पश्चिमोत्तानासन

  1. पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका
  2. पश्चिमोत्तानासन योग विधि, लाभ और सावधानी। Paschimottanasana Steps, Benefits and Precaution
  3. पश्चिमोत्तानासन
  4. पश्चिमोत्तानासन योग के लाभ
  5. पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका और फायदे
  6. पश्चिमोत्तानासन। पश्चिमोत्तानासन की विधि, लाभ और सावधानियां।paschimottanasana Kaise Karte Hain. – HIND IP
  7. पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका, फायदे और सावधानियां


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पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका

• Facebook • Twitter • Copy Link पश्चिमोत्तानासन (Forward Bend Pose) — अगर आप अपने को स्वस्थ और अपने शरीर में स्फूर्ति लाना चाहते हैं तो आपके लिए योग लाभदायक होगा। इसका कारण यह है कि आप मात्र 20 से 30 मिनट तक इसको कही पर भी कर सकते हो और ऐसा करने से आपका शरीर स्वस्थ्य रहता है। योग कोई एक क्रिया नहीं है बल्कि यह कई प्रकार की क्रियाओं से बना योेगासन है। इसमें शरीर के हर एक हिस्से के लिए अलग—अलग योग है जो आपके शरीर के उस हिस्से में प्रभाव डालता है जिससे शरीर का वह भाग रोगों से ​मुक्त रहता है। इन्हीं योगों में एक योग है पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)। • • • • • • • • • • • • पश्चिमोत्तानासन के फायदे – Benefits of Paschimottanasana in Hindi योग को करने के बहुत से फायदे होते हैं उसकी प्रकार पश्चिमोत्तानासन भी हमारे लिए बहुत फायदेमंद है जिनमें से कुछ हम आपको बताने जा रहे है जो निम्न हैं pashchimottanasana ke fayde — 1. पाचन में पश्चिमोत्तानासन फायदे — वर्तमान समय में हर कोई पेट की समस्या से परेशान रहता है यदि आप भी पेट या पाचन से संबंधित दिक्कतों से परेशान हैं तो आपके लिए पश्चिमोत्तानासन बिल्कुल सही योग क्रिया है। इसको करने से आपकी पाचन शक्ति को मजबूत होती है और भोजन पचना आसान हो जाता है। ऐसा होने से आपकी पेट से जुड़ी हुई कई प्रकार की समस्यायें समाप्त हो जाती है। पश्चिमोत्तानासन के अभ्यास से हमारे शरीर के अंगों की कार्यशैली में चमत्कारी सुधार आ जाता है। इसके साथ ही यह हमारे पाचन और उत्सर्जन क्रिया को सही करने में मदद करता है। अत: ऐसा माना जा सकता है कि इस आसन को नियमित करने से आपकी पाचन क्रिया को सही करने में लाभदायक होगा। 2. सिर दर्द में पश्चिमोत्तानासन फायदे — अगर आपको अक्...

पश्चिमोत्तानासन योग विधि, लाभ और सावधानी। Paschimottanasana Steps, Benefits and Precaution

पश्चिमोत्तानासन योग क्या है ? Paschimottanasana in Hindi पश्चिमोत्तानासन दो शब्द मिल कर बना है -‘पश्चिम’ का अर्थ होता है पीछे और ‘उत्तांन’ का अर्थ होता है तानना। इस आसन के दौरान रीढ़ की हड्डी के साथ शरीर का पिछला भाग तन जाता है जिसके कारण इसका नाम पश्चिमोत्तानासन दिया गया है। यह स्वस्थ के लिए बहुत ही ज़्यदा लाभदायक आसन है। यह विभिन्य प्रकार की बिमारियों को दूर करने में मदद करता है। पश्चिमोत्तानासन योग विधि – Paschimottanasana steps in Hindi पश्चिमोत्तानासन योग देखने में थोड़ा कठिन लगता है। लेकिन धीर धीरे प्रैक्टिस करने पर इसको आप आसानी से कर सकते हैं। यहां पर इसको सरल रूप में कैसे किया जाये उसका विवरण दिया गया है। तरीका • सबसे पहले आप जमीन पर बैठ जाएं। • अब आप दोनों पैरों को सामने फैलाएं। • पीठ की पेशियों को ढीला छोड़ दें। • सांस लेते हुए अपने हाथों को ऊपर लेकर जाएं। • फिर सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुके। • आप कोशिश करते हैं अपने हाथ से उँगलियों को पकड़ने का और नाक को घुटने से सटाने का। • धीरे धीरे सांस लें, फिर धीरे धीरे सांस छोड़े • और अपने हिसाब से इस अभ्यास को धारण करें। • धीरे धीरे इस की अवधि को बढ़ाते रहे। • यह एक चक्र हुआ। • इस तरह से आप 3 से 5 चक्र करें। पश्चिमोत्तानासन के लाभ – Paschimottanasana benefits in Hindi • पश्चिमोत्तानासन योग रीढ़ की हड्डी के लिए: यह आसन मेरुदंड को लचीला बनाता है और हमें बहुत रोगों से दूर करता हैं। • पश्चिमोत्तानासन योग मोटापा कम के लिए: अगर आपको अपनी पेट की चर्बी कम करनी हो तो इस आसन का नियमित अभ्यास करें। यह पेट को कम करने के साथ साथ कमर को पतला करने में भी मदद करता है। • वीर्य सम्बंधित परेशानियों में: यह आसन वीर्य (Semen) सम्बंधित परेशानियों को...

पश्चिमोत्तानासन

पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana) पश्चिमोत्तानासन को करते समय इसका प्रभाव शरीर के पिछले भाग पर प़डता है। इसलिए इसे पश्चिमोत्तानासन कहते हैं। और यह शब्द संस्कृत से लिया गया है। यह आसन मेरुदंड को लचीला बनाता है। जिससे कुण्डलिनी जागरण में लाभ होता है। यह आसन आध्यात्मिक दृष्टि से अधिक महत्वपूर्ण है। पश्चिमोत्तानासन योगासन को शीर्षासन के बाद ही दुसरे स्थान पर लिया गया है। पश्चिमोत्तानासन करने की विधि • सबसे पहले किसी साफ़ और समतल जमीन पर दरी या कोई कपडा बिछा लें और सीधे लेट जाएँ। • लेटते समय दोनों पेरों को आपस मैं परस्पर मिला कर रखें और अपने शरीर को सीधा रखें। • अब अपने दोनों हाथों को सर के पीछे की ओर ले जाएँ। • अब अपने दोनों हाथों को ज़मीन से ऊपर की और उठाते हुए तेजी से कमर के ऊपर के हिस्से को भी जमीन से उठा लें। • अब अपने दोनों हाथों को धीरे-धीरे अपने पेरों की तरफ लायें और दोनों पैरों के अंगूठों को पकड़ें। जब ये क्रिया हो रही हो तब अपने दोनों पैरों व् हाथों को सीधा रखें। • पहली बार में अगर अंगूठा न पकड़ पाएं तो जहां तक अपने हाथों को ले जा सके वहां तक ले जाएँ। बाद में धीरे-धीरे दूरी को कम करते हुए हाथों से पैरों के अंगूठे को पकड़ने की कोशिश करें। • जब आप इस क्रिया को करने में सफल हो जाएं तो उसके बाद दोनों हाथों के बीच से सिर को नीचे करकें अपनी नाक को धीरे-धीरे घुटनों में लगाने का प्रयास करें। • अंगूठा पकड़ने की स्थिति में 10 से 12 सैकेंड तक रहें। • इसके बाद अंगूठे को छोड़कर हाथों को पैरों के ऊपर रखते हुए धीरे-धीरे पीछे की ओर खींच लें। इस क्रम में दोनों हाथों से दोनों पैरों को छूते हुए रखें। • इस प्रकार यह क्रिया 1 बार पूरी होने के बाद 10 सैकेंड तक आराम करें और पुन: इस क्रिया को दोह...

पश्चिमोत्तानासन योग के लाभ

Paschimottanasana(पश्चिमोत्तानासन) दो शब्दों से मिलकर बना है| पश्चिम + उत्तानासन जिसका अर्थ होता है शरीर के पछले भाग को आगे की ओर खिंचना| अंग्रेजी मे इसे Seated Forward bend pose कहते है| यह आसन पूरे शरीर में खिंचाव के लिए सबसे प्रभावी पोज़ में से एक है। Paschimottanasana Benefits और इसके बारे मे और अधिक जानकारी प्राप्त करते है| • • • • • पश्चिमोत्तानासन के लाभ (Paschimottanasana Benefits) • पश्चिमोत्तानासन पीठ और रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है| • हैमस्ट्रिंग को लंबा करता है| • कमर और पेट की चर्बी (Balley Fat) को कम करता है| • शरीर का वज़न कम करता है| • कमर दर्द को दूर करता है| • शरीर को लचीला बनाता है| • आसन के नियमित अभ्यास से श्रोणि(पेल्विक) क्षेत्र को सीधी मालिश मिलती है, जो विभिन्न प्रकार की यौन विकृतियों जैसे रजोनिवृत्ति, मासिक धर्म की परेशानी आदि के लिए सहायक है। • मधुमेह रोग़ की रोकथाम और प्रबंधन को सुनिश्चित करता है| • पाचन तंत्र को मजबूत करता है जिससे कब्ज और गैस की समस्या दूर होती है| • इस आसन का अभ्यास गुर्दे, यकृत और अधिवृक्क ग्रंथियों के भी लिए अच्छा है। • पश्चिमोत्तानासन के निरन्तर अभ्यास से तनाव, चिंता, और अवसाद दूर होता है और ध्यान लागने मे आसानी होती है| • हैमस्ट्रिंग से दर्द और जकड़न से राहत देता है| • ब्लड pressure को नियंत्रित करता है| पश्चिमोत्तानासन से पहले किये जाने वाले आसन (Do Before Pachimottanasana) पश्चिमोत्तानासन का उत्तम लाभ लेने के लिए आप को निम्न आसनों का अभ्यास पश्चिमोत्तानासन से पहले करना चाहिए| • • पवनमुक्तासन(Pawanmukthasana) • • उत्तानासन (Standing Forward Bend) • वीरभद्रासन (Warrior Pose) पश्चिमोत्तानासन योग करने की विधि (How To Do Pasch...

पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका और फायदे

हर आसन की तरह पश्चिमोत्तानासन के भी कई लाभ होते हैं। उनमें से कुछ हैं यह: • रीढ़ की हड्‌डी, कंधों औरहॅम्स्ट्रिंग में खिचाव लाता है। • जिगर, गुर्दे, अंडाशय, और गर्भाशय की कार्यक्षमता में सुधार लाता है। • पाचन अंगों की कार्यक्षमता में सुधार करता है। • • • मस्तिष्क को शांत करता है और (और पढ़ें - ) • योग ग्रंथों का कहना है कि पश्चिमोत्तानासन (और पढ़ें - myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं। पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका हम यहाँ विस्तार से दे रहे हैं, इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें। • • हांतों को सीधा उपर उठा कर जोड़ लें। • अब साँस बाहर छोड़ते हुए कूल्हे के जोड़ों से आगे की तरफ मुड़ना शुरू करें। हाथों को भे साथ में धीरे धीरे आगे लायें। • हो सके तो इतना आगे तक मुदें कि आप पैरों के साइड को हाथों से पकड़ सकें। अगर आयेज ना मुड़ा जा रहा हो तो वहीं रुक कर साँस लें ज़बरदस्ती आयेज नहीं खींचना है अपने धड़ को। • अगर आप इसे सही तरह से करेंगें तो पहले आपके पेत का निचला हिस्सा आपकी जाँघ को छुएगा, फिर ऊपरी हिस्सा, फिर छाती का निचला हिस्सा और अंत में सिर। • कुल मिला कर पाँच बार साँस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 से 60 सेकेंड तक रह सकें। धीरे धीरे जैसे आपके शरीर में ताक़त और लचीलापन बढ़ने लगे, आप समय बढ़ा सकते हैं — 90 सेकेंड से ज़्यादा ना करें। • जब भी आप साँस अंदर लें, तो तोड़ा धड़ को उठा कर उसे लंबा करने की लोशिश करें और जब भी साँस छोड़ें तब धड़ ...

पश्चिमोत्तानासन। पश्चिमोत्तानासन की विधि, लाभ और सावधानियां।paschimottanasana Kaise Karte Hain. – HIND IP

पश्चिमोत्तानासन योग प्रभावशाली और अत्यंत लाभकारी आसन है।पश्चिमोत्तानासन करने में थोड़ा कठिन लग सकता है किंतु इसको नियमित रूप से करने से यह अनेक अवसादो को दूर करने में लाभदायक है। इस आसन को प्रतिदिन करने से आपके शरीर में कई बीमारियों को दूर करता है और अनेक लाभ दिलाता है। तो आइए जानते हैं पश्चिमोत्तानासन के बारे में। पश्चिमोत्तानासन पश्चिमोत्तानासन का अर्थ।about paschimottanasana in hindi. पश्चिमोत्तानासन संस्कृत भाषा का नाम है जो दो शब्दों से मिलकर बना है: पश्चिम और उत्तान। पश्चिम का शाब्दिक अर्थ होता है पीछे या पृष्ठ भाग और उत्तान का अर्थ है तानना। इसका पूर्ण अर्थ है पीछे की ओर तानना। इस आसन को करते समय रीड की हड्डी के साथ-साथ शरीर का पिछला भाग तन जाता है इस कारण इसे पश्चिमोत्तानासन कहां गया है।इसे ‘ उग्रासन ‘ अथवा ‘ ब्रह्मचर्यासन ‘ भी कहते हैं । जानवरों में रीढ़ क्षितिज के समानान्तर होती है तथा हृदय रीढ़ के नीचे होने के कारण उन्हें स्वस्थ रखता है और अत्यधिक सहन शक्ति देता है । मनुष्यों में रीढ़ लम्बरूप है और हृदय उसके नीचे नहीं है , इस कारण जल्दी थकान का अनुभव करते हैं व हृदय रोगों के शिकार होते हैं । पश्चिमोत्तानासन में रीढ़ क्षितिज के समानान्तर रखी जाती है और हदय उसके नीचे आ जाता है । इससे हृदय , रीढ़ तथा उदर की आवश्यक मालिश होती है । पश्चिमोत्तानासन करने के पश्चात् विपरीत पश्चिमोत्तानासन अथवा धनुरासन अवश्य करना चाहिए। पश्चिमोत्तानासन करने की विधि। • एक हाथ चौड़ाई व चार हाथ लम्बाई वाला एक आसन कम्बल का हो तो अच्छा है , भूमि पर बिछायें । • आसन पर बैठकर दोनों पैरों को सामने की ओर फैलायें । दोनों पाँवों के अंगूठे व एड़ी मिलाएँ । • धड़ को कमर से झुकाते हुए दोनों हाथों की हथे...

पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका, फायदे और सावधानियां

Paschimottanasana in Hindi जानिए पश्चिमोत्तानासन योग की विधि, पश्चिमोत्तानासन के फायदे, करने का तरीका और सावधानियों के बारे में। (Benefits of Paschimottanasana in Hindi) पश्चिमोत्तानासन संस्कृत भाषा का शब्द है, जहां पश्चिम का अर्थ पीछे की ओर (west direction) उत्तान का अर्थ खिंचना या तानना (stretched) और आसन का अर्थ (pose) है। इस आसन का अभ्यास करते समय शरीर के पिछले हिस्से अर्थात् रीढ़ की हड्डी (spine) में खिंचाव उत्पन्न होता है, इस कारण इस आसन को पश्चिमोत्तानासन कहा जाता है। यहां पश्चिम का अर्थ पश्चिम दिशा से नहीं बल्कि पीछे के भाग से है। पश्चिमोत्तानासन देखने में बहुत आसान लगता है लेकिन वास्तव में इस आसन का अभ्यास करना काफी कठिन है। पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका – Paschimottanasana (Forward Bend Pose) karne ka tarika in Hindi किसी भी आसन का अभ्यास शुरू करने से पहले उसके सही तरीकों के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेना चाहिए अन्यथा उस आसन का पूरा लाभ हमें नहीं मिल पाता है। तो आइये जानते हैं कि पश्चिमोत्तानासन करने का सही तरीका क्या है – • जमीन पर दोनों पैरों को एकदम सीधे फैलाकर बैठ जाएं। दोनों पैरों के बीच में दूरी न हो और जितना संभव हो पैरों को सीधे रखें। इसके साथ ही गर्दन, सिर और रीढ़ की हड्डी को भी सीधा रखें। • इसके बाद अपनी दोनों हथेलियों को दोनों घुटनों (knees) पर रखें। • अब अपने सिर और धड़ (trunk) को धीरे से आगे की ओर झुकाएं और अपने घुटनों को बिना मोड़े हाथों की उंगलियों से पैरों की उंगलियों को छूने की कोशिश करें। • इसके बाद गहरी श्वास लें और धीरे से श्वास को छोड़ें। अपने सिर और माथे को दोनों घुटनों से छूने की कोशिश करें। • बांहों को झुकाएं और कोहनी (elbow)से जमीन को छ...