Purnank sankhya kise kehte hain

  1. अपरिमेय संख्या किसे कहते हैं?


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अपरिमेय संख्या किसे कहते हैं?

8 Conclusion अपरिमेय संख्या किसे कहते हैं (Aparimey Sankhya Kise Kahate Hain) ऐसी [p/q] के रूप में नही लिखा जा सकता, उन्हें अपरिमेय संख्या कहते है. अर्थात, वैसी संख्याएँ जिसे पूर्णांक के अनुपात के रूप में व्यक्त नहीं किया जा सकता है. साथ ही अंश और हर के रूप में भी व्यक्त नही किया जा सकता है. वह अपरिमेय संख्या कहलाती है. प्रमेय के अनुसार एक अपरिमेय संख्या (Aparimey Sankhya) का दशमलव विस्तार न समाप्त होता है और न ही आवर्त होता है. अपरिमेय संख्याओं के बिच धनात्मक या ऋणात्मक चिन्हों का प्रयोग कर उसे अंश और हर के रूप में व्यक्त किया जा सकता है. जैसे; (√2 – √3) / √5 अपरिमेय संख्याओं को अनुपात में नहीं व्यक्त किया जा सकता है इसके दो कारण है- • जब किसी अंश पूर्णांक को हर पूर्णांक से विभाजित किया जाता है तो हल न समाप्त होने वाले आते है। • प्राप्त हल बार-बार रिपीट नहीं होते है। अपरिमेय संख्या के उदाहरण अपरिमेय संख्याओं की दुनिया में π सबसे प्रशिद्ध अपरिमेय संख्या है। इसके अलावा भी √2, √3, √7, यूलर संख्या (e), गोल्डन अनुपात ( Φ ) आदि अपरिमेय संख्याओं की विशेष उदाहरण है। अपरिमेय संख्या कैसे पहचाने (Aparimey Sankhya Ki Pahchan) वैसी संख्या जो p / q के रूप में व्यक्त नहीं किया जा सकता है, जहाँ p और q पूर्णांक हैं और q ≠ 0 को अपरिमेय संख्या के रूप में व्यक्त किया जाता है. जैसे; √2, √5, √7 आदि. जब कोई संख्या जो p / q के रूप में हो, p और q पूर्णांक हो. q ≠ 0 को एक अपरिमेय संख्या कहा जाता है. अपरिमेय संख्या हमेशा ( √ ) के रूप में होता है जिसका वर्गमूल नही निकलता है. अपरिमेय संख्या का सिंबल (Symbol of Irrational Numbers) आमतौर पर अपरिमेय को व्यक्त करने के लिए “P” का प्रयोग किया जाता है. इसे ...