राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 कब है

  1. Assembly Election 2023 In 9 States Including Madhya Pradesh Rajasthan Karnataka
  2. राजस्‍थान विधानसभा चुनाव 2023: क्‍या कहते हैं 4 साल में हुए उपचुनाव के आंकड़े, किसका पलड़ा रहा भारी?
  3. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भाजपा और कांग्रेस ने कसी कमर, बनाई खास रणनीति, जानें पूरी डिटेल
  4. राजस्‍थान विधानसभा चुनाव 2023: क्‍या कहते हैं 4 साल में हुए उपचुनाव के आंकड़े, किसका पलड़ा रहा भारी?
  5. Assembly Election 2023 In 9 States Including Madhya Pradesh Rajasthan Karnataka
  6. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भाजपा और कांग्रेस ने कसी कमर, बनाई खास रणनीति, जानें पूरी डिटेल
  7. राजस्‍थान विधानसभा चुनाव 2023: क्‍या कहते हैं 4 साल में हुए उपचुनाव के आंकड़े, किसका पलड़ा रहा भारी?
  8. Assembly Election 2023 In 9 States Including Madhya Pradesh Rajasthan Karnataka
  9. Rajasthan By election Sardarshahr seat will be semi final of 2023 assembly elections examination for BJP Congress
  10. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भाजपा और कांग्रेस ने कसी कमर, बनाई खास रणनीति, जानें पूरी डिटेल


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Assembly Election 2023 In 9 States Including Madhya Pradesh Rajasthan Karnataka

Assembly Election In 2023: साल 2023 में किन 9 राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं और किस-किस महीने में हो सकते हैं, जानिए- पूरी डिटेल्स Assembly Election 2023: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले साल 2023 में देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. मध्यप्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक में चुनाव को लेकर हलचल तेज है. Assembly Election In Year 2023: देश में अगले साल यानी 2023 में 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) होने जा रहे हैं. सभी पार्टियां अभी से ही विधानसभा चुनाव 2023 (Assembly Election 2023) को लेकर तैयारियों में जुट गई है. हालांकि 2023 विधानसभा चुनाव से पहले इस साल यानी 2022 के अंत में भी दो राज्यों में चुनाव होने हैं. इस साल जिन प्रदेशों में चुनाव होने हैं उनमें गुजरात (Gujrat Assembly Election) और हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh Election) शामिल हैं. गुजरात में इस साल दिसंबर में चुनाव कराए जा सकते हैं. वही हिमाचल में नवंबर में ही चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है. अभी इसी साल हाल ही में पांच राज्यों यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में विधानसभा के चुनाव हुए थे. बीजेपी को उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा विधानसभा चुनावों में जीत मिली थी. वही पंजाब में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए सरकार बनाई. यहां इससे पहले कांग्रेस की सरकार थी. साल 2023 में कहां-कहां चुनाव? साल 2023 में देश के कुल 9 राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं. इनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम शामिल है. इन राज्यों में पार्टियों की जीत हार से आगामी 2024 लोकस...

राजस्‍थान विधानसभा चुनाव 2023: क्‍या कहते हैं 4 साल में हुए उपचुनाव के आंकड़े, किसका पलड़ा रहा भारी?

झुंझुनू से सांसद चुने जाने के बाद बीजेपी की खाली हुई मंडवा सीट कांग्रेस ने उपचुनाव में हथियाई राजनीतिक इतिहास में आज तक ऐसी निकम्मी, नकारा, भ्रष्ट सरकार कभी नहीं देखी- सतीश पूनिया चार साल के कार्यकाल के बाद भी सरकार के खिलाफ कोई लहर न होना सबसे बड़ी उपलब्धि- गहलोत जयपुर. राजस्थान में गहलोत सरकार (Gehlot Government) बनने के बाद पिछले 4 साल में विभिन्न कारणों के के चलते 9 उपचुनाव (By Election) हुए हैं. इनमें कांग्रेस को 66 प्रतिशत सफलता मिली है. यानि 9 में से 6 उपचुनावों में कांग्रेस (Congress) का पलड़ा भारी रहा है और बीजेपी (BJP) या अन्य दलों के प्रत्याशियों को पटखनी दी है. इसी के दम पर सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) बार-बार दावा करते हैं कि राज्य में सरकार विरोधी कोई लहर नहीं है. राज्य विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है. इसकी समाप्ति के बाद सरकार और विपक्षी दल पूरी तरह से इलेक्शन मोड में आ जाएंगे, क्योंकि इसके 6-7 माह बाद ही विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लग जाएगी. भाजपा सांसद की खाली हुई सीट कांग्रेस ने हथियाई विधानसभा चुनाव 2018 में खींवसर से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हनुमान बेनीवाल और मंडावा से बीजेपी के नरेंद्र खींचड़ विधायक बने थे. 2019 में लोकसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल के नागौर और नरेंद्र खींचड़ के झुंझुनू से सांसद चुने जाने के बाद दोनों सीटें खाली हो गईं. इसी साल हुए उपचुनाव में नागौर की खींवसर पीट पर तो आरएलपी कायम रही. उसके उम्मीदवार नारायण बेनीवाल विजयी रहे. लेकिन झुंझुनू जिले की मंडावा सीट बीजेपी के हाथ से निकल गई. उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी ने यहां शानदार जीत दर्ज की थी. 4 सालों में 9 उपचुनाव, कांग्रेस को मिली तवज्जो र...

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भाजपा और कांग्रेस ने कसी कमर, बनाई खास रणनीति, जानें पूरी डिटेल

जयपुर. प्रदेश में साल 2023 के अन्त में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर दोनों ही प्रमुख दलों (भाजपा-कांग्रेस) ने अपने अपने हरावल दस्तों को तैयार करने का काम शुरु कर दिया है. कुछ दशक से नेपथ्य में चल रहे कांग्रेस सेवादल इस बार चुनावों में अपनी अहम भूमिका निभा सकता है. तो इधर भाजपा भी आरएसएस के प्रचारक की तर्ज पर अपने विस्तारक को ओर मजबूत करने जा रही है. प्रदेश के कांग्रेस सेवादल में पिछले साल में सक्रिय करते हुए कांग्रेस सेवा दल के पुनर्गठन और नव निर्माण के लिए सभी जिलों में जिला अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष के साथ में विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष के लिए संभाग प्रभारी, जिला प्रभारी एवं ब्लॉक प्रभारी की नियुक्ति की गई है. कांग्रेस सेवादल के प्रशिक्षण का काम माउण्ट आबू में वहीं भाजपा अपने विस्तारकों का प्रशिक्षण शिविर जालौर में 7 से 9 अगस्त तक देगी. कांग्रेस सेवादल कभी महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल के सपनों का संगठन हुआ करता था लेकिन पिछले कुछ दशकों में इसे भूला सा दिया गया था लेकिन कांग्रेस के लगातार घटते जनाधार और सत्ता से दूर होती कांग्रेस ने अब फिर से सेवादल को मजबूत बनाने की दिशा में काम शुरु कर दिया है. कुछ समय पहले ही मुख्यमंत्री गहलोत ने सेवादल के पदाधिकारियों से मुलाकात भी की थी जिसमें कांग्रेस सेवादल को सक्रिय करने और मजबूत करने के लिए कहा था. प्रदेश कांग्रेस सेवादल के प्रदेशाध्यक्ष हेम सिंह शेखावत ने बताया कि प्रदेश में कांग्रेस सेवादल ने अपने आप को मजबूत करते हुए कुल 18820 प्रदेश से लेकर निचली इकाई तक पदाधिकारियों का सक्रिय संगठन तैयार किया है. राजस्थान में सेवादल ने 8 लाख 62 हजार सदस्य बनाए गए हैं. प्रदेश कांग्रेस के सेवादल ने बढ़ाया अपना कु...

राजस्‍थान विधानसभा चुनाव 2023: क्‍या कहते हैं 4 साल में हुए उपचुनाव के आंकड़े, किसका पलड़ा रहा भारी?

झुंझुनू से सांसद चुने जाने के बाद बीजेपी की खाली हुई मंडवा सीट कांग्रेस ने उपचुनाव में हथियाई राजनीतिक इतिहास में आज तक ऐसी निकम्मी, नकारा, भ्रष्ट सरकार कभी नहीं देखी- सतीश पूनिया चार साल के कार्यकाल के बाद भी सरकार के खिलाफ कोई लहर न होना सबसे बड़ी उपलब्धि- गहलोत जयपुर. राजस्थान में गहलोत सरकार (Gehlot Government) बनने के बाद पिछले 4 साल में विभिन्न कारणों के के चलते 9 उपचुनाव (By Election) हुए हैं. इनमें कांग्रेस को 66 प्रतिशत सफलता मिली है. यानि 9 में से 6 उपचुनावों में कांग्रेस (Congress) का पलड़ा भारी रहा है और बीजेपी (BJP) या अन्य दलों के प्रत्याशियों को पटखनी दी है. इसी के दम पर सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) बार-बार दावा करते हैं कि राज्य में सरकार विरोधी कोई लहर नहीं है. राज्य विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है. इसकी समाप्ति के बाद सरकार और विपक्षी दल पूरी तरह से इलेक्शन मोड में आ जाएंगे, क्योंकि इसके 6-7 माह बाद ही विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लग जाएगी. भाजपा सांसद की खाली हुई सीट कांग्रेस ने हथियाई विधानसभा चुनाव 2018 में खींवसर से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हनुमान बेनीवाल और मंडावा से बीजेपी के नरेंद्र खींचड़ विधायक बने थे. 2019 में लोकसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल के नागौर और नरेंद्र खींचड़ के झुंझुनू से सांसद चुने जाने के बाद दोनों सीटें खाली हो गईं. इसी साल हुए उपचुनाव में नागौर की खींवसर पीट पर तो आरएलपी कायम रही. उसके उम्मीदवार नारायण बेनीवाल विजयी रहे. लेकिन झुंझुनू जिले की मंडावा सीट बीजेपी के हाथ से निकल गई. उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी ने यहां शानदार जीत दर्ज की थी. 4 सालों में 9 उपचुनाव, कांग्रेस को मिली तवज्जो र...

Assembly Election 2023 In 9 States Including Madhya Pradesh Rajasthan Karnataka

Assembly Election In 2023: साल 2023 में किन 9 राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं और किस-किस महीने में हो सकते हैं, जानिए- पूरी डिटेल्स Assembly Election 2023: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले साल 2023 में देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. मध्यप्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक में चुनाव को लेकर हलचल तेज है. Assembly Election In Year 2023: देश में अगले साल यानी 2023 में 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) होने जा रहे हैं. सभी पार्टियां अभी से ही विधानसभा चुनाव 2023 (Assembly Election 2023) को लेकर तैयारियों में जुट गई है. हालांकि 2023 विधानसभा चुनाव से पहले इस साल यानी 2022 के अंत में भी दो राज्यों में चुनाव होने हैं. इस साल जिन प्रदेशों में चुनाव होने हैं उनमें गुजरात (Gujrat Assembly Election) और हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh Election) शामिल हैं. गुजरात में इस साल दिसंबर में चुनाव कराए जा सकते हैं. वही हिमाचल में नवंबर में ही चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है. अभी इसी साल हाल ही में पांच राज्यों यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में विधानसभा के चुनाव हुए थे. बीजेपी को उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा विधानसभा चुनावों में जीत मिली थी. वही पंजाब में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए सरकार बनाई. यहां इससे पहले कांग्रेस की सरकार थी. साल 2023 में कहां-कहां चुनाव? साल 2023 में देश के कुल 9 राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं. इनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम शामिल है. इन राज्यों में पार्टियों की जीत हार से आगामी 2024 लोकस...

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भाजपा और कांग्रेस ने कसी कमर, बनाई खास रणनीति, जानें पूरी डिटेल

जयपुर. प्रदेश में साल 2023 के अन्त में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर दोनों ही प्रमुख दलों (भाजपा-कांग्रेस) ने अपने अपने हरावल दस्तों को तैयार करने का काम शुरु कर दिया है. कुछ दशक से नेपथ्य में चल रहे कांग्रेस सेवादल इस बार चुनावों में अपनी अहम भूमिका निभा सकता है. तो इधर भाजपा भी आरएसएस के प्रचारक की तर्ज पर अपने विस्तारक को ओर मजबूत करने जा रही है. प्रदेश के कांग्रेस सेवादल में पिछले साल में सक्रिय करते हुए कांग्रेस सेवा दल के पुनर्गठन और नव निर्माण के लिए सभी जिलों में जिला अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष के साथ में विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष के लिए संभाग प्रभारी, जिला प्रभारी एवं ब्लॉक प्रभारी की नियुक्ति की गई है. कांग्रेस सेवादल के प्रशिक्षण का काम माउण्ट आबू में वहीं भाजपा अपने विस्तारकों का प्रशिक्षण शिविर जालौर में 7 से 9 अगस्त तक देगी. कांग्रेस सेवादल कभी महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल के सपनों का संगठन हुआ करता था लेकिन पिछले कुछ दशकों में इसे भूला सा दिया गया था लेकिन कांग्रेस के लगातार घटते जनाधार और सत्ता से दूर होती कांग्रेस ने अब फिर से सेवादल को मजबूत बनाने की दिशा में काम शुरु कर दिया है. कुछ समय पहले ही मुख्यमंत्री गहलोत ने सेवादल के पदाधिकारियों से मुलाकात भी की थी जिसमें कांग्रेस सेवादल को सक्रिय करने और मजबूत करने के लिए कहा था. प्रदेश कांग्रेस सेवादल के प्रदेशाध्यक्ष हेम सिंह शेखावत ने बताया कि प्रदेश में कांग्रेस सेवादल ने अपने आप को मजबूत करते हुए कुल 18820 प्रदेश से लेकर निचली इकाई तक पदाधिकारियों का सक्रिय संगठन तैयार किया है. राजस्थान में सेवादल ने 8 लाख 62 हजार सदस्य बनाए गए हैं. प्रदेश कांग्रेस के सेवादल ने बढ़ाया अपना कु...

राजस्‍थान विधानसभा चुनाव 2023: क्‍या कहते हैं 4 साल में हुए उपचुनाव के आंकड़े, किसका पलड़ा रहा भारी?

झुंझुनू से सांसद चुने जाने के बाद बीजेपी की खाली हुई मंडवा सीट कांग्रेस ने उपचुनाव में हथियाई राजनीतिक इतिहास में आज तक ऐसी निकम्मी, नकारा, भ्रष्ट सरकार कभी नहीं देखी- सतीश पूनिया चार साल के कार्यकाल के बाद भी सरकार के खिलाफ कोई लहर न होना सबसे बड़ी उपलब्धि- गहलोत जयपुर. राजस्थान में गहलोत सरकार (Gehlot Government) बनने के बाद पिछले 4 साल में विभिन्न कारणों के के चलते 9 उपचुनाव (By Election) हुए हैं. इनमें कांग्रेस को 66 प्रतिशत सफलता मिली है. यानि 9 में से 6 उपचुनावों में कांग्रेस (Congress) का पलड़ा भारी रहा है और बीजेपी (BJP) या अन्य दलों के प्रत्याशियों को पटखनी दी है. इसी के दम पर सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) बार-बार दावा करते हैं कि राज्य में सरकार विरोधी कोई लहर नहीं है. राज्य विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है. इसकी समाप्ति के बाद सरकार और विपक्षी दल पूरी तरह से इलेक्शन मोड में आ जाएंगे, क्योंकि इसके 6-7 माह बाद ही विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लग जाएगी. भाजपा सांसद की खाली हुई सीट कांग्रेस ने हथियाई विधानसभा चुनाव 2018 में खींवसर से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हनुमान बेनीवाल और मंडावा से बीजेपी के नरेंद्र खींचड़ विधायक बने थे. 2019 में लोकसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल के नागौर और नरेंद्र खींचड़ के झुंझुनू से सांसद चुने जाने के बाद दोनों सीटें खाली हो गईं. इसी साल हुए उपचुनाव में नागौर की खींवसर पीट पर तो आरएलपी कायम रही. उसके उम्मीदवार नारायण बेनीवाल विजयी रहे. लेकिन झुंझुनू जिले की मंडावा सीट बीजेपी के हाथ से निकल गई. उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी ने यहां शानदार जीत दर्ज की थी. 4 सालों में 9 उपचुनाव, कांग्रेस को मिली तवज्जो र...

Assembly Election 2023 In 9 States Including Madhya Pradesh Rajasthan Karnataka

Assembly Election In 2023: साल 2023 में किन 9 राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं और किस-किस महीने में हो सकते हैं, जानिए- पूरी डिटेल्स Assembly Election 2023: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले साल 2023 में देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. मध्यप्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक में चुनाव को लेकर हलचल तेज है. Assembly Election In Year 2023: देश में अगले साल यानी 2023 में 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) होने जा रहे हैं. सभी पार्टियां अभी से ही विधानसभा चुनाव 2023 (Assembly Election 2023) को लेकर तैयारियों में जुट गई है. हालांकि 2023 विधानसभा चुनाव से पहले इस साल यानी 2022 के अंत में भी दो राज्यों में चुनाव होने हैं. इस साल जिन प्रदेशों में चुनाव होने हैं उनमें गुजरात (Gujrat Assembly Election) और हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh Election) शामिल हैं. गुजरात में इस साल दिसंबर में चुनाव कराए जा सकते हैं. वही हिमाचल में नवंबर में ही चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है. अभी इसी साल हाल ही में पांच राज्यों यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में विधानसभा के चुनाव हुए थे. बीजेपी को उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा विधानसभा चुनावों में जीत मिली थी. वही पंजाब में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए सरकार बनाई. यहां इससे पहले कांग्रेस की सरकार थी. साल 2023 में कहां-कहां चुनाव? साल 2023 में देश के कुल 9 राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं. इनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम शामिल है. इन राज्यों में पार्टियों की जीत हार से आगामी 2024 लोकस...

Rajasthan By election Sardarshahr seat will be semi final of 2023 assembly elections examination for BJP Congress

Rajasthan By election Sardarshahr seat will be semi final of 2023 assembly elections examination for BJP Congress | राजस्थान : सरदारशहर सीट का उपचुनाव होगा विधानसभा चुनाव 2023 का सेमीफाइनल, BJP, Congress के लिए परीक्षा | Hindi News, Churu राजस्थान : सरदारशहर सीट का उपचुनाव होगा विधानसभा चुनाव 2023 का सेमीफाइनल, BJP, Congress के लिए परीक्षा Sardarshahar seat bypoll election : राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 से पहले सरदारशहर विधानसभा सीट के उपचुनाव बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए परीक्षा की घड़ी है. भंवरलाल शर्मा के निधन से ये सीट खाली हुई है. जो कांग्रेस ( congress ) से विधायक थे. कांग्रेस जहां अशोक गहलोत सरकार की योजनाओं के नाम पर जनता के बीच वोट मांगेगी तो वहीं बीजेपी इन चुनावों में कांग्रेस की अंदरूनी कलह, कानून व्यवस्था और किसानों के मुद्दे पर घेरने की तैयारी कर रही है. कितना महत्वपूर्ण है सरदारशहर उपचुनाव राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 के चुनावों में कांग्रेस को राज्य में 99 सीटें मिली थी. लेकिन चुनावों के बीच ही अलवर की रामगढ़ सीट पर बसपा प्रत्याशी का निधन हो गया था. जिससे चुनाव आयोग ने रामगढ़ विधानसभा सीट का चुनाव स्थगित कर दिया था. बाद में जब यहां चुनाव हुए तो कांग्रेस की ओर से साफिया जुबैर चुनाव जीतने में कामयाब रही. तब तक सूबे में कांग्रेस की सरकार बन चुकी थी. जाहिर सी बात है इसका साफिया जुबैर को फायदा भी मिली. रामगढ़ सीट को जीतकर ही कांग्रेस के विधायकों की संख्या 100 हुई थी. साल 2019 के लोकसभा चुनाव हुए. तो नागौर की खींवसर विधानसभा सीट से विधायक हनुमान बेनीवाल नागौर के सांसद बन गए. और झुंझुनूं की मंडावा सीट के विधायक नरेंद्र कुमार को बीजेपी ने टिकट दिया तो वो भी झुंझु...

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भाजपा और कांग्रेस ने कसी कमर, बनाई खास रणनीति, जानें पूरी डिटेल

जयपुर. प्रदेश में साल 2023 के अन्त में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर दोनों ही प्रमुख दलों (भाजपा-कांग्रेस) ने अपने अपने हरावल दस्तों को तैयार करने का काम शुरु कर दिया है. कुछ दशक से नेपथ्य में चल रहे कांग्रेस सेवादल इस बार चुनावों में अपनी अहम भूमिका निभा सकता है. तो इधर भाजपा भी आरएसएस के प्रचारक की तर्ज पर अपने विस्तारक को ओर मजबूत करने जा रही है. प्रदेश के कांग्रेस सेवादल में पिछले साल में सक्रिय करते हुए कांग्रेस सेवा दल के पुनर्गठन और नव निर्माण के लिए सभी जिलों में जिला अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष के साथ में विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष के लिए संभाग प्रभारी, जिला प्रभारी एवं ब्लॉक प्रभारी की नियुक्ति की गई है. कांग्रेस सेवादल के प्रशिक्षण का काम माउण्ट आबू में वहीं भाजपा अपने विस्तारकों का प्रशिक्षण शिविर जालौर में 7 से 9 अगस्त तक देगी. कांग्रेस सेवादल कभी महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल के सपनों का संगठन हुआ करता था लेकिन पिछले कुछ दशकों में इसे भूला सा दिया गया था लेकिन कांग्रेस के लगातार घटते जनाधार और सत्ता से दूर होती कांग्रेस ने अब फिर से सेवादल को मजबूत बनाने की दिशा में काम शुरु कर दिया है. कुछ समय पहले ही मुख्यमंत्री गहलोत ने सेवादल के पदाधिकारियों से मुलाकात भी की थी जिसमें कांग्रेस सेवादल को सक्रिय करने और मजबूत करने के लिए कहा था. प्रदेश कांग्रेस सेवादल के प्रदेशाध्यक्ष हेम सिंह शेखावत ने बताया कि प्रदेश में कांग्रेस सेवादल ने अपने आप को मजबूत करते हुए कुल 18820 प्रदेश से लेकर निचली इकाई तक पदाधिकारियों का सक्रिय संगठन तैयार किया है. राजस्थान में सेवादल ने 8 लाख 62 हजार सदस्य बनाए गए हैं. प्रदेश कांग्रेस के सेवादल ने बढ़ाया अपना कु...