प्रमोटेड मीन्स पास और फेल इन डिग्री

  1. विदेशी डिग्री धारक 77 फीसदी भारतीय छात्र Mci परीक्षा में फेल
  2. प्रमोटेड व फेल हुए विद्यार्थी भी 24 तक प्रथम खंड का परीक्षा फाॅर्म भर सकेंगे
  3. कॉलेज की परीक्षा से अलग है आईएएस का एग्जाम, पास करने के लिए बदलना होगा माइंडसेट mindset needed to be changed to qualify IAS exam
  4. Analysis अब शिक्षा का अर्थ पास या फेल होना और प्रमाणपत्र पाना ही रह गया है
  5. भारत में छात्रवृत्ति 2020
  6. brabu university is giving big relief to failed and promoted students in pg mdn
  7. 77 Percent Indians With Foreign Medical Degree Fail To Clear MCI Screening Since 2004
  8. प्रमोटेड का अर्थ क्या है? » Promoted Ka Arth Kya Hai
  9. 71 percent pass in degree part two results


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विदेशी डिग्री धारक 77 फीसदी भारतीय छात्र Mci परीक्षा में फेल

विदेशी डिग्री धारक 77 फीसदी भारतीय छात्र MCI परीक्षा में फेल देश के बाहर के किसी मेडिकल संस्थान से ‘प्राथमिक चिकित्सकीय योग्यता’ (एमबीबीएस या इसके समकक्ष) प्राप्त करने वाला भारतीय नागरिक अगर एमसीआई में या किसी राज्य की मेडिकल काउंसिल में अस्थायी या स्थायी रूप से पंजीकरण कराना चाहता है तो उसे एमसीआई द्वारा राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) के माध्यम से संचालित जांच परीक्षा उत्तीर्ण करने की जरूरत होती है। सूचना के अधिकार के तहत एनबीई द्वारा जांच परीक्षा में बैठने वाले छात्रों के साल-दर-साल के हिसाब से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से प्रदर्शित होता है कि 2004 से सिर्फ दो बार 50 फीसदी से अधिक छात्र पास हुए। जबकि एक बार ऐसा भी हुआ कि इस परीक्षा में सिर्फ चार छात्र ही पास हो पाए। 2005 में सबसे अधिक 76.8 फीसदी छात्र इस परीक्षा में सफल हुए। परीक्षा में शामिल हुए छात्रों की संख्या 2,851 थी और 2,192 छात्र पास हुए थे। मार्च 2008 में परीक्षा देने वाले 1,851 छात्रों में से 1,087 छात्र पास हुए और पास होने वाले छात्रों का प्रतिशत 58.7 रहा। वर्ष 2015 में हुए परीक्षा के दो सत्रों में सिर्फ 10.4 फीसदी और 11.4 फीसदी छात्र ही पास हो सके। पिछले साल जून में 5,967 फीसदी छात्र परीक्षा में बैठे लेकिन पास होने वालों की संख्या केवल 603 थी। जबकि दिसंबर 2015 में परीक्षा देने वाले 6,407 छात्रों में से केवल 731 छात्र ही पास हो पाए। एक अन्य आंकड़े के अनुसार, एमसीआई ने कहा कि वर्ष 2012 से 2015 के बीच उसने भारत के बाहर से ‘प्राथमिक चिकित्सकीय योग्यता’ हासिल वाले भारतीय नागरिकों को 5,583 ‘योग्यता प्रमाणपत्र’ जारी किए।

प्रमोटेड व फेल हुए विद्यार्थी भी 24 तक प्रथम खंड का परीक्षा फाॅर्म भर सकेंगे

मुख्यालय डुमरा स्थित उर्मिला देवी सदानंद यादव गुरुकुल डिग्री कॉलेज परिसर में गुरुवार को प्राचार्या नूतन रमण की अध्यक्षता में छात्र-छात्राओं के बीच गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कॉलेज के गतिविधियों के बारे में छात्र छात्राओं को जानकारी दी गई। प्राचार्या ने कहा कि बीआरए बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर के निर्देश पर स्नातक प्रथम वर्ष परीक्षा 2022 के लिए ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म भरा जा रहा है। इसके लिए अंतिम तिथि 24 सितंबर निर्धारित किया गया है। जो छात्र एवं छात्रा अब तक परीक्षा फॉर्म नहीं भर सके है, उनके लिए यह अंतिम अवसर है। ऐसे छात्र-छात्रा अंतिम तिथि का इंतजार न करें। 23 सितम्बर तक अपना परीक्षा फॉर्म अनिवार्य रूप से भर ले। इस अवधि में छात्र-छात्रा को फॉर्म में यदि कुछ त्रुटियों में सुधार कराना है तो वे भी कॉलेज से सम्पर्क कर सुधार करवा सकते है। वैसे छात्र जो प्रमोटेड, फेल या किसी कारणवश सत्र 2020-23 में परीक्षा फॉर्म नहीं भर सके थे, वे भी इस अवधि में फॉर्म भर सकते है।

कॉलेज की परीक्षा से अलग है आईएएस का एग्जाम, पास करने के लिए बदलना होगा माइंडसेट mindset needed to be changed to qualify IAS exam

कॉलेज की परीक्षाएं पास और फेल होने की नीति पर आधारित रहती हैं. वहां न्यूनतम अंक ले लाइए, आपका वह साल सार्थक हो जाएगा और आप अगली क्लास में पहुंच जाएंगे. इस तरह अन्त में आपको एक डिग्री मिल ही जाएगी. पर प्रतियोगी परीक्षाएं ऐसी नहीं होतीं. यहां पास और फेल का सिद्धान्त काम नहीं करता, सिलेक्शन का सिद्धान्त काम करता है. प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सिलेक्ट किए जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या पहले से ही घोषित होती है. परीक्षा आयोजित की जाती है और अन्तिम परिणाम में मेरिट के आधार पर उतने विद्यार्थी चयनित घोषित कर दिए जाते हैं, जितने अधिकारियों की उन्हें जरूरत होती है. जाहिर है कि ऐसी स्थिति में हो सकता है कि आपने परीक्षा में मार्क्स तो साठ प्रतिशत स्कोर किए हों, लेकिन आप सिलेक्ट नहीं हो पाए हों. इसका मतलब यह हुआ कि जो सिलेक्ट हुए हैं, उनके अंक आपकी तुलना में अधिक थे. अब आपको फिर से परीक्षा में बैठना पड़ेगा. इस परीक्षा के अंकों की कोई रियायत आपको अगले साल की परीक्षा में नहीं मिलेगी. और न ही इस बात का कोई सर्टीफिकेट मिलेगा कि आपने इस स्तर तक की सफलता प्राप्त कर ली है. यह मूलतः कॉम्पीटिशन पर आधरित एक ऐसी परीक्षा है, जिसमें हर विद्यार्थी एक-दूसरे के विरोध में खड़ा हुआ है. यह एक ऐसी परीक्षा है, जिसमें आपकी सफलता किसी और की असफलता का तो आपकी असफलता किसी और की सफलता का कारण बनती है. इसलिए इसमें जो क्षमता चाहिए, वह एक प्रकार से खिलाड़ियों वाली मारक क्षमता चाहिए, जिसे हम ‘किलिंग इंस्टिंक्ट‘ के नाम से जानते हैं. इसलिए ऐसी परीक्षा की तैयारी की पद्धति भी बदल जाती है, क्योंकि आपकी सफलता केवल इस बात पर निर्भर नहीं करती कि आपने कैसी तैयारी की है, बल्कि इस बात पर भी निर्भर करती है कि दूसरों की तैयारी ...

Analysis अब शिक्षा का अर्थ पास या फेल होना और प्रमाणपत्र पाना ही रह गया है

[गिरीश्वर मिश्र]। आज विद्यालय स्तर की शिक्षा के समक्ष अनेक प्रश्न खड़े हैं। इनके समाधान की अपेक्षा है। इन प्रश्नों का उत्तर खोजना सरल कार्य नहीं रहा, खास तौर पर तब जब जीवन के नक्शे में बड़ा बदलाव आ रहा है। एक जमाना था जब सभी औपचारिक शिक्षा के लिए अनिवार्य रूप से विद्यालय नहीं जाते थे। कुछ लोग घरों पर खेती, पशुपालन या व्यापार जैसे अन्य जीवनोपयोगी काम करते हुए वयस्क व्यक्तियों के साथ रहते हुए जीवन जीना सीखते थे। आज हम इसे शिक्षा नहीं कहेंगे, क्योंकि हमारे लिए अब शिक्षा का अर्थ पास या फेल होना और प्रमाणपत्र पाना ही रह गया है। कोई बच्चा पहलेस्कूल जाए फिर विद्यालय। विद्यालय के बाद विश्वविद्यालय और इस क्रम में पास होने के सर्टिफिकेट एकत्र करता रहे। हाल में एक बच्ची मिली जिसने एक अच्छे स्कूल से पहली कक्षा की पढाई पूरी कर दूसरे दर्जे में गई है। छुट्टियों के दौरान खेल-कूद में उसे अपने स्कूल की सबसे रोचक और महत्वपूर्ण बात याद आई। उसने कहा, चलो पास-फेल खेलें। वह फुदकफुदक कर घर भर के लोगों की परीक्षा लेकर उन्हें पास और फेल घोषित करती है। दरअसल वह स्कूल में टीचर के अधिकार को नाटक में ही सही, अपने तरीके से अनुभव कर रही है। उसे इस खेल में मजा भी आ रहा है। सचमुच स्कूल की वर्ष भर की शिक्षा का सारांश है परीक्षा और उसकी अंतिम परिणति है पास या फेल होना। परीक्षा इतनी केंद्रीय हो चुकी है कि छात्र के साथ माता-पिता कोई कसर नहीं छोड़ते। कोई चूक नहीं होनी चाहिए। तंत्र-मंत्र, पूजन-हवन, जप-तप, ट्यूशन-कोचिंग, सिफारिश की शरण लेनी हो या फिर सीधे-टेढ़े सेवा-शुल्क देना हो, किसी भी तरह ले-देकर परीक्षा रूपी इस महायुद्ध से निपटने की तैयारियां की जाती हैं और कुछ वीर सूरमा सफल हो जाते हैं, लेकिन एक बड़ी संख्या में ...

भारत में छात्रवृत्ति 2020

भारत में छात्रवृत्ति – क्या आपको पता है कि भारत में हजारों करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मेधावी और उपेक्षित छात्रों के लिए उपलब्ध है? शायद ऩही। तेजी से बढ़ रही शिक्षा की लागत के साथ, बहुत सारे योग्य छात्र उच्च अध्ययन की अपनी लालसा को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। यहाँ पर, इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी रिसर्च स्टडीज (पीआरएस), नई दिल्ली की एक रिपोर्ट के अनुसार, 10 वीं कक्षा में दाखिल छात्रों का प्रतिशत 77% है जबकि 11 वीं कक्षा में दाखिल छात्रों का प्रतिशत कम होकर 52% तक हो गया है। इसमें स्पष्ट रूप से कक्षा 10 वीं से कक्षा 11 वीं तक के छात्रों के ड्राप -आउट को दिखाया गया है। इसलिए यह भारत में स्कॉलरशिप की आवश्यकता को उनके लिए महत्वपूर्ण और जरुरी बनाता है। इस ड्रॉप-आउट स्थिति से निपटने के लिए, गवर्नमेंट और अन्य दूसरे सार्वजनिक और साथ ही साथ प्राइवेट संगठन, उनकी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए उपयुक्त सहायता करने के लिए आगे आए हैं। आप अपनी पढाई जैसे मेरिट-आधारित, मीन्स-आधारित, टैलेंट-आधारित खेल-आधारित इत्यादि को जारी रखने के लिए कई प्रकार की स्कॉलरशिप पाने के लिए स्वतंत्र हैं। आप ऐसे सभी प्रकार के स्कॉलरशिप के बारे में जानने के लिए नीचे दिए गए विवरण को देख सकते हैं। हालांकि, ऐसी स्कॉलरशिप की सूची को देखने से पहले, आपको भारत में स्कॉलरशिप के बारे में कुछ सामान्य मिथकों के बारे में जानकारी होना चाहिए। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • भारत में छात्रवृत्ति – मिथक स्कॉलरशिप का क्षेत्र गलतफहमियों से भरा हुआ है। भारत में स्कॉलरशिप के बारे में कुछ सबसे आम मिथक हैं- • स्कॉलरशिप केवल आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों या समाज के वंचित वर्गों से संबंधित छात्रों को दिया जाता है। • स्कॉलरशिप केव...

brabu university is giving big relief to failed and promoted students in pg mdn

BRABU: विवि पीजी में फेल व प्रमोटेड छात्रों दे रहा बड़ी राहत,फिर से ले सकेंगे दाखिला, जाने क्या हुए बदलाव बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में पीजी सत्र 2019-21 के 100 से अधिक छात्रों को फिर से प्रथम सेमेस्टर में नामांकन लेना होगा. परीक्षा बोर्ड ने इन्हें मार्क देकर उत्तीर्ण करने के प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया है. इस कारण इन सभीका तीन साल बर्बाद हो गया है. बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में पीजी सत्र 2019-21 के 100 से अधिक छात्रों को फिर से प्रथम सेमेस्टर में नामांकन लेना होगा. परीक्षा बोर्ड ने इन्हें मार्क देकर उत्तीर्ण करने के प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया है. इस कारण इन सभीका तीन साल बर्बाद हो गया है. हालांकि इनके लिए छूट दी गयी है कि वर्तमान में चल रहे सत्र 2021-23 की नामांकन प्रक्रिया में बगैर आवेदन के ये शामिल हो सकते हैं. आवेदन के साथ ही आवेदन शुल्क भी माफ कर दिया जायेगा, जबकि अन्य शुल्क जमा कराना होगा. दूसरी बार प्रमोटेड और फेल होने के कारण इन छात्रों को ग्रेस मार्क या विशेष परीक्षा का लाभ नहीं मिल सकेगा. सोमवार को दर्जनों छात्र-छात्राओं ने परीक्षा नियंत्रक डॉ संजय कुमार से मिलकर अपनी परेशानी बतायी. छात्र-छात्राओं ने कहा कि उन्हें एक-दो नंबर कम दिया गया है, जिसके कारण वे फेल हो गये हैं. छात्रों ने मूल्यांकन पर भी सवाल उठाया. कहा कि पेपर-3 में ही सभी फेल हुए हैं. ग्रेस मार्क देकर पास कराने का आग्रह करते हुए कहा कि उनका तीन वर्ष का समय बर्बाद हो जायेगा. परीक्षा नियंत्रक डॉ संजय कुमार ने कहा कि इन छात्रों के लिए शनिवार को परीक्षा बोर्ड की बैठक बुलायी गयी थी, लेकिन नियम का हवाला देकर सदस्यों ने इस पर स्वीकृति नहीं दी. सदस्यों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि इन छात्रों को यह छूट दी...

77 Percent Indians With Foreign Medical Degree Fail To Clear MCI Screening Since 2004

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प्रमोटेड का अर्थ क्या है? » Promoted Ka Arth Kya Hai

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। विकी प्रमोटेड की बात करें तो प्रमोटेड का मतलब होता है अगर यह क्लास रूम में बोला जाता है तो इसका यह मतलब होता है कि आप को आगे बढ़ा दिया गया है या फिर आपका जो है वह इनक्रीस आपने किया है जिससे कि किसी भी इवेंट के आगे प्रोग्रेस हुई है प्रमोटेड का मतलब यही होता है किसी भी चीज को आगे बढ़ाना vikee promoted ki baat karein toh promoted ka matlab hota hai agar yeh class room mein bola jata hai toh iska yeh matlab hota hai ki aap ko aage badha diya gaya hai ya phir aapka jo hai wah increase aapne kiya hai jisse ki kisi bhi event ke aage progress hui hai promoted ka matlab yahi hota hai kisi bhi cheez ko aage badhana विकी प्रमोटेड की बात करें तो प्रमोटेड का मतलब होता है अगर यह क्लास रूम में बोला जाता है तो

71 percent pass in degree part two results

प्रोवीसी ने बताया कि कोसी और पूर्णिया प्रमंडल के सभी अंगीभूत और संबद्ध कॉलेजों से 51186 छात्रों ने परीक्षा के लिए फॉर्म भरे थे, जिसमें 36400 छात्रों को पास विथ ऑनर्स घोषित किया गया। जोकि 71 प्रतिशत है।उन्होंने बताया कि 1537 छात्र फेल घोषित किए गए हैं। जबकि 7344 छात्र प्रमोटेड हुए हैं। क्वालीफाई छात्रों की संख्या 4322 जबकि पार्टली क्वालीफाई छात्रों की संख्या 179 फेल और डिसक्वालीफाई छात्रों की संख्या 959 है। परीक्षा में अनुपस्थित रहने वाले परीक्षार्थियों की संख्या 1211 था। पूरे रिजल्ट प्रक्रिया में मात्र 193 परीक्षार्थी परीक्षार्थियों का रिजल्ट पेंडिंग हुआ है। प्रति कुलपति ने बताया कि अंक पत्र महाविद्यालयों को बाद में भेजा जाएगा। फिलहाल परीक्षार्थी अपना रिजल्ट वेबसाइट पर ही देख सकेंगे।रिजल्ट प्रकाशित करने के मौके पर विवि के कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे।