प्रेम बिहारी नारायण रायजादा

  1. Republic Day 2020 Speech, Essay, Quotes: 71वें गणतंत्र दिवस पर जानिए अपने संविधान को, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को..
  2. अपने हाथों से संविधान लिखने वाले प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा की जीवनी
  3. Republic Day 2019: प्रेम बिहारी रायजादा, जिन्होंने पूरा संविधान हाथ से लिखा और एक पैसा भी नही लिया
  4. Republic Day 2023, 26 जनवरी क्यों मनाया जाता है, जानें गणतंत्र दिवस से जुड़े रोचक तथ्य
  5. DNA एक्सप्लेनर: दुनिया का सबसे लंबा संविधान है हमारे पास, इसके बारे में कितना जानते हैं आप!
  6. बावरा मन: भारत के संविधान की रचना के पीछे 303 की 'ताकत'
  7. constitution day 2021 prem bihari narayan raijada written our samvidhaan know intresting facts ngmp
  8. अपने हाथों से संविधान लिखने वाले प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा की जीवनी
  9. DNA एक्सप्लेनर: दुनिया का सबसे लंबा संविधान है हमारे पास, इसके बारे में कितना जानते हैं आप!
  10. बावरा मन: भारत के संविधान की रचना के पीछे 303 की 'ताकत'


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Republic Day 2020 Speech, Essay, Quotes: 71वें गणतंत्र दिवस पर जानिए अपने संविधान को, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को..

Republic Day 2020 Speech, Essay, Nibandh, Bhashan, Slogan, Quotes, Poem, Kavita in Hindi: 26 जनवरी को देश भर में गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया जाता है। सरकारी छुट्टी होने के बावजूद लोग झंडा फहराने के लिए स्कूल और दफ्तर पहुंचते हैं। इस दिन कई जगहों पर राष्ट्रभक्ति से जुड़े प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। Republic Day 2020 Speech, Essay, Nibandh, Bhashan, Slogan, Quotes: 26 जनवरी 1950 को देश ने अपना संविधान अपनाया था। 395 अनुच्छेद और आठ अनुसूचियों में ये सिखाया और निर्देशित किया गया था कि अगर किसी को भारत में रहना है तो कैसे रहना है। किन नियमों और शर्तों का पालन करना है। उन्हें क्या अधिकार दिए गए हैं और क्या कर्तव्य सुझाए गए हैं। हालांकि इतने सालों में संविधान में 104 तरह के संशोधन हुए जिसने हमारे वर्तमान के साथ भविष्य को भी मजबूत किया। आइए संविधान की 70वीं वर्षगांठ या 71वें गणतंत्र दिवस पर जानें इसकी खूबियां। >> 2 साल, 11 महीने और 18 दिन में बनकर तैयार हुआ था देश का संविधान >> 2 भाषाओं: हिंदी और इंग्लिश में वास्तविक संविधान को प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखा था। >> असली संविधान हस्तलिखित और कैलीग्राफ्ड किया गया था। इसमें 6 महीने का वक्त लगा था। ये न तो टाइपिंग है न ही टेलीप्रिंटिंग। >> संविधान में शुरुआत में 395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचियां और 22 भाग थे। इसके बाद कुल 104 संशोधन हुए। >> 284 सदस्यीय टीम ने अंबेडकर के नेतृत्व में संविधान को तैयार किया था। इसमें से 15 महिला सदस्य भी थीं। इस साल हम हमारा 71वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं। इस अवसर पर कई स्कूल, कॉलेज और कार्यस्थलों में भाषण या निबंध प्रतियोगिता भी हो रही है। ऐसे में जरूरी है कि लोगों को भारत में गणतंत्रत दिवस ...

अपने हाथों से संविधान लिखने वाले प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा की जीवनी

प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा का जन्म सुलेखकों के परिवार में हुआ था। जब प्रेम छोटा थे तब उनके माँ और पिता दोनों की मृत्यु हो गई थी। उसके बाद प्रेम का पालन-पोषण प्रेम के दादा जी ने किया था। प्रेम के दादा जी खुद एक अंग्रेजी और फ़ारसी के विद्वान (English and Persian scholar) थे। Prem Bihari Narayan Raizad Education प्रेम के दादा जी ने ही प्रेम को भारतीय सुलेख की कला सिखाई। आगे पढ़ने के लिए, प्रेम ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज में दाखिला लिया, प्रेम ने सुलेखन कौशल को कॉलेज में निखारना जारी रखा। 1940 में जब भारत की संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान का प्रारूप तैयार किया जा रहा था, तब जवाहरलाल नेहरू ने प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा को मौलिक दस्तावेज की पहली प्रति लिखने के लिए कहा था। वे संविधान को हाथ से लिखने के लिए मान भी गए निशुल्क, किन्तु उन्होंने एक शर्त रखी कि: “मै एक पैसा नहीं लूंगा। भगवान की कृपा से मेरे पास सब कुछ है, और मैं अपने जीवन से काफी खुश हूं। लेकिन मेरी एक शर्त है कि संविधान के हर पन्ने पर मैं अपना नाम लिखूंगा और आखिरी पन्ने पर अपने दादा के नाम के साथ अपना नाम लिखूंगा।” Prem Bihari Narayan Raizad & Vasant Krishna Vaidya प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा ने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान को लिखा था यही मूल संविधान है। हिंदी संस्करण का सुलेख वसंत कृष्ण वैद्य (Vasant Krishna Vaidya) द्वारा लिखा गया था। प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा को 6 महीने लगे तथा कुल 432 निब घिस गईं संविधान को लिखने ने। हमारा संविधान न केवल हाथ से लिखा गया है, बल्कि प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा द्वारा शांति निकेतन के चित्रकारों ने इसके कवर से लेकर हर पन्ने को भी अपनी सुंदर कला से सजाया। संविधान कि...

Republic Day 2019: प्रेम बिहारी रायजादा, जिन्होंने पूरा संविधान हाथ से लिखा और एक पैसा भी नही लिया

नई दिल्ली: आज 26 जनवरी है। आज से 69 साल पहले हमने संविधान को अपनाया था। साल 1950 में संविधान को अपनाने के साथ ही भारत गणतंत्र बना और पहले आम चुनाव साल 1952 में हुए।हालाँकि हम डॉ भीमराव अंबेडकर के नाम के साथ विशालकाय दुनिया में सबसे लंबे 395 आर्टिकल, 22 भाग और 8 अनुसूचियों के साथ जो उस समय के शासनापत्र ) संविधान को जोड़ते हैं, जो हमारे पास है, लेकिन प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा के बारे में ज्यादा चर्चा नहीं करते हैं। 1901 में दिल्ली में पैदा हुए रायजादा, जिन्होंने सारे दस्तावेज टाइपराइटर की सहायता से नहीं बल्कि अपने हाथों से लिखे। सारा संविधान हाथ से उन्होंने हाथ से बिना किसी गलती के लिखा। इस तथ्य के बावजूद कि पूरे संविधान को लिखने में लंबा समय लगा, इसमें असंगति का एक भी निशान नहीं और प्रवाहपूर्ण इटैलिक शैली जिसमें इसे लिखा गया था, सुलेख उत्कृष्टता के सर्वोत्तम उदाहरणों में से एक है। रायजादा जिनके दादा रामप्रसाद जो अंग्रेजी और फारसी के जाने माने विद्वान थे, जिन्होंने अपने दादा से ये सुलेश कला सीखी थी। उन्होंने अपने माता पिता की मौत के बाद अपने साथ अपने चार भाईयों का भी पालन पोषण किया था। सेंट स्टीफन से स्नातक रायजादा को जब संविधान लिखने के लिए चुना गया तो रायजादा ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु से साफ कह दिया कि वो संविधान लिखने के लिए एक भी पैसा फीस के तौर पर नहीं लेंगे। संविधान के हर पेज हो मेरा नाम उन्होंने नेहरु से कहा, " मुझे एक भी पैसा नहीं चाहिए। भगवान की कृपा से मेरे पास सभी चीजें और मैं अपने जीवन से काफी खुश हूं। लेकिन मेरी एक शर्त है। मे संविधान के हर पेज पर अपना नाम लिखूंगा और संविधान के आखिरी पेज पर अपना नाम अपने दादा के साथ लिखूंगा"। रायजादा की ये इच्छा म...

Republic Day 2023, 26 जनवरी क्यों मनाया जाता है, जानें गणतंत्र दिवस से जुड़े रोचक तथ्य

देश में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस का राष्ट्रीय पर्व बड़े धूम धाम से मनाया जाता है। 1 महिने पहले से ही देश में इस राष्ट्रीय पर्व को मनाने की तैयारियां चलने लगती है। स्कूल, कॉलेज, सरकारी और सभी निजी प्रतिष्ठानों पर लोग तिरंगा फहरा कर लोगों में मिठाई बांटते हैं। हम सबको पता है कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाते हैं, क्योंकि स्वतंत्रता नाम से ही पता चल जाता है कि इस दिन आजादी के उपलक्ष्य में यह राष्ट्रीय पर्व मनाया जाता है, शायद आपके दिमाग में ये सवाल आता होगा की आखिर हम Republic Day को स्वतंत्रता दिवस के जैसे धूम-धाम से क्यों मनाते हैं, आइए आपको बता दें कि आखिर क्यों मनाते हैं Republic Day... क्यों मनाते हैं 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस? आपको बतां दे कि साल 1950 में देश में भारत का संविधान (Indian constitution) लागू किया गया था। 26 नवंबर 1950 को देश में कानून राज स्थापित करने के लिए भारत ने संविधान सभा में भारतीय संविधान को अपनाया था। Source: safalta 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान को लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था, भारत के स्वतंत्र होने के ठीक 2 साल 11 महीने और 18 दिन बाद देश में संविधान लागू हुआ था। जिसके बाद इस दिन यानी 26 जनवरी को भारत को पूर्ण गणतंत्र देश घोषित किया गया था। जिसके बाद से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस का राष्ट्रीय पर्व मनाया जाता है। Read more Daily Current Affairs- देश में पहली बार गणतंत्र दिवस गब मनाया गया था? भारत ने पहली बार 26 जनवरी 1950 को अपना पहला गणतंत्र दिवस मनाया था। इस दिन देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी ने 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजा रोहण करते हुए भारत को पूर्ण रूप से गंणतंत्र घोषित किया था। तब से लेकर ...

DNA एक्सप्लेनर: दुनिया का सबसे लंबा संविधान है हमारे पास, इसके बारे में कितना जानते हैं आप!

डीएनए हिंदीःहमें एक लोकतांत्रिक देश में रहते हुए सात दशक से ज्यादा समय हो गया. ये एक लंबा वक्त है अपने देश को जानने के लिए. देश के संविधान को समझने के लिए. लेकिन ऐसे कई तथ्य और किस्से हो सकते हैं जो शायद आपको अपने देश के संविधान के बारे में पता ना हों. आज संविधान दिवस से अच्छा मौका नहीं हो सकता, इन किस्सों को जानने और याद करने का. कब और क्यों लिया गया संविधान दिवस मनाने का फैसला 26 नवंबर 1949 को ही संविधान सभा ने संविधान को अपनी स्वीकृति दी थी लेकिन इसे लागू किया 26 जनवरी 1950 को. साल 2015 में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 26 नवंबर को 'संविधान दिवस' के रूप में मनाने के केंद्र सरकार के फैसले को अधिसूचित किया था. हमारे देश के संविधान के निर्माण में डॉ. भीमराव अम्बेडकर की अहम भूमिका थी इसलिए संविधान दिवस उन्हें श्रद्धाजंलि देने के प्रतीक के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य संवैधानकि मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ाना भी है. दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान हमारा संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है. इसमें कुल 1,17, 369 शब्द दर्ज हैं. मूल रूप से भारतीय संविधान में कुल 395 अनुच्छेद और आठ अनुसूचियां थीं, कई संशोधनों के बाद अब इसमें कुल 448 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं। वैसे आपके लिए ये जानना भी दिलचस्प हो सकता है कि दुनिया का सबसे छोटा संविधान मोनाको का है, इसमें सिर्फ 3814 शब्द हैं. हाथ से लिखा गया पूरा संविधान एकदम सही से गणना करें तो संविधान का अंतिम ड्राफ्ट लिखकर तैयार होने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था. अंतिम रूम में पहुंचने से पहले संविधान के पहले ड्राफ्ट में 2000 संशोधन किए गए थे. साल 2020 के जनवरी महीने तक ...

बावरा मन: भारत के संविधान की रचना के पीछे 303 की 'ताकत'

कॉलेज जीवन का वो मौका होता है जिस से सब अपनी एक नई शुरुआत करते हैं. हमने भी की. इस नई शुरुआत वाली उम्र की खुशी भी कुछ अलग ही होती है. हमें भी थी. अपने इस नए सफर के प्रति युवाओं में एक नया उत्साह होता है. हम में भी था. बस इसी उत्साह के साथ कॉलेज के पहले दिन सभी छात्र अपने प्रोफेसर साब की ओरिएंटेशन क्लास में पहुंचे. याद दिला दूं ये उस वक्त का ज़िक्र है जिस जमाने में गूगल नहीं था. सो, हम पहले से ही अपने ‘महान’ कॉलेज के ‘महान’ किस्से नहीं जानते थे. ओरिएंटेशन में प्रोफेसर साहब ने भी बिलकुल थ्री ईडियट्स के प्रोफेसर वीरू सहस्रबुद्धे की माफिक बिना चूक किए हमें जतला दिया कि हम कितने भाग्यशाली हैं कि जिस महान कॉलेज में अमिताभ बच्चन जैसे सदी के महानायक भी एडमिशन ना ले पाए, ऐसे ‘महान’ संस्थान में हमारा एडमिशन हो गया है. और फिर प्रोफेसर साब ने जैसे ही उस संस्थान के भूतपूर्व छात्रों का जि‍क्र करना शुरू किया जिनमें कुछ देशों के राष्ट्र प्रमुखों के नाम भी शामिल थे, हम समझ गए कि बेटा हमारे सिर पे ‘विरासत का बोझ’ मुसल्लत कर दिया गया है. खैर, प्रोफेसर साहब ने अनेकों जाने पहचाने नाम गिनवाते हुए एक नाम ऐसा भी लिया जो हम छात्रों के लिए बिलकुल ही अनजान था. उस नाम को और उस शख्स के अभूतपूर्व काम को सुन के हम सब दंग रह गए. वो नाम आज भी हर छब्बीस जनवरी के रोज हर साल मेरे जेहन में वापस आ ही जाता है. प्रेमबिहारी नारायण रायजादा… नाम न भी सुना हो तो काम सुन नमक हलाल के अमिताभ बच्चन माफिक ‘दांतों तले उंगलियां लियां’ दबा ही लेंगे. हम और हमारा संविधान हर साल छब्बीस जनवरी के दिन अखबार से लेकर टीवी तक परेड और संविधान का ही जि‍क्र रहता है. हम भारतवासियों के लिए भी परेड और संविधान, दोनों ही ‘बल और सुरक्षा’ के ...

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constitution day 2021 prem bihari narayan raijada written our samvidhaan know intresting facts ngmp | Constitution Day 2021: हमारे संविधान को अपने हाथों से किसने लिखा था? जानिए ऐसे ही और रोचक तथ्य | Hindi News, MPCG Trending News Constitution Day 2021: हमारे संविधान को अपने हाथों से किसने लिखा था? जानिए ऐसे ही और रोचक तथ्य Constitution Day 2021: आज 26 नवंबर है और इस दिन को हर साल 'संविधान दिवस' (Constitution Day 2021) के रूप में मनाया जाता है. आसान भाषा में बताएं तो संविधान किसी भी देश के संचालन के लिए जरूरी नियमों, सिद्धांतों को कहा जाता है. बता दें कि 26 नवंबर, 1949 को ही संविधान को अपनाया गया था और 26 जनवरी 1950 को इसे देशभर में लागू किया गया था. डॉ. भीमराव अंबेडकर को Father of Indian Constitution कहा जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे संविधान को किसने लिखा था और वह भी अपने हाथों से. जी हां, हमारा संविधान (Constitution) हाथों से लिखा गया है और यह दुनिया का सबसे बड़ा हाथों से लिखा गया संविधान है. हमारा संविधान प्रेम बिहारी नारायण रायजादा (Prem Bihari Narayan Raijada) ने लिखा है. वह एक कैलिग्राफी आर्टिस्ट थे. 1901 में दिल्ली में पैदा हुए प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने संविधान लेखन के लिए एक भी पैसा नहीं लिया था. हालांकि रायजादा ने संविधान लिखने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के सामने एक शर्त रखी थी. इस शर्त के मुताबिक संविधान के हर पेज पर उनका नाम लिखा होगा और संविधान के आखिरी पेज पर उनका और उनके दादा का नाम लिखा जाएगा. पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उनकी ये शर्त मान ली थी. संविधान के लिखित दस्तावेजों के पन्नों को शांति निकेतन के नंदलाल बोस और उनकी टीम ...

अपने हाथों से संविधान लिखने वाले प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा की जीवनी

प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा का जन्म सुलेखकों के परिवार में हुआ था। जब प्रेम छोटा थे तब उनके माँ और पिता दोनों की मृत्यु हो गई थी। उसके बाद प्रेम का पालन-पोषण प्रेम के दादा जी ने किया था। प्रेम के दादा जी खुद एक अंग्रेजी और फ़ारसी के विद्वान (English and Persian scholar) थे। Prem Bihari Narayan Raizad Education प्रेम के दादा जी ने ही प्रेम को भारतीय सुलेख की कला सिखाई। आगे पढ़ने के लिए, प्रेम ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज में दाखिला लिया, प्रेम ने सुलेखन कौशल को कॉलेज में निखारना जारी रखा। 1940 में जब भारत की संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान का प्रारूप तैयार किया जा रहा था, तब जवाहरलाल नेहरू ने प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा को मौलिक दस्तावेज की पहली प्रति लिखने के लिए कहा था। वे संविधान को हाथ से लिखने के लिए मान भी गए निशुल्क, किन्तु उन्होंने एक शर्त रखी कि: “मै एक पैसा नहीं लूंगा। भगवान की कृपा से मेरे पास सब कुछ है, और मैं अपने जीवन से काफी खुश हूं। लेकिन मेरी एक शर्त है कि संविधान के हर पन्ने पर मैं अपना नाम लिखूंगा और आखिरी पन्ने पर अपने दादा के नाम के साथ अपना नाम लिखूंगा।” Prem Bihari Narayan Raizad & Vasant Krishna Vaidya प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा ने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान को लिखा था यही मूल संविधान है। हिंदी संस्करण का सुलेख वसंत कृष्ण वैद्य (Vasant Krishna Vaidya) द्वारा लिखा गया था। प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा को 6 महीने लगे तथा कुल 432 निब घिस गईं संविधान को लिखने ने। हमारा संविधान न केवल हाथ से लिखा गया है, बल्कि प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा द्वारा शांति निकेतन के चित्रकारों ने इसके कवर से लेकर हर पन्ने को भी अपनी सुंदर कला से सजाया। संविधान कि...

DNA एक्सप्लेनर: दुनिया का सबसे लंबा संविधान है हमारे पास, इसके बारे में कितना जानते हैं आप!

डीएनए हिंदीःहमें एक लोकतांत्रिक देश में रहते हुए सात दशक से ज्यादा समय हो गया. ये एक लंबा वक्त है अपने देश को जानने के लिए. देश के संविधान को समझने के लिए. लेकिन ऐसे कई तथ्य और किस्से हो सकते हैं जो शायद आपको अपने देश के संविधान के बारे में पता ना हों. आज संविधान दिवस से अच्छा मौका नहीं हो सकता, इन किस्सों को जानने और याद करने का. कब और क्यों लिया गया संविधान दिवस मनाने का फैसला 26 नवंबर 1949 को ही संविधान सभा ने संविधान को अपनी स्वीकृति दी थी लेकिन इसे लागू किया 26 जनवरी 1950 को. साल 2015 में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 26 नवंबर को 'संविधान दिवस' के रूप में मनाने के केंद्र सरकार के फैसले को अधिसूचित किया था. हमारे देश के संविधान के निर्माण में डॉ. भीमराव अम्बेडकर की अहम भूमिका थी इसलिए संविधान दिवस उन्हें श्रद्धाजंलि देने के प्रतीक के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य संवैधानकि मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ाना भी है. दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान हमारा संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है. इसमें कुल 1,17, 369 शब्द दर्ज हैं. मूल रूप से भारतीय संविधान में कुल 395 अनुच्छेद और आठ अनुसूचियां थीं, कई संशोधनों के बाद अब इसमें कुल 448 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं। वैसे आपके लिए ये जानना भी दिलचस्प हो सकता है कि दुनिया का सबसे छोटा संविधान मोनाको का है, इसमें सिर्फ 3814 शब्द हैं. हाथ से लिखा गया पूरा संविधान एकदम सही से गणना करें तो संविधान का अंतिम ड्राफ्ट लिखकर तैयार होने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था. अंतिम रूम में पहुंचने से पहले संविधान के पहले ड्राफ्ट में 2000 संशोधन किए गए थे. साल 2020 के जनवरी महीने तक ...

बावरा मन: भारत के संविधान की रचना के पीछे 303 की 'ताकत'

कॉलेज जीवन का वो मौका होता है जिस से सब अपनी एक नई शुरुआत करते हैं. हमने भी की. इस नई शुरुआत वाली उम्र की खुशी भी कुछ अलग ही होती है. हमें भी थी. अपने इस नए सफर के प्रति युवाओं में एक नया उत्साह होता है. हम में भी था. बस इसी उत्साह के साथ कॉलेज के पहले दिन सभी छात्र अपने प्रोफेसर साब की ओरिएंटेशन क्लास में पहुंचे. याद दिला दूं ये उस वक्त का ज़िक्र है जिस जमाने में गूगल नहीं था. सो, हम पहले से ही अपने ‘महान’ कॉलेज के ‘महान’ किस्से नहीं जानते थे. ओरिएंटेशन में प्रोफेसर साहब ने भी बिलकुल थ्री ईडियट्स के प्रोफेसर वीरू सहस्रबुद्धे की माफिक बिना चूक किए हमें जतला दिया कि हम कितने भाग्यशाली हैं कि जिस महान कॉलेज में अमिताभ बच्चन जैसे सदी के महानायक भी एडमिशन ना ले पाए, ऐसे ‘महान’ संस्थान में हमारा एडमिशन हो गया है. और फिर प्रोफेसर साब ने जैसे ही उस संस्थान के भूतपूर्व छात्रों का जि‍क्र करना शुरू किया जिनमें कुछ देशों के राष्ट्र प्रमुखों के नाम भी शामिल थे, हम समझ गए कि बेटा हमारे सिर पे ‘विरासत का बोझ’ मुसल्लत कर दिया गया है. खैर, प्रोफेसर साहब ने अनेकों जाने पहचाने नाम गिनवाते हुए एक नाम ऐसा भी लिया जो हम छात्रों के लिए बिलकुल ही अनजान था. उस नाम को और उस शख्स के अभूतपूर्व काम को सुन के हम सब दंग रह गए. वो नाम आज भी हर छब्बीस जनवरी के रोज हर साल मेरे जेहन में वापस आ ही जाता है. प्रेमबिहारी नारायण रायजादा… नाम न भी सुना हो तो काम सुन नमक हलाल के अमिताभ बच्चन माफिक ‘दांतों तले उंगलियां लियां’ दबा ही लेंगे. हम और हमारा संविधान हर साल छब्बीस जनवरी के दिन अखबार से लेकर टीवी तक परेड और संविधान का ही जि‍क्र रहता है. हम भारतवासियों के लिए भी परेड और संविधान, दोनों ही ‘बल और सुरक्षा’ के ...