- जानिए कैसे बनाएं 7 तरह की रंगबिरंगी रंगोली
- रंगोली बनाने के यह 5 फायदे, आपको नहीं पता होंगे । Health Benefit Of Making Rangoli
- रंगोली बनाना प्रतियोगिता
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जानिए कैसे बनाएं 7 तरह की रंगबिरंगी रंगोली
व्रत त्योहार हो या कोई पूजा अनुष्ठान...किसी भी प्रकार के मंगल कार्य में रंगाली का बहुत महत्व है। और अगर बात की जाए दीपों के पर्व दिवाली की, तो रंगोली के बिना इस त्यौहार की कल्पना भी नहीं की जा सकती। आखिर यही तो है हमारी संस्कृति का वह प्रतीक जो जीवन के रंगों को दर्शाकर मन को भी खुशहाली से भर देता है। 1रंगों की ओली -रंगों की सहायता से, कई लयबद्ध बिंदुओं को मिलाते हुए रंगोली की कई सुंदर-सुंदर आकृतियां बनाई जाती हैं, जो बेहद आसान और आकर्षक होती है। यह तरीका आसान होने के कारण युवतियों के साथ ही छोटी बालिकाएं भी आसानी से रंगोली को आकार दे सकती हैं। इसके बाद इसमें अपने अनुसार रंग भरकर इसे और भी आकर्षक बनाया जाता है। तब तैयार होती है, खूबसूरत रंगोली। अगर आपको रंगोली बनाना कठिन लगता है, तो आपके लिए सबसे बेहतर तरीका यही है । इसके लिए बाजार में किताब उपलब्ध है । 2मांडना -वर्तमान में रंगोली का प्रचलन सबसे अधिक है, लेकिन पुरानी परंपरानुसार आज भी आंतरिक इलाकों में मांडने बनाए जाते हैं। यह घर के आंगन या फर्श पर प्राकृतिक रंगों का उपयोग कर आकर्षक ढंग से बनाए जाते हैं। आप अगर ही दिन रंगोली नहीं बनाना चाहते तो मांडना पारंपरिक और खूबसूरत तरीका है । मांडने की एक खासियत यह भी है, कि यह लंबे समय तक बने रहते हैं। इसे बनाने के लिए गीले रंगों का प्रयोग किया जाता है, जो सूखने के बाद लंबे समय तक उतने ही आकर्षक नजर आते हैं। 3फूलों की रंगोली -रंगोली बनाने का एक बेहद खूबसूरत तरीका यह भी है। दुनिया में फूलों से ज्यादा सुंदर चीज और कुछ भी नहीं। इन्हीं रंगबिरंगे फूलों और पंखुड़ियों का प्रयोग कर जब रंगोली बनाई जाती है, तो यह न केवल आंखों को खूबसूरत दिखाई देती है, बल्कि इसकी महक से आपका मन भी इस खूबसूरती ...
रंगोली बनाने के यह 5 फायदे, आपको नहीं पता होंगे । Health Benefit Of Making Rangoli
हिन्दू धर्म में आंगन या द्वार पर रंगोली बनाना बेहद शुभ माना जाता है और इसे घर की सुख-समृद्धि से जोड़कर देखा जाता है। दीपावली के मौके पर इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। यही कारण है कि दशहरे से लेकर दीपावली तक हर दिन घरों में द्वार पर रंगोली सजाई जाती है। लेकिन इस का महत्व सिर्फ साज-सज्जा या धार्मिक स्तर पर ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक स्तर पर भी है। आप भी जानिए रंगोली बनाने के 5 फायदे -
रंगोली बनाना प्रतियोगिता
रंगोली बनाने की प्रतियोगिता विभिन्न राज्यों में विभिन्न नामों और विषयों पर रंगोली बनाई जाती है। चाहे तमिलनाडु की कोल्लाम हो, गुजरात का साठिया हो, बंगाल की अल्पना, राजस्थान की मंडाना, उड़ीसा की ओसा, उत्तराखंड की आइपन अथवा महाराष्ट्र की रंगोली हो – अपनी अपनी परम्पराओं, लोकगीतों और रीति-रिवाजों को प्रदर्शित करने का प्रत्येक क्षेत्र का अपना एक विशिष्ट ढंग होता है। अब आपकी बारी है कि आप रंगोली बनाने की प्रतियोगिता में भाग लेकर अपने रचनात्मक कौशल का परिचय दें। 10 वर्ष से ऊपर का कोई भी व्यक्त्िा इन सभी प्रतियोगिताओं में भाग ले सकता है।