Purnima kab hai

  1. Purnima 2022: जानिए साल 2022 में कब है पूर्णिमा तिथि
  2. Purnima Kab Hai
  3. Guru Purnima 2023 Date, Guru Purnima Puja Shubh Muhrut, Kab Hai Guru Purnima
  4. Guru Purnima 2023:इस साल कब है गुरु पूर्णिमा? जानें तिथि, महत्व और पूजा विधि
  5. Vat Purnima Kab Hai 2023: कब है वट पूर्णिमा? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
  6. Guru Purnima 2023 Date: गुरु पूर्णिमा कब है, जानें पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व


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Purnima 2022: जानिए साल 2022 में कब है पूर्णिमा तिथि

पूर्णिमा हिंदू कैलेंडर अर्थात पूर्णिमातिथि (purnima tithi) का नाम सौम्य और बलिष्ट भी है, क्योंकि इस तिथि पर पूर्णिमा तिथि में जन्मे जातक पूर्णिमा यह भी पढ़ें : पूर्णिमा का महत्व पूर्णिमा तिथि हिंदू धर्म में बहुत मायने रखती है। बुध, कबीर, रैदास जैसी महान आत्माओं से लेकर क्या करें और क्या ना करें सुख, सम्पदा और श्रेय की प्राप्ति के लिए इस तिथि पर सत्यानारण का पाठ करवाना उत्तम रहता है।पूर्णिमा तिथि पर गृह निर्माण, नया वाहन, गहने या कपड़ों की खरीदारी, शिल्प, मांगलिक कार्य, उपनयन संस्कार, 2022में कब-कब हैं पूर्णिमा तिथि हिंदू वर्ष कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक मास में एक पूर्णिमा तिथि होती है। इस प्रकार 12 महीनों में 12 तिथियां पूर्णिमा की होती हैं। वर्ष 2022में पूर्णिमा (purnima 2022) की तिथियां इस प्रकार हैं- पूर्णिमा 2022 दिनांक जनवरी 17, 2022, सोमवार फरवरी 16, 2022, बुधवार मार्च 18, 2022, शुक्रवार अप्रैल 16, 2022, शनिवार मई 16, 2022, सोमवार जून 14, 2022, मंगलवार जुलाई 13, 2022, बुधवार अगस्त 12, 2022, शुक्रवार सितम्बर 10, 2022, शनिवार अक्टूबर 9, 2022, रविवार नवम्बर 8, 2022, मंगलवार मार्गशीर्ष पूर्णिमा दिसम्बर 8, 2022, बृहस्पतिवार ✍️ By- टीम एस्ट्रोयोगी

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Purnima 2023 List | Purnima Kab Hai 2023 | पूर्णिमा व्रत तिथि | पूर्णिमा व्रत 2023 | साल 2023 के लिए पूर्णिमा व्रत की सूची | Puranmashi 2023 | हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। हिन्दू धर्म में कैलेण्डर व हिन्दू पंचाग के तिथि चन्द्रमा के अनुसार बदलती है। चन्द्रमा के घटते और बढते हुए को पक्ष कहा जाता है और एक महीने में दो पक्ष होते है –शुक्ल पक्षऔरकृष्ण पक्ष। शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा होती है। पूर्णिमा एक महीने में एक बार आती है। हिंदू धर्म में पूर्णिमा काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है इसीलिए पूर्णिमा व्रत रखा जाता है। साल में कुल 12 पूर्णिमा होती हैं और हर महीने के शुक्ल पक्ष का आखिरी दिन पूर्णिमा कहलता है। पूर्णिमा तिथि साल 2023 में अधिकमास भी रहेगा, ऐसे में इस साल कुल 13 पूर्णिमा रहेंगी। आइए जानते हैं इस साल के पूर्णिमा की डेट और मुहूर्त। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • पूर्णिमा 2023 | Purnima Kab Hai पूर्णिमा दिनांक व्रत समय पौष पूर्णिमा 06जनवरी23 (शुक्रवार) माघ पूर्णिमा 05फरवरी 23(रविवार) फाल्गुन पूर्णिमा 07मार्च23 (मंगलवार) चैत्र पूर्णिमा 06अप्रैल 23(गुरुवार) वैशाख पूर्णिमा 05मई 23(शुक्रवार) ज्येष्ठ पूर्णिमा 04जून 23(रविवार) आषाढ़ा पूर्णिमा 03जुलाई23 (सोमवार) अधिक मास पूर्णिमा 01अगस्त23 (मंगलवार) श्रावण पूर्णिमा 31अगस्त 23(गुरुवार) भाद्रपद पूर्णिमा 29सितम्बर23 (शुक्रवार) आश्विन पूर्णिमा 28अक्तूबर23 (शनिवार) कार्तिक पूर्णिमा 27नवम्बर 23(सोमवार) मार्गशीर्ष पूर्णिमा 26दिसम्बर 23 (मंगलवार) श्रीहरि और मां लक्ष्मी 2023 में पूर्णिमा व्रत के तिथि जनवरी में पूर्णिमा तिथि शुक्रवार, 06 जनवरी 2023 • पौष, शुक्ल पूर्णिमा, पौष पूर्णिमा व्रत,पौष पूर्णि...

Guru Purnima 2023 Date, Guru Purnima Puja Shubh Muhrut, Kab Hai Guru Purnima

Guru Purnima 2023: पूर्णिमा तिथि की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन पूर्णिमा तिथि पड़ती है. आषाढ़ के मास में पड़ रही पूर्णिमा को आषाढ़ पूर्णिमा कहते हैं और इसे गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. गुरु पूर्णिमा के दिन ही वेदों के रचयिता महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. आमतौर पर पूर्णिमा (Purnima) पर खासतौर से पूजा-पाठ और स्नान-दान किया जाता है, लेकिन गुरु पूर्णिमा होने के चलते इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है. गुरु पूर्णिमा के दिन विद्यार्थी अपने गुरु की सेवा करते हैं और गुरु को आदरभाव के साथ धन्यवाद देते हैं. गुरु पूर्णिमा कब है पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह की पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है. आषाढ़ पूर्णिमा की तिथि 2 जुलाई की रात 8 बजकर 21 मिनट से शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन अगले दिन 3 जुलाई शाम 5 बजकर 8 मिनट पर होगा. उदया तिथि को देखते हुए 3 जुलाई के दिन के गुरु पूर्णिमा मनाई जाने वाली है. गुरु पूर्णिमा पर पूजा मान्यतानुसार गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के आदर-सत्कार के साथ ही पूर्णिमा की पूजा भी की जाती है. पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर स्नान किया जाता है. बहुत से भक्त इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने जाते हैं. जो नदी तक स्नान करने नहीं जा सकते वे पानी में गंगाजल मिलाकर भी नहा सकते हैं. स्नान पश्चात भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और वेदों के रचयिता वेद व्यास का ध्यान किया जाता है. इसके पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं. सूर्य देव को अर्घ्य देना भी इस दिन बेहद शुभ होता है. गुरु पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और वेद व्यास जी (Ved Vyas) की पूजा की जाती है. फल, फूल, धूप, दीप, अक्षत, दूर्वा और हल्दी आदि पूजा सामग्री म...

Guru Purnima 2023:इस साल कब है गुरु पूर्णिमा? जानें तिथि, महत्व और पूजा विधि

Guru Purnima 2023 Date, Puja Muhurat, Importance : आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इसी दिन महर्षि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। गुरु पूर्णिमा को वेदव्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। महर्षि वेद व्यास जी ने ही पहली बार मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया था, इसलिए महर्षि वेदव्यास जी को प्रथम गुरु माना जाता है। हिंदू धर्म में गुरु को भगवान से भी श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि गुरु ही भगवान के बारे में बताते हैं और भगवान की भक्ति का मार्ग दिखाते हैं। ऐसे में प्रत्येक वर्ष आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को आषाढ़ पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा और गुरु पूर्णिमा के तौर पर बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। चलिए जानते हैं इस साल गुरु पूर्णिमा की तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि... गुरु पूर्णिमा पूजा विधि • गुरु पूर्णिमा वाले दिन गुरु की पूजा की जानी चाहिए। • इस दिन सुबह सबसे पहले स्नानादि के बाद साफ कपड़े पहनें। • फिर अपने घर के पूजा स्थल में लगे देवी-देवताओं की प्रतिमा को प्रणाम करते हुए उनकी विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करें। • इसके बाद पूजा स्थल पर रखें अपने गुरु की तस्वीर को माला फूल अर्पित कर उनका तिलक करें। • पूजन के बाद अपने गुरु के घर जाकर उनका पैर छूकर आशीर्वाद जरूर लें।

Vat Purnima Kab Hai 2023: कब है वट पूर्णिमा? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

• ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि का शुभारंभ 3 जून, दिन शनिवार को सुबह 11 बजकर 16 मिनट से होगा। • ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि का समापन 4 जून, दिन रविवार को सुबह 9 बजकर 11 मिनट पर होगा। • उदया तिथि के अनुसार, वट पूर्णिमा का व्रत 4 जून को रखा जाना चाहिए। • मगर तिथि अक्षय के कारण वट पूर्णिमा का व्रत 3 जून को रखा जाएगा। यह भी पढ़ें: वट पूर्णिमा 2023 शुभ मुहूर्त (Vat Purnima Shubh Muhurat 2023) • वट पूर्णिमा यानी कि 3 जून को पूजा का मुहूर्त सुबह 7 बजकर 16 मिनट से शुरू होगा। • वट पूर्णिमा यानी कि 3 जून को पूजा (पूजा-पाठ के नियम) का मुहूर्त सुबह 8 बजकर 59 मिनट पर खत्म होगा। • वट पूर्णिमा की पूजा के लिए कुल अवधि 1 घंटा 45 मिनट होगी। वट पूर्णिमा 2023 पूजा विधि (Vat Purnima Puja Vidhi 2023) • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। फिर सुहागिन महिलाएं साफ वस्त्र पहनकर सोलह श्रृंगार करें। • बरगद के पेड़ के नीचे जाकर गाय के गोबर से सावित्री और माता पार्वती की मूर्ति बनाएं। • अगर गोबर उपलब्ध नहीं हैं तो आप सुपारी का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। • सावित्री और मां पार्वती का प्रतीक बनाने के लिए दो सुपारी में कलावा लपेटें। • इसके बाद चावल, हल्दी और पानी से मिक्स पेस्ट बनाएं और हथेलियों पर लगाएं। • फिर अपनी हल्दी लगी हथेली को सात बार बरगद के पेड़ पर छापें। • मन में पति का स्मरण करती रहें। इसके बाद वट वृक्ष में जल अर्पित करें। • फूल, माला, सिंदूर, अक्षत, मिठाई, खरबूज, आम, पंखा सहित अन्य फल अर्पित करें। • फिर आटे की पूड़ियों लें और हर एक पूड़ी में 2 भिगोए हुए चने रखें। • चने के साथ आटा और गुड़ के बने गुलगुले भी रखें। • इसके बाद इसे बरगद की जड़ में रख दें। फिर जल अर्पित करें। • बरगद के पेड़ के समक्ष घी का...

Guru Purnima 2023 Date: गुरु पूर्णिमा कब है, जानें पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व

Guru Purnima 2023 Kab Hai: सनातन परंपरा में जिस गुरु का स्थान ईश्वर से भी ज्यादा माना गया है, उनकी पूजा के लिए हर साल आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की पूर्णिमा का दिन सबसे ज्यादा शुभ और फलदायी माना गया है. मान्यता है कि यदि इस दिन अपने गुरु की पूजा करने पर व्यक्ति को उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है. पंचांग के अनुसार इस साल गुरु पूर्णिमा का महापर्व 03 जुलाई 2023, सोमवार को मनाया जाएगा. हिंदू मान्यता के अनुसार गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व महर्षि वेदव्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है. यही कारण है कि इस पावन पर्व को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. आइए गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि और उसका धार्मिक महत्व जानते हैं. गुरु पूर्णिमा 2023 का शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि 02 जुलाई 2023 को सायंकाल 08:21 बजे से प्रारंभ होकर 03 जुलाई 2023 को सायंकाल 05:08 बजे तक रहेगी. ऐसे में उदया तिथि के आधार पर गुरु पूजन का महापर्व इस साल 03 जुलाई 2023 को मनाया जाएगा. कैसे करें गुरू का पूजन हिंदू मान्यता के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन व्यक्ति को अपने गुरू की पूजा करने के लिए स्नान-ध्यान करने के बाद उनके स्थान पर जाकर उन्हें प्रणाम करके विधि-विधान से पूजन करना चाहिए. यदि आप गुरु दिवंगत हो चुके हैं या फिर आप किसी कारण से अपने गुरु के पास उनके स्थान पर नहीं जा सकते हैं तो आप अपने घर में ही पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ उनके चित्र का पुष्प, चंदन, धूप, दीप आदि से पूजन करें. गुरु पूजा करने के बाद उसमें हुई भूलचूक के लिए माफी मांगते हुए उनका आशीर्वाद प्राप्त करें. गुरु पूर्णिमा पर इन बातों का रखें ध्यान • हिंदू मान्यता के अनुसार जिस गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से ...