प्रेम मंदिर कितने किलोमीटर है

  1. प्रेम मंदिर: वृन्दावन, मथुरा उत्तर प्रदेश (राधा
  2. वृंदावन में स्थित प्रेम मंदिर क्यों है प्रेम का प्रतीक? Prem mandir of Vrindavan
  3. Prem Mandir History In Hindi, प्रेम मंदिर, 2023
  4. Prem Mandir Ki jankari प्रेम मंदिर वृंदावन की जानकारी
  5. प्रेम मंदिर वृंदावन के दर्शन की पूरी जानकारी
  6. प्रेम मंदिर वृंदावन
  7. प्रेम मंदिर
  8. प्रेम मंदिर: दर्शन का समय व देखें फोटो


Download: प्रेम मंदिर कितने किलोमीटर है
Size: 67.72 MB

प्रेम मंदिर: वृन्दावन, मथुरा उत्तर प्रदेश (राधा

प्रेम मंदिर (अर्थात दिव्य प्रेम का मंदिर) भारत के मथुरा शहर में वृंदावन में एक हिंदू मंदिर है। जो की 55 एकड़ भूमि में फैला, प्रेम मंदिर, दम्पत्ति, युवा, वृद्धों और सभी उम्र के लोगों के लिए सबसे अधिक बार देखा जाने वाला धार्मिक स्थल है, जो यहां श्री राधा-कृष्णा के शाश्वत प्रेम से प्रेरित होने के लिए आते हैं जो प्रेम का सबसे बड़ा उदाहरण हैं। यह प्रेम मंदिर वृन्दावन का इतिहास – History of Prem Mandir Vrindavan Prem Mandir Vrindavan gate प्रेम मंदिर वृन्दावन (Prem Mandir Vrindavan) की आधारशिला 14 जनवरी 2001 को जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा हजारों भक्तों की उपस्थिति में रखी गई थी। उद्घाटन समारोह 15 फरवरी से 17 फरवरी 2012 तक हुआ। मंदिर परिसर के निर्माण में लगभग 1000 कलाकारों को लगभग 12 साल लगे। इस मंदिर को बनाने में 150 करोड़ रुपए का खर्च आया था। प्रेम मंदिर वृन्दावन का निर्माण पूरी तरह से इतालवी संगमरमर से हुआ है, ध्वज सहित मंदिर का कुल आयाम 125 फीट ऊंचा, 190 फीट लंबा और 128 फीट चौड़ा है। विशाल शिखर, स्वर्ण कलश और ध्वज के वजन को सहन करने के लिए गर्भगृह (मुख्य तीर्थ) की दीवारों की मोटाई 8 फीट है। वृन्दावन – मथुरा की संस्कृति मथुरा संस्कृति भारतीय इतिहास और संस्कृति में एक विशिष्ट स्थान रखती है। मथुरा उत्तर प्रदेश में कई दशकों से ब्राह्मणवाद, बौद्ध धर्म और जैन धर्म का एक सक्रिय केंद्र रहा है। कला, धर्म, त्योहारों में मथुरा की संस्कृति शामिल है, जो दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इतिहास, समाज, पुरालेख, धर्म, पुरातत्व, प्रतिमा विज्ञान, मुद्राशास्त्र, कला और मूर्तिकला जैसे सभी प्रमुख पहलुओं के साथ मथुरा की संस्कृति चरम पर है। मथुरा में सांझी जैसी कुछ सांस्कृतिक परंपराएं हैं, जो जम...

वृंदावन में स्थित प्रेम मंदिर क्यों है प्रेम का प्रतीक? Prem mandir of Vrindavan

यह मंदिर प्राचीन भारत के दो मुख्य प्रेम जोड़ों पर आधारित है, जिसमें से एक ओर राधा कृष्ण की जोड़ी तो दूसरी ओर श्री राम और सीता की जोड़ी इस मंदिर की शोभा बढ़ाती हुई नजर आती हैं। इतिहास गवाह है इन दोनों प्रेम जोड़ों कि लोकप्रियता का। शायद यही एक कारण है कि आधुनिक काल में भी इन दोनों जोड़ों के याद में एक पवित्र तीर्थ स्थल का निर्माण कराया गया। कहां स्थित है प्रेम मंदिर ? Where is the prem mandir located? यह मंदिर वृंदावन में स्थित है, और इसे मुुख्यतः राधा और कृष्ण के प्रेम जोड़ी के लिए जाना जाता है। यहां पर आपको श्री कृष्ण द्वारा किए गए रासलीलाओं की सुन्दर नक्काशी मंदिर कि दीवारों पर देखने को मिल जाएगी। यह मंदिर सफेद संगमरमर की बनी हुई है और इसकी सुंदरता में चार चांद लगाती हुई नजर आती है ये सुंदर नक्काशी। वृंदावन का प्रेम मंदिर। prem mandir of Vrindavan. वृंदावनस्थित इस मंदिर का निर्माण प्रसिद्ध हिंदू आध्यात्मिक गुरु कृपालु जी द्वारा कराया गया था। कृपालुजी महाराज ने इस मंदिर का शिलान्यास 14 फरवरी 2001 को किया था। इस मंदिर कि विशेष डिजाइन को वास्तविक रूप से बनाने में 10 साल से भी अधिक का समय लगा और 17 फरवरी 2012 को यह मंदिर पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो गया। इस मंदिर को बनाने के लिए काफी संख्या में बाहर से शिल्पकार बुलाए गए थे और यह मंदिर परिषद काफी विशाल भी है। शायद यही एक कारण है कि इस मंदिर को बनाने में इतने वर्ष लगे। देखा जाए तो इस मंदिर का पूरा परिसर लगभग 54 एकड़ में फैला है। मुख्य मंदिर 125 फीट ऊंचा है, इसकी लंबाई 122 फुट और इस मंदिर की चौड़ाई 115 फुट है। इस मंदिर के निर्माण में इटालियन करारा संगमरमर का उपयोग किया गया है। सफेद संगमरमर के पत्थरों पर की गई बारीक नक्काशी मंदिर ...

Prem Mandir History In Hindi, प्रेम मंदिर, 2023

प्रेम मंदिर के बारे में जानकारी नमस्कार दोस्तो स्वागत है आप सभी का मेरे नए लेख में जिसमें मैं आपको प्रेम मंदिर के बारे में बताऊंगा। यह मंदिर कृपालु जी महाराज द्वारा की गई है। इस मंदिर परिसर में भगवान श्री कृष्ण और उनके अनुयायियों का चित्रों से बहुत सुंदर वर्णन किया गया है। प्रेम मंदिर में शाम को प्रकाश की सजावट अपने आप में एक शानदार दृश्य है और सुंदर वातावरण को देखने के लिए इसे लाइव देखने की जरूरत है। प्रेम मंदिर वृंदावन प्रेम मंदिर के निर्माण कार्य की शुरुवात सन 2001 में हुयी थी। इस मंदिर को बनने में बहुत समय लगा था, इसका उद्घाटन समारोह फरवरी 2012 में हुआ था। इस मंदिर को बनाने में 150 करोड़ रुपए खर्च हुये थे। इस मंदिर के पास में ही 73000 वर्ग फुट का एक सत्संग हॉल भी बनाया गया है। जिसके अंदर 25000 से भी अधिक लोग बैठ सकते हैं। मंदिर चारों ओर से सुंदर बगीचों और फव्वारों से घिरा हुआ है। मंदिर परिसर में भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं जैसे- झूलन लीला, गोवर्धन लीला, रास लीला और कालिया नाग लीला का भी बहुत शानदार चित्रण किया गया है। असम में स्थित कामाख्या मंदिर के बारे में यहाँ पर जाने प्रेम मंदिर की वास्तुकला प्रेम मंदिर को बनने में लगभग 12 साल का समय लगा। यह मंदिर 56 एकड़ के परिसर में फैला हुआ है। इस मंदिर निर्माण पूरी तरह से इटालियन मार्बल से किया गया है। मंदिर के ऊपर जो ध्वज विराजमान है उसकी ऊंचाई 125 फीट ओर लंबाई 190 फीट है। यह मंदिर दो मंज़िला मंदिर है। मंदिर प्रांगण में मंदिर के मंच की परिक्रमा के लिए मार्ग का निर्माण किया गया है। इस मार्ग को जमीन से थोड़ा बहुत ऊंचाई पर बनाया गया है, जिससे यहाँ आने वाले लोग आसानी से श्री कृष्ण की लीलाओं को दर्शाने वाले पैनलों के दर्शन कर सके। मंदिर...

Prem Mandir Ki jankari प्रेम मंदिर वृंदावन की जानकारी

Prem Mandir Ki jankari प्रेम मंदिर वृंदावन की जानकारी वृन्दावन की स्थापना कब हुई बांके बिहारी मंदिर भारत में मथुरा जिले के वृंदावन धाम में रमण रेती पर स्थित है। यह भारत के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। बांके बिहारी कृष्ण का ही एक रूप है जो इसमें प्रदर्शित किया गया है। इसका निर्माण १८६४ में स्वामी हरिदास ने करवाया था। मथुरा में कौन कौन से मंदिर है कृष्ण जन्मभूमि नाम से ही पता चल रहा होगा यह भगवान कृष्ण की जन्मभूमि है यह मंदिर उस कारागार के बाहर बना हुआ है जहां भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। … 1.द्वारकाधीश मंदिर … 2.कंस किला … 3.मथुरा संग्रहालय … 4.गोवर्धन पर्वत … 5.कुसुम सरोवर … 6.बांके बिहारी मंदिर … इन मंदिरों में भी जाएं प्रेम मंदिर किसका है प्रेम मंदिर भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा जिले के समीप वृंदावन में स्थित है। इसका निर्माण जगद्गुरु कृपालु महाराज द्वारा भगवान कृष्ण और राधा के मन्दिर के रूप में करवाया गया है। प्रेम मन्दिर का लोकार्पण 17 फरवरी को किया गया था। इस मन्दिर के निर्माण में 11 वर्ष का समय और लगभग 100 करोड़ रुपए की धन राशि लगी है। भगवन श्री कृष्ण ने मथुरा में किसका उद्धार किया कुब्जा का उद्धार श्रीकृष्ण उसके पैरों के दोनों पंजों को अपने पैरों से दबाकर हाथ ऊपर उठवाकर ठोड़ी को ऊपर उठाया, इस प्रकार कुब्जा का कुबड़ापन ठीक हो गया। अब वह श्रीकृष्ण के माथे पर चंदन का टीका लगा सकी। कुब्जा के बहुत आमन्त्रित करने पर कृष्ण ने उसके घर जाने का वचन देकर उसे विदा किया। Prem Mandir Ki jankari प्रेम मंदिर वृंदावन की जानकारी वृंदावन में कौन कौन से मंदिर है यहाँ श्री राधारमण, श्री राधा दामोदर, राधा श्याम सुंदर, गोपीनाथ, गोकुलेश, श्री कृष्ण बलराम मन्दिर, पागलबाब...

प्रेम मंदिर वृंदावन के दर्शन की पूरी जानकारी

5/5 - (2 votes) Prem Mandir Vrindavan In Hindi, प्रेम मंदिर वृंदावन के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जो आकार में बहुत बड़ा है। आपको बता दें की इस मंदिर को आकार जगदगुरु श्री कृपालुजी महाराज ने वर्ष 2001 में आकार दिया था। यह मंदिर अपनी भव्यता और खूबसूरती के लिए जाना जाता है। वृंदावन का प्रेम मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है जो राधा कृष्ण और सीता राम को समर्पित है। उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित इस मंदिर की यात्रा करने के लिए दूर दूर से भक्त यात्रा करते हैं। प्रेम मंदिर वृंदावन एक नवनिर्मित मंदिर है जो पूरे बृज क्षेत्र में सबसे सुंदर है। आरती के समय इस मंदिर में भक्तों की बड़ी भीड़ होती है। प्रेम मंदिर एक आकर्षक संरचना है जो सफेद संगमरमर से निर्मित है और इस पर बहुत जटिल नक्काशी की गई है। प्रेम मंदिर में में भगवान कृष्ण के जीवन का चित्रण करती हुई कई मूर्तियाँ स्थित हैं, यहां कृष्ण के जीवन के विभिन्न दृश्य, जैसे गोवर्धन पर्वत को उठाना को मंदिर की परिधि पर चित्रित किया गया है। अगर आप प्रेम मंदिर के दर्शन करने की योजना बना रहें हैं या मंदिर के बारे में अन्य जानकारी चाहते हैं तो इस लेख को अवश्य पढ़ें, जिसमे हम आपको प्रेम मंदिर के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहें हैं – 1. प्रेम मंदिर का इतिहास – Vrindavan Prem Mandir History In Hindi प्रेम मंदिर का इतिहास ज्यादा वर्ष पुराना नहीं है। आपको बता दें कि इस मंदिर की आधारशिला 14 जनवरी 2001 को जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज के द्वारा हजारों भक्तों की उपस्थिति में रखी थी। प्रेम मंदिर श्री वृंदावन धाम को समर्पित था जिसे जगद्गुरु कृपालु प्रतिष्ठा (जेकेपी) के प्रायोजन के तहत बनाया गया था, जो एक अंतरराष्ट्रीय, गैर-लाभकारी, आध्यात्मिक,...

प्रेम मंदिर वृंदावन

महत्वपूर्ण जानकारी • स्थान: श्री कृपालु महाराज जी मार्ग, रमन रीति, वृंदावन, उत्तर प्रदेश 281121 • आरती का समय और मंदिर का समय और समापन समय: • सुबह : 05:30 बजे आरती और परिक्रमा • सुबह 06:30 बजे भोग औरद्वार बंद • 08:30 बजे दर्शन और आरती • 11:30 बजे भोग • 12:00 शयन आरती और द्वार बंद • संध्या : 04:30 बजे आरती और दर्शन • 05:30 बजे आरती और दर्शन • 08:00 बजे शयन आरती और दरवाजा बंद • म्यूजिकल फाउंटेन • शाम 7:00 से शाम 7:30 बजे तक • दर्शन करने का सबसे अच्छा समय : प्रेम मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय नवंबर और मार्च के बीच सर्दियों के महीनों में होता है क्योंकि वृंदावन में गर्मियां का मौसम बेहद गर्म होता हैं। प्रेम मंदिर फरवरी / मार्च के दौरान होली समारोह के लिए भी प्रसिद्ध है। • समर्पित: भगवान कृष्ण और भगवान राम को • स्थापत्य शैली: राजस्थानी सोमनाथ गुजराती वास्तुकला • निर्मित तिथि: 17 फरवरी 2012 • कैसे पहुंचे: मंदिर स्थानीय बसों, रिक्शा या राष्ट्रीय राजमार्ग मथुरा रोड से टैक्सियों को किराए पर लेने के द्वारा उपलब्ध है। • निकटतम रेलवे स्टेशन: प्रेम मंदिर वृंदावन से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर मथुरा जंक्शन रेलवे। • निकटतम हवाई अड्डा: प्रेम मंदिर वृंदावन से लगभग 73.5 किलोमीटर की दूरी पर पंडित दीन दयाल उपाध्याय हवाई अड्डा। • सड़क मार्ग से: प्रेम मंदिर वृंदावन से ताज एक्सप्रेस रोड से लगभग 162 किलोमीटर की दूरी पर दिल्ली। • मथुरा रोड (AH1) के माध्यम से प्रेम मंदिर वृंदावन से लगभग 137 किलोमीटर की दूरी पर दिल्ली। प्रेम मंदिर भगवान श्री कृष्ण और भगवान श्री राम को समर्पित है। प्रेम मंदिर वंृदावन के पवित्र शहर, मथुरा जिला, उत्तर प्रेदश में स्थित है। प्रेम मंदिर की स्थापना श्री कृपालु महाराज द्वारा...

प्रेम मंदिर

मुख्य आकर्षण - Key Highlights ◉ 30,000 टन इटली के करारा संगमरमर का निर्माण किया। ◉ 125 फीट ऊंचा, 122 फीट लंबा और 115 फीट चौड़ा है। ◉ 150 गोल खंभो पर खड़ा संपूर्ण आधार हैं। ◉ 9 सुंदर नक्काशीदार गुंबदों के साथ सजाया गया। ◉ 17 सुनहरे रंग के कलश और सबसे ऊपर लहराता एक भव्य ध्वज। ◉ नागरा वास्तुकला के आधार पर बनाया गया। ◉ झूलन लीला, गोवर्धन लीला, रास लीला और कालिया नाग लीला। वृंदावन अपने अंदर धर्म के प्रति निरंतरता का भाव बनाये हुए है। वृंदावन में पुराने मंदिर हैं जिनके साथ साथ अब यह नये मंदिर भी बनते जा रहे हैं। आज-कल श्रद्धालु इन नवीन स्थानों और मंदिरों का रुख किये हुए हैं। ऐसा माना जाता है कि हम भारतीय मनोंरजन में भी पवित्रता के तत्व देखते हैं। यही कारण है कि समय के साथ धार्मिक लोग अपने स्थानों का रूप भी बदल रहे हैं। मुख्य बात यह है कि जीवन में जीवंतता बनी रहे इस बात को भारतीय मानते हैं। इसका नजारा इतना अद्भुत है कि इसे देखकर कोई भी राधे-राधे कहे बिना नहीं रह सकता। वृंदावन में 54 एकड़ में बना यह प्रेम मंदिर 125 फुट ऊंचा, 122 फुट लंबा और 115 फुट चौड़ा है। इसमें हरियाली भरे बगीचे, फव्वारे, श्रीकृष्ण और राधा की मनोहर झांकियां, श्रीगोवर्धन धारण लीला, कालिया नाग दमन लीला, झूलन लीलाएं दिखाई गई हैं। यहां संगमरमर की चिकनी पट्टियों पर श्री राधा गोविंद के सरल दोहे लिखे गए हैं, जिससे इन्हें भक्त आसानी से पढ़ और समझ सकें। बाहरी दीवारों पर मथुरा एवं द्वारका की लीलाएं क्रमबद्ध रूप से चित्रित हैं। कुब्जा-उद्धार, कंस-वध, देवकी-वसुदेव की कारागृह से मुक्ति, सान्दीपनी मुनि के गुरुकुल में जाकर कृष्ण-बलराम का विद्याध्ययन, रुक्मिणी-हरण, सोलह हजार एक सौ आठ रानियों का वर्णन, नारद जी द्वारा श्रीकृष्ण क...

प्रेम मंदिर: दर्शन का समय व देखें फोटो

प्रेम मंदिर के दर्शन आपको भगवद्भक्ति में डुबो देंगे। यह भगवान के प्रेम का एक स्मारक है। यह एक चुंबक की तरह है, जो हर सच्चे साधक और ईश्वर के प्रेम का अनुभव करने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति के दिल और दिमाग को आकर्षित करता है। इस मंदिर ने तो आइये जानते हैं क्यों जगद्गुरु कृपालु जी ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था और साथ ही जानेंगे मंदिर से जुड़े कुछ अन्य प्रमुछ तथ्य। प्रेम मंदिर का इतिहास (History of Prem Mandir) प्रेम मंदिर की आधारशिला पांचवे जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने 14 जनवरी 2001 को हज़ारों भक्तों की उपस्थिति में रखी थी। प्रेम मंदिर श्री वृंदावन धाम को समर्पित है और जगद्गुरु कृपालु परिषद (जेकेपी) के प्रयोजन के तहत बनाया गया है। इस संगठन की स्थापना स्वयं जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने की थी। मंदिर को बनने में करीब 11 से 12 साल का समय लगा। 15 से 17 फरवरी 2012 तक उद्घाटन समारोह के बाद आखिरकार उसी साल 17 फरवरी को मंदिर को जनता के लिए खोल दिया गया। क्यों बनवाया कृपालु महाराज ने यह मंदिर (Why Kripalu Maharaj Built This Temple) कृपालु महाराज श्री राधा कृष्ण के परम भक्त थे। उन्होंने प्रेम मंदिर के रूप में पूरी दुनिया को एक अद्भुत तोहफा दिया है। ये मंदिर बनवाने का उनका उद्देश्य, राधा कृष्ण की भक्ति को विश्व भर में जन-जन तक पहुँचाना है। प्रेम मंदिर का निर्माण (Construction of Prem Mandir) इस भव्य मंदिर की संरचना को पूरा करने के लिए एक हज़ार कारीगरों ने दिन-रात काम किया और निर्माताओं ने 150 करोड़ रुपये ख़र्च किए। प्रेम मंदिर की वास्तुकला बेहद लुभावनी और मंत्रमुग्ध करने वाली है। राजस्थानी सोमनाथ गुजराती स्थापत्य शैली में निर्मित, प्रेम मंदिर वृंदावन के बाहरी इलाके में 54 एकड...