रामायण की सर्वश्रेष्ठ चौपाई

  1. Ramayan ki Chaupai Paath in Ram Navami
  2. रामायण चौपाई लिरिक्स ( ramayan chaupaiyan Lyrics in Hindi )
  3. रामायण चौपाई
  4. रामायण चौपाई हिंदी लिरिक्स
  5. रामायण की सर्वश्रेष्ठ चौपाई
  6. रामायण की चौपाई से करें मनोकामना की पूर्ति


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Ramayan ki Chaupai Paath in Ram Navami

रामनवमी के पावन दिन रामायण ग्रंथ का पाठ करने से अनेक कामनाएं पूरी होने के साथ जन्म जन्मांतरों के पाप से मुक्ति, भय, रोग आदि सभी दूर हो जाते हैं। रामायण के पाठ से धन की कामना रखने वाले को धन की प्राप्ति होती है। अगर रामनवमी के दिन संपूर्ण रामायण का पाठ नहीं हो सके तो सुंदरकांड का पाठ अवश्य करना चाहिए और अगर यह भी संभव ना हो तो अपनी समस्याओं के निवारण के लिए रामायण की केवल इन 10 चौपाईयों का पाठ करने मात्र से संपूर्ण रामायण के पाठ शुभ फल मिलता है।

रामायण चौपाई लिरिक्स ( ramayan chaupaiyan Lyrics in Hindi )

रामायण चौपाई लिरिक्स ( ramayan chaupaiyan Lyrics in Hindi ) | रामायण की चौपाई | ramayan chaupai in hindi - भक्ति लोक Ramayan Chaupaiyan - जय राम सिया राम, सिया राम सिया राम, जय राम सिया राम, सिया राम सिया राम, जय जय राम, मंगल भवन अमंगल हारी, द्रबहु सुदसरथ अचर बिहारी, राम सिया राम, सिया राम जय जय राम, राम सिया राम, सिया राम जय जय राम, हरि अनंत हरि कथा अनंता, कहहिं सुनहिं बहुबिधि सब संता, राम सिया राम, सिया राम जय जय राम, राम सिया राम, सिया राम जय जय राम, भीड़ पड़ी जब भक्त पुकारे, दूर करो प्रभु दुःख हमारे, दशरथ के घर जन्मे राम, राम सिया राम, सिया राम जय जय राम, राम सिया राम, सिया राम जय जय राम, विश्वामित्र मुनीश्वर आये, दशरथ भूप से वचन सुनाये, संग में भेजे लक्ष्मण राम, राम सिया राम, सिया राम जय जय राम, राम सिया राम, सिया राम जय जय राम, वन में जाये ताड़का मारी, चरण छुए अहिल्या तारी, ऋषियों के दुःख हरते राम, राम सिया राम, सिया राम जय जय राम, राम सिया राम, सिया राम जय जय राम, जनकपुरी रघुनन्दन आये, नगर निवासी दर्शन पाए, सीता के मन भाये राम, राम सिया राम, सिया राम जय जय राम, राम सिया राम, सिया राम जय जय राम, रघुनन्दन ने धनुष चढाया, सब रजो का मान घटाया, सीता ने वर पाए राम, राम सिया राम, सिया राम जय जय राम, राम सिया राम, सिया राम जय जय राम, परशुराम क्रोधित हो आये, दुष्ट भूप मन में हर्षाये, जनक राय ने किया प्रणाम, राम सिया राम, सिया राम जय जय राम, राम सिया राम, सिया राम जय जय राम, बोले लखन सुनो मुनि ज्ञानी, संत नहीं होते अभिमानी, मीठी वाणी बोले राम, राम सिया राम, सिया राम जय जय राम, राम सिया राम, सिया राम जय जय राम, ramayana chaupaiyan - रामायण जी के दोहे जो करेंगे बेड़ा पार ।। जय श्र...

रामायण चौपाई

अर्थ-जिनकी माया के वशीभूत संपूर्ण विश्व, ब्रह्मदि देवता और असुर हैं, जिनकी सत्ता से रस्सी में सर्प के भ्रम की भांति यह सारा दृश्य-जगत् सत्य ही प्रतीत होता है और जिनके केवल चरण ही भवसागर से तरने की इच्छावालों के लिये एकमात्रा नौका हैं, उन समस्त कारणों से पर (सब कारणों के कारण और सबसे श्रेष्ठ) राम कहने वाले भगवान् हरि की मैं वंदना करता हूं। अर्थ-संतों का चरित्र कपास के चरित्र के समान शुभ है। जिसका फल नीरस, विशद और गुणमय होता है। कपास का धागा सुई के किये हुए छेद को अपना तन देकर ढक देता है, अथवा कपास जैसे लोढ़े जाने वाले, काते जाने और बुने जाने का कष्ट सहकर भी वस्त्र के रूप में परिणत होकर दूसरों के गोपनीय स्थानों को ढकता है उसी प्रकार संत स्वयं को दुखकर सहकर दूसरों के दोषों का ढकता है, जिसके कारण उसने जगत में वंदनीय यश प्राप्त किया है। अर्थ-दुःख-सुख, पाप-पुण्य, दिन-रात, साधु-असाधु, सुजाति-कुजाति, दानव-देवता, ऊंच-नीच, अमृत-विष, सुजीवन (सुंदर जीवन)-मृत्यु, माया-ब्रह्म, जीव-ईश्वर, संपत्ति-दरिद्रता, रंक-राजा, काशी-मगध, गंगा-कर्मनाशा, मारवाड़-मालवा, ब्राह्मण-कसाई, स्वर्ग-नरक, अनुराग-वैराग्य, ये सभी पदार्थ ब्रह्मा की सृष्टि में हैं। वेद-शास्त्रों में उनके गुण-दोषों का विभाग कर दिया है।

रामायण चौपाई हिंदी लिरिक्स

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रामायण की सर्वश्रेष्ठ चौपाई

आइये आज के इस लेख में हम भक्तिमय रामायण की सर्वश्रेष्ठ चौपाई (Ramayan ki Chaupai) का अमृतपान करे! जी हां, आज का यह लेख रामायण की सर्वश्रेष्ठ चौपाई के बारे में होने वाला है जिसके बारे में यह मान्यताए प्रचलित है की उनका पाठ करने से प्रभु श्री राम की इन चोपाइओ का पाठ करने वालो पर अच्छी कृपा होती है और उनके आशीर्वाद हंमेशा उनपर बने रहते है. रामचरित मानस की बात करे तो हिंदू धर्म में रामायण का विशेष स्थान है। हिंदू धर्म में रामायण का विशेष महत्व है। यह मर्यादा पुरुषोत्तम राम की कहानी है जिन्होंने मानव जीवन के धर्म की मिसाल पेश की है। रामायण के लेखक महर्षि वाल्मीकि थे। रामायण में आपको रामायण की सर्वश्रेष्ठ चौपाई (Ramayan ki Chaupai) रामायण की सर्वश्रेष्ठ चौपाई: आइये अब हम उन रामायण की सर्वश्रेष्ठ चौपाई के बारे में बात करते है जिनको रामायण ग्रंथ में सबसे अधिक प्रभावशाली और पाठक के लिए फायदेमंद बताया गया है, आये देखते है वह कौन कौनसी है: बिनु सत्संग विवेक न होई। राम कृपा बिनु सुलभ न सोई।। सठ सुधरहिं सत्संगति पाई। पारस परस कुघात सुहाई।। अर्थ : सत्संग के बिना विवेक नहीं होता और राम जी की कृपा के बिना वह सत्संग नहीं मिलता, सत्संगति आनंद और कल्याण की जड़ है। दुष्ट भी सत्संगति पाकर सुधर जाते हैं जैसे पारस के स्पर्श से लोहा सुंदर सोना बन जाता है। जा पर कृपा राम की होई। ता पर कृपा करहिं सब कोई॥ जिनके कपट, दम्भ नहिं माया। तिनके ह्रदय बसहु रघुराया॥ अर्थ : जिन पर राम की कृपा होती है, उन्हें कोई सांसारिक दुःख छू तक नहीं सकता। परमात्मा जिस पर कृपा करते है उस पर तो सभी की कृपा अपने आप होने लगती है । और जिनके अंदर कपट, दम्भ (पाखंड) और माया नहीं होती, उन्हीं के हृदय में रघुपति बसते हैं अर्थात उन्...

रामायण की चौपाई से करें मनोकामना की पूर्ति

तलसीदास जी मंत्रसृष्टा थे। रामचरित मानस की हर चैपाई मंत्र की तरह सिद्ध है। रामायण कामधेनु की तरह मनोवांछित फल देती है। रामचरित मानस में कुछ चैपाइयां ऐसी हैं जिनका विपत्तियों तथा संकट से बचाव और ऋद्धि-सिद्ध तथा संपŸिा की प्राप्ति के लए मंत्रोच्चारण के साथ पाठ किया जाता है। इन चैपाइयों को मंत्र की तरह विधि विधान पूर्वक एक सौ आठ बार हवन की सामग्री से सिद्ध किया जाता है। हवन चंदन के बुरादे, जौ, चावल, शुद्ध केसर, शुद्ध घी, तिल, शक्कर, अगर, तगर, कपूर नागर मोथा, पंचमेवा आदि के साथ निष्ठापूर्वक मंत्रोच्चार के समय काशी बनारस का ध्यान करें। किस कामना की पूर्ति के लिए किस चैपाई का जप करना चाहिए इसका एक संक्षिप्त विवरण यहां प्रस्तुत है। ऋद्धि सिद्ध की प्राप्ति के लिए साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहि सिद्धि अनिमादिक पाएं।। धन सम्पत्ति की प्राप्ति हेतु जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं। सुख सम्पत्ति नानाविधि पावहिं लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए जिमि सरिता सागर मंहु जाही। जद्यपि ताहि कामना नाहीं।। तिमि सुख संपत्ति बिनहि बोलाएं। धर्मशील पहिं जहि सुभाएं।। वर्षा की कामना की पूर्ति हेतु सोइ जल अनल अनिल संघाता। होइ जलद जग जीवनदाता।। सुख प्राप्ति के लिए सुनहि विमुक्त बिरत अरू विबई। लहहि भगति गति संपति नई।। शास्त्रार्थ में विजय पाने के लिए तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा। आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। विद्या प्राप्ति के लिए गुरु ग्रह गए पढ़न रघुराई। अलपकाल विद्या सब आई।। ज्ञान प्राप्ति के लिए छिति जल पावक गगन समीरा। पंचरचित अति अधम शरीरा।। प्रेम वृद्धि के लिए सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीती।। परीक्षा में सफलता के लिए जेहि पर कृपा करहिं जनुजानी। कवि उर अजिर नचावहिं बानी।। मोरि सुधारहिं सो सब भा...