पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार की परिभाषा

  1. Alankar In Hindi / अलंकार
  2. वीप्सा अलंगकार
  3. विस्मयादिबोधक अव्यय की परिभाषा एवं प्रकार / विस्मयादिबोधक अव्यय के भेद प्रयोग और उदाहरण
  4. Mp board class 12th hindi Abhyas Prshn patra full solution set a b c d 2023
  5. Alankar in Hindi
  6. विस्मयादिबोधक अव्यय की परिभाषा एवं प्रकार / विस्मयादिबोधक अव्यय के भेद प्रयोग और उदाहरण
  7. Mp board class 12th hindi Abhyas Prshn patra full solution set a b c d 2023
  8. वीप्सा अलंगकार


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Alankar In Hindi / अलंकार

अलंकार शब्द का अर्थ ‘आभूषण’ होता है। अलंकार शब्द ‘अलम्+कार’ यह दो शब्द को जोड़कर बना है। जिसमे ‘अलम्’ शब्द का अर्थ ‘भूषण’ होता है। जिस प्रकार अलंकार स्री के सौंदर्य को बढ़ाता है। उसी प्रकार काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्द को अलंकार कहते है। अलंकार से काव्य में रोचकता और सुंदरता उभरकर आती है। अलंकार को काव्य की आत्मा भी कहा जाता है। अलंकार काव्य के साथ जुड़कर उसकी सुन्दरता को दुगनी कर देता है। अलंकार को संक्षेप में कहा जाए तो यह भाषा को सुंदर शब्दार्थ से सुज्जित करता है। यह भाषा और काव्य के रूप को सुंदर और मधुर बना देता है। संस्कृत भाषा में ‘अलंकरोति इति अलंकारः’ कहा है। जिसका अर्थ जो अलंकृत करता है उसे अलंकार कहते है। भारतीय साहित्य के अनुसार किसी भी भाषा में अनुप्रास, उपमा, रूपक, अनन्वय, यमक, श्लेष, उत्प्रेक्षा, संदेह, अतिशयोक्ति, वक्रोक्ति आदि प्रमुख और इनके अलावा अन्य अलंकार भी है। काव्य में कथनीय वस्तू को अच्छे रूप में अभिव्यक्ति देने के लिए अलंकार का उपयोग होता है। काव्य में अलंकार का विचार गुण, रस, ध्वनि, प्रसंग को ध्यान में रखकर किया जाता है। अलंकार के भेद / Types Of Alankar In Hindi जिस अलंकार में शब्दों का उपयोग करके काव्य में चमत्कार उत्पन्न होता है उसे ‘शब्दालंकार’ कहते है। और उन शब्दो पर समानर्थी शब्द रखा जाए तो यह चमत्कार समाप्त हो जाता है। शब्दालंकार मुख्यतः दो शब्दों से बनता है-‘शब्द+अलंकार’ उसके दो रूप होते है ‘ध्वनी और अर्थ’ उसका अर्थ किसी काव्य को शब्दों के माध्यम से अलंकृत करना होता है। इस अलंकार में कविता और काव्य में शब्दों के आधार पर वर्णन किया जाता है। शब्दालंकार के भेद / Shabdalankar Ke Bhed In Hindi • छेकानुप्रास अलंकार • वृत्यानुप्रास अलंकार • लाटानुप्...

वीप्सा अलंगकार

Learn वीप्सा अलंगकार वीप्सा अलंगकार परिभाषा आदर, घबराहट, आश्चर्य, घृणा, रोचकता आदि प्रदर्शित करने के लिए किसी शब्द को दुहराना ही वीप्सा अलंकार है। जब किसी कथन में अत्यन्त आदर के साथ एक शब्द की अनेक बार आवृत्ति होती है तो वहाँ वीप्सा जैसे- “हा! हा!! इन्हें रोकन को टोक न लगावो तुम।” मधुर-मधुर मेरे दीपक जल। वीप्सा अलंकार को ही ‘पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार’ कहा जाता है। यहाँ ‘हा!’ की पुनरुक्ति द्वारा गोपियों का विरह जनित आवेग व्यक्त होने से वीप्सा अलंकार है। कुछ अन्य उदाहरण : विहग-विहग फिर चहक उठे ये पुंज-पुंज कल-कूजित कर उर का निकुंज चिर सुभग-सुभग।

विस्मयादिबोधक अव्यय की परिभाषा एवं प्रकार / विस्मयादिबोधक अव्यय के भेद प्रयोग और उदाहरण

हिंदी व्याकरण विभिन्न परीक्षाओं जैसे UPTET,CTET, SUPER TET,UP POLICE,लेखपाल,RO/ARO,PCS,LOWER PCS,UPSSSC तथा प्रदेशों की अन्य परीक्षाओं की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी विषय है। हमारी वेबसाइट विस्मयादिबोधक अव्यय की परिभाषा एवं प्रकार / विस्मयादिबोधक अव्यय के भेद प्रयोग और उदाहरण है। हम आशा करते है कि इस टॉपिक से जुड़ी आपकी सारी समस्याएं समाप्त हो जाएगी। विस्मयादिबोधक अव्यय की परिभाषा एवं प्रकार / विस्मयादिबोधक अव्यय के भेद प्रयोग और उदाहरण definition and types of interjection Tags – विस्मयादिबोधक Examples,विस्मयादिबोधक का उदाहरण,विस्मयादिबोधक चिह्न का प्रयोग,vismayadibodhak avyay ki paribhasha,vismayadibodhak avyay ke bhed,vismayadibodhak avyay ke prakar, interjection in hindi, interjection hindi me,vismayadibodhak avyay hindi grammar, interjection hindi grammar, विस्मयादिबोधक अव्यय की परिभाषा वह अव्यय, जिसके द्वारा हर्ष, शोक, घृणा, विस्मय इत्यादि भावों को प्रकट किया जाता है तथा जिनका सम्बंध वाक्य के किसी पद से नहीं होता है, विस्मयादिबोधक अव्यय कहलाता है; जैसे- अरे! क्या तुम घर नहीं गये। इस वाक्य में अरे! विस्मयादिबोधक अव्यय है। विस्मयादिबोधक अव्यय के प्रकार एवं उनके उदाहरण 1. हर्षबोधक – वाह-वाह!, शाबाश!, बहुत खूब!, धन्य! इत्यादि । 2. शोक बोधक – हाय!, ओह!, आह! इत्यादि। 3. आश्चर्यबोधक – ऐं!, ओहो!, क्या! इत्यादि। 4. स्वीकारबोधक – हाँ!, जी हाँ!, जी!, ठीक इत्यादि। 5. अनुमोदनबोधक – ठीक!, अच्छा!, हाँ-हाँ! इत्यादि। 6. तिरस्कार बोधक – हट!, दुर!, छिः! इत्यादि। 7. सम्बोधनबोधक – अरे!, रे!, अजी!, हे! इत्यादि। विस्मयादिबोधक अव्यय के कार्य 1. हर्ष (उत्साह) को सूचित करना। 2. आश्चर्य को सूचित करन...

Mp board class 12th hindi Abhyas Prshn patra full solution set a b c d 2023

Mp board class 12th hindi Abhyas Prshn patra full solution set a b c d 2023 | कक्षा-12वीं हिन्दी प्री बोर्ड पेपर सोल्यूशन 2023 अभ्यास प्रश्न पत्र सेट 2023 कक्षा 12वीं Mp Board Class 12th hindi pre board paper solution 2023 |एमपी बोर्ड कक्षा 12 वीं हिन्दी (सेट) प्री बोर्ड पेपर सोल्यूशन 2023 समय 3 00 घंटा निर्देश:- सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। प्रश्न क्र. 01 से 05 तक वस्तुनिष्ठ प्रश्न हैं, प्रश्न क्र. 6 से 15 तक प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का है। शब्द सीमा 30 शब्द है। प्रश्न क्र. 16 से 19 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। शब्द सीमा 75 शब्द है। प्रश्न क्र. 20 से 23 तक प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का है। शब्द सीमा 120 शब्द है। प्रश्न क्र. 6 से 23 तक सभी प्रश्नों के आंतरिक विकल्प दिए गए हैं। 1. सही विकल्प का चयन कर लिखिए- 'आत्म परिचय' कविता किस गीत संग्रह से ली गई है? अभ्यास प्रश्न पत्र 2023 कक्षा 12 वीं पेपर सोल्यूशन 2023 सेट-ब (स) मधुशाला (अ) मधुबाला करूण रस का स्थायी भाव है- (अ) रति (ब) शोक (द) हास 'भक्तिन' संस्मरणात्मक रेखाचित्र इनमें से किस संकलन में संकलित है? (अ) दीपशिखा (स) उत्साह iii iv 'सतिया का अर्थ है- एमपी बोर्ड कक्षा 12 वी विषय हिन्दी प्री बोर्ड अभ्यास प्रश्न पत्र पेपर 2023 जिनके लिए 1 x 32=32 अंक आंवटित हैं। (अ) स्वास्तिक चिन्ह (स) विराम चिन्ह (ब) पूर्व चिन्ह v अतीत में दबे पाँव रचना में मुअनजोदड़ो को देखकर (अ) गाँव कुलधरा (स) हड़प्पा (ब) जैसलमेर vi1 जनसंचार माध्यम रेडियो है- vii स्तम्भ लेखन 3. सही जोड़ी बनाकर लिखिए (111) तुषारपात (1v) शिरीष के फूल' स्तम्भ 'अ' (1) हरिवंश राय बच्चन (ii) उपमेय की उपमान से श्रेष्ठता (ब) निशा निमंत्रण (द) मधुकलश (स) श्रृंखला की कड़ियाँ (ब) अतीत के चलचि...

Alankar in Hindi

अलंकार वह शब्द होते है जिनके प्रयोग से कोई भी कविता या छंद आकर्षक हो जाते है। अलंकार शब्द का अर्थ होता है आभूषण या सजावट। जैसे आभूषण के प्रयोग से मनुष्य आकर्षक लगने लगते है, उनके सौन्दर्य में वृद्धि हो जाती है ठीक उसी प्रकार हिंदी के काव्य में अलंकार ( Alankar In Hindi) के प्रयोग से सौन्दर्य की वृद्धि होती है। किसी भी भाव को सुन्दर रूप में प्रस्तुत करने के लिए अलंकार का प्रयोग किया जाता है। इसलिए आज हम ये ब्लॉग लेकर आये है। इस ब्लॉग के माध्यम से हमने अलंकार और उसके विभिन्न भेदों व उपभेदों के बारे में बहुत ही सरलता से समझाया है तो आइये शुरू करते है और Alankar Kise Kahate Hain के बारे जानते है। अलंकार किसे कहते हैं? जो तत्व किसी भी काव्य को शब्दार्थ से सजाते है, उन्हें सुन्दर बनाते है, वही तत्व अलंकार कहलाता है। काव्य में अपने मन के भावों को सुंदर रूप से दर्शाने या प्रस्तुत करने के लिए अलंकार का प्रयोग किया जाता है। काव्य में सौन्दर्य वृद्धि के लिए कभी शब्दों का प्रयोग किया जाता है तो कभी अर्थ में चमत्कार करके सौन्दर्य वृद्धि की जाती है। इसी आधार पर अलंकार के प्रकार दो होते हैं- शब्दालंकार और अर्थालंकार। हिंदी साहित्य में इन्ही दो अलंकारों के उपभेदों का मुख्य तौर पर प्रयोग किया जाता है जो कि है: अनुप्रास अलंकार, उपमा अलंकार, संदेह अलंकार, अतिश्योक्ति अलंकार आदि। Alankar Ke Udaharan- ‘पिया चाँद का टुकड़ा है।’- इसमें पिया के सौन्दर्य का वर्णन करने के लिए उसको चाँद के टुकड़े की उपमा दी गयी है। अलंकार की परिभाषा अलंकार का दूसरा नाम होता है आभूषण। जिस प्रकार मनुष्य अपने शरीर की सुंदरता बढ़ाने के लिए आभूषण का प्रयोग करता है, ठीक उसी प्रकार काव्य के सौन्दर्य में वृद्धि लाने के लिए, का...

विस्मयादिबोधक अव्यय की परिभाषा एवं प्रकार / विस्मयादिबोधक अव्यय के भेद प्रयोग और उदाहरण

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वीप्सा अलंगकार

Learn वीप्सा अलंगकार वीप्सा अलंगकार परिभाषा आदर, घबराहट, आश्चर्य, घृणा, रोचकता आदि प्रदर्शित करने के लिए किसी शब्द को दुहराना ही वीप्सा अलंकार है। जब किसी कथन में अत्यन्त आदर के साथ एक शब्द की अनेक बार आवृत्ति होती है तो वहाँ वीप्सा जैसे- “हा! हा!! इन्हें रोकन को टोक न लगावो तुम।” मधुर-मधुर मेरे दीपक जल। वीप्सा अलंकार को ही ‘पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार’ कहा जाता है। यहाँ ‘हा!’ की पुनरुक्ति द्वारा गोपियों का विरह जनित आवेग व्यक्त होने से वीप्सा अलंकार है। कुछ अन्य उदाहरण : विहग-विहग फिर चहक उठे ये पुंज-पुंज कल-कूजित कर उर का निकुंज चिर सुभग-सुभग।