राजस्थान में होली कब है

  1. Holi 2022: राजस्थान में होली के अनोखे रंग, कहीं अंगारों पर चलते हैं लोग...डूंगरपुर में खेलते हैं पत्थरमार होली
  2. 2023 में होली कब है होली दहन कब है jharkhand राजस्थान बिहार up में होली कब.
  3. बरसाने में कब है होली? जानें ब्रज में 10 दिन चलने वाली होली का पूरा शेड्यूल
  4. Holi 2022 date holika dahan shubhu muhurt vidhi prahlad story
  5. Rajasthan News Live Updates 6 March Holi 2023 Shubh Muhurt Ashok Gehlot Gajendra Singh Shekhawat Breaking News Hindi
  6. Holi 2022: जानें कब है लट्ठमार होली? लड्डू होली और रंगभरी एकादशी की तिथि भी जानें
  7. Rajasthan Holi 2023 Holashtak Date Tithi Shubh Muhurt And Importance Of Holika Dahan Time ANN


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Holi 2022: राजस्थान में होली के अनोखे रंग, कहीं अंगारों पर चलते हैं लोग...डूंगरपुर में खेलते हैं पत्थरमार होली

Holi 2022: राजस्थान में होली के अनोखे रंग, कहीं अंगारों पर चलते हैं लोग…डूंगरपुर में खेलते हैं पत्थरमार होली राजस्थान के कई जिलों की ऐसी होली खेली जाती है जो देशभर में प्रसिद्ध है. डूंगरपुर जिले में होली के दिन जिले के कोकापुर गांव में लोग होलिका के दहकते अंगारों पर नंगे पांव चलते हैं तो श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में कोड़ामार होली खेलने की परंपरा सालों से चल रही है. फाल्गुन महीने की शुरूआत के साथ ही हवाओं में होली (holi 2022) के रंग और अबीर गुलाल उड़ने लगा है. बाजार रंगों से सजे हैं. दुकानों पर मिठाई लेने के लिये लोग कतार में खड़े हैं. अब बस देर है, तो वो रंग लगाने का. कोरोना काल के 2 साल बाद इस बार होली (holi celebration) का खुमार लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है. देश के अलग-अलग राज्यों में होली खेलने के अपने तरीके हैं. कहीं लोग अपनी पुरानी परंपराओं से होली खेलते हैं तो कहीं रंग लगाने के अनोखे तरीके भी हैं. वहीं रंगों से होली खेलना तो होली पर आपने सुना ही होगा लेकिन आज हम आपको (rajasthan) के कई जिलों की ऐसी होली के बारे में बताएंगे जो कहीं और देखने को नहीं मिलते हैं. राज्य के कई जिलों में रंगों से तो कहीं फूलों के साथ होली (phulon ki holi) खेली जाती है. आइए जानते हैं राजस्थान के इन जिलों की होली इतनी खास क्यों है. अंगारों पर चलकर मनाते हैं होली राज्य के डूंगरपुर जिले की होली सबसे अनोखी मानी जाती है, यहां वांगड़वासी होली के एक महीने पहले ही तैयारियों में जुट जाते हैं और होली के खुमार में मस्त हो जाते हैं. होली के दिन जिले के कोकापुर गांव में लोग होलिका के दहकते अंगारों पर नंगे पांव चलने की परंपरा आज भी निभाते हैं. लोगों का मानना है कि होलिका दहन के अंगारों पर चलने से घर में को...

2023 में होली कब है होली दहन कब है jharkhand राजस्थान बिहार up में होली कब.

2023 में होली कब है | होली कब है 2023 में . नमस्कार दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे होली 2023 में कब मनाई जाएगी और होलिका दहन करने का शुभ मुहूर्त क्या होगा? इसके अलावा होली से जुड़ी और तिथियां जानेंगे। साथ ही होली के बारे में भी थोड़ी बहुत जानकारी देने का प्रयास रहेगा। लेकिन आर्टिकल पढ़ने से पहले हमारी साइट को बुकमार्क जरूर कर ले ताकि और भी ऐसे ही आर्टिकल की updates मिलती रहें। तो चलिए जानते है, होली कब है 2023 में बारे में, इसके लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढे। होली 2023 भारत एक बिनसामप्रदायकी देश है।भारत में सभी तरह के त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसा ही एक त्योहार है होली। होली हमारे भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है जिसे हम सभी जानते हैं। होली के दिन सभी लोग इकट्ठा होकर होली जलाते हैं जिसे होलिका दहन के नाम से जाना जाता है। जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। होली के त्यौहार को बच्चे बूढ़े और जवान सभी बड़े आनंद और उल्लास के साथ मनाते हैं। • holi kab hai 2023 • होली कब है 2023 • up में होली कब है 2022 • होली दहन कब है • बिहार में होली कब है 2022 • राजस्थान में होली कब है 2022 • मार्च में होली कब है • jharkhand mein holi kab होली का महत्व हिंदू धर्म में, राजा हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रहलाद भगवान विष्णु के बहुत बड़े भक्त थे। राजा हिरण्यकश्यप की होलिका नाम की एक बहन थी। राजा हिरण्यकश्यप नहीं चाहते थे उनके राज्य में कोई भगवान की भक्ति करें। इसलिए वह अपने पुत्र प्रहलाद को मारना चाहता था। एक समय होलिका ने एक चीता बनाया और उस पर वह कुंवर प्रहलाद के साथ बैठ गई, होलिका के पास माता के आशीर्वाद रूपी एक चुंदड़ी थी जिससे उससे आग से कुछ भी न हो। प्रहलाद ची...

बरसाने में कब है होली? जानें ब्रज में 10 दिन चलने वाली होली का पूरा शेड्यूल

बरसाना में इस बार 28 फरवरी को लठ्ठमार होली का आयोजन हो रहा है. ब्रज की होली विश्‍व प्रसिद्ध है और यहां देश-विदेश से भक्‍त आते हैं. Barsana Holi: होली का त्‍यौहार देशभर में मनाया जाता है लेकिन ब्रज की होली (Holi) की बात ही अलग है. उस पर भी अगर बरसाना की लठामार होली (Barsana Lathamar Holi) की बात की जाए तो उसका उत्‍साह और आनंद किसी से छिपा नहीं है. यहां वसंत पंचमी से ही होली की शुरुआत हो जाती है लेकिन होली से 10 दिन पहले से होली का विशेष आयोजन होता है. पूरे ब्रज में 10 दिनों तक गुलाल (Gulal) और रंगों की बरसात होती है. मंदिरों में फाग गायन शुरू हो जाता है. वहीं बरसाना की होली तो जग-विख्‍यात है. होली पर रंग-गुलाल से सराबोर होने के अलावा बरसाना की हुरियारिनों के प्रेम में पगे लठ्ठ खाने के लिए यहां देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग आते हैं. वसंत पंचमी के साथ ही ब्रज में होली शुरू हो चुकी है. बरसाना (Barsana) सहित मथुरा, वृंदावन, नंदगांव, रावल सहित पूरे ब्रज में करीब 10 दिनों तक मनाई जाने वाली रंग-गुलाल की होली का पूरा शेड्यूल भी आ चुका है. अगर आप भी इस बार बरसाना की होली का आनंद उठाना चाहते हैं तो यहां पूरा शेड्यूल देख लें. ब्रज में कब-कहां है होली . फाग आमंत्रण यानि नंदगांव की होली- 27 फरवरी . बरसाना की लड्डू होली- 27 फरवरी . संकीर्तन समाज रात्रि- 27 फरवरी . बरसाना की लठामार होली- 28 फरवरी . नंदगांव लठामार होली- 1 मार्च . रंग भरनी एकादशी वृंदावन- 3 मार्च . श्रीकृष्‍ण जन्‍मभूम‍ि होली मथुरा- 3 मार्च . छड़ीमार होली गोकुल- 4 मार्च . होलिका दहन- 6 मार्च . होली द्वारिकाधीश मथुरा- 7 मार्च . धुलेंडी- 7 मार्च . दाऊजी हुरंगा बलदेव- 8 मार्च . रावल हुरंगा- 8 मार्च . नंदगांव हुरंगा- 8 मार...

Holi 2022 date holika dahan shubhu muhurt vidhi prahlad story

नई दिल्लीः Holi 2022: रंगों का त्योहार होली आने वाली है. उल्लास और उमंग के इस त्योहार को लेकर अभी से बच्चों से लेकर बड़ों में उत्साह है. इस बार होली 10 मार्च 2022 को होलाष्टक लग जाएगा. होलाष्टक के दिन से होली की तैयारी शुरू होती है. होली के आठ दिन पहले होलाष्टक लग जाएगा. इस दौरान किसी भी शुभ कार्य की मनाही रहेगी. कैसे किया जाता है होलिका दहन होलिका दहन में किसी पेड़ की शाखा को जमीन में गाड़कर उसे चारों ओर से लकड़ी, कंडे या उपले से ढककर निश्चित मुहूर्त में जलाया जाता है. इसमें छेद वाले गोबर के उपले, गेहूं की नई बालियां और उबटन जलाया जाता है, ताकि सालभर आरोग्य मिले. जानिए होली की पौराणिक कथा पुराणों के अनुसार, एक दैत्य राजा हिरण्यकश्यप खुद को भगवान समझता था. वह लोगों से अपनी पूजा करने को कहता, लेकिन हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त था. प्रहलाद अपने पिता की बात नहीं मानता था. वह भगवान विष्णु की पूजा करता. नाराज पिता ने अपने बेटे को मारने का निर्णय किया. उसने अपनी बहन होलिका से कहा कि वह प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ जाए, क्योंकि होलिका आग में जल नहीं सकती थी. उनकी योजना प्रहलाद को जलाने की थी. आग की लपटों के बीच होलिका की गोद में बैठा प्रहलाद भगवान विष्णु का नाम लेता रहा. भगवान की कृपा से वह बच गया और होलिका जलकर राख हो गई. होलिका की ये हार बुराई के नाश का प्रतीक है. इसके बाद से होलिका दहन का प्रचलन शुरू हुआ और होली का त्योहार मनाए जाने लगा. यह भी पढ़िएः देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें

Rajasthan News Live Updates 6 March Holi 2023 Shubh Muhurt Ashok Gehlot Gajendra Singh Shekhawat Breaking News Hindi

Happy Holi 2023: राजस्थान (Rajasthan) में होली की धूम है. पिछले कुछ दिनों से ही जयपुर के मंदिरों में फूलों और गुलाल से होली खेली जा रही है. वहीं होली और धुलंडी को देखते हुए झुंझुनूं और बांसवाड़ा के बाद अब बाड़मेर में धारा 144 लागू कर दी गई है. जिला कलेक्टर ने धारा 144 लागू करने के आदेजा जारी कर दिए हैं. वहीं विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने त्योहारों पर धारा 144 लागू करने को लेकर सरकार को घेरा है. राठौड़ ने धार्मिक भावनाओं पर कुठाराघात करने का आरोप लगाते हुए गहलोत सरकार से जवाब मांगा है. वहीं इस बार होली को लेकर काफी असमंजस की स्थिति बनी रही. पहले ये कहा जा रहा था कि होली 6 और 7 मार्च की है. बाद में ये अफवाह रही कि होली 7 और 8 मार्च की है. लेकिन राजस्थान सरकार के मुताबिक प्रदेश में होली की छुट्टी आज और कल यानी 6 और 7 मार्च को है. दरअसल, हर साल फाल्गुन शुक्ल चतुर्दशी की शाम को होलिका दहन किया जाता है और पूर्णिमा के दिन धुलंडी मनाई जाती है. इस बार 6 मार्च (चतुर्दशी) को प्रदोष और भद्रा काल होने के चलते होली दहन को लेकर लोग असमंजस की स्थिति बन गई थी, लेकिन अब आज और कल यहां पर होली मनाई जाएगी. वहीं पंचांग के अनुसार इस बार 6 मार्च की शाम पूर्णिमा तिथि के साथ गोधूलि बेला भी है. इसलिए शाम 6 बजकर 24 मिनट से 6 बजकर 48 के बीच होलिका पूजन करना शुभ होगा. वहीं होली को देखते हुए जयपुर के कई मंदिरों में त्योहार के मद्देनजर हर दिन फूलों और गुलाल की होली खेली जा रही है. जयपुर के आराध्य देव गोविन्द देव जी मंदिर में हर दिन अलग-अलग तरिके से होली खेली जा रही है. अक्षय पात्र मंदिर, अक्षरधाम, राधा दामोदर, गोपीनाथ जी और आमेर के मीरा मंदिर में विशेष रूप से होली खेली जाती है. आराध्य ...

Holi 2022: जानें कब है लट्ठमार होली? लड्डू होली और रंगभरी एकादशी की तिथि भी जानें

• • Faith Hindi • Holi 2022: जानें कब है लट्ठमार होली? लड्डू होली और रंगभरी एकादशी की तिथि भी जानें Holi 2022: जानें कब है लट्ठमार होली? लड्डू होली और रंगभरी एकादशी की तिथि भी जानें Holi 2022 Calendar: इस बार छोटी होली 17 फरवरी और रंग 18 फरवरी को है. श्री कृष्ण की नगरी मथुरा और वृंदावन में होली बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है. वहां की लड्डू होली, लट्ठमार होली, रंगभरी एकादशी बहुत प्रसिद्ध हैं. ऐसे में जानते हैं जरूरी तिथि... Holi 2022 Calendar: फाल्गुन माह (Phalguna Month) 17 फरवरी से ही शुरू हो गया. इस माह में दो बड़े पर्व हैं – महाशिवरात्रि (Mahashivratri) और होली.(Holi) होली का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. होली को फाग उत्सव के नाम से भी जाना जाता हैं. वहीं फाल्गुन महीने (Phalgun Purnima) के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलिकाष्टक (Holikashtak) लग जाएगा. फुलैरा दूज से होली की खूशबू आनी शुरू हो जाती है. वहीं लोगों के घरो में नए-नए पकवान, ठंडाई, गुझिया आदि बनना शुरू हो जाते हैं. मान्यता है श्री कृष्ण की नगरी मथुरा और वृंदावन में राधारानी ठाकुर जी के साथ फूलों से होली खेलती हैं. फुलैरा दौज के दिन भक्तजन दूर-दूर से राधारानी मंदिर का नजारा देखने आते हैं. Also Read: • • • जरूरी तिथियां फुलैरा दूज की तिथि – 04 मार्च, दिन शुक्रवार को है. नंदगांव में फाग आमंत्रण महोत्सव की तिथि – 10 मार्च, दिन गुरुवार को हो. बरसाना में लड्डू होली खेलने की तिथि – 10 मार्च, दिन गुरुवार को है. होलाष्टक प्रारंभ तिथि – 10 मार्च, दिन गुरुवार को है. बरसाना में लट्ठमार होली की तिथि – 11 मार्च, दिन शुक्रवार को है. नंदगांव में लट्‌ठमार होली की तिथि – 12 मार्च, दिन शनिवार को है. रंगभरी एकादशी की तिथि – ...

Rajasthan Holi 2023 Holashtak Date Tithi Shubh Muhurt And Importance Of Holika Dahan Time ANN

Holi 2023: देशभर में होली दहन से एक महीने पहले होली (Holi 2023) का डंडा रोपने की परंपरा है. ऐसे में राजस्थान के कोटा (Kota) में माघ मास की पूर्णिमा यानी 5 फरवरी को होली का डंडा रोप दिया गया. हालांकि, अब अधिकांश जगह यह डंडा होलिका दहन के एक दिन पहले रोप कर खानापूर्ति की जाती है. जबकि असल में यह डंडा होली से ठीक एक महीने पहले 'माघ पूर्णिमा' को रोपा जाता है. होली के उत्सव का पहला काम होली का डंडा या डांडा चौराहे पर गाड़ना होता है. होली का डंडा एक प्रकार का पौधा होता है, जिसे सेम का पौधा कहते हैं. इसके साथ ही लोगों को होली का डंडा रोपने के बाद मांगलिक काम करने के लिए मना किया जाता है, लेकिन ये शास्त्र सम्मत नहीं हैं. ज्योतिषाचार्य अमित जैन का कहना है कि होली के डंडा रोपने के बाद सभी मांगलिक कार्य मुहूर्त के अनुसार कर सकते हैं. इसमें विवाह, मुंडन, जनेऊ, गृह प्रवेश, भूमि पूजन आदि कार्य करना शुभ होता है. ये याद रहे की होली के आठ दिन पहले होलाष्टक में सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं. इस बार होलाष्टक 27 फरवरी से 7 मार्च तक रहेगा. होलाष्टक के आठ दिनों में नवग्रह कमजोर रहते हैं. रंगों और प्रेम का प्रतीक है होली पर्व होली का त्योहार रंगों और प्रेम का प्रतीक है. इस दिन होलिका की आग में लोग अंहकार और बुराई को भस्म करते हैं. फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन किया जाता है. इस बार होलिका दहन 6, 7 मार्च को किया जाएगा और 8 मार्च को रंग खेला जाएगा. वहीं कोटा में आदर्श होली व सरस्वती शारदा विकास समिति की होली प्रदेश में अपनी अलग ही पहचान रखती है. यहां से देशभर की घटनाओं का संदेश दिया जाता है. बता दें कि करीब 50 साल से भी अधिक समय से यहां होली मनाई जा रही है. समिति के अध्यक्ष श्या...