्लव की रचना ! Pallaw ki rachna


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भारतेन्दु युग और द्विवेदी युग टेस्ट सीरीज़ 11

3 ‘इतिहास तिमिरनाशक‘ पुस्तक के लेखक का नाम क्या है? (अ) भारतेन्दु (ब) बालकृष्ण भट्ट (स) प्रतापनारायण मिश्र (द) शिवप्रसाद सितारेहिन्द✔️ 4 ‘हमारे मत में हिन्दी और उर्दू दो बोली न्यारी-न्यारी है।‘ यह कथन किस लेखक का है- (अ) सर सैयद अहमद खाँ (ब) राजा लक्ष्मण सिंह✔️ (स) सितारेहिन्द (द) इंशा अल्ला खाँ 5 फ्रेडरिक पिन्काट भारत में किस भाषा के समर्थक थे? (अ) हिन्दी✔️ (ब) उर्दू (स) अंग्रेजी (द) संस्कृत 6 ‘चूरन साहब लोग जो खाता, सारा हिंद हजम कर जाता।‘ यह पंक्ति किस कवि की है? (अ) प्रतापनारायण मिश्र (ब) जयशंकर प्रसाद✔️ (स) भारतेन्दु (द) राधाचरण गोस्वामी 7 इनमें से कौनसा नाटक भारतेन्दु जी का नहीं है? (अ) नील देवी (ब) विशाख✔️ (स) अन्धेर नगरी (द) प्रेमजोगिनी 8 ‘निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति कौ मूल‘ यह पंक्ति किस कवि की है- (अ) मैथिलीशरण गुप्त (ब) भारतेन्दु✔️ (स) माखनलाल चतुर्वेदी (द) प्रतापनारायण मिश्र 9 भारत-भारती के रचयिता कवि कौन है? (अ) महावीर प्रसाद द्विवेदी (ब) अयोध्या सिंह उपाध्याय (स) मैथिलीशरण गुप्त✔️ (द) भारतेन्दु 10 ‘‘जो विषया संतन तजी ताहि मूढ़ लपटात, जो नर डारत वमन करि स्वान स्वाद सौ खात।‘‘ यह दोहा किस कवि का है? (अ) कबीर (ब) भारतेन्दु (स) तुलसी (द) राधाकृष्ण दास✔️ 11 ‘समस्या पूर्ति सर्वस्व‘ नामक ग्रन्थ के लेखक कौन है? (अ) भारतेन्दु (ब) प्रतापनारायण मिश्र (स) अम्बिकादत व्यास✔️ (द) नाथूराम शर्मा शंकर 12 ‘नीति विनोद‘ के रचयिता का नाम क्या है? (अ) गोविन्द गिल्लाभाई✔️ (ब) राधाचरण गोस्वामी (स) भारतेन्दु (द) अम्बिकादत व्यास 13 ‘लोकोक्ति शतक‘ के रचयिता कवि कौन है? (अ) प्रतापनारायण मिश्र✔️ (ब) भारतेन्दु (स) जगन्नाथदास रत्नाकर (द) मतिराम 14 कौनसा हिन्दी कवि ‘अब्र‘ उपनाम से उर्दू में ...

पल्लवन की परिभाषा, विशेषताएं ,महत्व एवं नियम

पल्लवन का अर्थ पल्लवन की विशेषता इन हिंदी पल्लवन का अर्थ क्या है पल्लवन की विशेषताएं स्पष्ट कीजिए पल्लवन का महत्व पर निबंध pallavan ki paribhasha avn uski upyogita पल्लवन की परिभाषा एवं इसकी उपयोगिता लिखिए - पल्लवन का अर्थ है विस्तार। यह अंग्रेजी के Expansión शब्द का समानार्थी है। यह एक प्रकार की गद्य रचना है ,जिसमें किसी विषय या विचार को विस्तार दिया जाता है। पल्लवन में लेखक की मानसिक विचारधारा ,कल्पनाशक्ति ,मौलिक उद्भावना ,क्षमता तथा उसके भाषा सामर्थ्य का परिचय मिलता है। पल्लवन पल्लव शब्द से बना है जैसे कोई बीज ,खाद और पानी पाकर पहले अंकुरित होता है ,फिर उसमें तनें ,शाखाएं और इन शाखाओं में पल्लव आते हैं ,उसी प्रकार कोई सूत्रवाक्य ,उक्ति ,विशिष्ट विषय अथवा विचार बिंदु लेखक की अपनी कल्पनाशीलता ,मौलिकता एवं प्रवाहमयी सुललित भाषा द्वारा विस्तृत रूप में प्रस्तुत किया जाता है। पल्लवन एक गद्य रचना है ,यह पहले ही बताया जा चुका है परन्तु यह बहुत सीमित स्वरुप वाली गद्य रचना है। पल्लवनकर्ता को सृजनशील होना चाहिए। सृजनशीलता के लिए प्रतिभा और अभ्यास दोनों की आवश्यकता होती है ,जिसमें सर्जनात्मकता क्षमता नहीं होती है ,पल्लवन उसके सामर्थ्य के बाहर की विधा है। पल्लवन की तीसरी विशेषता केन्द्रोंमुखता है। पल्लवन कर्ता को अपने विषय की सीमा में रहना चाहिए ,उसमें यहाँ निर्द्वंद भाव विस्तार की अपेक्षा नहीं होती है। उसका ध्यान सदैव अपने विषय पर ही केन्द्रित रहना चाहिए ,ऐसा न करने से पल्लवन बिखरा सा लगेगा। पल्लवन के प्रमुख नियम मौलिकता नवीनता की अपेक्षा करती है अर्थात पल्लावनकर्ता को किसी का अंधानुकरण अथवा नक़ल नहीं करनी चाहिए। पल्लवन करते समय यदि समसामयिकता का वरण करने वाले विचारों का सहारा लिया ...

पल्लव कविता संग्रह

पल्लव कविता संग्रह पल्लव का मुखपृष्ठ लेखक सुमित्रानंदन पंत देश भारत भाषा हिंदी विषय कविता संग्रह प्रकाशक राजकमल प्रकाशन, दिल्ली प्रकाशन तिथि 1928 पृष्ठ 156 पल्लव पल्लव के भावों की अभिव्यक्ति में अद्भुत सरलता और ईमानदारी थी। कवि बँधी रूढ़ियों के प्रति कठोर नहीं है उसने उनके प्रति व्यंग्य और उपहास का प्रहार नहीं किया, पर वह उनकी बाहरी बातों की उपेक्षा करके अन्तराल में स्थित सहज सौंदर्य की ओर पाठक का ध्यान आकृष्ट करता है। मनुष्य के कोमल स्वभाव, बालिका के अकृत्रिम, प्रीति-स्निग्ध हृदय और प्रकृति के विराट और विपुल रूपों में अन्तर्निहित शोभा का ऐसा हृदयहारी चित्रण उन दिनों अन्यत्र नहीं देखा गया।’’ -आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी। इसी संग्रह में से एक कविता जिसका शीर्षक भी स्वयं 'पल्लव'है, निम्न है:- अरे! ये पल्लव-बाल! सजा सुमनों के सौरभ-हार गूँथते वे उपहार; अभी तो हैं ये नवल-प्रवाल, नहीं छूटो तरु-डाल; विश्व पर विस्मित-चितवन डाल, हिलाते अधर-प्रवाल! दिवस का इनमें रजत-प्रसार उषा का स्वर्ण-सुहाग; निशा का तुहिन-अश्रु-श्रृंगार, साँझ का निःस्वन-राग; नवोढ़ा की लज्जा सुकुमार, तरुणतम-सुन्दरता की आग! कल्पना के ये विह्वल-बाल, आँख के अश्रु, हृदय के हास; वेदना के प्रदीप की ज्वाल, प्रणय के ये मधुमास; सुछबि के छायाबन की साँस भर गई इनमें हाव, हुलास! आज पल्लवित हुई है डाल, झुकेगा कल गुंजित-मधुमास; मुग्ध होंगे मधु से मधु-बाल, सुरभि से अस्थिर मरुताकाश! सन्दर्भ [ ] • (पीएचपी) से 21 अगस्त 2012 को पुरालेखित . अभिगमन तिथि |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (

MCQ Questions for Class 6 Hindi Chapter 2 बचपन with Answers

• Extra Questions • CBSE Notes • RD Sharma Solutions • RD Sharma Class 12 Solutions • RD Sharma Class 11 Solutions • RD Sharma Class 10 Solutions • RD Sharma Class 9 Solutions • RD Sharma Class 8 Solutions • RS Aggarwal Solutions • RS Aggarwal Solutions Class 10 • RS Aggarwal Solutions Class 9 • RS Aggarwal Solutions Class 8 • RS Aggarwal Solutions Class 7 • RS Aggarwal Solutions Class 6 • ML Aggarwal Solutions • ML Aggarwal Class 10 Solutions • ML Aggarwal Class 9 Solutions • ML Aggarwal Class 8 Solutions • ML Aggarwal Class 7 Solutions • ML Aggarwal Class 6 Solutions • English Grammar • Words with Letters • English Summaries • Unseen Passages Question 2. लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या काम करती थी? (a) वह विद्यालय जाती थी। (b) वह पौधों की देख-रेख करती थी। (c) वह नृत्य करती थी। (d) वह अपने मोज़े व जूते पॉलिश करती थी Answer Answer: (d) वह अपने मोज़े व जूते पॉलिश करती थी Question 3. लेखिका का जन्म किस सदी में हुआ था? (a) 18वीं सदी (b) 20वीं सदी (c) 21वीं सदी (d) 22वीं सदी Answer Answer: (b) 20वीं सदी Question 4. पहले गीत-संगीत सुनने के क्या साधन थे? (a) रेडियो (b) टेलीविज़न (c) ग्रामोफ़ोन (d) सी० डी० प्लेयर Answer Answer: (c) ग्रामोफ़ोन Question 5. हर शनिवार लेखिका को क्या पीना पड़ता था? (a) घी (b) ऑलिव ऑयल (c) सरसों तेल (d) नारियल तेल Answer Answer: (b) ऑलिव ऑयल (1) मैं तुमसे कुछ इतनी बड़ी हूँ कि तुम्हारी दादी भी हो सकती हूँ, तुम्हारी नानी भी। बड़ी बुआ भी-बड़ी मौसी भी। परिवार में मुझे सभी लोग जीजी कहकर ही पुकारते हैं। हाँ, मैं इन दिनों कुछ बड़ा-बड़ा यानी उम्र में सयाना ...

पल्लव वंश

पल्लव वंश (Pallava dynasty) परिचय ( I ntroduction) पल्लव का शाब्दिक अर्थ लता है और तमिल भाषा में इसका अर्थ डाकू है। पल्लव अपनी उत्पति ब्रह्मा से मानते है। उनके अभिलेखों में उन्हें भारद्वाजगोत्रीय ब्राह्मण और अश्वत्थामा का वंशज बताया गया है। पल्लव साम्राज्य उत्तर में पेन्नार नदी से दक्षिण में कावेरी नदी घाटी तक विस्तृत था तथा कांची पल्लव वंश की राजधानी थी। हेनसांग के अनुसार “कांची 6 मील की परिधि में स्थित था और यहाँ 100 से अधिक मठ तथा 10000 भिक्षु रहते थे।“ इतिहास के स्रोत ( S ources of H istory) पल्लव वंश के इतिहास की जानकारी पुरातात्विक, साहित्यिक और विदेशी यात्रियों के विवरण से प्राप्त होती है। इस वंश के आरंभिक अभिलेख प्राकृत भाषा में है। शिवस्कन्दवर्मन के ‘मैडवोलू’ और ‘हीरहडगल्ली’ लेख से पल्लव वंश का आरंभिक इतिहास ज्ञात होता है। पल्लव वंश के अधिकांश अभिलेख संस्कृत भाषा में है। जो 350 ई. से 600 ई. के मध्य के है। इनमें सबसे प्राचीन कुमारविष्णु द्वितीय का ‘केन्दलूर लेख’ और नन्दिवर्मन का ‘उदयेन्दिरम दानपत्र’ है। दण्डि द्वारा लिखित ‘अवन्तिसुन्दरीकथा’ से पल्लव शासक सिंहविष्णु के समय की राजनीतिक और सांस्कृतिक स्थिति की जानकारी मिलती है। चीनी यात्री ह्वेनसांग ने 640 ई. में नरसिंहवर्मन प्रथम के शासन काल में कांची की यात्रा की थी। ह्वेनसांग के विवरण से पता चलता है कि कांची धर्मपाल बोधिसत्व की जन्मभूमि थी तथा कांची में अनेक बौद्ध विहार थे जिसमें बहुसंख्यक भिक्षु रहते थे। इसके अलावा पल्लव वंश की जानकारी समकालीन चालुक्य और राष्ट्रकूट लेखों से भी प्राप्त होती है। उत्पत्ति और मूल निवास स्थान (Origin and P lace of O rigin) पल्लव वंश की उत्पत्ति के संबंध में विद्वानों में पर्याप्त मतभेद...

'कीर्तिलता' किसकी रचना है?

एक ब्लॉग जो की हिंदी साहित्य से जुड़ी जानकारियाँ आपके साथ शेयर करता है जो की आपके प्रतियोगिता परीक्षा में पूछे जाते हैं, इस ब्लॉग पर एम्. ए. हिंदी साहित्य का पूरा कोर्स लॉन्च करने का प्लान है. अगर आपका सहयोग अच्छा रहा हमारे ब्लॉग में पूरा कोर्स उपलब्ध करा दिया जाएगा. इसमें जो प्रश्न लिखे जा रहे हैं वह न केवल एम्. ए. के लिए उपयोगी है बल्कि यह विभिन्न प्रकार के प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी हिंदी साहित्य के प्रश्न विभिन्न फोर्मेट में हमारा ब्लॉग आपके लिए कंटेंट बनाते रहेगा अपना सहयोग बनाये रखें.

काव्यशास्त्र 200 प्रश्नोत्तर

1. संस्कृत काव्यशास्त्रीय ग्रंथों के आधार पर काव्यशास्त्र का प्रथम आचार्य माना जाता है ? (अ) आनंदवर्धन (ब) भरतमुनि (स) भट्टतौत (द) कुंतक 2. ’नाट्यशास्त्र’ के रचयिता कौन हैं ? (अ) मम्मट (ब) उद्भट (स) भरतमुनि (द) भामह 3. ’काव्यालंकार’ किसकी रचना है ? (अ) भामह (ब) जगन्नाथ (स) कुंतक (द) विश्वनाथ 4. भामह किस संप्रदाय के समर्थक हैं ? (अ) रीति (ब) वक्रोक्ति (स) ध्वनि (द) अलंकार 5. भामह के ग्रंथ के आधार पर ’भामह-विवरण’ की रचना करने वाले आचार्य कौन हैं ? (अ) उद्भट (ब) कुंतक (स) भट्टतौत (द) आनंदवर्धन 6. ’अभिनवभारती’ में किस ग्रंथ की टीका व व्यवस्था है? (अ) साहित्यदर्पण (ब) नाट्यशास्त्र (स) काव्यकौतुक (द) काव्यप्रकाश 7. काव्यादर्श एवं दशकुमारचरित ग्रंथों के रचयिता कौन हैं ? (अ) भरत (ब) भामह (स) दण्डी (द) भट्टतौत 8. दण्डी किस संप्रदाय से समर्थक थे ? (अ) अलंकार (ब) रीति (स) वक्रोक्ति (द) ध्वनि 9. काव्यालंकार सारसंग्रह किसकी रचना है ? (अ) उद्भट (ब) मम्मट (स) भट्टतौत (द) महिमभट्ट 10. काव्यालंकार सूत्रवृत्ति रचना के रचनाकार कौन है ? (अ) राजशेखर (ब) वामन (स) भोज (द) रुय्यक 11. वामन किस संप्रदाय के समर्थक थे ? (अ) रस (ब) अलंकार (स) रीति (द) ध्वनि 12. ’काव्यालंकार सूत्रवृत्ति’ के हिंदी अनुवाद की भूमिका किसने लिखी है ? (अ) डाॅ. नगेन्द्र (ब) आचार्य शुक्ल (स) रामकुमार वर्मा (द) अज्ञेय 13. नायक-नायिका भेद का विस्तृत निरूपण सर्वप्रथम किस ग्रंथ में किया गया ? (अ) काव्यप्रकाश (ब) नाट्यशास्त्र (स) साहित्यदर्पण (द) काव्यालंकार 14. प्रेयान् रस की सर्वप्रथम चर्चा किस आचार्य ने की ? (अ) उद्भट (ब) रुद्रट (स) आनंदवर्धन (द) मम्मट 15. ’ध्वन्यालोक’ के रचनाकार कौन हैं ? (अ) मम्मट (ब) आनंदवर्धन (स) वामन (द) उद...

पल्लव की रचना ! Pallaw ki rachna

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