Prajatantra mein sanchar madhyam kis prakar mahatvpurn bhumika nibhate hain

  1. राजनीतिक दलों के कार्य, भूमिका, महत्व
  2. संचार का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, संचार प्रक्रिया एवं तत्व
  3. जनसंचार किसे कहते हैं
  4. फीचर लेखन क्या है Feature lekhan in hindi for class 11 and 12
  5. संचार माध्यम के प्रकार, महत्व एवं उद्देश्य
  6. जनसंचार किसे कहते हैं
  7. राजनीतिक दलों के कार्य, भूमिका, महत्व
  8. संचार माध्यम के प्रकार, महत्व एवं उद्देश्य
  9. संचार का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, संचार प्रक्रिया एवं तत्व
  10. फीचर लेखन क्या है Feature lekhan in hindi for class 11 and 12


Download: Prajatantra mein sanchar madhyam kis prakar mahatvpurn bhumika nibhate hain
Size: 44.19 MB

राजनीतिक दलों के कार्य, भूमिका, महत्व

राजनीतिक दलीय व्यवस्था संसदीय लोकतंत्र के लिए विभिन्न राजनीतिक दल आवश्यक है। राजनीतिक दल नागरिकों के संगठित समूह है, जो एक सी विचारधारा रखते है। ये अपनी नीतियों और कार्यक्रमों के लिए प्रतिबद्ध होते है। राजनीतिक दल एक शक्ति के रूप मे कार्य करते है और सदैव शक्ति प्राप्त करने उसे बनाये रखने का प्रयास करते रहते है। राजनीतिक दलों मे कुछ सामान्य विशेषताएं होती है। प्रतिनिधित्व करना राजनीतिक दलों का प्राथमिक कार्य है। आधुनिक समाज खासकर वर्तमान लोकतांत्रिक व्यवस्था में अप्रत्यक्ष लोकतंत्र प्रचलित है। इसमें नागरिक शासन व्यवस्था के प्रत्येक कार्य में सहभागिता न कर अपने प्रतिनिधि चुनते हैं, जो उनके एजेंट में कार्य करते हैं। सभी नागरिकों के पास सभी शासकीय कार्यों के लिए समय तथा प्रशिक्षण नहीं है इसलिए संसद, विधानसभाओं में भी प्रतिनिधि उन नागरिकों के हितानुरूप कार्य करते हैं, जिन्होंने उन्हें चुनकर भेजा है। राजनीतिक दल भी एक बड़े प्रतिनिधि (एजेंट) के रूप में कार्य करते है। वह जनता के सामने अपनी विचारधारा, सिद्धांत व नीतियाँ रखते है और उसी आधार पर (अपने सदस्यों को विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों से उम्मीदवार बनाकर) जनता से समर्थन व वैधता जुटाने का प्रयत्न करते हैं। इस प्रकार राजनीतिक दल जन-शक्ति का प्रतिनिधित्व उन्हीं के प्रतिनिधि बनकर करते हैं। इसी प्रतिनिधित्व को ही प्राप्त करने के लिए राजनीतिक दल बार-बार चुनाव के माध्यम से नागरिकों के बीच जाते है और वोट रुपी सहमति प्राप्त करने का प्रयास करते हैं, जिससे सत्ता प्राप्त की जा सके। जनता का प्रतिनिधित्व करने के लिए सामान्यत दल चुनाव लड़ते हैं। अलग-अलग चुनावी पद्धतियों में चुनाव भिन्न-भिन्न प्रकार के होते हैं। परन्तु चुनावी अभियान चुनावी घोषणापत...

संचार का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, संचार प्रक्रिया एवं तत्व

मनुष्य अनेक संकेतों तथा ध्वनियों को सुनता और समझता है, अपने हाव-भाव को व्यक्त करता है, इन्हीं संदेशों और विचारों के आदान-प्रदान को संचार कहते हैं। संचार का अर्थसंचार का शाब्दिक अर्थ है फैलाव-विस्तार, किसी बात को आगे बढ़ाना, चलाना, फैलाना। और जनसंचार का आशय है - जन-जन मे भावों की, विचारों की अभिव्यक्ति करना और भावों और विचारों को समझना। इस तरह कम्यूनिकेशन -संचार का अर्थ है - • विचारों, भावनाओं, सूचनाओं का आदान-प्रदान करना • आपसी समझ बढ़ाना और • जानना अथवा बोध करना। इस रूप में संचार के अन्तर्गत सोचना, बोलना, सुनना, देखना, पढ़ना, लिखना, परस्पर व्यवहार, विचार विमर्श, सम्भाषण, वाद-विवाद सब आ जाता है। आपसी बातचीत, टेलिफोनिक सम्प्रेषण, पत्राचार, यह सब भी संचार के अन्तर्गत आ जाता है। यह संचार मनुष्य तो करता ही है, संसार के समस्त अन्य प्राणी किसी न किसी रूप में संचार करते हैं। संचार शब्द, अंग्रेजी भाषा के शब्द का हिन्दी रूपान्तरण है। जिसका विकास Commune शब्द से हुआ है। जिसका अर्थ है अदान-प्रदान करना अर्थात बाँटना। संचार की परिभाषाविभिन्न विचारकों ने इसकी परिभाषा को परिभाषित करने का प्रयास किया है। चेरी के अनुसार संचार उत्प्रेरक का अदान प्रदान है। शेनन ने संचार को परिभाषित करते हुए कहा है कि एक मस्तिक का दूसरे मस्तिक पर प्रभाव है। मिलेन ने संचार को प्रशासनिक दृष्टिकोण से परिभाषित किया है। आपके अनुसार, संचार प्रशासनिक संगठन की जीवन-रेखा है। डा. श्यामारचरण के शब्दों में :-संचार सामाजीकरण का प्रमुख माध्यम है। संचार द्वारा सामाजिक और सांस्कृतिक परम्पराए एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुँचती है। सामाजीकरण की प्रत्येक स्थिति और उसका हर रूप संचार पर आश्रित है। मनुष्य जैविकीय प्राणी से सामाजिक...

जनसंचार किसे कहते हैं

जनसंचार किसे कहते हैं – जनसंचार क्या है – जनसंचार के माध्यमों के प्रकार (jansanchar kise kahate hain-jansanchar kya hai – mass communication meaning in hindi-jansanchar ke madhyam in hindi) – एक समय था जब लोग दूर बैठे व्यक्ति से पत्र लिख कर ही बात कर सकते थे. लेकिन आज ऐसा नहीं हैं आप किसी से भी तत्काल बात कर सकते हो. यह सब तकनीक के कारन ही हुआ हैं. आज के समय आप घर बैठे हज़ारों लोगो से एक साथ बात सक सकते हो. इस आर्टिकल ( जनसंचार किसे कहते हैं – jansanchar kise kahate hain अनुक्रम • • • • • जनसंचार किसे कहते हैं – जनसंचार क्या है (jansanchar kise kahate hain-jansanchar kya hai – mass communication meaning in hindi) जनसंचार में उन सभी साधनों और तकनीक का अध्धयन किया जाता हैं जो बड़ी संख्या में लोगो से संवाद करने के लिए उपयोग लिए जाते हैं. जनसंचार में अख़बार, रेडियो, टेलीविज़न, मासिक पत्रिका आते हैं. जिसका प्रभाव एक साथ बड़ी संख्या में लोगो के दिमाग पर पड़ता हैं. हमने देखा होगा की जब किसी वस्तु का टेलीविज़न में विज्ञापन दिखाया जाता है. तो वैसी ही वस्तु अकसर लोग स्थानीय दुकानदारो से मांगते हैं. यह जनसंचार का ही एक उदाहरण हैं. जनसंचार की उत्त्पति संस्कृत भाषा के ‘चर’ शब्द से हुई हैं. चर का अर्थ होता हैं चलना. जनसंचार को अग्रेजी में मास कम्युनिकेशन (mass communication) भी कहा जाता हैं. जनसंचार में उन सभी माध्यमो को शामिल किया जाता हैं. जिससे कोई व्यक्ति या संस्थान एक बड़ी संख्या के लोगो से सीधा संवाद स्थापित कर सकते हैं. तथा ऐसे संसाधनों और तरीको का अध्ययन ही जनसंचार कहा जाता हैं. Patrakar kitne prakar ke hote hain – पत्रकार किसे कहते हैं आज कल जनसंचार का मुख्य स्त्रोत इन्टरनेट हैं. क्यों...

फीचर लेखन क्या है Feature lekhan in hindi for class 11 and 12

Table of Contents • • • • • • • • Feature lekhan in hindi with examples संचार अभिव्यक्ति का माध्यम है। आज मानव अपनी अभिव्यक्ति दूसरों तक पहुंचाने के लिए संचार माध्यमों का सहारा लेता है। संचार क्रांति ने आधुनिक युग में लोगों का कार्य सरल कर दिया है। आज एक व्यक्ति घर बैठे देश – विदेश का हाल आंखों – देखा देख सकता है। अर्थात किसी भी घटना से वह तत्काल जुड़ सकता है , और उसकी जानकारी ले सकता है। संचार के अनेक माध्यम है जैसे – मोबाइल , कंप्यूटर , इंटरनेट , डाक , पत्र – पत्रिका आदि। पत्र – पत्रिका जिसमें ज्ञान – विज्ञान , मनोरंजन , सिनेमा , राजनीति तथा अन्य प्रकार की जानकारी उपस्थित रहती है। इस लेखन में समाचार लेखन तथा फीचर लेखन का विशेष महत्व है। समाचार लेखन जहां लोगों को किसी घटना से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराता है। वही फीचर लेखन जानकारी के साथ – साथ रोचक तथ्य उपलब्ध कराना और मनोरंजन का भी कार्य करती है। जहां समाचार पत्र उल्टा पिरामिड शैली में लिखा जाता है। अर्थात समाचार शैली में आरंभ से पूरे घटना का विस्तार देते हुए सार की ओर अग्रेषित होता है। वही फीचर लेखन में ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है , यह कहीं से भी कैसे भी आरंभ किया जा सकता है। फीचर लेखन किसी घटना का सजीव चित्रण होता है। अतः इस में पात्र की भूमिका अहम रहती है। वह फीचर लेखन में अग्रणी भूमिका निभाता है। सारी घटना उस पात्र के इर्द-गिर्द ही घूमती रहती है। पात्र , इस में सजीव होता है , चलाएमान होता है। Feature lekhan in hindi फीचर लेखन का मुख्य कार्य पात्रों के द्वारा घटना का प्रस्तुतीकरण है। इस की शैली आकर्षक होनी चाहिए ताकि एक पाठक इस कला से तन्मयता और एकाग्रता के साथ रुचि लेकर पढ़ सके। फीचर लेखन क्योंकि मनोरंजन के साथ-साथ सूचना औ...

संचार माध्यम के प्रकार, महत्व एवं उद्देश्य

संचार माध्यम शब्द अंग्रेजी भाषा के’कम्युनिकेशन मीडिया’ शब्द के समानान्तर प्रयोग में लाया जा रहा है। संचार माध्यम के द्वारा संप्रेषक और प्राप्तकर्ता या प्रापक के मध्य सूचनाओं का आदान-प्रदान होता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि संदेश या सूचना को प्रभावशाली ढंग से प्रापक तक पहुँचाने के लिए संवाहक या स्रोत जिस माध्यम की सहायता लेता है, वही संचार माध्यम है। इस प्रकार संचार माध्यम सूचना के आदान-प्रदान एवं एक स्थान से दूसरे स्थान तक संदेशों के सुगम प्रवाह करने हेतु जिस माध्यम का उपयोग किया जाता है, वही संचार माध्यम है। सर्वप्रथम मुद्रण का उद्भव चीन में हुआ और 868 ई. में पुस्तक मुद्रित होकर विश्व के सामने आयी। आगे चलकर यूरोप में गुटनबर्ग ने 1440 ई. में प्रिंटिंग प्रेस का आविष्कार किया। भारत में मुद्रण का प्रचलन सन् 1556 में ईसाई धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए गोवा में स्थापित प्रिंटिंग प्रेस से माना जाता है। प्रिंटिग प्रेस के आविष्कार ने मुद्रित संचार के क्षेत्र में क्रांति पैदा कर दी। समाचार-पत्र, पत्रिकाएँ, विभिन्न विषयों से सम्बन्धित सामयिकी, पुस्तकें आदि मुद्रित माध्यम के अन्तर्गत आते हैं। इस माध्यम की प्रमुख उद्देश्य समाज को ज्ञान, सूचना और मनोरंजन उपलब्ध कराना है। 1. समाचार पत्र -समाचार जगत अथवा प्रेस संचार का प्रमुख माध्यम है। अखबारों में समाचार प्रकाशित होते हैं। शिक्षा से लेकर, खेती बाड़ी, खेलकूद, स्वास्थ्य, सिनेमा, टेलीविजन के कार्यक्रम, बाजार भाव, भविष्यफल, विश्व के विभिन्न समाचार प्रकाशित होते हैं। समाचार पत्रों के माध्यम से प्रतिदिन घटने वाली घटनाओं की जानकारी होती है। समाचार पत्रों में देश विदेश की महत्वपूर्ण खबरे प्रकाशित की जाती है। 2. पत्रिकाएँ -पत्रिकाओं का ...

जनसंचार किसे कहते हैं

जनसंचार किसे कहते हैं – जनसंचार क्या है – जनसंचार के माध्यमों के प्रकार (jansanchar kise kahate hain-jansanchar kya hai – mass communication meaning in hindi-jansanchar ke madhyam in hindi) – एक समय था जब लोग दूर बैठे व्यक्ति से पत्र लिख कर ही बात कर सकते थे. लेकिन आज ऐसा नहीं हैं आप किसी से भी तत्काल बात कर सकते हो. यह सब तकनीक के कारन ही हुआ हैं. आज के समय आप घर बैठे हज़ारों लोगो से एक साथ बात सक सकते हो. इस आर्टिकल ( जनसंचार किसे कहते हैं – jansanchar kise kahate hain अनुक्रम • • • • • जनसंचार किसे कहते हैं – जनसंचार क्या है (jansanchar kise kahate hain-jansanchar kya hai – mass communication meaning in hindi) जनसंचार में उन सभी साधनों और तकनीक का अध्धयन किया जाता हैं जो बड़ी संख्या में लोगो से संवाद करने के लिए उपयोग लिए जाते हैं. जनसंचार में अख़बार, रेडियो, टेलीविज़न, मासिक पत्रिका आते हैं. जिसका प्रभाव एक साथ बड़ी संख्या में लोगो के दिमाग पर पड़ता हैं. हमने देखा होगा की जब किसी वस्तु का टेलीविज़न में विज्ञापन दिखाया जाता है. तो वैसी ही वस्तु अकसर लोग स्थानीय दुकानदारो से मांगते हैं. यह जनसंचार का ही एक उदाहरण हैं. जनसंचार की उत्त्पति संस्कृत भाषा के ‘चर’ शब्द से हुई हैं. चर का अर्थ होता हैं चलना. जनसंचार को अग्रेजी में मास कम्युनिकेशन (mass communication) भी कहा जाता हैं. जनसंचार में उन सभी माध्यमो को शामिल किया जाता हैं. जिससे कोई व्यक्ति या संस्थान एक बड़ी संख्या के लोगो से सीधा संवाद स्थापित कर सकते हैं. तथा ऐसे संसाधनों और तरीको का अध्ययन ही जनसंचार कहा जाता हैं. Patrakar kitne prakar ke hote hain – पत्रकार किसे कहते हैं आज कल जनसंचार का मुख्य स्त्रोत इन्टरनेट हैं. क्यों...

राजनीतिक दलों के कार्य, भूमिका, महत्व

राजनीतिक दलीय व्यवस्था संसदीय लोकतंत्र के लिए विभिन्न राजनीतिक दल आवश्यक है। राजनीतिक दल नागरिकों के संगठित समूह है, जो एक सी विचारधारा रखते है। ये अपनी नीतियों और कार्यक्रमों के लिए प्रतिबद्ध होते है। राजनीतिक दल एक शक्ति के रूप मे कार्य करते है और सदैव शक्ति प्राप्त करने उसे बनाये रखने का प्रयास करते रहते है। राजनीतिक दलों मे कुछ सामान्य विशेषताएं होती है। प्रतिनिधित्व करना राजनीतिक दलों का प्राथमिक कार्य है। आधुनिक समाज खासकर वर्तमान लोकतांत्रिक व्यवस्था में अप्रत्यक्ष लोकतंत्र प्रचलित है। इसमें नागरिक शासन व्यवस्था के प्रत्येक कार्य में सहभागिता न कर अपने प्रतिनिधि चुनते हैं, जो उनके एजेंट में कार्य करते हैं। सभी नागरिकों के पास सभी शासकीय कार्यों के लिए समय तथा प्रशिक्षण नहीं है इसलिए संसद, विधानसभाओं में भी प्रतिनिधि उन नागरिकों के हितानुरूप कार्य करते हैं, जिन्होंने उन्हें चुनकर भेजा है। राजनीतिक दल भी एक बड़े प्रतिनिधि (एजेंट) के रूप में कार्य करते है। वह जनता के सामने अपनी विचारधारा, सिद्धांत व नीतियाँ रखते है और उसी आधार पर (अपने सदस्यों को विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों से उम्मीदवार बनाकर) जनता से समर्थन व वैधता जुटाने का प्रयत्न करते हैं। इस प्रकार राजनीतिक दल जन-शक्ति का प्रतिनिधित्व उन्हीं के प्रतिनिधि बनकर करते हैं। इसी प्रतिनिधित्व को ही प्राप्त करने के लिए राजनीतिक दल बार-बार चुनाव के माध्यम से नागरिकों के बीच जाते है और वोट रुपी सहमति प्राप्त करने का प्रयास करते हैं, जिससे सत्ता प्राप्त की जा सके। जनता का प्रतिनिधित्व करने के लिए सामान्यत दल चुनाव लड़ते हैं। अलग-अलग चुनावी पद्धतियों में चुनाव भिन्न-भिन्न प्रकार के होते हैं। परन्तु चुनावी अभियान चुनावी घोषणापत...

संचार माध्यम के प्रकार, महत्व एवं उद्देश्य

संचार माध्यम शब्द अंग्रेजी भाषा के’कम्युनिकेशन मीडिया’ शब्द के समानान्तर प्रयोग में लाया जा रहा है। संचार माध्यम के द्वारा संप्रेषक और प्राप्तकर्ता या प्रापक के मध्य सूचनाओं का आदान-प्रदान होता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि संदेश या सूचना को प्रभावशाली ढंग से प्रापक तक पहुँचाने के लिए संवाहक या स्रोत जिस माध्यम की सहायता लेता है, वही संचार माध्यम है। इस प्रकार संचार माध्यम सूचना के आदान-प्रदान एवं एक स्थान से दूसरे स्थान तक संदेशों के सुगम प्रवाह करने हेतु जिस माध्यम का उपयोग किया जाता है, वही संचार माध्यम है। सर्वप्रथम मुद्रण का उद्भव चीन में हुआ और 868 ई. में पुस्तक मुद्रित होकर विश्व के सामने आयी। आगे चलकर यूरोप में गुटनबर्ग ने 1440 ई. में प्रिंटिंग प्रेस का आविष्कार किया। भारत में मुद्रण का प्रचलन सन् 1556 में ईसाई धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए गोवा में स्थापित प्रिंटिंग प्रेस से माना जाता है। प्रिंटिग प्रेस के आविष्कार ने मुद्रित संचार के क्षेत्र में क्रांति पैदा कर दी। समाचार-पत्र, पत्रिकाएँ, विभिन्न विषयों से सम्बन्धित सामयिकी, पुस्तकें आदि मुद्रित माध्यम के अन्तर्गत आते हैं। इस माध्यम की प्रमुख उद्देश्य समाज को ज्ञान, सूचना और मनोरंजन उपलब्ध कराना है। 1. समाचार पत्र -समाचार जगत अथवा प्रेस संचार का प्रमुख माध्यम है। अखबारों में समाचार प्रकाशित होते हैं। शिक्षा से लेकर, खेती बाड़ी, खेलकूद, स्वास्थ्य, सिनेमा, टेलीविजन के कार्यक्रम, बाजार भाव, भविष्यफल, विश्व के विभिन्न समाचार प्रकाशित होते हैं। समाचार पत्रों के माध्यम से प्रतिदिन घटने वाली घटनाओं की जानकारी होती है। समाचार पत्रों में देश विदेश की महत्वपूर्ण खबरे प्रकाशित की जाती है। 2. पत्रिकाएँ -पत्रिकाओं का ...

संचार का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, संचार प्रक्रिया एवं तत्व

मनुष्य अनेक संकेतों तथा ध्वनियों को सुनता और समझता है, अपने हाव-भाव को व्यक्त करता है, इन्हीं संदेशों और विचारों के आदान-प्रदान को संचार कहते हैं। संचार का अर्थसंचार का शाब्दिक अर्थ है फैलाव-विस्तार, किसी बात को आगे बढ़ाना, चलाना, फैलाना। और जनसंचार का आशय है - जन-जन मे भावों की, विचारों की अभिव्यक्ति करना और भावों और विचारों को समझना। इस तरह कम्यूनिकेशन -संचार का अर्थ है - • विचारों, भावनाओं, सूचनाओं का आदान-प्रदान करना • आपसी समझ बढ़ाना और • जानना अथवा बोध करना। इस रूप में संचार के अन्तर्गत सोचना, बोलना, सुनना, देखना, पढ़ना, लिखना, परस्पर व्यवहार, विचार विमर्श, सम्भाषण, वाद-विवाद सब आ जाता है। आपसी बातचीत, टेलिफोनिक सम्प्रेषण, पत्राचार, यह सब भी संचार के अन्तर्गत आ जाता है। यह संचार मनुष्य तो करता ही है, संसार के समस्त अन्य प्राणी किसी न किसी रूप में संचार करते हैं। संचार शब्द, अंग्रेजी भाषा के शब्द का हिन्दी रूपान्तरण है। जिसका विकास Commune शब्द से हुआ है। जिसका अर्थ है अदान-प्रदान करना अर्थात बाँटना। संचार की परिभाषाविभिन्न विचारकों ने इसकी परिभाषा को परिभाषित करने का प्रयास किया है। चेरी के अनुसार संचार उत्प्रेरक का अदान प्रदान है। शेनन ने संचार को परिभाषित करते हुए कहा है कि एक मस्तिक का दूसरे मस्तिक पर प्रभाव है। मिलेन ने संचार को प्रशासनिक दृष्टिकोण से परिभाषित किया है। आपके अनुसार, संचार प्रशासनिक संगठन की जीवन-रेखा है। डा. श्यामारचरण के शब्दों में :-संचार सामाजीकरण का प्रमुख माध्यम है। संचार द्वारा सामाजिक और सांस्कृतिक परम्पराए एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुँचती है। सामाजीकरण की प्रत्येक स्थिति और उसका हर रूप संचार पर आश्रित है। मनुष्य जैविकीय प्राणी से सामाजिक...

फीचर लेखन क्या है Feature lekhan in hindi for class 11 and 12

Table of Contents • • • • • • • • Feature lekhan in hindi with examples संचार अभिव्यक्ति का माध्यम है। आज मानव अपनी अभिव्यक्ति दूसरों तक पहुंचाने के लिए संचार माध्यमों का सहारा लेता है। संचार क्रांति ने आधुनिक युग में लोगों का कार्य सरल कर दिया है। आज एक व्यक्ति घर बैठे देश – विदेश का हाल आंखों – देखा देख सकता है। अर्थात किसी भी घटना से वह तत्काल जुड़ सकता है , और उसकी जानकारी ले सकता है। संचार के अनेक माध्यम है जैसे – मोबाइल , कंप्यूटर , इंटरनेट , डाक , पत्र – पत्रिका आदि। पत्र – पत्रिका जिसमें ज्ञान – विज्ञान , मनोरंजन , सिनेमा , राजनीति तथा अन्य प्रकार की जानकारी उपस्थित रहती है। इस लेखन में समाचार लेखन तथा फीचर लेखन का विशेष महत्व है। समाचार लेखन जहां लोगों को किसी घटना से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराता है। वही फीचर लेखन जानकारी के साथ – साथ रोचक तथ्य उपलब्ध कराना और मनोरंजन का भी कार्य करती है। जहां समाचार पत्र उल्टा पिरामिड शैली में लिखा जाता है। अर्थात समाचार शैली में आरंभ से पूरे घटना का विस्तार देते हुए सार की ओर अग्रेषित होता है। वही फीचर लेखन में ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है , यह कहीं से भी कैसे भी आरंभ किया जा सकता है। फीचर लेखन किसी घटना का सजीव चित्रण होता है। अतः इस में पात्र की भूमिका अहम रहती है। वह फीचर लेखन में अग्रणी भूमिका निभाता है। सारी घटना उस पात्र के इर्द-गिर्द ही घूमती रहती है। पात्र , इस में सजीव होता है , चलाएमान होता है। Feature lekhan in hindi फीचर लेखन का मुख्य कार्य पात्रों के द्वारा घटना का प्रस्तुतीकरण है। इस की शैली आकर्षक होनी चाहिए ताकि एक पाठक इस कला से तन्मयता और एकाग्रता के साथ रुचि लेकर पढ़ सके। फीचर लेखन क्योंकि मनोरंजन के साथ-साथ सूचना औ...