रामेश्वर धाम

  1. Rameshwaram Temple, Karuvelipady, Thoppumpady, Kochi, Kerala
  2. रामेश्वरम शहर
  3. रामेश्वर
  4. ऐसे की थी शिव जी ने रामेश्वर धाम की व्याख्या, जानकर आत्म विभोर हो उठेंगे आप
  5. एक धाम रामेश्वरम धाम यात्रा
  6. रामेश्वरम धाम और ज्योतिर्लिंग के साथ एक खूबसूरत आइलैंड – Rameshwaram Tour Guide – Bharat Yatri
  7. Rameshwar Dham visited by taking holy bath at Triveni Sangam
  8. मां विन्ध्यवासिनी मंदिर विंध्याचल धाम के दर्शन की जानकारी
  9. मां विन्ध्यवासिनी मंदिर विंध्याचल धाम के दर्शन की जानकारी
  10. Rameshwaram Temple, Karuvelipady, Thoppumpady, Kochi, Kerala


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Rameshwaram Temple, Karuvelipady, Thoppumpady, Kochi, Kerala

27 December 2018 5:58 Best place I had visit anymore place than this I loved it and I feel like a man in the pamaban bridge. Accessibility like many see related items are been placed over there and good to by those all because fully traditional oriented and many small temples and olden homes are we may see then many hotels are available to stay.

रामेश्वरम शहर

अनुक्रम • 1 विवरण • 2 द्वीप • 3 तीर्थ और मान्यता • 4 प्रमुख हस्तियाँ • 5 इन्हें भी देखें • 6 सन्दर्भ विवरण [ ] उत्तर भारत में द्वीप [ ] इस हरे-भरे टापू की शकल अंग्रेजो के आने के बाद उसपुल की जगह पर रेल का पुल बनाने का विचार हुआ। उस समय तक पुराना पत्थर का पुल लहरों की टक्कर से हिलकर टूट चूका था। एक जर्मन इंजीनियर की मदद से उस टूटे पुल का रेल का एक सुंदर पुल बनवाया गया। इस समय यही पुल रामेश्वरम् को रामेश्वरम् शहर और रामनाथजी का मशहूर मंदिर इस टापू के उत्तर के छोर पर है। टापू के दक्षिणी कोने में धनुषकोटि नामक तीर्थ है, जहां हिंद महासागर से बंगाल की खाड़ी मिलती है। इसी स्थान को सेतुबंध कहते है। लोगों का विश्वास है कि श्रीराम ने लंका पर चढाई करने के लिए समुद्र पर जो पुल या सेतु बांधा था, वह इसी स्थान से आरंभ हुआ - जहाँ उन्होंने धनुष से इशारा किया था। इस कारण धनुष-कोटि का धार्मिक महत्व बहुत है। यहीं से रामेश्वरम् शहर से करीब डेढ़ मील उत्तर-पूरब में तीर्थ और मान्यता [ ] यहाँ का सबसे बड़ा आकर्षण रामनाथ स्वामी (या रामेश्वर) मंदिर है जो एक शिव ज्योतिर्लिंग (प्रकाश का स्तंभ) भी है। कथाओं के अनुसार जब श्रीराम ने लंका के राजा रावण का वध कर सीता जी को मुक्त किया तो गंधमादन पर्वत पर स्थित ऋषियों ने श्रीराम पर ब्राहमण (रावण की) वध का आरोप लगाने लगे। उनकी सलाह के अनुसार इस पाप को धोने के लिए श्रीराम ने यहाँ पर शिव की पूजा करने का निर्णय लिया था। लेकिन रेत से लिंग कैसे बने इस दुविधा के लिए उन्होंने हनुमान को कैलाश पर्वत (हिमालय) से शिवलिंग लाने को कहा। जब हनुमान के लिंङग लाने में देर हुई तो सीता जी ने रेत का लिंग बना दिया और राम जी ने उसकी आराधना की। हनुमान जब वापस आए तो ग़ुस्सा हुए, समझाने...

रामेश्वर

17:47, 2 फ़रवरी 2012 (IST) रामेश्वर / रामेश्वरम / श्रीरामलिंगेश्वर ज्योतिर्लिंग ( Rameswaram) वास्तु शिल्प श्री रामेश्वर जी का मन्दिर एक हज़ार फुट लम्बा, छ: सौ पचास फुट चौड़ा तथा एक सौ पच्चीस फुट ऊँचा है। इस मन्दिर में प्रधान रूप से एक हाथ से भी कुछ अधिक ऊँची इतिहास कहा जाता है कि इसी स्थान पर श्रीरामचंद्रजी ने लंका के अभियान के पूर्व ज्योतिर्लिंग की स्थापना सेतुबन्ध-रामेश्वरम तीर्थ व ज्योतिर्लिंग के आविर्भाव के सम्बन्ध में इस प्रकार बताया जाता है–मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान यात्रा का क्रम यात्रा का शास्त्रीय क्रम यह है कि यात्री को पहले उप्पूर में जाकर देवीपत्तन- उप्पूर के पश्चात् देवीपत्तन जाना चाहिए। रामनाथपुर से यह 12 मील दूर है। श्रीराम ने यहाँ नवग्रह स्थापन किया था। सेतुबंध यहीं से प्रारंभ हुआ, अतः यह मूल सेतु है। यहीं देवी ने दर्भशयनम- देवीपत्तन के पश्चात् दर्भशयन जाकर समुद्र में स्नान तथा मंदिर में दर्शन करना चाहिए। यह स्थान रामनाथपुरम से 6 मील दूर है। यहाँ से समुद्र 3 मील आगे है। मंदिर के पास ही धर्मशाला है। मंदिर में दर्भ पर सोये हुए श्रीराम की मूर्ति है। यह विशाल है। मंदिर की आस-पास के अन्य तीर्थ • साक्षी विनायक— यह मंदिर पाम्बन मार्ग पर दो मील दूर स्थित है। कहा जाता है कि श्रीराम ने यहाँ जटायें धोयीं थीं। • सीताकुंड— यह कुंड रामेश्वरम से 5 मील दूर स्थित है। यहाँ समुद्र तट पर मीठे जल का कूप है। • एकान्तराम मंदिर— रामेश्वरम से 4 मील दूरी पर यह मंदिर स्थिर है। यहाँ श्रीविग्रह बातचीत की मुद्रा में है। • अम्मन देवी मंदिर— रामेश्वरम से दो मील पर नवनाम की अम्मन देवी का मंदिर है। यहीं के जलाशय से रामेश्वरम के नलों में जल आता है। • कोदण्डरामस्वामी— यह रामेश्वर से 5 मील उत्...

ऐसे की थी शिव जी ने रामेश्वर धाम की व्याख्या, जानकर आत्म विभोर हो उठेंगे आप

• 46 minutes ago • 7 hours ago • 7 hours ago • 10 hours ago • 11 hours ago • 11 hours ago • 14 hours ago • 21 hours ago • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • 2 days ago • 2 days ago • 37.3°C शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ अगर बात करें हिंदू धर्म के प्रमुख स्थलों की उस सूची में सबसे ज्यादा नाम शिव जी के मंदिरों का नाम आता है। मगर क्या आप जानते हैं इनमें से एक ऐसा मंदिर है जिसके आज भी कुछ लोग श्री राम को समर्पित समझते हैं तो कुछ भगवान शंकर का। जी हां, ये मंदिर भारत में ही स्थित है। आप में से बहुत लोग हैं जिन्हें इन मंदिरों के बारे में पता होगा। दरअसल हम बात करे रहे हैं तमिलनाडु के रामेश्वरम धाम की। जिसे हिंदू धर्म के पावन तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। इतना ही नहीं बल्कि कहा जाता है हिंदू धर्म के चार धाम ( बद्रीनाथ, जगन्नाथपुरी, द्वारका में एक रामेश्वरम है। जिसकी यात्रा करने से मानव जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है। तो वहीं इसके पास अरब सागर में स्थित करना का अपना अलग महत्व है। तो वहीं इसे शिव जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से भी एक माना जाता है। कुछ मान्यताओं के अनुसार इस धार्मिक स्थल को रामनाथ स्वामी मंदिर और रामेश्वम द्धीप आदि के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं, इस मंदिर से जुड़े दिलचस्प व अनसुने तथ्य- रामेश्वर मंदिर की जानकारी- रामेश्वरम मंदिर को लेकर व इसकी स्थापना से जुड़ी कई मान्यताएं समाज में प्रचलित है। जिसमें से एक के अनुसार लंका जाने से पहले श्री राम ने...

एक धाम रामेश्वरम धाम यात्रा

स्टेशन दिनांक दर्शनीय स्थल नई दिल्ली पहला दिन दिल्ली से दोपहर 12 बजे सुबह प्रस्थान करेगी। मल्लिकार्जुन तीसरा दिन मल्लिकार्जुन ज्योर्तिलिंग दर्शन (बस द्वारा विजयवाड़ा से प्रस्थान) तिरुपतिबालाजी चौथा दिन तिरुपति बाला जी (तिरुमला मन्दिर पहाड़ी पर स्थित है।) रेणिगुन्टा से बस द्वारा। (तिरुपति बाला जी दर्शनाथ यात्री अपने साथ् में आधार कार्ड की मूल प्रति अवश्य साथ लावें।) चैन्नई पांचवा दिन पार्थ सारथी मन्दिर, कपालेश्वर महादेव। रामेश्वरम् धाम छठवां दिन समुद्र स्नान, रामकुण्ड, सीताकुण्ड, राम झरोखा मन्दिर दर्शन, 22 कुण्ड कूप स्नान, रामेश्वरम् ज्योर्तिलिंग दर्शन। मदुरै सातवां दिन प्राचीन श्री मीनाक्षी देवी मन्दिर दर्शन। सुन्दरेश्वर महादेव मन्दिर। कन्याकुमारी आठवां दिन कन्याकुमारी मन्दिर दर्शन, सूर्योदय अथवा सूर्यास्त के दर्शन, हिन्द बंगाल, अरब तीनों समुन्द्रों का संगम स्नान, विवेकानन्द शिला स्मारक (स्टेशन से मन्दिर की दूरी 1 किमी है) स्टीमर की व्यवस्था समिति द्वारा होगी। त्रिवेन्द्रम नवां दिन कोवलम बीच, म्यूज्यिम, तिरूवनन्तपुरम चिड़ियाघर, पद्मनाभम् मन्दिर (विश्व प्रसिद्ध एतिहासिक एवं धनाढ्य मन्दिर) । गोवा ग्यारहवां दिन सी कैथेड्रल चर्च, वाम जीसस चर्च, दौना पाउला बीच, कोलबा बीच, शान्ता दुर्गा मंदिर, मंगेश मन्दिर, एन्सैस्ट्रल गोवा। निजामुद्दीन (दिल्ली) तेरहवां दिन निजामुद्दीन (दिल्ली) पर मधुर स्मृतियों के साथ यात्रा समापन। यात्रा का किराया: भोजन, चाय, नाश्ता, बस, स्टीमर सहित द्वितीय श्रेणी शयनयान का किराया 23,000/- प्रति सवारी होगा। अग्रिम बुकिंग हेतु 1.001/- प्रति यात्री नगद अथवा ऑनलाइन ‘श्री शिव शंकर तीर्थ यात्रा’ ऋषिकेश के S.B.I. बैंक खाते में या हमारी किसी भी अधिकृत बुकिंग एजेन्सी पर ...

रामेश्वरम धाम और ज्योतिर्लिंग के साथ एक खूबसूरत आइलैंड – Rameshwaram Tour Guide – Bharat Yatri

रामेश्वरम धाम के बारे में रामेश्वरम चार धामों में से एक धाम और भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंग में एक पवित्र तीर्थ स्थान है। यह तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। यह हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी से घिरा हुआ एक खूबसूरत आइलैंड है। जिसका आकार एक सुंदर शंख की तरह है रामेश्‍वर का अर्थ होता है भगवान राम और इसलिए इस स्‍थान का नाम भगवान राम के नाम पर रामेश्वरम रखा गया। रामेश्वर शिवलिंग कोई सामान्य शिवलिंग नही है। इसे सीता माता ने खुद अपने हाथों से बनाया था। भगवान श्री रामचन्द्र जी ने इस शिवलिंग की स्थापना की और पूजन किया। यहां का प्रसिद्ध रामनाथस्‍वामी मंदिर दशरथनंदन भगवान श्री राम को समर्पित है। हर साल इस मंदिर में लाखों श्रद्धालु माता सीता जी के द्वारा निर्मित रामेश्वर शिवलिंग का दर्शन करने आते है और महादेव का आशीर्वाद लेते है। रामेश्वरम कैसे पहुंचे? हम हवाई यात्रा से रामेश्वरम कैसे पहुच सकते है? रामेश्वरम के लिए निकटतम एयरपोर्ट मदुरई में है, जो शहर से लगभग 149 किलोमीटर दूर है। तूतीकोरिन एयरपोर्ट भी 142 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो हवाई मार्ग से रामेश्वरम पहुंचने का एक माध्यम है। एयरपोर्ट के बाहर से बस, कैब और किराए की टैक्सियों से शहर तक या रामेश्वरम तक पहुँच सकते है हम ट्रेन से रामेश्वरम कैसे पहुँच सकते है? मदुरई तमिलनाडु का एक बड़ा शहर है। रामेश्वरम जाने के लिए हमें मदुरई से गुजरकर जाना पड़ता है। भारत के सभी प्रमुख शहरों से रामेश्वरम जाने के लिए सीधे ट्रेन उपलब्ध है। पर यदि आपके शहर से रामेश्वरम जाने के लिए सीधे ट्रेन नहीं है, तो मदुरई जाने के लिए अवश्य होगी ही। मदुरई 100 से अधिक ट्रेन जाती है। मदुरई से रामेश्वरम ट्रेन से भी जा सकते है सड़क मार्ग से रामेश्वरम कैसे पहु...

Rameshwar Dham visited by taking holy bath at Triveni Sangam

खण्डार. त्रिवेणी संगम रामेश्वरधाम तीर्थ स्थल पर ग्राम पंचायत अनियाला के तत्वावधान में चल रहे पांच दिवसीय लक्खी मेले में पूर्णिमा पर मंगलवार को पुण्य स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। कार्तिक पूर्णिमा व मुख्य मेले में राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के दूरदराज के हजारों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। मुख्य मेले के दिन ग्राम पंचायत एवं प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए। त्रिवेणी संगम एवं परशुराम घाट पर कार्तिक स्नान करने वाली महिलाओं ने दीपदान किया। लोगों ने मछलियों को आटा डालकर पुण्य कमाया। मेले में उपखण्ड अधिकारी रतनलाल अटल, मेला प्रभारी तहसीलदार देवीसिंह, विकास अधिकारी जगदीश प्रसाद बैरवा, ग्राम विकास अधिकारी शिवशंकर गोचर आदि लोग मौजूद रहे।

मां विन्ध्यवासिनी मंदिर विंध्याचल धाम के दर्शन की जानकारी

3/5 - (2 votes) Vindhyachal Temple In Hindi, विंध्याचल मंदिर देवी विंध्यवासनी के लिए प्रसिद्ध हैं जोकि हिंदू धर्म की नव देवियों में से एक हैं और 51 शक्तिपीठो में शामिल हैं। विंध्यवासनी मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में मिर्जापुर और वाराणसी के करीब विंध्याचल शहर में स्थित हैं। विन्ध्यावासनी देवी मंदिर के निकट कई दर्शनीय मंदिर बने हुए हैं जिनके दर्शन का लाभ भक्तगढ़ भारी तादाद में उठाते हैं। मिर्जापुर शहर का देवी गंगा के निकट होने के वजह से यशगान और अधिक बढ़ जाता हैं। विंध्याचल पर्वत पर स्थित देवी का यह पावन धाम अपनी यश गाथा चारो दिशाओं में फैल रहा है। पर्यटक यहाँ विंध्यवासिनी, अष्टभुजा और काली खोह तीनो मंदिरों के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से आते हैं। सबसे दिलचस्प नजारा यहाँ नवरात्री के अवसर पर होता है जब पूरे शहर को नव देवी की पूजा, अर्चना और भक्ति के लिए दीयों, मंत्रो और फूलो से सजाया जाता हैं। यदि आप विन्ध्याचल धाम की यात्रा पर जाना चाहते हैं या जानकारी लेना चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल को एक बार पूरा जरूर पढ़े – • • • 1. विंध्याचल मंदिर के बारे में बताइए – Vindhyachal Mandir Ki Janakari In Hindi विंध्याचल सिद्ध देवी पीठ अति प्राचीन काल से ही महर्षियों, योगियों, तपस्वियों की श्रधा, आस्था, सात्विकता और मुक्तिप्रदाता का मंगल क्षेत्र रहा है। इस पावन भूमि पर अनेक सिद्ध तपस्वियों ने तपस्या की थी। विंध्याचल में बने अशंख मंदिर इस तथ्य की पुष्टि करते हैं। विंध्याचल धाम में त्रिशक्तियों महालक्ष्मी, महाकाली और देवी सरस्वती का निवास स्थान हैं। देवी पार्वती ने इसी स्थान पर तपस्या करके अपना नाम पाया था और भगवान भोलेनाथ को प्राप्त किया। भगवान श्री राम ने यहाँ के गंगा घाट पर अपने पितरो ...

मां विन्ध्यवासिनी मंदिर विंध्याचल धाम के दर्शन की जानकारी

3/5 - (2 votes) Vindhyachal Temple In Hindi, विंध्याचल मंदिर देवी विंध्यवासनी के लिए प्रसिद्ध हैं जोकि हिंदू धर्म की नव देवियों में से एक हैं और 51 शक्तिपीठो में शामिल हैं। विंध्यवासनी मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में मिर्जापुर और वाराणसी के करीब विंध्याचल शहर में स्थित हैं। विन्ध्यावासनी देवी मंदिर के निकट कई दर्शनीय मंदिर बने हुए हैं जिनके दर्शन का लाभ भक्तगढ़ भारी तादाद में उठाते हैं। मिर्जापुर शहर का देवी गंगा के निकट होने के वजह से यशगान और अधिक बढ़ जाता हैं। विंध्याचल पर्वत पर स्थित देवी का यह पावन धाम अपनी यश गाथा चारो दिशाओं में फैल रहा है। पर्यटक यहाँ विंध्यवासिनी, अष्टभुजा और काली खोह तीनो मंदिरों के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से आते हैं। सबसे दिलचस्प नजारा यहाँ नवरात्री के अवसर पर होता है जब पूरे शहर को नव देवी की पूजा, अर्चना और भक्ति के लिए दीयों, मंत्रो और फूलो से सजाया जाता हैं। यदि आप विन्ध्याचल धाम की यात्रा पर जाना चाहते हैं या जानकारी लेना चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल को एक बार पूरा जरूर पढ़े – • • • 1. विंध्याचल मंदिर के बारे में बताइए – Vindhyachal Mandir Ki Janakari In Hindi विंध्याचल सिद्ध देवी पीठ अति प्राचीन काल से ही महर्षियों, योगियों, तपस्वियों की श्रधा, आस्था, सात्विकता और मुक्तिप्रदाता का मंगल क्षेत्र रहा है। इस पावन भूमि पर अनेक सिद्ध तपस्वियों ने तपस्या की थी। विंध्याचल में बने अशंख मंदिर इस तथ्य की पुष्टि करते हैं। विंध्याचल धाम में त्रिशक्तियों महालक्ष्मी, महाकाली और देवी सरस्वती का निवास स्थान हैं। देवी पार्वती ने इसी स्थान पर तपस्या करके अपना नाम पाया था और भगवान भोलेनाथ को प्राप्त किया। भगवान श्री राम ने यहाँ के गंगा घाट पर अपने पितरो ...

Rameshwaram Temple, Karuvelipady, Thoppumpady, Kochi, Kerala

27 December 2018 5:58 Best place I had visit anymore place than this I loved it and I feel like a man in the pamaban bridge. Accessibility like many see related items are been placed over there and good to by those all because fully traditional oriented and many small temples and olden homes are we may see then many hotels are available to stay.