पर्यावरण प्रदूषण को विस्तार पूर्वक समझाइए

  1. रेडियोधर्मी प्रदूषण क्या है इसके विभिन्न स्रोतों को विस्तार से समझाइए? – ElegantAnswer.com
  2. पर्यावरण प्रदूषण
  3. पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध, हिंदी में: environmental pollution essay in hindi, meaning, information, speech, effect, 100 words, 200 words, 500 words
  4. पर्यावरण प्रदूषण और उसके प्रकार
  5. पर्यावरण की भारतीय अवधारणा


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रेडियोधर्मी प्रदूषण क्या है इसके विभिन्न स्रोतों को विस्तार से समझाइए? – ElegantAnswer.com

रेडियोधर्मी प्रदूषण क्या है इसके विभिन्न स्रोतों को विस्तार से समझाइए? इसे सुनेंरोकेंरेडियोधर्मी प्रदूषण के मुख्य स्रोत हैं जिससे पर्यावरण की गुणवत्ता का विघटन होता है। इस प्रकार के प्रदूषण के दो प्रमुख स्रोत हैं- प्राकृतिक तथा (2) मानवीय। प्राकृतिक प्रक्रियायें – रेडियम, यूरेनियम, थ्योरियम, पोटेषियम तथा कार्बन पदार्थ चट्टानों से निकालने से भी प्रदूषण होता है। ाद्विक प्रदूषण क्या है? इसे सुनेंरोकेंप्रदूषण — प्रदूषण वह है जो पर्यावरण के लिए हानिकारक है । प्रदूषक –प्रदूषक ऐसे पदार्थ होते हैं जिनके कारण पर्यावरण में प्रदूषण फैलता है। ध्वनि प्रदूषण के कारण एवं प्रभाव क्या क्या है? इसे सुनेंरोकेंबढ़ता शहरीकरण, परिवहन (रेल, वायु, सड़क) व खनन के कारण शोर की समस्या गंभीर रूप लेती जा रही है। विवाह, धार्मिक आयोजनों, मेलों, पार्टियों में लाउड स्पीकर का प्रयोग और डीजे के चलन भी ध्वनि प्रदूषण का मुख्य कारण है। ध्वनि प्रदूषण के कारण बोलने में व्यवधान, चिड़चिड़ापन व नींद में व्यवधान होता है। पर्यावरण प्रदूषण क्या है इसके प्रकार बताइए? इसे सुनेंरोकेंपर्यावरण प्रदूषण कितने प्रकार का होता है मुख्य रूप से पर्यावरण प्रदूषण के 4 भाग होते हैं. जिसमें जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, ये 4 तरह के प्रदूषण के होते हैं. प्रदूषक कितने प्रकार के होते हैं? इसे सुनेंरोकेंप्रदूषण के 10 प्रकार क्या हैं? प्रदूषण के प्रमुख रूपों में वायु प्रदूषण, प्रकाश प्रदूषण, कूड़े, ध्वनि प्रदूषण, प्लास्टिक प्रदूषण, मिट्टी प्रदूषण, रेडियोधर्मी प्रदूषण, थर्मल प्रदूषण, दृश्य प्रदूषण और जल प्रदूषण शामिल हैं। पर्यावरणीय प्रदूषण क्या है जो पर्यावरणीय प्रदूषकों के नाम लिखिए? इसे सुनेंरोकेंमानव की विकास सम...

पर्यावरण प्रदूषण

वर्तमान में पर्यावरण प्रदूषण एक गंभीर समस्या है। वायु , जल तथा मृदा , मानव जीवन तथा अन्य सभी जीवों के लिए अनिवार्य है। यदि प्रदूूषण एक सीमा को पार कर जाये तो लोगों की मौत भी हो सकती है। मृदा प्रदूषण से कृषि योग्य भूमि का क्षेत्रफल घट सकता है तथा जल प्रदूषण से महामारी फैल सकती है। इसलिए पर्यावरण प्रदूषण के बारे में लोक जन में जानकारी बढ़ाना अनिवार्य है। प्रदूषण तत्व Pollutants सभी प्रकार के प्रदूषण तत्व जीव रसायन प्रक्रियाओं को प्रभावित करते हैं। कुछ प्रदूषण तत्व तो शरीर के अंगो को कमजोर करते हैं जबकि कुछ के कारण तत्काल मृत्यु हो जाती है।उदाहरण के लिए हाइड्रोकार्बन से कुछ जीव जैसे डाइटम की भोजन उत्पादन शक्ति कमजोर हो जाती है , जबकि रासायनिक खाद के उपयोग से यह खाद जलाशयों तथा नदियों में खरपतवार की मात्रा में वृद्धि करता है , जबकि पेट्रोलियम प्रदूषण से जूप्लेंकटन पक्षियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। प्रदूषण का प्रभाव तो प्रतिकूल होता ही है , इसके स्थायित्व में भी विविधता पाई जाती है। कुछ प्रदूषण तत्व कुछ मिनटों के लिए होता है तो कुछ पर्यावरण में हजारों वर्ष तक रहते हैं। इसलिए इनका जैव तथा पशु पक्षियों पर भिन्न-भिन्न प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। पर्यावरणीय प्रदूषण के प्रकार Type of Pollution मूदा प्रदूषण Soil Pollution • कृषि क्षेत्रफल में कमी हो जाएगी। • नाइट्रोजन स्थिरीकरण में कमी आएगी। • लवणता में वृद्धि हो जाएगी। • जैव विधिवता में कमी आएगी • रासायनिक पदार्थ एवं कीटनाशक दवाईयाँ जिनका उपयोग फसल को उगाने में किया गया है वह आहार श्रृखंला के द्वारा मानव एवं पशु-पक्षियों के शरीर में प्रवेश कर जाता है जिसके कारण बहुत सी बीमारियाँ फैलती हैं तथा उसकी मृत्यु हो जाती है। एक अनुमान के अ...

पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध, हिंदी में: environmental pollution essay in hindi, meaning, information, speech, effect, 100 words, 200 words, 500 words

विषय-सूचि • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • पर्यावरणप्रदूषणपरनिबंध, environmental pollution essay in hindi (150 शब्द) प्रस्तावना: पर्यावरणप्रदूषणवर्तमानसमयकेपरिदृश्यमेंहमारेग्रहद्वारासामनाकिएजानेवालेसबसेमहत्वपूर्णखतरोंमेंसेएकहै।यहएकवैश्विकमुद्दाहै, जोआमतौरपरसभीदेशोंमेंदेखाजाताहै, जिसमेंतीसरीदुनियाकेदेशभीशामिलहैं, चाहेउनकीविकासकीस्थितिकुछभीहो। पर्यावरणप्रदूषणक्याहै? पर्यावरणप्रदूषणतबहोताहैजबमानवगतिविधियाँपर्यावरणमेंप्रदूषणकापरिचयदेतीहैं, जिससेदिनचर्याकीप्रक्रियाबाधितहोतीहै, जिससेपर्यावरणमेंअपरिवर्तनीयपरिवर्तनहोतेहैं।प्रदूषणफैलानेवालेएजेंटोंकोप्रदूषककहाजाताहै।प्रदूषकपदार्थप्रकृतिमेंहोनेवालेपदार्थहैंयाबाहरीमानवगतिविधियोंकेकारणबनाएजातेहैं।प्रदूषकभीपर्यावरणमेंऊर्जाकीकमीकेरूपहोसकतेहैं।प्रदूषकोंऔरपर्यावरणकेघटकोंमेंहोनेवालेप्रदूषणकेआधारपर, पर्यावरणप्रदूषणकोनिम्नानुसारवर्गीकृतकियाजासकताहै: 1. वायुप्रदुषण 2. जलप्रदूषण 3. मिट्टी/ 4. ध्वनिप्रदूषण 5. रेडियोधर्मीप्रदूषण 6. ऊष्मीयप्रदूषण निष्कर्ष: पर्यावरणमेंपायाजानेवालाकोईभीप्राकृतिकसंसाधन, जबइसकीपुनर्स्थापनाकीक्षमतासेअधिकदरपरउपयोगकियाजाताहै, तोकमीहोजातीहै, जिससेपर्यावरणप्रदूषणहोताहै।इससेपर्यावरणीयगुणवत्तामेंगिरावटआएगीऔरजैवविविधताकीहानि, वनस्पतियोंऔरजीवोंकीहानि, नईबीमारियोंकीशुरूआतऔरमानवआबादीमेंतनावपूर्णजीवन, आदिइसकासबूतहै। पर्यावरणप्रदूषणपरनिबंध, environmental pollution essay in hindi (250 शब्द) प्रस्तावना: पर्यावरण पर्यावरणप्रदूषणकेपरिणामस्वरूपहोनेवालीबीमारियोंसहितखतरनाकप्रभाव।पर्यावरणप्रदूषणमूलरूपसेभौतिकऔरजैविकदोनोंप्रणालियोंमेंपर्यावरणकीप्रकृतिकासंदूषणहैजोपर्यावरणकेसामान्यकामकाजकोप्रभावितकरताहै। पर्यावरणप्रदूषण...

पर्यावरण प्रदूषण और उसके प्रकार

पर्यावरण प्रदूषण एक अवांछनीय स्थिति है। जब मनुष्य के क्रिया-कलापों द्वारा जल, वायु तथा भूमि की नैसर्गिक गुणवत्ता में ह्रास होने लगता है। जिसका मनुष्य तथा अन्य जीवधारियों के जीवन तथा स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। पर्यावरण प्रदूषण कहलाता है। Pollution शब्द लेटिन भाषा के शब्द Pollutionem से बना है। जिसका अर्थ होता है-अपवित्र करना या गन्दा करना। पर्यावरण प्रदूषण मानव जनित समस्या है। जिसके गम्भीर परिणाम देखने को मिल रहे हैं। पर्यावरण अवनयन या अवक्रमण सामान्य रूप में पर्यावरण अवनयन तथा पर्यावरण प्रदूषण समानार्थी समझे जाते हैं। क्योंकि दोनों का सम्बन्ध पर्यावरण की गुणवत्ता में ह्रास से होता। किन्तु कारकों और प्रभाव क्षेत्र के आधार पर इनमें अन्तर होता है। पर्यावरण प्रदूषण का सम्बन्ध मात्र मनुष्य के कार्यों द्वारा स्थानीय स्तर पर पर्यावरण की गुणवत्ता में ह्रास से है। जबकि पर्यावरण अवनयन का सम्बन्ध मानव कार्यों तथा प्राकृतिक प्रक्रमों द्वारा स्थानीय, प्रादेशिक एवं विश्व स्तरों पर पर्यावरण की गुणवत्ता में ह्रास से है। ज्वालामुखी उद्भेदन, भूकम्प, वायुमण्डलीय तूफान, बाढ़, सूखा, प्राकृतिक कारणों से वनों में अग्नि का प्रकोप (दावानल), उपलवृष्टि, अति हिमपात, भौतिकीय अपरदन, भूमि स्खलन आदि प्राकृतिक कारक। इन कारकों के कारण स्थानीय, प्रादेशिक अथवा विश्व स्तर पर पारिस्थितिक तन्त्रों में अव्यवस्था उत्पन्न हो जाती है। जो जीवन के लिए अनुकूल नहीं होती। अतः मानव तथा प्रकृति जनित कारणों से पर्यावरण ह्रास की प्रक्रिया को पर्यावरण अवनयन कहते हैं। प्रदूषक-Pollutants प्रदूषण उत्पन्न करने वाले पदार्थों को प्रदूषक कहते हैं। ये मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं। 1- Biodegradable pollutants वे पदार्थ जो ...

पर्यावरण की भारतीय अवधारणा

पर्यावरण परिभाषा विस्तार एवं महत्व • प्रदूषण , वनों का दोहन ठोस अपशिष्ट का निस्तारण , पर्यावरण के स्तर में गिरावट , राष्ट्रीय सुरक्षा , आर्थिक उत्पादकता , भूमण्डलीय तापीकरण , ओजोन की परत का ह्रास तथा जैव विविधता की क्षति जैसी लगातार चिन्ताओं ने प्रत्येक मनुष्य को पर्यावरण के प्रति सचेत कर दिया है। विश्व भर में आयोजित हो रही संगोष्ठियों में न केवल पर्यावरण संरक्षण पर बहस छेड़ी है अपितु संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1992 में रियो डि जेनेरो तथा 2002 में जोहान्सबर्ग में पर्यावरण विकास तथा सतत् विकास पर गहन विचार कर विश्व भर में लोगों के जहन में पर्यावरण के प्रति एक जागरूकता भी पैदा की है। आज सम्पूर्ण धरती पर एक ऐसी स्थिति पैदा हो गयी है , जहाँ पर हर कोई पर्यावरण के प्रति सजग रहना चाहता है। पर्यावरणीय आपदाओं का प्रबन्धन आज एक महत्वपूर्ण व्यवसाय बन गया है। अतः पर्यावरण विज्ञान व पर्यावरणीय अध्ययन के महत्व को कमतर नहीं आँका जा सकता है। मानव की उन्नति के लिए सतत् विकास ही एक महत्वपूर्ण रास्ता है। सभ्यता के आरम्भ से ही मनुष्य पारिस्थितिकी पर विचार व व्यवहार करता आ रहा है। पुराणों में भी पर्यावरण के प्रति तथा मूल्यों का उल्लेख मिलता है। आज पर्यावरण की स्थिति और अधिक संकटमय हो गयी है तथा मानव को पर्यावरण व सतत् विकास के प्रति और अधिक जागरूक होने की जरूरत है। • पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति के बावजूद पर्यावरणीय अध्ययन को हमारे शैक्षिक गतिविधियों में उचित स्थान नहीं मिला है। इसको ध्यान में रखते हुये माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने पर्यावरण अध्ययन को एक बुनियादी पाठ्यक्रम के रूप में अनिवार्य विषय बनाया है , जिसे सम्पूर्ण भारतवर्ष में पढ़ाया जा रहा है। • आधुनिक समय ...