राजा बच्चू सिंह ने अंबेडकर को क्यों मारा

  1. पुस्तक अंश: 'उसने गांधी को क्यों मारा'
  2. आखिर कैसे हुई थी डॉ. भीमराव अम्बेडकर की मौत
  3. भरतपुर के राजा चौधरी बच्चू सिंह
  4. Bachchu Singh
  5. भीमराव अम्बेडकर की मृत्यु कैसे हुई


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पुस्तक अंश: 'उसने गांधी को क्यों मारा'

'उसने गांधी को क्यों मारा' लेखक अशोक कुमार पांडेय की किताब कई ज्वलंत तथ्यों को सामने लाती है. यह किताब आज़ादी की लड़ाई में विकसित हुए अहिंसा और हिंसा के दर्शन के बीच कशमकश की सामाजिक-राजनैतिक वजहों की तलाश करते हुए उन कारणों को सामने लाती है जो गांधी की हत्या के ज़िम्मेदार बने. साथ ही, गांधी हत्या को सही ठहराने वाले आरोपों की तह में जाकर उनकी तथ्यपरक पड़ताल करते हुए न केवल उस गहरी साज़िश के अनछुए पहलुओं का पर्दाफ़ाश करती है बल्कि उस वैचारिक षड्यंत्र को भी खोलकर रख देती है जो अंतत: गांधी की हत्या का कारण बना. किताब का अंश... गांधी नहीं थे विभाजन के ज़िम्मेदार इस समय का जनसंघ और हिन्दुत्व के ग़ैर-हिन्दू विचार वाले उसके पुरखे जिन्होंने सबसे ऊंची आवाज़ में अखंड भारत का नारा लगाया, उन्होंने अंग्रेज़ों और मुस्लिम लीग की देश के विभाजन में मदद की. उन्होंने एक देश के भीतर मुसलमानों को हिन्दुओं के क़रीब लाने की कोई कोशिश नहीं की. उन्होंने दोनों को दूर करने की लगभग हर कोशिश की. यह मनमुटाव ही विभाजन का मूल कारण है. अगर यह मान लिया जाए कि वे ईमानदार लोग हैं तो भी एक तरफ़ मनमुटाव के दर्शन को बढ़ावा देना और दूसरी तरफ़ अखंड भारत की बात करना ख़ुद को धोखा देना है...भारत में मुसलमानों के दुश्मन पाकिस्तान के दोस्त हैं. जनसंघी और अखंड भारत का नारा देने वाले सभी पाकिस्तान के दोस्त हैं. —राममनोहर लोहिया थोड़ी देर शान्त दिमाग़ से सोचें कि विभाजन क्यों हुआ? कोई भी बंटवारा कब होता है? जब घर में दो भाइयों के बीच तनाव उस हद तक पहुंच जाता है कि उन्हें लगने लगता है कि अब साथ रहना सम्भव नहीं तो वे अलग हो जाते हैं. साथ रहने के लिए सबसे ज़रूरी क्या है? यही न कि इस तनाव को उस हद तक कम किया जाए कि दोनों अलग रहने का ख़या...

आखिर कैसे हुई थी डॉ. भीमराव अम्बेडकर की मौत

आप यह सुनकर चौक जायेंगे कि जिस महापुरुष ने देश का संविधान बनाया उससे जुड़ी कोई भी जानकारी भारत सरकार के पास नहीं है। सुनने में यह भले ही अजीब लगे मगर यह सच है कि भारत सरकार के पास इस बात की जानकारी नहीं हैं कि संविधान निर्माता डॉक्‍टर भीमराव अंबेडकर की मौत कैसे हुई थी। इसका विडियो देखने के लिये 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇 RTI ऐक्ट के तहत दायर आवेदन के जवाब में केंद्र के दो मंत्रालयों और आंबेडकर प्रतिष्ठान ने अपने पास आंबेडकर की मौत से जुड़ी कोई भी जानकारी होने से इनकार किया है। एक मंत्रालय के जन सूचना अधिकारी ने यह भी कहा है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि मांगी गई सूचना किस विभाग से संबद्ध है। आरटीआई कार्यकर्ता आर एच बंसल ने राष्ट्रपति सचिवालय में आवेदन दायर कर पूछा था कि डॉ. भीमराव आंबेडकर की मौत कैसे और किस स्थान पर हुई थी? उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या मृत्यु उपरांत उनका पोस्टमॉर्टम कराया गया था। पोस्टमॉर्टम की स्थिति में उन्होंने रिपोर्ट की एक प्रति मांगी थी। आवेदन में यह भी पूछा गया था कि संविधान निर्माता की मृत्यु प्राकृतिक थी या फिर हत्या। उनकी मौत किस तारीख को हुई थी, क्या किसी आयोग या समिति ने उनकी मौत की जांच की थी? राष्ट्रपति सचिवालय ने यह आवेदन गृह मंत्रालय के पास भेज दिया जिस पर गृह मंत्रालय द्वारा आवेदक को दी गई सूचना में कहा गया है कि डॉ. अंबेडकर की मृत्यु और संबंधित पहलुओं के बारे में मांगी गई जानकारी मंत्रालय के किसी भी विभाग, प्रभाग और इकाई में उपलब्ध नहीं है। कुछ लोग बाबा साहब की की मौत का कारण डायबिटीज बताते हैं तो कुछ साजिश द्वारा कुछ लोग अम्बेडकर की मौत स्वाभाविक मानते हैं तो कुछ हत्या भी लेकिन सरकार डॉक्टर भीमराव की मौत को रहस्य बना कर भूलाना चाहती हैं लेकि...

भरतपुर के राजा चौधरी बच्चू सिंह

भरतपुर पर राज आजादी के समय राजा बच्चू सिंह के बड़े भाई बिजेंद्र सिंह जाट का था।वो अपने चारो भाईयो में सबसे छोटे थे। आजादी मिलते ही उन्होंने मेव मुस्लिमो पर हमला कर दिया और बहुतों को पाकिस्तान भगा दिया कई इधर उधर बिखर गए पर बाद में बिखरे हुओ में से कुछ को विनोबा भावे ने उन्हें वापिस बसवाया। एक बार नौगामा गांव मेवात में कुछ मेव एक धर्म पर टिके ब्राह्मण की बेटी से शादी करने पर अड़े थे।तो उन्होंने जैसे तैसे करके खबर राजा को पहुंचाई तो बच्चू सिंह को भृज गया तो उन्होंने वहां अपनी स्टेनगन लगी गाड़ी से बहुतों को हुरो तक पहुंचा दिया। ये एक बहुत अच्छे पायलट थे जिन्होंने एक बार जब इंग्लैंड की महारानी भारत आई थी तो इन्होंने अपने ग्लाइडर में बैठाकर इंडिया गेट के अंदर से उन्हें निकाला था। ऐसा करने वाले वो एकमात्र पायलट थे। एक बार इंग्लैंड में नेहरू को बचाया था।वहां उनको मारने की साजिश थी तो राजा साहब ने नेहरू अलग जहाज में बैठाकर भारत ले आये। इसलिए उनके 3 खून माफ हुए और वो अपनी पिस्तौल कही भी ले जा सकते थे। एक बार संसद में वो बैठे थे तभी नेहरू और अम्बेडकर जी आये और उनके स्वागत में सब खड़े हो गए।परन्तु बच्चू सिंह अपने स्थान पर विराजे रहे। अम्बेडकर ने नेहरू से पूछा के ये कौन है तो उन्होंने कहा भरतपुर के राजा। तब अम्बेडकर ने उन्हें कई अपमान जनक शब्द कहे। और कहा के रस्सी जल गई पर बल नही गया रजवाड़े चले गए पर अकड़ नही गयी। इससे राजा साहब ने पिस्तौल निकाली और भरी संसद में उन पर गोली चला दी। और उसके बाद नेहरू जी के सीने पर पिस्तौल लगा दी और कहा क्यों नेहरू जी मैंने सही किया ना। तो डरे सहमे नेहरू ने कहा हाँ राजा साहब आपने कोई गलती नही की। उसके बाद इस बात के तथ्य मिटा दिए गए किसी ने कोई विरोध नही किया ...

Bachchu Singh

Contents • 1 Member of First Lok Sabha • 2 Bio Profile at the website of Lok Sabha • 3 महाराज व्रजेन्द्रसिंह • 4 महाराजा श्रीकृष्णसिंह के पुत्र • 5 गिर्राज शरण सिंह उर्फ बच्चू सिंह • 6 Also Read • 7 External links • 8 Gallery of Images • 9 References Member of First Lok Sabha He was elected for First Lok Sabha (1952) from Bharatpur constituency, as an Independent candidate. He was also elected (as an Independent candidate) for Fourth Lok Sabha (1967) from Mathura constituency. Bio Profile at the website of Lok Sabha 4th Lok Sabha Members Bioprofile SINGH, SHRI GIRRAJ SARAN, Ind.. (U.P.--Mathura—1967): s. of late H. H. Maharaja Kishan Singh of Bharatpur; b. at Bharatpur, ed. at Wiliingdon College, Berkshire, England: m. Shrimati P. N. Krishna. 1961; 2 S.; Commissioned Officer in I.A.F., 1940-46; Minister, Bharatpur State 1946—48; Member, First Lok Sabha, 1952-57. Favourite pastime and receation: Tennis , Squash , horse-riding and shikar. Clubs: Defence Services Club Permanent address: Rose Villa , Bharatpur, Rajasthan. • • • महाराजा श्रीकृष्णसिंह के पुत्र आपत्तियां: महाराजा श्रीकृष्णसिंह के निर्वासन के समय से ही राजपरिवार और प्रजाजनों पर आपत्तियां आनी आरम्भ हो गई थीं। महाराजा ब्रजेन्द्रसिंह के समय में तो कुछेक पुलिस के उच्च कर्मचारियों ने अन्याय की हद कर दी थी। सुपरिण्टेंडेण्ट पुलिस मुहम्मद नकी ने हिन्दू जनता के धार्मिक कृत्यों पर पाबन्दी लगा दी। यही क्यों, भरतपुर के राजवंश के बुजुर्गों के स्मृति-दिवस न मनाने के लिए भी पाबन्दी लगाई गई। जयंती मनाने वालों के वारंट काटे गए जिन...

भीमराव अम्बेडकर की मृत्यु कैसे हुई

भीमराव अम्बेडकर की मृत्यु के बारे में कोई आधिकारिक तथ्य उपलब्ध नहीं है . परन्तु उपलब्ध जानकारी के आधार पर ऐसा माना जाता है कि उनकी मृत्यु 6 दिसंबर 1956 में खराब स्वास्थ्य के कारण हुई थी। कुछ लोग ऐसा भी कहते हैं कि राजा बच्चू सिंह ने उन्हें गोली मार दी थी, परन्तु इस बारे में कोई तथ्य उपलब्ध नहीं है। बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर (BR Ambedkar Short Biography) : डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में स्थित महू (br ambedkar birth place) में हुआ था जिसका नाम वर्तमान समय में बदल कर डॉ.अंबेडकर नगर (dr ambedkar history) रख दिया गया था। डॉ भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 में हुआ था। शिक्षा : • अंबेडकर ने 1907 में मैट्रिकुलेशन पास करने के बाद एली फिंस्टम कॉलेज में 1912 में ग्रेजुएट हुए। • डॉ भीमराव अंबेडकर ने 1915 में कोलंबिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए की शिक्षा ली। • उन्होंने वर्ष 1917 में पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर ली। • उन्होंने एमएससी और बार एट-लॉ की डिग्री भी प्राप्त की थी। • वह कुल 64 विषयों में मास्टर थे, 9 भाषाओं के जानकार थे,विश्व के सभी धर्मों के रूप में पढ़ाई की थी। आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की डॉ भीमराव अंबेडकर (dr b.r. ambedkar essay in 150 words) को भारतीय संविधान के निर्माता के रूप में माना जाता है। उनके प्रयास और मेहनत के परिणाम के बाद ही भारत को अपना संविधान प्राप्त हो पाया है। अंबेडकर बचपन से ही शिक्षा प्राप्त करने के लिए बहुत ही उत्साहित रहते थे, परन्तु महार जाति के होने के कारण उनके साथ भेद -भाव किया जाता था। ध्यान रहे की अम्बेडकर स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री थे। वैसे बाबासाहेब ने दो बार लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन दोनों बार ...