पुनरुक्ति अलंकार का उदाहरण

  1. Punrukti alankar ‘पुनरुक्ति’ अलंकार पूर्ण पुनरुक्त (Purn Punrukt)अपूर्ण पुनरुक्त तथा (Apurn Punrukt)अनुकरणवाचक पुनरुक्त । (Anukaran vachak Punrukt) – sarkarinaukriexam.net
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Punrukti alankar ‘पुनरुक्ति’ अलंकार पूर्ण पुनरुक्त (Purn Punrukt)अपूर्ण पुनरुक्त तथा (Apurn Punrukt)अनुकरणवाचक पुनरुक्त । (Anukaran vachak Punrukt) – sarkarinaukriexam.net

📚 Punrukti (‘पुनरुक्ति’), का अर्थ – पुन: दुहराना है। वाक्यों में इनका प्रयोग अलंकार के रूप के कई प्रकार से किया जाता है । पुनरुक्ति या पुनरुक्त शब्द के भेद – (1) पूर्ण पुनरुक्त (Purn Punrukt) (2) अपूर्ण पुनरुक्त तथा (Apurn Punrukt) (3) अनुकरणवाचक पुनरुक्त । (Anukaran vachak Punrukt) • पूर्ण पुनरुक्त शब्द– (Purn Punrukt Shabd) जब कोई एक शब्द एक ही साथ दो बार अथवा तीन बार प्रयुक्त होता है, तब उसे पूर्ण पुनरुक्त शब्द कहते हैं । जैसे-देश-देश, बड़े-बड़े, चलते-चलते, कौड़ी-कौड़ी, घर-घर, हँसी-हँसी, पानी-पानी, जय-जय-जय, इत्यादि । संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया आदि के आधार पर पूर्ण-पुनरुक्त शब्दों के उदाहरण- ‼️संज्ञा पूर्ण पुनरुक्त शब्द– (Sangya Purn Punrukt Shabd) कौड़ी-कौड़ी, रोम-रोम, घर-घर, इत्यादि । जैसे-उसने कौड़ी-कौडी करके माया जोडी । सर्वनाम पूर्ण पुनरुक्त शब्द- कोई-कोई, अपना-अपना, क्या-क्या, जिस-जिस, किस-किस, जो-जो, कुछ-कुछ, इत्यादि । जैसे-कोई-कोई ऐसी भूल कर बैठता है । ‼️विशेषण पूर्ण पुनरुक्त शब्द– (Visheshan Purn Punrukt Shabd) हरी-हरी, नये-नये, बड़े-बड़े, छोटे-छोटे, मीठे-मीठे, अच्छे-अच्छे, ऊँचे-ऊँचे, काले-काले, फूले-फूले, फीका-फीका, खट्टा-खट्टा, इत्यादि । जैसे-छोटी-छोटी आँखों से वह सबको देख रहा था । क्रिया पूर्ण पुनरुक्त शब्द- जाते-जाते, आते-आते, रोते-रोते, हँसते-हँसते, गाते-गाते, खाते-खाते, छपते-छपते, पढ़ते-पढ़ते, लिखते-लिखते, इत्यादि । जैसै—जते-जाते उसने आखिर अपनी बात कह ही डाली । ‼️क्रियाविशेषण पूर्ण पुनरुक्त शब्द- (Kriyavisheshan Purn Punrukt Shabd) ऊपर-ऊपर, नीचे-नीचे, पास-पास, धीरे-धीरे, कभी-कभी, आगे-आगे, साथ-साथ, कहीं-कहीं, पहले-पहले, अभी-अभी, जब-जब, कहाँ-कहाँ, इत्य...

पुनरुक्ति अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण – Best Hindi Blog in India

पुनरुक्ति अलंकार पुनः तथा उक्ति दो शब्दों के मिलने से बना है जिस वाक्य में कोई शब्द दो बार दोहराया जाता है तो वहाँ पर पुनरुक्ति अलंकार होता है। इस लेख में हम पुनरुक्ति अलंकार की परिभाषा तथा उदाहरण के बारे में पढ़ने जा रहे हैं। पुनरुक्ति अलंकार की परिभाषा जब किसी वाक्य में कोई शब्द दो अथवा दो से अधिक बार प्रयोग में आता है अथवा किसी शब्द की पुनरावृत्ति होती है तो वहाँ पर पुनरुक्ति अलंकार होता हैं। पुनरुक्ति अलंकार शब्दालंकार का महत्वपूर्ण भी हैं। उपर्युक्त डालिये गए वाक्य में कहि शब्द का प्रयोग एक से अधिक बार किया गया है जिस कारण से काव्य को अर्थपूर्ण तथा भावपूर्ण किया गया है अतः यहाँ पर पुनरुक्ति अलंकार होगा। इस आर्टिकल में आपको पुनरुक्ति अलंकार के बारे में उदाहरण सहित सम्पूर्ण जानकारी दी गई है यदि आपको इस लेख में दी गई जानकारी पसन्द आयी हो तो इसे आगे जरूर शेयर करें। Related Posts: • शब्दालंकार की परिभाषा, प्रकार एवं उदाहरण • यमक अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण • विप्सा अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण • दृष्टान्त अलंकार की परिभाषा और उदाहरण • श्लेष अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण • भ्रांतिमान अलंकार की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण • व्यतिरेक अलंकार की परिभाषा और उदाहरण • अपहूँति अलंकार की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण • अनुप्रास अलंकार की परिभाषा, प्रकार एवं उदाहरण • काव्यलिंग अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण • विशेषोक्ति अलंकार की परिभाषा और उदाहरण • सन्देह अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण • उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा, प्रकार एवं उदाहरण • अतिश्योक्ति अलंकार की परिभाषा और उदाहरण • अर्थान्तरन्यास अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण • प्रतीप अलंकार की परिभाषा और उदाहरण • स्वभावोती अलंकार की परिभाषा ...

भ्रांतिमान अलंकार की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण

इस पेज पर आप भ्रांतिमान अलंकार की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए। पिछले पेज पर हमने चलिए आज हम भ्रांतिमान अलंकार की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं। भ्रांतिमान अलंकार किसे कहते हैं जब उपमेय में उपमान के होने का भ्रम हो जाता हैं तब वहाँ पर भ्रांतिमान अलंकार होता है। मतलब जहाँ एक वस्तु को देखने पर दूसरी वस्तु का भ्रम उत्पन्न हो जाता हैं वहाँ पर भ्रांतिमान अलंकार होता है। यह अलंकार उभयालंकार का भी अंग माना जाता है।

अलंकार : परिभाषा, प्रकार और उदाहरण

अलंकार– Alankar in Hindi Grammar अलंकरोतिइतिअलंकार: –यहअलंकारकीव्युत्पत्तिहै।जैसेस्वर्णाभूषणनारीशरीरकासौंदर्यबढ़ातेहैंवैसेहीकाव्यकेशरीरभूतशब्दएवंअर्थकोउपमाआदिअलंकारसुशोभितकरतेहैं।संस्कृतकेसभीआचार्योंनेशब्दऔरअर्थकोकाव्यकाशरीरमानाहै। अलंकाररहितकाव्यकीकल्पना, उष्णतारहितअगिनकीकल्पनाकेसमानहीउपहासयोग्यहै।इसभावाभिव्यक्तिकोचंद्रालोकमेंजयदेवनेलिखा– अंगीकरोतियःकाव्यंशब्दार्थानवलंकृति। असौनमन्यतेकस्मातअनुष्णमनलंकृति।। अलंकारशब्दकाशाब्दिकअर्थहोताहै‘ आभूषण‘यागहने, लेकिनशब्दनिर्माणकेआधारपरअलंकारशब्द‘अलम्’और‘कार’दोशब्दोंकेयोगसेबनाहै।‘अलम्’काअर्थहै‘शोभा’तथा‘कार’काअर्थहै‘करनेवाला’। अलंकारकालक्षण– (क.) कथनकेचमत्कारपूर्णप्रकारोंकोअलंकारकहतेहैं। (ख.) शब्दऔरअर्थकावैचित्र्यअलंकारहै। (ग.) काव्यकीशोभाबढ़ानेवालाधर्मोंकोअलंकारकहतेहैं। (घ.) काव्यकीशोभाकीवृद्धिकरनेवालाशब्दार्थकेअस्थिरधर्मोंकोअलंकारकहतेहैं। अलंकारकीउपयोगिता– अलंकारोंकीसहायतासेकाव्यकीरोचकताबढ़जातीहै, अलंकारोंकीसहायतासेवर्णविषयस्पष्टएवंसुबोधहोजाताहै।अलंकारोंकाआवश्यकतानुसारउचितऔरस्वभाविकप्रयोगहीकाव्यकीशोभामेंवृद्धिकरताहै।अनावश्यकअलंकारोंकाआधिक्यशोभाबढ़ानेकीजगहकाव्यकेसौन्दर्यकोकमकरदेताहै। अलंकारकेभेदयाप्रकार–Alankar Ke Bhed Ya Prakar in Hindi शब्दऔरअर्थकोप्रायःसभीआचार्योंनेकाव्यकाशरीरमाना।काव्यमें तीनप्रकारकेअलंकारमानेगये– 1 . शब्दालंकार–काव्यमेंजबचमत्कारप्रधानतः शब्दालंकारकेभेद– 1. अनुप्रास, 2. विप्सा, 3. पुनरुक्तिप्रकाश, 4. यमक, 5. श्लेष, 6. वक्रोक्ति, 7. पुरुक्तवदाभास। 2 . अर्थालंकार–काव्यमेंजहाँअलंकारसौंदर्यअर्थमेंनिहितहो, वहाँअर्थालंकारप्रयुक्तहोताहै।इनअलंकारोंसेकाव्यमेंप्रयुक्तकिसीशब्दकेस्थानपरउसकासमानार्थीशब्दरखनेपरभीचमत्कारबनारहताह...

पुनरुक्ति अलंकार की परिभाषा और उदाहरण

इस पेज पर आप पुनरुक्ति अलंकार की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए। पिछले पेज पर हमने चलिए आज हम पुनरुक्ति अलंकार की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं। पुनरुक्ति अलंकार किसे कहते हैं पुनरुक्ति अलंकार दो शब्दों के योग से बना है पुन: +उक्ति। जब किसी वाक्य में कोई शब्द का प्रयोग दो बार किया जाता है अर्थात एक ही शब्द को दो बार दोहराया जाता हैं, वहाँ पर पुनरुक्ति अलंकार होता है। उदाहरण :- 1. मधुर वचन कहि-कहि परितोषीं। उपर दिए गए वाक्य में कहि शब्द का एक से अधिक बार प्रयोग किया गया है। जिसके कारण काव्य में सुंदरी की वृद्धि हुई है जिससे यहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाएगा। 2. सुबह-सुबह बच्चे काम पर जा रहे हैं। उपर दिए गए वाक्य में सुबह शब्द का मतलब एक ही है जबकि यहां इस शब्द का दो बार प्रयोग हुआ है। अतः यह पुनरुक्ति अलंकार माना जाएगा। उम्मीद हैं आपको पुनरुक्ति अलंकार की जानकारी पसंद आयी होगी।

पुनरूक्ति अलंकार की परिभाषा और उदाहरण » Hindi Grammar

Contents • • • • • • • पुनरूक्ति अलंकार की परिभाषा पुनरूक्ति दो शब्‍दों के योग से बना हैं पुन्‍न उक्ति, अत: वह उक्ति जो बार-बार प्रकट हो। जिस वाक्‍य में शब्‍दों की पुनरावृत्ति होती हैं वहां पुनरूक्ति अथवा जहॉं एक शब्‍द दो या इससे अधिक बार होता हैं और ऐसा होने से ही अर्थ में रूचिरता बढ़ जाती हैं। वहॉं पुनरूक्तिप्रकाश अलंकार होता हैं। जैसें- डाल-डाल अली-पिक के गायन का समां बंधा। पुररूक्ति प्रकाश अलंकार के उदाहरण मधुर वचन कहि-कहि परितोषीं। ऊपर दिए गए वाक्‍य में कहि शब्‍द का एक से अधिक बार प्रयोग किया गया हैं। जिसके कारण काव्‍य में सुंदरी की वृद्धि हुई हैं जिससे यहां पुनरूक्ति अलंकार माना जाएगा। सुबह-सुबह बच्‍चे काम पर जा रहे हैं। ऊपर दिए गए वाक्‍य में सुबह शब्‍द का मतलब एक ही हैं जबकि यहां इस शब्‍द का दो बार प्रयोग हुआ हैं। अत: यह पुररूक्ति प्रकाश अलंकार माना जाएगा। सूरज है जग का बुझा-बुझा यहां बुझा-बुझा शब्‍द दो बार आया है किंतु अर्थ की समानता हैं। खड़-खड़ करता करताल बजाता खड़-खड़ शब्‍द की आवृत्ति एक से अधिक बार हुई हैं किंतु अर्थ में कोई भी नेता नहीं होने के कारण पुनरूक्ति प्रकाश अलंकार हैं। आम से मीठा-मीठा रस टपकता हैं। यहां भी मीठा शब्‍द का प्रयोग दो बार हुआ हैं किंतु अर्थ एक ही हैं। पुनरूक्ति प्रकाश अलंकार के महत्‍वपूर्ण उदाहरण थी ठौर-ठौर विहार करती सुन्‍दर सुरनारियॉं। मधुर-मधुर मेरे दीपक जल। जुगन-जुगन समझावत हारा, कहा न मानत कोई रे। ठुमुकि-ठुमुकि रूनझुन धुनि-सुनि, कनक अजिर शिशु डोलत। शांत सरोवर का डर किस इच्‍छा से लहरा कर हो उठा चंचल-चंचल यमक अलंकार तथा पुनरूक्ति अलंकार में अंतर दोनों अलंकारों में काफी समानता होती हैं क्‍योंकि दोनों अलंकारों में बार-बार शब्‍दों की पुनरा...

विशेषोक्ति अलंकार की परिभाषा, पहचान और उदाहरण

इस लेख में हम विशेषोक्ति अलंकार की परिभाषा, पहचान और उदाहरण विस्तार पूर्वक अध्ययन करेंगे। इस लेख को सरल बनाने के लिए हमने विशेष रूप से उदाहरणों का सहारा लिया है ,जिससे आप आसानी से समझ सकते हैं। इस लेख का अध्ययन आप सभी प्रकार की परीक्षाओं के लिए कर सकते हैं। अलंकार का खास गुण है काव्य के सौंदर्य की वृद्धि करना। जिस प्रकार स्त्री अपने रूप को निखारने के लिए आभूषणों का प्रयोग करती हैं ,ठीक उसी प्रकार काव्य में सौंदर्य की वृद्धि के लिए अलंकारों का प्रयोग किया जाता है। अलंकार में सौंदर्य वृद्धि के अतिरिक्त रोचकता उत्पन्न करने की शक्ति भी होती है। यह काव्य में प्रयुक्त होकर काव्य के सौंदर्य वृद्धि के साथ चमत्कार उत्पन्न करने की भी क्षमता रखते हैं। विशेषोक्ति अलंकार की परिभाषा कारण के उपस्थित होने पर भी कार्य ना होने की दशा में विशेषोक्ति अलंकार माना जाता है। जैसे – ‘नीर भरे निसिदिन रहें तऊ न प्यास बुझय।’ इस पंक्ति में प्यास बुझाने का कारण नीर उपस्थित है पर प्यास बुझाने का कार्य नहीं हो पा रहा है। अतः यहां विशेषोक्ति अलंकार है। विशेषोक्ति अलंकार के उदाहरण उदहारण व्याख्या पानी बिच मीन पियासी। पानी के बीच रहकर मछली का प्यासा रहना विशेषोक्ति है देखो दो-दो मेघ बरसते मैं प्यासी की प्यासी। मेघ के बरसने पर भी प्यास का ना बुझना लागन उर उपदेश जदपि कहियो सिव बार बहु। शिव अर्थात देवता के समझाने पर भी जो नहीं समझ पा रहा है उसे समझाना कठिन है। अन्य उदाहरण 1 सेहो मधुर बोल स्रवहिं सुनल स्रुति पथ परस न गेल। मधुर वचन सुनकर भी कान की तृप्ति नहीं हो रही है जिसे सुनने के लिए नायिका रास्ते पर खड़ी इंतजार कर रही है। 2 नयन न तिरपित भेल। नायक को सामने देखकर भी नायिका की नैन तृप्ति नहीं हो रही है ,जिसे वह...

पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार

1 • • • थी ठौर-ठौर विहार करती सुन्दर सुरनारियाँ। मधुर-मधुर मेरे दीपक जल। जुगन- जुगन समझावत हारा , कहा न मानत कोई रे । विहग-विहग फिर चहक उठे ये पुंज-पुंज कल- कूजित कर उर का निकुंज चिर सुभग-सुभग। ठुमुकि- ठुमुकि रुनझुन धुनि-सुनि , कनक अजिर शिशु डोलत। शान्त सरोवर का डर किस इच्छा से लहरा कर हो उठा चंचल – चंचल यमक अलंकार तथा पुनरुक्ति अलंकार में अंतर दोनों अलंकारों में काफी समानता होती है क्योकि दोनों अलंकारों में बार-बार शब्दो की पुनरावृत्ति होती है लेकिन दोनों अलंकार की शब्दो की पुनरावृत्ति में सूक्ष्म अंतर होता है। यमक अलंकार में शब्दों की पुनरावृत्ति आवृत्ति होने पर उनके अर्थ की भिन्नता पायी जाती है। जैसे – कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय Related Posts: • 150+ Kabir Ke Dohe In Hindi | कबीर के दोहे हिंदी में अर्थ • Best 101+ Tulsidas Ke Dohe | तुलसीदास के दोहे अर्थ सहित • अलंकार किसे कहते हैं परिभाषा और उदाहरण सहित | Alankar kise… • 7 महाद्वीप के नाम और उनकी विशेषताएं Continents in Hindi • छन्द की परिभाषा, भेद और उदाहरण Chhand in Hindi • बिहारी के दोहे Bihari Ke Dohe

उदाहरण अलंकार की परिभाषा, पहचान और उदाहरण

प्रस्तुत लेख में उदाहरण अलंकार का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया है। जिसे पढ़कर आप अपने सभी प्रश्नों का हल प्राप्त कर लेंगे। यह लेख आपके सभी परीक्षाओं के लिए कारगर है। अतः इसका अध्ययन आपको आपकी परीक्षा में सफलता दिला सकता है। अलंकार काव्य का आभूषण है,जिस प्रकार महिलाएं अपने रूप को निखारने के लिए सौंदर्य की वृद्धि के लिए आभूषणों को धारण करती है। उसी प्रकार काव्य में अलंकार का प्रयोग सौंदर्य वृद्धि के लिए किया जाता है। इस अलंकार के अंतर्गत दो भिन्न स्वरूप को एक जैसा होता दिखाया जाता है। उदाहरण अलंकार परिभषा:- जिन दो वाक्यों का साधारण धर्म भिन्न है, उसमें वाचक शब्द के द्वारा समता दिखाई जाए तो उदाहरण अलंकार होता है। दृष्टांत अलंकार में वाचक शब्द नहीं रहता किंतु उदाहरण में रहता है। उदाहरण अलंकार के उदाहरण उदित कुमुदिनी नाथ हुए प्राची में ऐसे सुधा-कलश रत्नाकर से उठता हो जैसे। यहां कुमुदिनी-नाथ और सुधा-कलश दोनों का धर्म एक नहीं है परंतु ‘ऐसे’ और ‘जैसे’ इन वाचक शब्दों के द्वारा सादृश्य प्रकट किया गया है। इस कारण यहां उदाहरण अलंकार है। अन्य उदाहरण- • जैसे गुहारते हुए युधिष्ठिर के सामने से , भागे थे विदुर और भी घने जंगलों में। । यह भी पढ़ें अन्य अलंकार की जानकारी भी प्राप्त करें विशेषण की परिभाषा, भेद, तथा उदाहरण निष्कर्ष किसी दो पक्ष को उपस्थित किया जाता है और सादृश्य रूप में दर्शाने या तुलना करने का प्रयत्न किया जाता है वहां उदाहरण अलंकार माना जाता है। आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा पर आपको अपने सभी प्रश्नों के जवाब मिल गए होंगे एवं आपको यह विषय आसानी से समझ में आ गया होगा परंतु अगर अब भी कुछ ऐसा शेष है जो आपको समझ में ना आया हूं या फिर यहां पर किसी प्रकार की गलती दिखाई दी हो त...