प्लुत स्वर किसे कहते हैं

  1. हिन्दी स्वर, स्वर किसे कहते हैं, ह्रस्व स्वर, दीर्घ स्वर, संयुक्त स्वर
  2. हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन – bkumarauthor
  3. स्वर किसे कहते हैं, परिभाषा, प्रकार, उदाहरण सहित (Vowels In Hindi) – Hindi Alphabet
  4. पढ़िए आसान भाषा में स्वर और व्यंजन के बारे में
  5. हिंदी में स्वर कितने होते हैं
  6. स्वर किसे कहते हैं, परिभाषा, प्रकार, उदाहरण सहित (Vowels In Hindi) – Hindi Alphabet
  7. हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन – bkumarauthor
  8. हिन्दी स्वर, स्वर किसे कहते हैं, ह्रस्व स्वर, दीर्घ स्वर, संयुक्त स्वर
  9. पढ़िए आसान भाषा में स्वर और व्यंजन के बारे में


Download: प्लुत स्वर किसे कहते हैं
Size: 15.71 MB

हिन्दी स्वर, स्वर किसे कहते हैं, ह्रस्व स्वर, दीर्घ स्वर, संयुक्त स्वर

स्वर किसे कहते हैं जिन वर्णों (ध्वनियों) के उच्चारण में किसी अन्य वर्गों से कोई सहयोग नहीं लिया जाता, उन्हें स्वर वर्ण कहते हैं। हिन्दी भाषा में ग्यारह स्वर होते हैं – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ। अंदर से आती हुई वायु बिना किसी बाधा के बाहर निकलती है तथा पुनः अंदर प्रवेश करती है। सामान्य दशा में इस कार्य में कंठ और तालू का ही प्रयोग होता है। केवल ‘उ’‘ऊ’ के उच्चारण में ही ओठों का प्रयोग होता है। हिन्दी भाषा में कुल ग्यारह स्वर हैं तथा इसके तीन खण्ड हैं जो निम्न हैं- • ह्रस्व स्वर ( अ, इ, उ, ऋ ) • दीर्घ स्वर ( आ, ई, ऊ ) • संयुक्त स्वर ( ए, ऐ, ओ, औ ) हिन्दी स्वर का उच्चारण अ’ का उच्चारण – यह कंठ से निकलने वाली ध्वनि है। व्यंजन का प्रभाव है-क् + अ = क। व्यंजन के अभाव में वर्ण के नीचे हल्’ ( ) लगा दिया जाता है। हिन्दी के प्रत्येक शब्द के अंतिम ‘ अ‘ वर्ण का उच्चारण हलंत ( ) सा होता है-चमक्, बरात्, गिन्, मन्, पुस्तक आदि। यदि अकारांत वर्ण का अंतिम वर्ण संयुक्त हो तो अन्त्य ‘ अ‘ वर्ण का उच्चारण पूरा होता है। जैसे-दण्ड, मर्म, दर्प आदि। यदि इ, ई य या उ के बाद ‘य’ का प्रयोग हो तो अंतिम ‘ अ‘ का उच्चारण पूरा ही होगा-‘इन’, ‘सम्मानीय’, ‘नाटकीय’ आदि। ‘ऐ’ या ‘औ’ का उच्चारण – ऐ का उच्चारण कंठ और तालु से तथा औ का उच्चारण कंठ और ओष्ठ के स्पर्श से होता है। इन हिन्दी वर्णों का उच्चारण संस्कृत वर्णों से अलग है। हिन्दी में इनका उच्चारण क्रमशः ‘ अय‘ और ‘ अब‘ के समान होता है। अतः इन दोनों की ध्वनियाँ भिन्न हैं। संस्कृत – [ ग्अइल = गैल ] [ अचक = औचक ] हिन्दी– [ कैसा = कयसा ] [ मौन = म्अउन ] हिन्दी स्वर में मात्रा तथा उसके भेद ‘ पं. कामता प्रसाद गुरु‘ के अनुसार, “व्यंजनों के अनेक उच्चारणों को स्पष...

हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन – bkumarauthor

हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन स्वर किसे कहते हैं? स्वर ( swar ) स्वर (swar in hindi ) :- स्वर उन वर्णों को कहते हैं जिनका स्वाया बिना किसी अवरोध तथा बिना किसी दूसरे वर्ण की सहायता से होता है। स्वर कितने प्रकार के होते हैं? स्वर तीन प्रकार के होते हैं- 1. हृस्व स्वर 2. दीर्घ स्वर 3. प्लुत स्वर 1. हस्व स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण में कम समय लगता है उन्हें हस्व स्वर कहते हैं। 2. दीर्घ स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वरों से अधिक समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। 3. प्लुत स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण में हस्व स्वरों से लगभग तीन गुना अधिक समय लगता है उन्हें प्लुत स्वर कहते हैं। जैसे – ओ३म् स्वरों की कुल संख्या = 11 ( अ, इ, उ, ऋ, आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ) ह्रस्व स्वरों की कुल संख्या 4 (अ, इ, उ, ऋ) दीर्घ स्वरों की कुल संख्या = 7 (आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ) क्षत्रज्ञ श्र संयुक्त व्यंजन हैं। ज़, फ़, ऑ आगत धवनियाँ हैं। मात्रा किसे कहते हैं? मात्रा :- स्वरों के निश्चित चिन्हों को मात्रा कहते हैं। हिंदी स्वर हिंदी मात्रा अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ औ क (K) का (KA ) कि (KI) की (KEE) कु (KU) कू (KOO) के (KE) कै (KAI) को (KO) कौ (KAU) कं (KAN) कः (KAH) व्यंजन किसे कहते हैं? व्यंजन (vyanjan) व्यंजन ( vyanjan in hindi ) :- व्यंजन उन वर्णों को कहते हैं जिनका उच्चारण स्वर की सहायता से होता है। व्यंजन कितने प्रकार के होते हैं? व्यंजन तीन प्रकार के होते हैं – 1. स्पर्श व्यंजन (Sparsh Vyanjan ), 2. अंतःस्थ व्यंजन (Antasth Vyanjan), 3. उष्म व्यंजन (Ushm Vyanjan), 4. आगत व्यंजन (Aagat Vyanjan ), 5. संयुक्त व्यंजन (Sanyukt Vyanjan) व्यंजनों की कुल संख्या = 41 स्पर्श व्यंजनों की कुल संख्या 27 ( क ख ग घ...

स्वर किसे कहते हैं, परिभाषा, प्रकार, उदाहरण सहित (Vowels In Hindi) – Hindi Alphabet

Swar Kya Hote Hai – स्वर की परिभाषा हिंदी में Swar वह वर्ण है जिसे उच्चारण करने या बोलने के लिए किसी अन्य वर्ण की जरूरत नहीं पड़ती, ऐसे वर्णो को Swar Khte Hai, स्वर को अंग्रेजी भाषा में Vowels कहते हैं। हिंदी भाषा में मूल रूप से कुल 11 स्वर होते हैं अ,आ,इ,ई,उ,ऊ,ऋ,ए,ऐ,ओ,औ। पूरी हिंदी वर्णमाला में 11 स्वर और 35 व्यंजन होते हैं। Swar Kitne Prakar Ke Hote Hai – स्वरों के प्रकार हिंदी में ? स्वरों का विभाजन कुछ इस प्रकार है : उत्पत्ति या निर्माण के आधार पर स्वर : • मूल स्वर • दीर्घ स्वर • संयुक्त स्वर 1) मूल स्वर की परिभाषा : मूल स्वर उन्हें कहते हैं जो सबसे पहले आते हैं और इसके बाद ही दूसरे स्वर बनते हैं। मूल स्वर के उदाहरण : अ, इ ,उ ,ऋ 2) दीर्घ स्वर की परिभाषा : वह स्वर जिसे मूल स्वर से जोड़ा जाता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। “दीर्घ स्वर” के उदाहरण : अ+अ= आ, इ+इ= ई, उ+उ= ऊ 3) संयुक्त स्वर की परिभाषा : जब दो स्वरों को जोड़कर एक स्वर बनता है तो उसे “संयुक्त स्वर” कहते हैं। संयुक्त स्वर के उदाहरण : अ,आ + इ, ई = ए – अ,आ + ए, ऐ = ऐ मात्रा के आधार पर स्वरों के भेद • ह्रस्व स्वर • दीर्घ स्वर • प्लुत स्वर 1) ह्रस्व स्वर की परिभाषा : वह सभी स्वर जिसको बोलते समय कम समय लगता है जिसमे किसी मात्रा का इस्तेमाल नहीं होता ऐसे स्वरों को “ह्रस्व स्वर” कहते हैं ह्रस्व स्वर को एकमात्रिक स्वर भी बोला जाता है, क्योंकि यह अकेले होते हैं। ह्रस्व स्वर के उदाहरण : अ, इ, उ, ऋ 2) दीर्घ स्वर की परिभाषा : वह स्वर जिसको बोलते समय ह्रस्व स्वर के मुकाबले अधिक समय लगता है ऐसे स्वरों को दीर्घ स्वर कहते हैं दीर्घ स्वर की संख्या 7 होती है जिनके उदाहरण नीचे मौजूद है दीर्घ स्वर के उदाहरण : आ, ई, ऊ, ए,ऐ,ओ,औ 3) प्...

पढ़िए आसान भाषा में स्वर और व्यंजन के बारे में

हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन वर्णों (swar vyanjan in hindi) से सम्मिलित होकर बनती है हिंदी में वर्ण स्वर व्यंजन होते हैं जिनकी कुल मात्रा संख्या 52 है जिसमें से 11 स्वर होते हैं और 41 व्यंजन होते हैं इन वाहनों की व्यवस्था एवं क्रमबद्ध समूह को हम वर्णमाला कहते हैं और वर्ण हिंदी के प्रयुक्त सबसे छोटी इकाई होती है आइए आज हम आपको हिंदी के वर्णों के स्वर और व्यंजन के बारे में बताएं वर्ण दो प्रकार के होते हैं (1) स्वर (2) व्यंजन Contents • • • • • • स्वर किसे कहते है (swar vyanjan in hindi) स्वर उन वर्णों को कहते हैं जिनका उच्चारण बिना किसी अवरोध तथा बिना किसी दूसरे वर्ण की सहायता से किया जाये स्वर के प्रकार यह तीन प्रकार के होते हैं 1. हस्व स्वर 2. दीर्घ स्वर 3. प्लुत स्वर 1. हस्व स्वर :- जीन स्वरों के उच्चारण में कम समय लगता हो उन्हें हस्व स्वर कहते हैं जैसे – अ इ उ 2. दीर्घ स्वर :- जिन स्वर के उच्चारण में हस्व स्वर से ज्यादा समय लगता हो उसे दीर्घ स्वर कहते हैं जैसे- आ ई ऊ ऋ ए ऐ ओ औ 3. प्लुत स्वर :- जिन स्वर के उच्चारण में हस्व स्वर से लगभग 3 गुना ज्यादा समय लगता हो उन्हें प्लुत स्वर कहते हैं जैसे – भगवन रे ! रे मोहना ! यह भी पढ़े :- स्वर की संख्या 11 होती है स्वर मात्रा अ आ ा इ ि ई ी उ ु ऊ ू ऋ ृ ए े ऐ ैै ओ ो औ ौ यह भी पढ़े = व्यंजन किसे कहते हैं(swar vyanjan in hindi with pictures) जिन वर्णों का उच्चारण स्वर वर्ण की सहायता से होता है उसे व्यंजन कहते हैं व्यंजन के प्रकार ( swar vyanjan in hindi) व्यंजन तीन प्रकार के होते हैं • स्पर्श व्यंजन ;- जिन व्यंजनों का उच्चारण करते समय हमारे फेफड़ों से हवा निकलती है या फिर किसी विशेष स्थान से स्पर्श करती है उसे स्पर्श व्यंजन कहते हैं swa...

हिंदी में स्वर कितने होते हैं

स्वर की परिभाषा (swar ki paribhasha) जिन स्वर कहते हैं . अर्थात ऐसी ध्वनियां जिनका उच्चारण करते समय फेफड़ों से निकलने वाली वायु कंठ से सीधे बाहर आ जाती है स्वर कहलाती है। जैसे – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, ऋ । इस प्रकार हम लोगों ने स्वर की परिभाषा को समझा परंतु अक्सर यह संदेह बना रहता है कि हिंदी वर्णमाला में कितने स्वर होते हैं ? चलिए इसको समझते हैं । भारत सरकार द्वारा स्वीकृत हिंदी के मानक वर्णमाला में स्वरों की संख्या ग्यारह है जिसमें ॠ को भी शामिल किया गया है। हिंदी में ॠ को अर्ध स्वर माना जाता है। पारंपरिक हिंदी वर्णमाला में स्वरों की संख्या 13 होती थी परंतु हिन्दी भाषा में प्रायः ॠ और ऌ का प्रयोग अब नहीं होता है। अं और अः की गिनती न तो स्वर में होती है और न ही आइये यहाँ पर हम स्वर कितने प्रकार के होते हैं (swar kitne prakar ke hote hain) उच्चारण के आधार पर स्वर तीन प्रकार के होते हैं – • ह्रस्व स्वर (एकमात्रिक) • दीर्घ स्वर (द्विमात्रिक) • प्लुत स्वर (त्रिमात्रिक) चलिए इन स्वर (hindi swar) के प्रकार को विस्तार से समझते हैं। ह्रस्व स्वर : जिन स्वरों के बोलने में अन्य स्वरों की अपेक्षा कम समय लगता है उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं । ह्रस्व स्वरों की संख्या 4 है – अ, इ, उ, ऋ । इन्हें मूल स्वर भी कहते हैं। इनके उच्चारण में एक मात्रा का समय लगता है। यह एकमात्रिक स्वर होता है । दीर्घ स्वर: जीन स्वरों के बोलने में ह्रस्व स्वरों की अपेक्षा अधिक समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। दीर्घ स्वरों की संख्या 7 है – आ, ई, ऊ, ए,ऐ,ओ,औ । इनके उच्चारण में एक मात्रा का दूना समय लगता है इसलिए इसे द्विमात्रिक स्वर भी कहते हैं । प्लुत स्वर : जिन स्वरों को बोलने में दीर्घ स्वर से भी अधिक...

स्वर किसे कहते हैं, परिभाषा, प्रकार, उदाहरण सहित (Vowels In Hindi) – Hindi Alphabet

Swar Kya Hote Hai – स्वर की परिभाषा हिंदी में Swar वह वर्ण है जिसे उच्चारण करने या बोलने के लिए किसी अन्य वर्ण की जरूरत नहीं पड़ती, ऐसे वर्णो को Swar Khte Hai, स्वर को अंग्रेजी भाषा में Vowels कहते हैं। हिंदी भाषा में मूल रूप से कुल 11 स्वर होते हैं अ,आ,इ,ई,उ,ऊ,ऋ,ए,ऐ,ओ,औ। पूरी हिंदी वर्णमाला में 11 स्वर और 35 व्यंजन होते हैं। Swar Kitne Prakar Ke Hote Hai – स्वरों के प्रकार हिंदी में ? स्वरों का विभाजन कुछ इस प्रकार है : उत्पत्ति या निर्माण के आधार पर स्वर : • मूल स्वर • दीर्घ स्वर • संयुक्त स्वर 1) मूल स्वर की परिभाषा : मूल स्वर उन्हें कहते हैं जो सबसे पहले आते हैं और इसके बाद ही दूसरे स्वर बनते हैं। मूल स्वर के उदाहरण : अ, इ ,उ ,ऋ 2) दीर्घ स्वर की परिभाषा : वह स्वर जिसे मूल स्वर से जोड़ा जाता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। “दीर्घ स्वर” के उदाहरण : अ+अ= आ, इ+इ= ई, उ+उ= ऊ 3) संयुक्त स्वर की परिभाषा : जब दो स्वरों को जोड़कर एक स्वर बनता है तो उसे “संयुक्त स्वर” कहते हैं। संयुक्त स्वर के उदाहरण : अ,आ + इ, ई = ए – अ,आ + ए, ऐ = ऐ मात्रा के आधार पर स्वरों के भेद • ह्रस्व स्वर • दीर्घ स्वर • प्लुत स्वर 1) ह्रस्व स्वर की परिभाषा : वह सभी स्वर जिसको बोलते समय कम समय लगता है जिसमे किसी मात्रा का इस्तेमाल नहीं होता ऐसे स्वरों को “ह्रस्व स्वर” कहते हैं ह्रस्व स्वर को एकमात्रिक स्वर भी बोला जाता है, क्योंकि यह अकेले होते हैं। ह्रस्व स्वर के उदाहरण : अ, इ, उ, ऋ 2) दीर्घ स्वर की परिभाषा : वह स्वर जिसको बोलते समय ह्रस्व स्वर के मुकाबले अधिक समय लगता है ऐसे स्वरों को दीर्घ स्वर कहते हैं दीर्घ स्वर की संख्या 7 होती है जिनके उदाहरण नीचे मौजूद है दीर्घ स्वर के उदाहरण : आ, ई, ऊ, ए,ऐ,ओ,औ 3) प्...

हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन – bkumarauthor

हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन स्वर किसे कहते हैं? स्वर ( swar ) स्वर (swar in hindi ) :- स्वर उन वर्णों को कहते हैं जिनका स्वाया बिना किसी अवरोध तथा बिना किसी दूसरे वर्ण की सहायता से होता है। स्वर कितने प्रकार के होते हैं? स्वर तीन प्रकार के होते हैं- 1. हृस्व स्वर 2. दीर्घ स्वर 3. प्लुत स्वर 1. हस्व स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण में कम समय लगता है उन्हें हस्व स्वर कहते हैं। 2. दीर्घ स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वरों से अधिक समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। 3. प्लुत स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण में हस्व स्वरों से लगभग तीन गुना अधिक समय लगता है उन्हें प्लुत स्वर कहते हैं। जैसे – ओ३म् स्वरों की कुल संख्या = 11 ( अ, इ, उ, ऋ, आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ) ह्रस्व स्वरों की कुल संख्या 4 (अ, इ, उ, ऋ) दीर्घ स्वरों की कुल संख्या = 7 (आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ) क्षत्रज्ञ श्र संयुक्त व्यंजन हैं। ज़, फ़, ऑ आगत धवनियाँ हैं। मात्रा किसे कहते हैं? मात्रा :- स्वरों के निश्चित चिन्हों को मात्रा कहते हैं। हिंदी स्वर हिंदी मात्रा अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ औ क (K) का (KA ) कि (KI) की (KEE) कु (KU) कू (KOO) के (KE) कै (KAI) को (KO) कौ (KAU) कं (KAN) कः (KAH) व्यंजन किसे कहते हैं? व्यंजन (vyanjan) व्यंजन ( vyanjan in hindi ) :- व्यंजन उन वर्णों को कहते हैं जिनका उच्चारण स्वर की सहायता से होता है। व्यंजन कितने प्रकार के होते हैं? व्यंजन तीन प्रकार के होते हैं – 1. स्पर्श व्यंजन (Sparsh Vyanjan ), 2. अंतःस्थ व्यंजन (Antasth Vyanjan), 3. उष्म व्यंजन (Ushm Vyanjan), 4. आगत व्यंजन (Aagat Vyanjan ), 5. संयुक्त व्यंजन (Sanyukt Vyanjan) व्यंजनों की कुल संख्या = 41 स्पर्श व्यंजनों की कुल संख्या 27 ( क ख ग घ...

हिन्दी स्वर, स्वर किसे कहते हैं, ह्रस्व स्वर, दीर्घ स्वर, संयुक्त स्वर

स्वर किसे कहते हैं जिन वर्णों (ध्वनियों) के उच्चारण में किसी अन्य वर्गों से कोई सहयोग नहीं लिया जाता, उन्हें स्वर वर्ण कहते हैं। हिन्दी भाषा में ग्यारह स्वर होते हैं – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ। अंदर से आती हुई वायु बिना किसी बाधा के बाहर निकलती है तथा पुनः अंदर प्रवेश करती है। सामान्य दशा में इस कार्य में कंठ और तालू का ही प्रयोग होता है। केवल ‘उ’‘ऊ’ के उच्चारण में ही ओठों का प्रयोग होता है। हिन्दी भाषा में कुल ग्यारह स्वर हैं तथा इसके तीन खण्ड हैं जो निम्न हैं- • ह्रस्व स्वर ( अ, इ, उ, ऋ ) • दीर्घ स्वर ( आ, ई, ऊ ) • संयुक्त स्वर ( ए, ऐ, ओ, औ ) हिन्दी स्वर का उच्चारण अ’ का उच्चारण – यह कंठ से निकलने वाली ध्वनि है। व्यंजन का प्रभाव है-क् + अ = क। व्यंजन के अभाव में वर्ण के नीचे हल्’ ( ) लगा दिया जाता है। हिन्दी के प्रत्येक शब्द के अंतिम ‘ अ‘ वर्ण का उच्चारण हलंत ( ) सा होता है-चमक्, बरात्, गिन्, मन्, पुस्तक आदि। यदि अकारांत वर्ण का अंतिम वर्ण संयुक्त हो तो अन्त्य ‘ अ‘ वर्ण का उच्चारण पूरा होता है। जैसे-दण्ड, मर्म, दर्प आदि। यदि इ, ई य या उ के बाद ‘य’ का प्रयोग हो तो अंतिम ‘ अ‘ का उच्चारण पूरा ही होगा-‘इन’, ‘सम्मानीय’, ‘नाटकीय’ आदि। ‘ऐ’ या ‘औ’ का उच्चारण – ऐ का उच्चारण कंठ और तालु से तथा औ का उच्चारण कंठ और ओष्ठ के स्पर्श से होता है। इन हिन्दी वर्णों का उच्चारण संस्कृत वर्णों से अलग है। हिन्दी में इनका उच्चारण क्रमशः ‘ अय‘ और ‘ अब‘ के समान होता है। अतः इन दोनों की ध्वनियाँ भिन्न हैं। संस्कृत – [ ग्अइल = गैल ] [ अचक = औचक ] हिन्दी– [ कैसा = कयसा ] [ मौन = म्अउन ] हिन्दी स्वर में मात्रा तथा उसके भेद ‘ पं. कामता प्रसाद गुरु‘ के अनुसार, “व्यंजनों के अनेक उच्चारणों को स्पष...

पढ़िए आसान भाषा में स्वर और व्यंजन के बारे में

हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन वर्णों (swar vyanjan in hindi) से सम्मिलित होकर बनती है हिंदी में वर्ण स्वर व्यंजन होते हैं जिनकी कुल मात्रा संख्या 52 है जिसमें से 11 स्वर होते हैं और 41 व्यंजन होते हैं इन वाहनों की व्यवस्था एवं क्रमबद्ध समूह को हम वर्णमाला कहते हैं और वर्ण हिंदी के प्रयुक्त सबसे छोटी इकाई होती है आइए आज हम आपको हिंदी के वर्णों के स्वर और व्यंजन के बारे में बताएं वर्ण दो प्रकार के होते हैं (1) स्वर (2) व्यंजन Contents • • • • • • स्वर किसे कहते है (swar vyanjan in hindi) स्वर उन वर्णों को कहते हैं जिनका उच्चारण बिना किसी अवरोध तथा बिना किसी दूसरे वर्ण की सहायता से किया जाये स्वर के प्रकार यह तीन प्रकार के होते हैं 1. हस्व स्वर 2. दीर्घ स्वर 3. प्लुत स्वर 1. हस्व स्वर :- जीन स्वरों के उच्चारण में कम समय लगता हो उन्हें हस्व स्वर कहते हैं जैसे – अ इ उ 2. दीर्घ स्वर :- जिन स्वर के उच्चारण में हस्व स्वर से ज्यादा समय लगता हो उसे दीर्घ स्वर कहते हैं जैसे- आ ई ऊ ऋ ए ऐ ओ औ 3. प्लुत स्वर :- जिन स्वर के उच्चारण में हस्व स्वर से लगभग 3 गुना ज्यादा समय लगता हो उन्हें प्लुत स्वर कहते हैं जैसे – भगवन रे ! रे मोहना ! यह भी पढ़े :- स्वर की संख्या 11 होती है स्वर मात्रा अ आ ा इ ि ई ी उ ु ऊ ू ऋ ृ ए े ऐ ैै ओ ो औ ौ यह भी पढ़े = व्यंजन किसे कहते हैं(swar vyanjan in hindi with pictures) जिन वर्णों का उच्चारण स्वर वर्ण की सहायता से होता है उसे व्यंजन कहते हैं व्यंजन के प्रकार ( swar vyanjan in hindi) व्यंजन तीन प्रकार के होते हैं • स्पर्श व्यंजन ;- जिन व्यंजनों का उच्चारण करते समय हमारे फेफड़ों से हवा निकलती है या फिर किसी विशेष स्थान से स्पर्श करती है उसे स्पर्श व्यंजन कहते हैं swa...