प्रकृति पर 10 वाक्य

  1. 10 lines on Park in Hindi
  2. प्रदूषण पर 10 वाक्य
  3. जल एवं उस के महत्व पर 10 वाक्य (10 Lines on Importance of Water in Hindi)
  4. NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 15
  5. प्रकृति पर निबंध (Essay on nature in hindi) – HistoryDekho.com
  6. 10 lines on rainy season in Hindi । वर्षा ऋतु पर 10 वाक्य


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10 lines on Park in Hindi

In this article, we are providing 10 Lines on Park in Hindi Essay for students and kids for classes 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12. पार्क पर 10 वाक्य | पंक्तियाँ 10 lines on Park in Hindi | पार्क पर 10 लाइन निबंध ( Set- 1 ) 10 lines on Park in Hindi for kids 1. पार्क वह स्थान होता है जहां बच्चो से लेकर बुढो तक लिए लिए एक सावर्जनिक स्थान होता है। 2. यह बहुत बड़े क्षेत्र मे फेहला होता है। 3. इसमें बच्चों के खेलने के लिये झूले लगे होते है। 4. सभी के बैठने के लिया बैंच लगे होते है। 5. पार्क मे सुन्दर पेड़ और फूलो के पौधे लगे होते है। 6. बच्चे पार्क मे खेलते है। 7. सुबह तथा शाम के समय लोग पार्क में सैर करते है। 8. पार्क का वातवरण बहुत सूंदर होता है। 9. पार्क को हमेशा साफ रखना चाहिए। जरूर पढ़े- Essay on Garden in Hindi ( Set- 2 ) 10 lines on Park in Hindi for students 1. पार्क एक ऐसी जगह है जहां पर लोग प्रकृति से मिलते हैं। 2. पार्क में पेड़-पौधे होने की वजह से वहाँ ऑक्सिजन की मात्रा बहुत अधिक होती है | 3. पार्क में कई तरह के सुंदर फूल भी होते हैं जो पूरे वातावरण को सुगंधित कर के रखते हैं। 4. पार्क का वातावरण हर व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करता है। 5. सुबह-सुबह पुराने लोग अपना स्वस्थ ठीक रखने के लिए पार्क में टहलने के लिए जाते है। 6. पार्क में बच्चों के खेलने के लिए कई सारे झूले भी लगाए जाते हैं। 7. बूढ़े लोग अपने दोस्तों से पार्कों में मिलते हैं और उनके साथ गपशप करते हैं। 8. पार्क में ज्यादतर लोग सुबह और शाम के समय आते हैं। 9. पार्क में कई सारे लोग एक साथ मिलकर योगा भी करते हैं। 10. पार्क में हमें कभी भी कोई भी गन्दगी नहीं करनी चाहिए। इस article के माध्यम से हमने Ten lines on Park in H...

प्रदूषण पर 10 वाक्य

मानव जितनी तेजी से इस धरती पर अपना वर्चस्व जमाते हुए विकास की ऊंचाइयों को छू रहा है उतनी ही तेजी से इस धरती को प्रदूषण के बोझ तले दबा रहा है। प्रदूषण से प्रकृति के साथ साथ सभी जीव जन्तु भी प्रभावित हो रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण आज विश्व भर के सभी देशों के लिए एक चुनौती के रूप मे उभर रहा है। हमारी दिन प्रति दिन बढ़ती आवश्यकताएं ही प्रदूषण के बढ़ने का कारण हैं। जिस प्रकार से आए दिन नए नए कारखानों, मिलों की स्थापना हो रही है उसी प्रकार से प्रदूषण भी अपने आप को कई तरह के बीमारियों के रूप में स्थापित कर रहा है। प्रदूषण पर 10 वाक्य (Ten Lines on Pollution in Hindi) चलिए आज इन 10 लाइन्स के माध्यम से हम प्रदूषण को समझतेहैं। Pradushan par 10 Vakya – Set 1 1) 2 दिसंबर को प्रदूषण नियंत्रण दिवस के रूप में उद्घोषित किया गया है। 2) प्रदूषण हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक साबित होता है। 3) ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण आदि प्रदूषण के प्रकार हैं। 4) कारखानों से निकलने वाले रासायनिक पदार्थों को नदियों तालाबों में छोड़ने से जल प्रदूषण होता है। 5) मंदिरों, मस्जिदों के लाउडस्पीकर ध्वनि प्रदूषण का कारण बनते हैं। 6) हमारे द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली प्लास्टिक की थैली भी प्रदूषण का कारण बनती है। 7) वाहनों और कारखानों की चिमनियों से निकलने वाले धुएं से वायु प्रदूषण होता है। 8) वायु प्रदूषण से अनेक प्रकार के सांस की बीमारियां होती हैं। 9) ध्वनि प्रदूषण कानों के अनेक रोगों का कारण बनती है। 10) प्रदूषण की समस्या विश्व भर के सभी देशों में विद्यमान है। 3) महासागरों में 5.25 ट्रिलियन प्लास्टिक कचरे होने का अनुमान है। 4) लैंडफिल के कारण भारत में लगभग 20% मीथेन गैस उत्सर्जन...

जल एवं उस के महत्व पर 10 वाक्य (10 Lines on Importance of Water in Hindi)

जल का महत्व एवं उपयोगिता | Importance of Water Essay in Hindi | Find Here Very Short & Long Essay on Importance & Use of Water in hindi, अनुच्छेद for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 Importance & Use of Water In Hindi जल का उपयोग : Use of Water in Hindi – Essay on Importance of Water in Hindi Importance of Water in Hindi – इस धरती पर सबसे बहुमूल्य रत्न जल है जो प्रकृति के द्वारा मानवता के लिए अनमोल उपहार है, जल की वजह से ही इस धरती पर जीवन संभव है । जल के बिना जीवन की कल्पना भी मुश्किल है या यूं कहें कि यही पृथ्वी पर सम्पूर्ण जीव एवं वनस्पति जगत के जीवन का आधार है । इसलिए हम सभी को जल का महत्व या उपयोगिता को जानना और समझना चाहिए और उसके संरक्षण का प्रयास करना चाहिए। तुलनात्मक रूप से हवा के बाद जल मानव जीवन के लिए दूसरा सबसे महत्वपूर्ण व उपयोगी पदार्थ है। जल के बिना धरती पर जीवन-यापन प्राणि मात्र के लिए असम्भव है। हवा तथा जल के बाद तीसरा अहम पदार्थ भोजन है। लेकिन भोजन के बिना मनुष्य एक महीने या कुछ और अधिक दिनों तक जीवित रह सकता है, परन्तु जल के बिना नहीं। अत: जल ही जीवन है। यह कहावत सत्य है। जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। पृथ्वी पर जल का अपार भंडार हैं। पृथ्वी का 2/3 भाग जल से घिरा है, जोकि मुख्यत: नदियों तथा समुन्दरों के रूप में है लेकिन अफसोसनाक बात यह कि समुद्र का पानी खारा या नमकीन होता है और खारा पानी शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा जो पेयजल उपलब्ध है उसे मानव जाति कभी जानबूझकर तो कभी अनजाने में अशुद्ध व जहरीला बना दे रहा है और जहरीला पानी प्यास तो बुझाता है लेकिन यह हमारे शरीर को कई रोग से ग्रस्त कर देता है। मानव शरीर में 3/...

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 15

प्रश्न 1. बड़े-बड़े बिल्डर समुद्र को पीछे क्यों धकेल रहे थे? उत्तर: बिल्डर निर्माण कार्य हेतु उसे धीरे-धीरे पीछे धकेलते जा रहे थे। प्रश्न 2. लेखक का घर किस शहर में था? उत्तर: लेखक का घर वर्सावा शहर में था। प्रश्न 3. जीवन कैसे घरों में सिमटने लगा है? उत्तर: जीवन छोटे-छोटे डिब्बे जैसे घरों में सिमटने लगा है। प्रश्न 4. कबूतर परेशानी में इधर-उधर क्यों फड़फड़ा रहे थे? उत्तर: कबूतर परेशानी में इधर-उधर इसलिए फड़फड़ा रहे थे, क्योंकि उनका एक अंडा बिल्ली ने तोड़ दिया और दूसरा अंडा लेखक की माँ की असावधानी के कारण टूट गया। इस तरह दोनों अंडों के टूट जाने पर अर्थात् अपने बच्चों का विनाश देखकर कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे। लिखित (क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए- प्रश्न 1. अरब में लशकर को ‘नूह’ के नाम से क्यों याद करते हैं? उत्तर: अरब में लशकर को ‘नूह’ के नाम से लोग इसलिए याद करते हैं, क्योंकि ‘नूह’ नामक पैगंबर का असली नाम ‘लशकर’ ही था। प्रश्न 2. लेखक की माँ किस समय पेड़ों के पत्ते तोड़ने के लिए मना करती थीं और क्यों? उत्तर: लेखक की माँ सूरज ढलने के समय आँगन के पेड़ों से पत्ते तोड़ने के लिए मना करती थीं, क्योंकि उनकी कहना था कि इस समय पत्ते तोड़ने से वे रोते हैं और किसी को भी दुख पहुँचाना ठीक नहीं है। प्रश्न 3. प्रकृति में आए असंतुलन का क्या परिणाम हुआ है? उत्तर: प्रकृति में आए असंतुलन का भयंकर परिणाम हुआ है। जैसे-अब गरमी के मौसम में गरमी की अति, बेवक्त की बरसातें, ज़लज़ले, सैलाब, तूफ़ान और नित नए रोगों का उत्पन्न होना आदि अर्थात् अतिवृष्टि, अल्पवृष्टि तथा अनावृष्टि का होना इसी का परिणाम है। प्रश्न 4. लेखक की माँ ने पूरे दिन का रोज़ा क्यों रखा? उत्तर: ...

प्रकृति पर निबंध (Essay on nature in hindi) – HistoryDekho.com

प्रस्तावना प्रकृति हमारे चारों ओर ईश्वर की सबसे दिव्य रचना है, इसे मानव जाति का अभिन्न अंग माना जाता है। प्रकृति ने हमें इस ग्रह पर जीवित रहने के लिए पानी, हवा, पौधों और बहुत कुछ दिया है। लेकिन क्या हम अपनी माँ की प्रकृति पर वापस लौट रहे हैं? इसका उत्तर यह है कि हम न केवल वापस भुगतान करने में असफल रहे हैं बल्कि प्रकृति का भी काफी हद तक दोहन किया है। प्रकृति चारों ओर से सुंदरता प्रदान करती है, यह प्रकृति है जो परिवेश को आकर्षक बनाती है और रहने के लिए योग्य है। प्रकृति और उसके विभिन्न वरदानों के कारण मानव जीवन संभव है। माँ प्रकृति भगवान का एक उपहार है और हमें अपनी माँ का सम्मान और प्यार करना चाहिए। अद्वितीय आशीर्वाद प्रकृति हमारे लिए एक अद्वितीय आशीर्वाद है, इस धरती पर भगवान द्वारा बनाई गई हर चीज का जीवन में कुछ उद्देश्य और व्यवस्था है। दीप्तिमान नदियाँ, चमचमाती घाटियाँ, विशाल पर्वत, नीला महासागर, सफेद आकाश, सूरज, बारिश, चाँद और सूची गैर-अंत है। इन सभी चीजों का कुछ क्रम होता है और जीवन में एक उद्देश्य की पूर्ति करता है। इस सब के बावजूद, हम अभी भी ऐसी गतिविधियाँ कर रहे हैं जो न केवल हानिकारक हैं, बल्कि प्रकृति के चारों ओर वास्तविक तबाही का कारण बन सकती हैं। पारिस्थितिकी तंत्र इस ग्रह पर कई जीव हैं और हर एक प्राणी पारिस्थितिकी तंत्र में एक निर्धारित उद्देश्य को पूरा करता है। दूसरी ओर, मानव इस पारिस्थितिकी तंत्र के उन स्थानों और चीजों में प्रवेश करने की कोशिश कर रहा है, जिन्हें वे प्रवेश नहीं देना चाहते हैं। वे पर्यावरण के पारिस्थितिक चक्र में असंतुलन पैदा कर रहे हैं और इस तरह चारों ओर तबाही मचा रहे हैं। प्रकृति का दुरुपयोग हम जो कुछ भी करते हैं वह प्रकृति पर निर्भर है। वास्तव ...

10 lines on rainy season in Hindi । वर्षा ऋतु पर 10 वाक्य

भारतवर्ष, पूरे विश्व में अनेक विविधताओं के लिए प्रसिद्ध है। फिर चाहे ये विविधता भाषाओँ की हो, मान्यताओं की हो या फिर बदलती ऋतुओं की। वर्तमान में विज्ञान के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि जब समुद्र से सूर्य के प्रकाश के कारण वाष्प में परिवर्तित होकर पानी बादल के रूप में एकत्र हो जाता है और फिर वही पानी बादलों से वर्षा के रूप में धरती पर पुनः आकर इसे हरा भरा बनाता है। वर्षा होती है तो प्रकृति आनंद से झूम उठती है, चारों दिशाओं में रोमांच स्पष्ट देखने को मिलता है, मोर नाचना शुरू कर देते हैं और धरा की अप्रतिम सुंदरता पर चार चांद लग जाते हैं मानो स्वयं हरि प्रकट हुए हो। 10 lines on rainy season | वर्षा ऋतू पर 10 पंक्तियाँ • वर्षा ऋतु अर्थात बरिश का मौसम। बारिश की हमारे जीवन में बहुत अधिक उपयोगिता है। बारिश साक्षात् जीवन का आधार स्वरुप है। • सूखे तालाब, जलाशयों और नदियों में बारिश होते ही जल की कमी पूरी हो जाती है। नदियां पुनः कल कल करती हुई बहने लगती हैं । • जलाशयों के भरने से हिरन आदि जीव जन्तु उसमें अपनी प्यास बुझाने के लिए आते है। केवल जानवर ही नहीं अपितु पक्षी भी जलाशयों से जल पीने आते हैं। • घनघोर घटा को देखकर मोर भी प्रसंन्ता से नृत्य करना शुरु कर देते हैं। पक्षी चहचहाने लगते हैं। पेड़ हवा के झोंको से मानो झूम रहे हों ऐसे प्रतीत होते हैं । • बारिश होने से धरती शोभित होती है, फसलों में शुद्धता देखने को मिलती है और फसलें पूरी तरह से उगना शुरु करती हैं। • बारिश के समय सम्पूर्ण वातावरण शीतल हो जाता है। सभी प्राणियों को आनन्द की अनुभूति होती है। • बहुत अधिक गर्मी से परेशान सभी प्राणियों के लिए वर्षा अत्यंत राहत प्रदान करने वाली होती है। • बारिश में बच्चे कागज की नाव बना कर खेलते ह...