रामायण का आठवां भाग

  1. ramayan hindi story / रामायण हिंदी स्टोरी, भाग
  2. रामायण
  3. रामायण के कुल कितने भाग हैं?
  4. राधेश्याम रामायण


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ramayan hindi story / रामायण हिंदी स्टोरी, भाग

ramayan hindi story हमारे आचार्यों ने अर्थ ही बदल दियाऔर कहा कि ए आशीर्वादात्मक मंगलाचरण है और हमारे यहां के संत तो भगवान को भी आशीर्वाद देते हैं | बाकी सब लोग मांगते हैं लेकिन हमारे संत भगवान भगवान को भी आशीर्वाद देते हैं | आप देखेंगे जो सुप्रभात आदि का गायन होता है मंदिरों में सब भगवान के लिए आशीर्वाद ही दिया गया है | एक आचार्य कहते हैं-- ( काव्यं बीजं सनातनम् ) है तो रामायण के सातों कांड का बीज एक श्लोक में ही है - मा माने सीता जी, निषाद माने राम जी इन दोनों का मिलन बालकांड में हुआ तो- मानसाद शब्द से बाल कांड की कथा सूचित की गई है | प्रतिष्ठां महाराज दशरथ राम जी को अयोध्या के राज पद पर प्रतिष्ठित करना चाहते थे , लेकिन वह पिता वचन पालक के रूप में समाज में प्रतिष्ठित हुए, इस प्रतिष्ठा शब्द से अयोध्या कांड का बीज रखा गया | राम जी ने सास्वती प्रतिज्ञा अरण्यकांड में की- निसिचर हीन करहु महि भुज उठाए प्रण कीन्ह| तो शास्वती समा शब्द से अरण्यकांड की कथा का बीज रखा गया, क्रौंच बाली भी है, यतक्रौंच मिथुनादेकं,, में आपने तारा बाली में से नर क्रौंच बाली का वध कर दिया है, इसीलिए यतक्रौन्च मिथुनादेकं से किष्किंधा कांड की कथा सूचित की गई है | क्रुन्च का अर्थ दुबला पतला कृषकाय भी होता है, जब हनुमान जी आए और जाम्बवान जी ने पूछा हनुमंत यह बताओ जानकी जी लंका में कैसी हैं ? हनुमान जी ने कहा-- वाह शान्तिं मम मैथिलात्मजा तवातिशोकेन तथाति पीडिता || प्रभु अति शोकेन अति पीडिता- वह लंका में अति दुख में है अति पीड़ित है और आपके वियोग में दुबली पतली हो गई हैं | क्रौंच से सुंदरकांड की कथा सूचित की गई और पुनयत्क्रौन्च मिथुना देकं से युद्ध कांड की कथा , क्योंकि राम जी ने रावण का वध करके जगत मंगल किया ...

रामायण

विषयसूची • १ रचनाकाल • २ पात्रअन • २.१ रामका सहयोगी • २.२ रामका सत्रुपक्ष • ३ काण्डअन • ३.१ १. बाल काण्ड • ३.२ २. अयोध्या काण्ड • ३.३ ३. अरण्य काण्ड • ३.४ ४. किष्किन्धा काण्ड • ३.५ ५. सुन्दर काण्ड • ३.६ ६. युद्द काण्ड • ३.७ ७. उत्तर काण्ड • ४ रामकथा को कथा • ५ रामायण को सन्देश • ६ सन्दर्भ • ७ भाइरका कडीअन रचनाकाल [ • ] महर्षि वाल्मीकिले त्रेता युगमी रामायणको रचना अरयाः हन भण्ण्या विश्वास अरीया छ । पात्रअन [ • ] • दशरथ :अयोध्याका राजा, भगवान • • • भरत: उनी राजा दशरथ रे रानी कैकयीका छोरा थिया। उनले आफ्नी आमाले रामलाई बनबास पठाउन बाध्य बनायाको कुरा थाहा पायापछी दरबार त्यागी रामको खोजिमा जंगल हिड्याका थिया।रामले फिर्ता आउन नमान्या पछि उनले रामका चप्पल राजगद्दी मी लगाई वास्तविक राजा राम मान्याका थियए। रामको अनुपस्थितीमि भरत १४ वर्ष अयोध्याका राजा रया। उनले माण्डवी संग विवाह गरे। • लक्ष्मण: रामका कान्छा भाइ उनले रामसंगै बनबास जान्या निर्णय गरे। उनी राजा दशरथ रे राजी सुमित्राका छोरा थिया शत्रुधन उनका जुम्ल्याहा भाइ हुन। लक्ष्मणलाई शेषनागका अवतारमी चित्रण गरिन्छ जो भगवान विष्नु संग सम्बन्धित छ।उनले राम रे सीतालाई बचाउन असुर सुर्पणखासंग लडाइ गरे। उनलाई मरिच राक्षसले राम संकटमी रयाको झुठो खबर सुनाई ठग्याको थियो।उनी गयापछी रावणले सीतालाई हरेर लग्यो। लक्ष्मणको विवाह सीताकी बहिनी उर्मिला संग भयो। • शत्रुघन: उनी राजा दशरथ रे रानी सुमित्राका छोरा हुन।उनी रामका कान्छा भाइ रे लक्ष्मणका जुम्ल्याहा भाइ हुन। उनको विवाह श्रुतकृतीसंग भयो। रामका सहयोगी [ • ] • वानर: हनुमान किशकिन्ध राज्य संग सम्बन्धित वानर हो। हनुमान रामको परम भक्त थिए। उनी सुमेरु राज्यका वानर राजा केसरी रे देवी अञ्जनाका छोरा हु...

रामायण के कुल कितने भाग हैं?

रामायण “आदिकवि वाल्मीकि” द्वारा लिखा गया एक धार्मिक ग्रंथ है। यह ग्रंथ वाल्मीकि जी द्वारा संस्कृत में लिखा गया था। हम सभी जनते हैं कि प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति पर वेदों और शास्त्रों का प्रभाव रहा है। यह ग्रंथ केवल हिन्दू धर्म ही नहीं अपितु सभी धर्म के लोगों के लिए एक आदर्श आचार संहिता है। रामायण मानव मात्र के कल्याण हेतु सन्मार्ग दिखाने वाला ग्रंथ माना जाता है। इससे विभिन्न प्रकार की सीख प्राप्त होती है जिसमे पितृभक्ति, आज्ञापालन, प्रतिज्ञापूर्ति, सत्यपरायणता भ्रातृप्रेम तथा पातिव्रत्य धर्म शामिल है। आइये आपको बताते हैं कि रामायण के कुल कितने भाग हैं? रामायण के कुल कितने भाग हैं? रामायण के भागों को ‘कांड’ से विभाजित किया गया है। इसमें कुल 7 काण्ड हैं। उन 7 काण्डो के नाम बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, अरण्यकाण्ड, किष्किन्धाकाण्ड, सुन्दरकाण्ड, लंकाकाण्ड (युदध्काण्ड) तथा उत्तरकाण्ड है। इसमें से सबसे बड़ा अध्याय बालकाण्ड तथा सबसे छोटा किष्किन्धाकाण्ड है। रामायण के विश्लेषित रूप की बात की जाये तो यह “राम का अयन” है। जिसका मतलब “राम की यात्रा” होता है। कुछ और महत्वपूर्ण लेख – • • • भृगुकुलकेतु शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है? • Editor’s Picks • Do You Love Me Ka Reply Kya Hoga – डु यु लव मी का रिप्लाई क्या होगा? • लौकी को इंग्लिश में क्या कहते हैं – Lauki Ko English Mein Kya Kahate Hain? • यदा यदा ही धर्मस्य श्लोक का अर्थ हिंदी में • गायत्री मंत्र का अर्थ, लाभ तथा सावधानियां • लैंडमार्क क्या होता है – Landmark Kya Hota Hai, Meaning in Hindi • आसमान नीला क्यों होता है? यह है इसके पीछे की वजह! • बागेश्वर धाम में घर बैठे अर्जी कैसे लगाएं? 100% करेगी काम! – Bageshwardham Sarkar...

राधेश्याम रामायण

राधेश्याम रामायण की रचना एक दृष्टि में [ ] क्रमांक काण्ड का नाम कुल भाग संख्या भाग का नाम लेखक १ बालकाण्ड ४ १-जन्म २-पुष्प-वाटिका ३-धनुष-यग्य ४-विवाह २ अयोध्याकाण्ड ५ ५-दशरथ का प्रतिज्ञा-पालन ६-कौशल्या माता से विदाई ७-वन-यात्रा ८-सूनी-अयोध्या ९-चित्रकूट में भरत-मिलाप कृपया देखें ३ अरण्यकाण्ड २ १०-पंचवटी ११-सीता-हरण कृपया देखें ४ किष्किन्धाकाण्ड १ १२-राम-सुग्रीव की मित्रता कृपया देखें ५ सुन्दरकाण्ड ३ १३-अशोक-वाटिका १४-लंका-दहन १५-विभीषण की शरणागति कृपया देखें ६ लंकाकाण्ड ५ १६-अंगद-रावण का सम्वाद १७-मेघनाद का शक्ति-प्रयोग १८-सती-सुलोचना १९-अहिरावण-वध २०-रावण-वध कृपया देखें ७ उत्तरकाण्ड १ २१-राज-तिलक कृपया देखें ८ लव-कुश काण्ड ४ २२-सीता-बनवास २३-रामाश्वमेघ २४-लव-कुश की वीरता २५-सतवन्ती सीता की विजय कृपया देखें सन्दर्भ [ ]