Prakash ka varn vikshepan kise kahate hain

  1. प्रकाश किसे कहते है
  2. व्याकरण किसे कहते हैं
  3. प्रकाश किसे कहते है
  4. व्याकरण किसे कहते हैं


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प्रकाश किसे कहते है

Table of Contents • • • • • Prakash Kise Kahate Hain In Hindi प्रकाश किसे कहते हैं :- प्रकाश एक ऐसा भौतिक साधन है जो हमारे चारों ओर स्थित वस्तुओं को देखने के काम आता है। प्रकाश ऊर्जा का ही एक रूप है। प्रकाश सीधी रेखा के रूप में गमन करता है जिसे प्रकाश किरण एक आते हैं। अनेक प्रकाश किरण ने मिलकर प्रकाश पुंज का निर्माण करती है। प्रकाश का संचरण निर्वात में भी संभव है। निर्वात में प्रकाश की चाल सबसे अधिक 3 x 10⁸ m/s होती है। प्रकाश के कई स्रोत होते है जिसमे से सबसे बड़ा और प्राकृतिक स्रोत सूर्य होता है जिसमें प्रकाश का अन्नत भण्डारण होता है , इसके अलावा कृत्रिम स्रोत्त जैसे बैट्री आदि होते है जिससे प्रकाश उत्पन्न किया जाता है। Prakash Ki Prakriti प्रकाश की प्रकृति :- प्रकाश दो प्रकार की प्रकृति दर्शाता है – • पहले तरंग की तरह :- प्रकाश की कई घटनाओं जैसे परावर्तन , अपवर्तन , विवर्तन , व्यतिकरण , ध्रुवण आदि सभी घटनाओं की व्याख्या प्रकाश को तरंग मानकर ही की जा सकती है अत: प्रकाश में तरंग की प्रकृति पायी जाती है। • दूसरा कण की तरह :- प्रकाश की अन्य घटनाओं जैसे कॉम्पटन प्रभाव जैसी घटनाओं की व्याख्या करने के लिए इसे कण की तरह माना गया है अत: हम कह सकते है कि प्रकाश द्वि प्रकृति का होता है। Prakash Ki Chaal प्रकाश की चाल :- भिन्न भिन्न माध्यमों में प्रकाश की चाल भिन्न भिन्न होती है। वायु तथा निर्वात में प्रकाश की चाल सर्वाधिक होती है। चाल माध्यम के अपवर्तनांक पर निर्भर करती है। जिस माध्यम का अपवर्तनांक जितना अधिक होता है उसमें प्रकाश की चाल उतनी ही कम होती हैं किसी माध्यम में प्रकाश की चाल ज्ञात करने हेतु सूत्र u = c/ μ का प्रयोग करते हैं जहाँ u प्रकाश की चाल, c प्रकाश की निर्वात में ...

व्याकरण किसे कहते हैं

0 Shares आज के आर्टिकल में हम व्याकरण क्या है(Vyakaran kya Hain), व्याकरण की परिभाषा (Vyakaran ki Paribhasha) व्याकरण का अर्थ(Vyakaran ka Arth) , व्याकरण किसे कहते हैं(Vyakaran Kise Kahate Hain), व्याकरण के अंग(Vyakaran ke Ang), व्याकरण के भेद(Vyakaran ke bhed) के बारे में विस्तार से चर्चा करने वाले है। Table of Contents • • • • • • • • • दोस्तों व्याकरण(Vyakaran) वह शास्त्र है। इसके द्वारा ही हमें भाषा के शुद्ध स्वरुप या प्रयोग का ज्ञान होता है। एक प्रकार हम यह कह सकते है कि व्याकरण(Vyakaran) भाषा को मानक स्वरूप प्रदान करता है। जैसा कि हम जान सकते है कि व्याकरण भाषा के नियम नहीं बनाता है। हमारी सर्वप्रचलित व्याकरण की परिभाषा – Vyakaran ki Paribhasha दोस्तो व्याकरण(Vyakaran) एक विधा/शास्त्र है इसके द्वारा ही हम किसी व्याकरण(Vyakaran) कहते हैं। पंतजलि के अनुसार- ‘‘महाभाष्य में व्याकरण को शब्दानुशासन कहा है।’’ दोस्तो भाषा के ज्ञान की कमी के कारण हम शब्दों के उच्चारण करने अथवा अर्थ समझने में गलती करते हैं। इसीलिए भाषा की शुद्धता बनाए रखने का कार्य व्याकरण करता है। इसलिए व्याकरण का शुद्ध ज्ञान हमारे लिए जरुरी होता है तभी हम भाषा की सही अभिव्यक्ति कर पाएंगे। व्याकरण का अर्थ(Vyakaran ka Arth) वह शास्त्र या विधा जिसमें बोलचाल तथा साहित्य में प्रयुक्त होने वाली भाषा का स्वरूप, उसके गठन, उसके अवयवों, उनके प्रकारों और पारस्परिक संबंधों का ज्ञान प्राप्त करतें है। इसमें रचनाविधान और रूप परिवर्तन का विचार भी होता है। अर्थात वह शास्त्र जिसमें किसी भाषा के स्वरूप,रूपों, शब्दों,प्रयोगों आदि का हमें ज्ञान प्राप्त होता है। व्याकरण किसे कहते हैं(Vyakaran Kise Kahate Hain) ⇒ व्याकरण (Vyakaran...

प्रकाश किसे कहते है

Table of Contents • • • • • Prakash Kise Kahate Hain In Hindi प्रकाश किसे कहते हैं :- प्रकाश एक ऐसा भौतिक साधन है जो हमारे चारों ओर स्थित वस्तुओं को देखने के काम आता है। प्रकाश ऊर्जा का ही एक रूप है। प्रकाश सीधी रेखा के रूप में गमन करता है जिसे प्रकाश किरण एक आते हैं। अनेक प्रकाश किरण ने मिलकर प्रकाश पुंज का निर्माण करती है। प्रकाश का संचरण निर्वात में भी संभव है। निर्वात में प्रकाश की चाल सबसे अधिक 3 x 10⁸ m/s होती है। प्रकाश के कई स्रोत होते है जिसमे से सबसे बड़ा और प्राकृतिक स्रोत सूर्य होता है जिसमें प्रकाश का अन्नत भण्डारण होता है , इसके अलावा कृत्रिम स्रोत्त जैसे बैट्री आदि होते है जिससे प्रकाश उत्पन्न किया जाता है। Prakash Ki Prakriti प्रकाश की प्रकृति :- प्रकाश दो प्रकार की प्रकृति दर्शाता है – • पहले तरंग की तरह :- प्रकाश की कई घटनाओं जैसे परावर्तन , अपवर्तन , विवर्तन , व्यतिकरण , ध्रुवण आदि सभी घटनाओं की व्याख्या प्रकाश को तरंग मानकर ही की जा सकती है अत: प्रकाश में तरंग की प्रकृति पायी जाती है। • दूसरा कण की तरह :- प्रकाश की अन्य घटनाओं जैसे कॉम्पटन प्रभाव जैसी घटनाओं की व्याख्या करने के लिए इसे कण की तरह माना गया है अत: हम कह सकते है कि प्रकाश द्वि प्रकृति का होता है। Prakash Ki Chaal प्रकाश की चाल :- भिन्न भिन्न माध्यमों में प्रकाश की चाल भिन्न भिन्न होती है। वायु तथा निर्वात में प्रकाश की चाल सर्वाधिक होती है। चाल माध्यम के अपवर्तनांक पर निर्भर करती है। जिस माध्यम का अपवर्तनांक जितना अधिक होता है उसमें प्रकाश की चाल उतनी ही कम होती हैं किसी माध्यम में प्रकाश की चाल ज्ञात करने हेतु सूत्र u = c/ μ का प्रयोग करते हैं जहाँ u प्रकाश की चाल, c प्रकाश की निर्वात में ...

व्याकरण किसे कहते हैं

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