पुंकेसर

  1. पुष्पीय पौधों में लैंगिक प्रजनन ~ SCC Education
  2. UP Board Solutions for Class 12 Biology Chapter 2 Sexual Reproduction in Flowering Plants – UP Board Solutions
  3. एक फूल के स्टाम्प क्या हैं, उनके कार्य और प्रकार
  4. परागण क्या है इसके प्रमुख प्रकार एवं फसलों में परागण प्रजनन विधियां लिखिए
  5. पुंकेसर के विभिन्न भागों के नाम तथा प्रत्येक का कार्य बताइए।


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पुष्पीय पौधों में लैंगिक प्रजनन ~ SCC Education

जनक पौधों द्वारा अपनी सेक्स कोशिकाओं या युग्मकों (Gametes) का प्रयोग कर नए पौधे को जन्म देने की क्रिया‘लैंगिक प्रजनन’ कहलाती है| पादपों या पौधों में भी नर और मादा जनन अंग होते हैं। पौधों के ये जनन अंग पुष्पों और फलों के भीतर पाए जाने वाले बीजों में पाये जाते हैं। ऐसे पौधों को‘ आवृत्तबीजी ’ (Angiosperms) या‘पुष्पीय पौधे’ कहते हैं, क्योंकि ये लैंगिक प्रजनन पद्धति द्वारा प्रजनन करते हैं। • पुंकेसर (Stamen) : पुंकेसर पौधे का नर प्रजनन अंग होता है। ये पंखुड़ियों के छल्ले के भीतर उपस्थित होते हैं और फूले हुए ऊपरी हिस्सों के साथ इनमें थोड़ी डंठल होती है। पुंकेसर दो हिस्सों से बना होता है– ‘परागकोष’ (Anther) और ‘तंतु’ (Filament)। पुंकेसर का डंठल ‘तंतु’ कहलाता है और फूला हुआ ऊपरी हिस्सा‘परागकोष’। पुंकेसर का परागकोष परागकण उत्पन्न करता है और उन्हें अपने भीतर रखता है। परागकणों में पौधे के नर युग्मक पाये जाते हैं। एक पुष्प में बहुत सारे पुंकेसर होते हैं। • अंडप/कार्पेल (Carpel) : अंडप मादा प्रजनन अंग है और पौधे के मध्य में पाया जाता है। अंडप का आकार सुराही (flask) जैसा होता है और यह तीन हिस्सों से बना होता है– स्टिग्मा (Stigma), वर्तिका (Style) और अंडाशय (Ovary)। अंडप के शीर्ष हिस्से को‘ स्टिग्मा ’ कहा जाता है। यह चिपचिपा होता है और पुंकेसर के परागकोष से परागकण प्राप्त करता है। परागकण स्टिग्मा से चिपक जाते हैं। अंडप का मध्य भाग ‘ व र्तिका’ (style) कहलाता है। वर्तिका एक नली है जो स्टिग्मा को अंडाशय से जोड़ती है। अंडप का निचला हिस्सा, जो फूला हुआ होता है, ‘ अंडाशय’ कहलाता है। यहीं पर बीजांड बनाए और रखे जाते हैं। अंडाशय में कई ‘बीजांड’ होते हैं और प्रत्येक अंडाशय में पौधे का एक मादा युग्...

UP Board Solutions for Class 12 Biology Chapter 2 Sexual Reproduction in Flowering Plants – UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Biology Chapter 2 Sexual Reproduction in Flowering Plants (पुष्पी पादपों में लैंगिक प्रजनन) are part of Board UP Board Textbook NCERT Class Class 12 Subject Biology Chapter Chapter 2 Chapter Name Sexual Reproduction in Flowering Plants Number of Questions Solved 54 Category UP Board Solutions UP Board Solutions for Class 12 Biology Chapter 2 Sexual Reproduction in Flowering Plants (पुष्पी पादपों में लैंगिक प्रजनन) अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. एक आवृतबीजी पुष्प के उन अंगों के नाम बताएँ, जहाँ नर एवं मादा युग्मकोभिद् का विकास होता है? उत्तर आवृतबीजी पादप (angiospermic plant) पुष्पीय पादप हैं। पुष्प एक रूपान्तरित प्ररोह (modified shoot) है जिसका कार्य प्रजनन होता है। पुष्प में निम्नलिखित चार चक्र होते हैं – (क) बाह्यदलपुंज (Calyx) – इसका निर्माण बाह्यदल (sepals) से होता है। (ख) दलपुंज (Corolla) – इसका निर्माण दल (petals) से होता है। (ग) पुमंग (Androecium) – इसका निर्माण पुंकेसर (stamens) से होता है। यह पुष्प का नर जनन चक्र कहलाता है। (घ) जायांग (Gynoecium) – इसका निर्माण अण्डप (carpels) से होता है। यह पुष्प का मादा जनन चक्र कहलाता है। पुंकेसर के परागकोश (anther) में परागकण मातृ कोशिका (pollen mother cells) से अर्द्धसूत्री विभाजन द्वारा परागकण (pollen grains) का निर्माण होता है। परागकण नर युग्मकोभिद् (male gametophyte) कहलाता है। अण्डप (carpel) के तीन भाग होते हैं – अण्डाशय (ovary), वर्तिका (style) तथा वर्तिकाग्र (stigma)। अण्डाशय में बीजाण्ड का निर्माण होता है। बीजाण्ड के बीजाण्डकाय की गुरुबीजाणु मातृ कोशिका (mega spore mother...

एक फूल के स्टाम्प क्या हैं, उनके कार्य और प्रकार

विषय - सूची • • • इस ग्रीन इकोलॉजिस्ट लेख में हम आपको पुंकेसर के बारे में कुछ और सिखाने जा रहे हैं, जो एक फूल के सबसे महत्वपूर्ण भागों में से एक है, जब इसके प्रजनन को सुनिश्चित करने की बात आती है। परिभाषा के अलावा, हम आपको यह दिखाने की कोशिश करेंगे कि फूल के पुंकेसर क्या हैं और उनका कार्य इतना महत्वपूर्ण क्यों है। और यह है कि, उनके बिना, हम एक पौधे की दुनिया के बारे में बात कर रहे होंगे जो आज हम जानते हैं उससे बहुत अलग है। इसलिए, इस छोटे से लेख का उद्देश्य फूलों के पौधों के इस हिस्से के बारे में आपको जो कुछ जानने की जरूरत है, उसे सरल तरीके से समझाना है और इस प्रकार हमारे आस-पास के पौधे की दुनिया को थोड़ा बेहतर जानना है और हमें हर दिन देखभाल, लाड़ प्यार और रक्षा करनी चाहिए . तो, बेहतर जानने के लिए पढ़ें। एक फूल के पुंकेसर क्या हैं, उनके कार्य और प्रकार. एक फूल के पुंकेसर क्या होते हैं इसे स्टैमेन के नाम से जाना जाता है फूल नर अंग. यह एक छोटी लम्बी तंतु के रूप में प्रकट होता है, एक संशोधित पत्ती, जो आमतौर पर केंद्र से निकलती है; यह यहाँ है फूल का पुंकेसर कहाँ है. इसी तरह, पुंकेसर में जहां परागकोष स्थित होते हैं, वह स्थान होता है पराग का उत्पादन होता है. पुंकेसर के समुच्चय को कहते हैं पुंकेसर. Androecium हमारे ग्रह पर अधिकांश पौधों के नर प्रजनन प्रणाली के मुख्य भागों में से एक है। वास्तव में, जिम्नोस्पर्म दोनों के मामले में, जो अपने बीजों की रक्षा नहीं करते हैं, और एंजीस्पर्म, जो बीजों की रक्षा करते हैं और जिनमें आमतौर पर बहुत अधिक दिखावटी फूल होते हैं। पुंकेसर मुख्य रूप से दो संरचनाओं द्वारा बनते हैं: पुंकेसर का रेशा तंतु पुंकेसर का रोगाणुहीन भाग होता है और परागकोश के ठीक नी...

परागण क्या है इसके प्रमुख प्रकार एवं फसलों में परागण प्रजनन विधियां लिखिए

जब किसी पुष्प के परागकण परागकोश से निकलकर उसी पुष्प या दूसरे पुष्पों की वर्तिकाग्र पर पहुंचते है, तो यह क्रिया परागण (pollination in hindi) कहलाती है। परागण का अर्थ? pollination meaning in hindi परागण का अर्थ (meaning of pollination in hindi) - परागकणों (pollen grains) का विकास परागकोश (anther) में होता है तथा मादा युग्मक का विकास बीजाण्ड (ovule) में होता है। अर्थात् लैंगिक जनन के लिए परागकणों का वर्तिकाग्र (stigma) पर स्थानान्तरण होना आवश्यक होता है इस क्रिया को ही परागण (pollination in hindi) कहा जाता है। परागण की परिभाषा | definition of pollination in hindi परागण की परिभाषा - "परागकणों का परागकोश से वृतिकाग्र पर स्थानान्तरण होना परागण कहलाता है।" " The transference of pollen grains from the anther to the stigma is known as pollination." परागण क्या है? what is pollination in hindi एक पुष्प के परागकणों को उसी पुष्प या उसी पौधें के दूसरे पुष्पों अथवा उसी जाति के अन्य पुष्पों के वर्तिकाग्रों पर पहुँचने को परागण (pollination in hindi) कहते हैं। पौधों में जनन की विधियों का ज्ञान पादप प्रजनन (plant breeding in hindi)के लिये प्राथमिक महत्व का है। विशेषतः नये पौधों में, उनकी जनन प्रकृति का ज्ञान प्रजनन कार्यक्रम के लिय अति आवश्यक है। फसलों वाले पौधों में जनन विधियों का विस्तार से अध्ययन किया गया है तथा अधिकतर महत्वपूर्ण फसलों में जनन की विधियों को अच्छे ढंग से स्थापित किया जा चुका है। ये भी पढ़ें:- परागण दो प्रकार का होता है - 1. स्वपरागण क्या है? | self pollination in hindi परिभाषा - "जब एक पुष्प के परागकण उसी पुष्प के वर्तिकाग्र पर स्थानान्तरित होते हैं तो इसे स्वपरागण (self p...

पुंकेसर के विभिन्न भागों के नाम तथा प्रत्येक का कार्य बताइए।

पुंकेसर के तीन भाग होते हैं – (1) परागकोष (2) पुतंतु तथा (3) योजी। • परागकोष(Anther) : इसमें परागकणों का निर्माण होता है। • पुतंतु(Filament) : इसका शीर्ष भाग परागकोष को धारण करता है। तथा इसे जल व पोषण उपलब्ध कराता है। • योजी(Connective) : परागकोष की पालियों को जोड़ता है तथा इसी से पुततु जुड़ा रहता है। Categories • • (31.9k) • (8.8k) • (764k) • (261k) • (257k) • (218k) • (248k) • (2.9k) • (5.2k) • (664) • (121k) • (72.1k) • (3.8k) • (19.6k) • (1.4k) • (14.2k) • (12.5k) • (9.3k) • (7.7k) • (3.9k) • (6.7k) • (63.8k) • (26.6k) • (23.7k) • (14.6k) • (25.7k) • (530) • (84) • (765) • (49.1k) • (63.8k) • (1.8k) • (59.3k) • (24.5k)