पोषण ट्रैकर अपडेट

  1. रोहिंज्या समुदाय के लिए जीवनरक्षक खाद्य सहायता धनराशि की घोषणा का स्वागत
  2. पोषण ट्रैकर:कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में भी अभियान की गति का वाहक बना


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रोहिंज्या समुदाय के लिए जीवनरक्षक खाद्य सहायता धनराशि की घोषणा का स्वागत

WFPAsiaPacific “हम उम्मीद करते हैं कि और अधिक दानदाता आगे आएंगे और रोहिंज्या की दुर्दशा को देखते हुए अपने सहायता एजेंडा में इसे सबसे ऊपर रखेंगे.” बांग्लादेश में जापान के राजदूत किमिनोरी इवामा ने बताया कि इस वर्ष मार्च महीने में 10 लाख डॉलर की आपात खाद्य सहायता देने के बाद, रोहिंज्या समुदाय तक जीवनरक्षक खाद्य सहायता पहुँचाने के लिए 44 लाख डॉलर की सहायता धनराशि का निर्णय लिया गया है. इस राहत को उन्होंने उम्मीद जताई कि इस मदद से शरणार्थी शिविरों में गम्भीर खाद्य संकट को दूर करने में सहायता मिलेगी. साथ ही, भरोसा दिलाया कि WFP सहित अन्य अन्तरराष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग करते हुए शरणार्थियों और मेज़बान समुदायों के जीवन को बेहतर बनाने के प्रयास जारी रहेंगे. विश्व खाद्य कार्यक्रम ने खाद्य सहायता को पूरी तरह बहाल करने के लिए 4.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर की अपील की है. कठिन हालात में जीवन म्याँमार से जान बचाकर बांग्लादेश में शरण लेने वाले लाखों रोहिंज्या शरणार्थी आजीविका के अवसरों के अभाव में अपनी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पूरी तरह से मानवीय सहायता पर निर्भर हैं. मगर, सहायता धनराशि की कमी की वजह से, पहले मार्च 2023 में कॉक्सेस बाज़ार के शिविरों में रहने वाले सभी शरणार्थियों के लिए खाद्य सहायता को प्रति माह, प्रति व्यक्ति 12 डॉलर से घटाकर 10 डॉलर कर दिया गया था. फिर जून महीने में इसमें और कटौती की गई और अब प्रति माह प्रति व्यक्ति आठ डॉलर की खाद्य सहायता प्रदान किए जाने का फ़ैसला लिया गया है. यूएन खाद्य एजेंसी के प्रतिनिधि के अनुसार मासिक राशन में प्रति माह, प्रति व्यक्ति 12 डॉलर से कम सहायता प्रदान करने से ना केवल महिलाओं और बच्चों का पोषण प्रभावित होगा, बल्कि शिविरों में स...

पोषण ट्रैकर:कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में भी अभियान की गति का वाहक बना

पोषण ट्रैकर: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में भी अभियान की गति का वाहक बना विस्तार कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में बढ़ते प्रकोप के मध्य पोषण ट्रैकर प्रभावित माताओं और बच्चों के लिए सहयोगी साबित हुआ है। अपनी शुरुआत के 90 दिन के भीतर की पोषण ट्रैकर ने प्रभावित माताओं और शिशुओं के स्वास्थ की दृष्टि से दी जाने वाले पोषण संबंधी परिणामों की रियल टाइम निगरानी करने में सफलता हासिल की है। इसकी मदद से सरकार पोषण के लक्ष्य को हासिल करने और कुपोषण से निपटने के लिए सफलता पूर्वक काम कर रही है। पोषण ट्रैकर एक मजबूत डिजीटल प्लेटफार्म होने के साथ सूचना प्रबंधन प्रणाली है। इसकी मदद से पोषण अभियान को महामारी के बढ़ते संक्रमण के बावजूद जरूरतमंदों तक पहुंचाया जा रहा है। हालांकि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्रैकर की सफलता को सांझा करते हुए कहा था कि अपनी शुरुआत के तीन माह में ही ट्रैकर ने पोषण अभियान की निगरानी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। इस अवधि में आकड़ों के मुताबिक पोषण ट्रैकर की मदद से देश 1.24 करोड़ से अधिक लोगों को घर में उपलब्ध कराए गए राशन की निगरानी की गई। इतना ही नहीं अपने लांच होने के महज तीन माह के भीतर ट्रैकर की पहुंच 14.05 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तक हो गई है। 7.08 करोड़ अधिक माता और बच्चों यानी लाभार्थी इसके दायरे में आ गए हैं। इतना ही नहीं 68.79 लाख गर्म पका हुआ भोजन भी इसके माध्यम से ट्रैक किया गया। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने मार्च में पोषण ट्रैकर की शुरुआत की थी। इसमें प्ले स्टोर की मदद से एप को डाउनलोड करके आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से इसे संचालित किया जाता है। पोषण ट्रैकर पोषण वितरण सेवाओं में मजबूती लाने और दिए जा रहे खाद्यन्नों के वितरण में पारदर्शिता लाने के ...