रामेश्वरम

  1. Rameshwaram Temple History In Marathi २०२१
  2. Ramanathaswamy temple
  3. रामेश्वरम: राम सेतू, समंदर के बीच से गुज़रती रेल गाड़ी समेत और भी कई अजूबे हैं यहाँ
  4. रामेश्वरम तीर्थ
  5. रामेश्वरम मंदिर
  6. Rameswaram Jyotirlinga Temple (रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मंदिर ), Rameswaram Jyotiling Mandir, location, timings.
  7. रामेश्वरम मंदिर 2022


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Rameshwaram Temple History In Marathi २०२१

Post Views: 6,526 रामेश्वरम मंदिर(ancient temple) हे हिंदू धर्मातील एक धार्मिक आणि पवित्र स्थळ आहे. बद्रीनाथ,जगन्नाथपुरी, द्वारका आणि रामेश्वरम अशा चार धाम मधील एक असलेले हे अत्यंत मंगलमय स्थळ आहे. त्याचप्रमाणे रामेश्वरम मंदिर हे बारा ज्योतिर्लिंगापैकी एक आहे. आजच्या या लेखात आपण रामेश्वरम मंदिराचा इतिहास म्हणजेच Rameshwaram Temple History In Marathi बद्दल माहिती घेऊ या. source : tourmyindia.com • • • • • • • • Rameshwaram Temple History In Marathi | रामेश्वरम मंदिराचा इतिहास रामेश्वरम मंदिराची माहिती : Rameshwaram Temple History In Marathi रामेश्वरम मंदिर हे तमिलनाडु राज्यातील रामनाथपुरम जिल्ह्यात आहे. मान्यतेनुसार रामेश्वरम मंदिराचा संबंध रामायणाशी आहे. प्रभु श्रीराम यांनी याठिकाणी शिवलिंगाची स्थापना केली असे म्हटले जाते. source : tourmyindia.com जगातील सर्वात मोठा गलियारा या मंदिरात आहे. गलियारा म्हणजे छोटा रस्ता वा गली. हा गलियारा पूर्व – पश्चिम १३३ मी. तर उत्तर – दक्षिण १९७ मी. आहे. मंदिराच्या प्रवेशद्वाराचे गोपुरम ३८.४ मी. उंच आहे. हे मंदिर जवळपास सहा हेक्टर मध्ये बनलेले आहे. रामेश्वरम मंदिरात एक ताम्रपट आहे. या ताम्रपटावरून कळते की, ११७३ साली श्रीलंकेचा राजा पराक्रम बाहू याने मूळ शिवलिंग असलेल्या गर्भगृहाचे निर्माण केले आहे. या मंदिरात फक्त शिवलिंगाची स्थापना केली होती. त्याठिकाणी देवीची मूर्ति नव्हती. म्हणून या मंदिराला नि:संगेश्वरचे मंदिर देखील म्हटले जाते. पंधराव्या शतकात राजा उडैयान सेतुपती आणि नागुर निवासी वैश्य यांनी १४५० मध्ये ७८ फुट उंच गोपुरम बांधले असे म्हणतात. यानंतर सोळाव्या शतकात मंदिराच्या दक्षिणेकडील भिंतीचे निर्माण कार्य तिरुमलय सेतुपती यांनी केले. त...

Ramanathaswamy temple

The Holy abode of the Hindu God, Shri Ram (addressed so with all respect & humility) is a virtual paradise for the devout. No Hindu’s journey is complete without a pilgrimage to both Varanasi and Rameswaram for the culmination of his quest for salvation and is hallowed by the epic ‘Ramayana’. Folklore mentions about God Ram’s presence in this land, after his 14-year exile. Local legend has it that Shri Ram was helped back into Rameswaram and into India by his brother Lakshman and Hanuman along with his band of thousands of monkeys, after finally emerging victorious against the demon – Ravana. They helped build a bridge with rocks from the sea and shores to cross the ‘Sethu canal’ and reach Lanka. Lord Rama is also believed to have sanctified this place by worshipping and glorifying Lord Shiva and hence marks the confluence of Shaivism and Vaishnavism and is thus revered by both Shaivites and Vaishnavites alike and thus there is a strong belief that bathing in the 22 ‘Theerthams’ or natural springs is a step forward in enlightenment. Therefore, Rameswaram has rightly been declared as one of the National Pilgrim Centres in the count. The Ramanathaswamy temple by itself is a delight for every tourist. With its magnificent, imposing structure, long corridors, aesthetically carved pillars, the temple is adorned with a towering 38-metre ‘Gopuram’. The temple itself was built by rulers since the 12th century with Sethupathy Maravar beginning the construction of the grand Ramanath...

रामेश्वरम: राम सेतू, समंदर के बीच से गुज़रती रेल गाड़ी समेत और भी कई अजूबे हैं यहाँ

रामायण हिंदुओ का वो पवित्र ग्रंथ है जिसकी गाथाओं का प्रमाण आज भी असल दुनिया में देखा जा सकता है। रामायण से जुड़ी ऐसी ही एक अहम जगह है रामेश्वरम। रामेश्वरम, रामायण में बताई गई ऐसी कई जगहें में से एक है जिन्हें आज तीर्थ मान कर हर रोज़ हजारों श्रद्धालु सिर झुकाते हैं। रामेश्वरम वही जगह है जहाँ से श्री राम ने लंका जाने के लिए राम सेतु बनाने की शुरुआत की थी। रामेश्वरम के दर्शनीय स्थल तमिल नाडु के पंबन द्वीप पर बना हुआ रामेश्वरम, राज्य से पंबंन पुल के ज़रिए जुड़ता है। भारत के सबसे दक्षिणी छोर पर बसा हुआ ये शहर भारत से श्रीलंका जाने के लिए सबसे करीबी जगह भी है।अहम मंदिरों और तीर्थ स्थलों के अलावा यहाँ कई खूबसूरत समुद्रतट भी हैं। यानी रामेश्वरम तीर्थ यात्रा को साथ लेते हुए फैमिली वेकेशन के लिए बढ़िया जगह है। रामेश्वरम मंदिर यात्रा: तीर्थ के लिए रामेश्वरम का पौराणिक इतिहास, इसे एक तीर्थ स्थल के तौर पर स्थापित करता है। साथ ही ये जगह चार धामों में से एक है। इसलिए हर रोज़ यहाँ हज़ारों श्रद्धालु अपनी तीर्थ यात्रा को पूरा करने पहुँचते हैं। रामनाथस्वामी मंदिर रामनाथस्वामी मंदिर रामेश्वरम का सबसे बढ़ा आकर्षण है। इस मंदिर में ही 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक स्थापित है। रामायण के अनुसार, श्रीराम और माता सीता ने लंका से लौटने के बाद अपनी गलतियों और पापों से मुक्ति के लिए यहाँ पर शिवलिंग स्थापित कर भगवान शिव की उपासना की थी। माना जाता है आज भी मंदिर के गर्भ गृह में वही शिवलिंग मौजूद है। रामानाथस्वामी मंंदिर से 2 कि.मी. दूर बना पंचमुखी हनुमान मंदिर भी श्रद्धालुओं के लिए बेहद अहम है। जैसा नाम से ही ज़ाहिर है, यहाँ पर पाँच मुखों वाले हनुमान की पूजा की जाती है। माना जाता है कि यहीं पर हनुमा...

रामेश्वरम तीर्थ

यह लेख तीर्थ स्थान के बारे में है। अन्य के लिए, श्री रामनाथस्वामी मंदिर धर्म संबंधी जानकारी सम्बद्धता भगवान अवस्थिति जानकारी अवस्थिति वास्तु विवरण शैली द्वविड़ वास्तु निर्माता लंका के राजा पराक्रमबाहु जीर्णोद्धारक - रामनाथपुरम् के राजा उडैयान सेतुपति स्थापित ११७३ ई• में रामेश्वरम हिंदुओं का एक पवित्र जिस स्थान पर यह टापु मुख्य भूमि से जुड़ा हुआ था, वहां इस समय ढाई मील चौड़ी एक खाड़ी है। शुरू में इस खाड़ी को नावों से पार किया जाता था। बताया जाता है, कि बहुत पहले धनुष्कोटि से मन्नार द्वीप तक पैदल चलकर भी लोग जाते थे। लेकिन निर्माण काल रामेश्वरम् से दक्षिण में रामेश्वरम का गलियारा विश्व का सबसे लंबा गलियारा है। यह उत्तर-दक्षिणमें १९७ मी. एवं पूर्व-पश्चिम १३३ मी. है। इसके परकोटे की चौड़ाई ६ मी. तथा ऊंचाई ९ मी. है। मंदिर के प्रवेशद्वार का गोपुरम ३८.४ मी. ऊंचा है। यह मंदिर लगभग ६ हेक्टेयर में बना हुआ है। मंदिर में विशालाक्षी जी के गर्भ-गृह के निकट ही नौ ज्योतिर्लिंग हैं, जो लंकापति नि:संगेश्वर का मंदिर कहलाया। यही मूल मंदिर आगे चलकर वर्तमान दशा को पहुंचा है। रामेश्वरम् का मंदिर भारतीय निर्माण-कला और शिल्पकला का एक सुंदर नमूना है। इसके प्रवेश-द्वार चालीस फीट ऊंचा है। प्राकार में और मंदिर के अंदर सैकड़ौ विशाल खंभें है, जो देखने में एक-जैसे लगते है; परंतु पास जाकर जरा बारीकी से देखा जाय तो मालूम होगा कि हर खंभे पर बेल-बूटे की अलग-अलग कारीगरी है। रामनाथ की मूर्ति के चारों और परिक्रमा करने के लिए तीन प्राकार बने हुए है। इनमें तीसरा प्राकार सौ साल पहले पूरा हुआ। इस प्राकार की लंबाई चार सौ फुट से अधिक है। दोनों और पांच फुट ऊंचा और करीब आठ फुट चौड़ा चबूतरा बना हुआ है। चबूतरों के एक ओर प...

रामेश्वरम मंदिर

रामेश्वरम मंदिर हिंदुओं का एक पवित्र तीर्थ है, जिसे रामनाथस्वामी मंदिर के नाम से भी जाना जाता हैं। रामेश्वरम मंदिर भारत के राज्य तमिलनाडु के समुद्र तट पर स्थित है | यह भगवान शिव का एक मंदिर है, भगवान शिव के 12 स्थापित ज्योतिर्लिंग में से एक इस मंदिर में मौजूद है। यह तीर्थ स्थल हिन्दुओं के चार धामों में से एक है, भारत के उत्तर मे काशी की जो मान्यता है, वही दक्षिण में रामेश्वर की है। पौराणिक कथाओं के अनुसार माना जाता है रामेश्वरम का रामनाथस्वामी मंदिर रामायण के जितना ही पुराना है। यह भारत का एक बहुत ही सुंदर तथा पवित्र तीर्थ स्थल है जहां प्रति वर्ष लाखों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचते हैं। रामेश्वरम मंदिर की स्थापना और इतिहास के बारे में कई कथाएं प्रचलित है। आइए रामेश्वरम मंदिर से जुड़े कुछ तथ्य आपको बताते है। रामेश्वरम मंदिर कहाँ है / Rameswaram Mandir Kahan Hai? image via- रामेश्वरम, भारतीय राज्ये तमिलनाडु के दक्षिण में रामनाथपुरम जिले का एक क्षेत्र है। यह भारत की मुख्य भूमि से अलग पम्बन द्वीप पर स्थित है और यह पम्बन द्वीप श्रीलंका के मन्नार द्वीप, से लगभग 50 किलोमीटर दूर है। इस पम्बन द्वीप को रामेश्वरम द्वीप के रूप में भी जाना जाता है। रामेश्वरम द्वीप 61.8 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और शंख के आकार का है। यह पम्बन ब्रिज (Pamban Bridge) द्वारा भारत की सीमा से जुड़ा हुआ है। रामनाथ स्वामी मंदिर रामेश्वरम के प्रमुख क्षेत्र में स्थित है। बंगाल की खाड़ी एवं अरब के सागर के संगम स्थल पर स्थित इस पवित्र धाम की स्थापना से भगवान राम की कथा जुड़ी हुई है। पौराणिक कथा के अनुसार, यह वह जगह है जहां से भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता को राक्षस रावण से छुड़ाने के लिए, समुद्र पर रा...

Rameswaram Jyotirlinga Temple (रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मंदिर ), Rameswaram Jyotiling Mandir, location, timings.

Important information • Location: Rameswaram, Tamil Nadu 623526 • Temple Open and Close Timing:Morning: 05:00 am to 01:00 pm • Evening: 03:00 pm to 09:00 pm. • Pooja Timings in Rameshwaram Temple: • Palliyarai Deepa Arathana : 05:00 am • Spadigalinga Deepa Arathana : 05:10 am • Thiruvananthal Deepa Arathana: 05:45 am • Vila Pooja : 07:00 am • Kalasanthi Pooja: 10:00 am • Uchikala Pooja : 12:00 noon • Sayaratcha Pooja : 06:00 pm • Arthajama Pooja : 08:30 pm • Palliyarai Pooja : 08:45 pm • Nearest Railway Station: Rameswaram Railway Station (RMM) at a distance of nearly 1 kilometres from Rameswaram Temple. • Nearest Airport: Madurai at a distance of nearly 163 kilometres from Rameswaram Temple. • Best Time to visit: October to March. • District: Ramanathapuram district • Important festival: Maha Shivaratri. • Primary deity: Ramanathaswamy (Shiva). • Did you know: Rameshwaram Temple corridor is the longest corridor in the world and which makes it unique from other Indian temples. Rameswaram Jyotirlinga Temple is one of the main pilgrim centers of Hindus. The temple is completely dedicated to Lord Shiva. This temple is one of the Char Dhams of Hindus. It is located in Ramnathapuram district of Tamil Nadu. Jyoti Ling situated in the Rameswaram temple is one of the 12 Jyoti Ling of Lord Shiva and Rameshwaram is considered the eleventh Jyotirling. Rameshwaram is approximately four and a half miles south-east of Chennai. It is a beautiful conch shaped island surrounded by the Indi...

रामेश्वरम मंदिर 2022

April 23, 2020 • Country • India • Assam • Kaziranga National Park • Jammu & Kashmir • Mata Vaishno Devi • Gulmarg • Rajasthan • Jaipur • Udaipur • Mount Abu • Pushkar • Nathdwara • Salasar Balaji • Uttrakhand • Dehradun • Mussoorie • Rishikesh • Haridwar • Dhanaulti • Kedarnath • Chopta • Madhyamaheshwar • Tungnath Temple • Rudranath • Kalpeshwar • Yamunotri • Gangotri • Badrinath • Panch Kedar • Chota Chardham Yatra • Kedarkantha • Har Ki Dun • Jim Corbett National Park • Kedartal Trek • Gaumukh Tapovan Trek • Valley Of Flowers • Gujrat • Dwarka • Dwarkadhish Temple • Saputara • Gir National Park • Somnath Temple • Odisha • Puri • Konark • Himachal Pradesh • Chamba • Dalhousie • Dharmshala • McLeodganj • Khajjiar • Manimahesh • Kheerganga Trek • Hampta Pass Trek • Madhyapradesh • Kanha National Park • Bandhavgarh National Park • Tamilnadu • Rameswaram Temple • Uttar Pradesh • Varanasi • Kashi Vishwanath Temple • Destination • Fort • City Palace • Ranthambore Fort • Kumbhalgarh Fort • Amer Fort • Bhangarh Fort • Hill Station • Mussoorie • Dehradun • Rishikesh • Dhanaulti • Mount Abu • Manimahesh • Saputara • Dalhousie • Khajjiar • Chamba • Dharmshala • McLeodganj • Chopta • Wild Life • Jim Corbett National Park • Kanha National Park • Ranthambore National Park • Ranthambore National Park Complete Travel Guide • Sariska Tiger Reserve • Rajaji National Park • Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary • Keoladeo National Park • Vansda National Park • Kaziranga National Park • Purna Wil...