Ramayan ke anusar ahilya ko kisne pathar mein badal jane ka shrap diya tha

  1. सच्ची रामायण
  2. रामायण के अनमोल विचार
  3. गौतम ऋषि का इंद्र व अहिल्या को श्राप देने से लेकर उनकी मुक्ति की संपूर्ण कथा
  4. युधिष्ठिर ने क्यों दिया स्त्री जाति को श्राप Yudhisthira shrap to kunti
  5. शत्रुघ्न की पत्नी का नाम
  6. रामायण: माता सीता का जीवन परिचय, Mata Sita History In Ramayan In Hindi
  7. सम्पूर्ण रामायण की कहानी हिन्दी में Full Ramayan Story in Hindi


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सच्ची रामायण

सभी Hindi Pdf Book यहाँ देखें सभी Audiobooks in Hindi यहाँ सुनें पुस्तक का विवरण : भूमिजा सीता-वाल्मीकि रामायण बाल काण्ड सर्ग 66 के अनुसार राजा जनक यज्ञ के लिए भूमि तैयार करने हेतु चला रहे थे। उन्हें भूमि में सीता मिली। वाल्मीकि रामायण को गौड़ीय (३,४) व पश्चिमोत्तरीय (३,२) पाठों के अनुसार हल जोतते समय जनक के आकाश में सुंदर मेनका नामक अप्सरा को देखा और मन में संतार्थ उसके साथ ……….. Pustak Ka Vivaran : Bhoomija seeta-Valmiki Ramayan bal kand sarg 66 ke anusar Raja janak yagy ke liye bhoomi taiyar karane hetu chala rahe the. Unhen bhoomi mein seeta mili. Valmeeki Ramayan ko Gaudeey (3,4) va pashchimottareey (3,2) pathon ke anusar hal jotate samay janak ke Aakash mein sundar menaka namak apsara ko dekha aur man mein santarth usake sath………… Description about eBook : According to Bhumija Sita-Valmiki Ramayana Bal Kand Sarg 66, King Janak was running to prepare the land for the yagna. He found Sita in the land. According to the Gaudiya (3,4) and Paschimottariya (3,2) lessons, Valmiki Ramayana saw the beautiful Apsara named Janaka in the Janak’s sky while plowing and in his mind, with his children……….. 44Books का एंड्रोइड एप डाउनलोड करें “चाहे यह आपके लिए सबसे अच्छा समय हो, अथवा सबसे खराब समय हो, केवल और केवल समय ही हमारे पास होता है” आर्ट बचवाल्ड “Whether it’s the best of times or the worst of times, it’s the only time we’ve got.” Art Buchwald Related Posts: • तीर्थकर चरित्र (तीनों भाग) : रतनलाल डोशी द्वारा हिंदी पीडीऍफ़… • भारत के पवित्र तीर्थ स्थल : नारायण भक्त द्वारा हिंदी पीडी...

रामायण के अनमोल विचार

रामायण के अनमोल विचार रामायण के आदर्श सुंदर अनमोल विचार रामायण जो की हिन्दू धर्म का पवित्र ग्रन्थ है जो की भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन पर आधारित सम्पूर्ण वर्णन है, जिसके रचियता आदिकवि महर्षि बाल्मीकि है, तो आईये आदिकवि महर्षि बाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में लिखे गये अनमोल विचारो, Ramayana Quotes In Hindi, Ramayan Sukti In Hindi, Ramayan Vachan, Moral Of Ramayana In Hindi, Ramayan Ke Thought in Hindi, Ramayana Quotes In Hindi, Ramayana Anmol Vichar को जानते है. जो आपका कुमित्र है उन पर कभी भी विश्वास नहीं करना चाहिए, और जो मित्र है उन पर भी अँधा विश्वास नहीं करना चाहिए। Ramayan Quotes Status in Hindi यदि जीवित रहेंगे तो सुख और आनंद की प्राप्ति कभी न कभी अवश्य होगी। Moral of Ramayana in Hindi जो व्यक्ति हमेशा रोना रोते हैं, उन्हें जीवन में कभी सुख नहीं मिलता। Ramayana Quotes in Hindi Images दुःख ऐसी वस्तु हैं जो ज्ञान और बल दोनों का विनाशक होता है। दुःख से बड़ा कोई शत्रु नहीं होता। Ramayan Sukti in Hindi सभी का चेहरा उनकी अंदरूनी विचार और भावनाओं का दर्पण होता है। इन विचार और भावनाओं को छुपाना लगभग असंभव होता है, और देखने वाला उन्हें भांप सकता है। Ramayan Vachan Vichar सर्वनाश के प्रमुख 3 कारण इस प्रकार हैं- दूसरों के धन की चोरी, दूसरे की पत्नी पर बुरी नजर और अपने ही मित्रों के चरित्र व अखंडता पर शक। Ramayan Ke Thought in Hindi जिनके पास धर्म का ज्ञान हैं, वे सभी कहते हैं कि सत्य ही परम धर्म हैं। Ramayana Anmol Vichar in Hindi जो किसी से धन व् सामग्री की सहायता लेने के बाद अपने दिए हुए वचन का पालन नहीं करता, वो संसार में सबसे बुरा माना जाता है। Ramayan Quotes in Hindi नदी में...

गौतम ऋषि का इंद्र व अहिल्या को श्राप देने से लेकर उनकी मुक्ति की संपूर्ण कथा

अहिल्या स्वयं भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री थी जिसे ब्रह्मा जी ने सभी गुणों व लोकों की सुंदरता के साथ बनाया था (Ahilya kiski putri thi)। इसका नाम भगवान ब्रह्मा ने अहिल्या रखा था जो तीनों लोकों में सबसे सुंदर स्त्री थी (Gautam Rishi Ahilya story in Hindi)। तब सभी देवताओं ने देवी अहिल्या से विवाह के लिए प्रस्ताव रखा किंतु भगवान ब्रह्मा ने यह शर्त रखी कि जो भी सबसे पहले संपूर्ण ब्रह्मांड का चक्कर लगाकर वापस आ जायेगा उसका देवी अहिल्या से विवाह करवा दिया जायेगा (Gautam Rishi Ahilya ki kahani)। गौतम ऋषि व देवी अहिल्या का विवाह (Gautam Rishi Ahilya ki katha) यह सुनकर इंद्र व सभी देवता ब्रह्मांड का चक्कर लगाने के लिए दौड़ पड़े। उसी समय गौतम ऋषि का मिथिला नामक नगरी में आश्रम था व वे अपनी प्रतिदिन की पूजा कर रहे थे। गाय माता की पूजा करते समय उन्होंने उसकी परिक्रमा की व उसी समय गाय माता ने बछड़े को जन्म दे दिया (Devi Ahilya story in Hindi)। जब नारद मुनि ने यह दृश्य देखा तो उन्होंने सारी बात भगवान ब्रह्मा जी को बताई। चूँकि वेदानुसार इस प्रकार की परिक्रमा संपूर्ण ब्रह्मांड की परिक्रमा के बराबर थी, इसलिये ब्रह्मा जी ने देवी अहिल्या का विवाह गौतम ऋषि से करवा दिया। देव इंद्र की ईर्ष्या (Ahilya Indra ki kahani) अब गौतम ऋषि व देवी अहिल्या सुखी-सुखी रहने लगे। गौतम ऋषि बहुत महान ऋषि थे तथा उनकी शक्ति व ज्ञान चारों और प्रख्यात था। साथ ही देवी अहिल्या भी एक पतिव्रता स्त्री थी जो अपने पति से अथाह प्रेम करती थी किंतु इंद्र के मन में द्वेष भावना उत्पन्न हो रही थी और वह किसी भी तरह से देवी अहिल्या को प्राप्त करना चाहता था। इसी के लिए देव इंद्र किसी अवसर की तलाश में थे क्योंकि सामने से वे गौतम ऋषि के तप...

युधिष्ठिर ने क्यों दिया स्त्री जाति को श्राप Yudhisthira shrap to kunti

युधिष्ठिर का श्राप | Yudhisthira curse kunti story in hindi : युधिष्ठिर ने नारी जाति को जो श्राप दिया उसका असर स्त्रियों पर आज भी कायम है। Mahabharata की कहानी में कुंती और कर्ण का सम्बन्ध माँ-बेटा का था। लेकिन इस बात से पांडव और कर्ण अनभिज्ञ थे। कौरव पांडव युद्ध के समय कुंती कर्ण से मिलने जाती हैं और उसे यह बताती हैं कि वो उनका पुत्र है, इसलिए पांडव उसके भाई हैं. कर्ण दुर्योधन से अपनी मित्रता निभाते हुए किसी भी सहायता से मना कर देता है। कर्ण की मृत्यु के बाद कुंती पांडवों से यह बताती है कि कर्ण उनका बड़ा भाई था। इस बात को जानकर सभी पांडव खासकर युधिष्ठिर बहुत दुखी और क्रोधित हुए। उन्हें लगा कि अगर कर्ण उनका बड़ा भाई था तो वह भी उचित सम्मान और अधिकार का पात्र था। पढ़ें> युधिष्ठिर ने श्राप दिया कि औरतें किसी भी बात को अधिक समय तक गुप्त नहीं रख पायेंगी। लोग कहते हैं कि औरतों के पेट में कोई बात नहीं पचती। वो कही न कहीं, किसी न किसी से अवश्य बता देती हैं. वैसे इस बात में कितनी सच्चाई है इसके सम्बन्ध में हम कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। आप ये श्राप की कहानी दोस्तों को बताने के लिए व्हाट्सप्प, फ़ेसबुक पर शेयर जरूर करें जिससे कई लोग ये जानकारी पढ़ सकें। यह भी पढ़िए : • • • • • • Categories

शत्रुघ्न की पत्नी का नाम

s hatrughan ki patni ka kya naam tha शत्रुघ्न की माता का नाम क्या है जिस प्रकार राम के सभी भाइयो का नामकरण गुरु वसिष्ठ ने उनकी अलग अलग खूबियों के कारण हुआ उसी प्रकार शत्रुघ्न का नामकरण इस कारण हुआ क्योंकि क्योंकि वे बड़े ही बलवान थे उनके शत्रु सदा डरते रहेंगे इस लिए इनका नाम शत्रुघ्न रखा गया • • • शत्रुघ्न की पत्नी का नाम शत्रुघ्न की माता का नाम सुमित्रा था और शत्रुघ्न का जनक के भाई पुस्ध्वज की पुत्री श्रुति से शत्रुघ्न का विवाह हुआ s hatrughan ki patni ka kya naam tha शत्रुघ्न दसरथ के सबसे छोटे पुत्र थे जब राम वनवास चले गए तो और भरत उनसे भरत मिलाप करके वापिस आये तो तब भरत ने पर्ण लिया की वह भी एक वनवासी की तरह रहकर अपना जीवन यापन करंगे जैसे राम और लक्ष्मण वन में रहते है शत्रुघ्न की माता का नाम तब शत्रुघ्न ने भरत की सेवा उस प्रकार की जैसे राम की सेवा लक्ष्मण ने की थी हमतोविष्णुभगवानकेअवतारकोरामहीमानतेहै ramayan ke anusar shatrughan ki patni kaun thi लेकिनकुछविद्वानोंकाकहनाहैकीउससमयभगवानविष्णुने4रूपोंमेंअवतारलियाथाजोभगवानरामऔरउनके3भाईऔरभगवानविष्णु शत्रुघ्न की माता का नाम कीसेवाकेलिएभगवानशिवनेहनुमानकेरूपमेंअवतारलियाथा!

रामायण: माता सीता का जीवन परिचय, Mata Sita History In Ramayan In Hindi

त्रेता युग में जब भगवान विष्णु ने श्रीराम के रूप में जन्म लिया तो माता लक्ष्मी ने सीता (Essay On Sita In Hindi) के रूप में। माता सीता ने अपने जीवन में उच्च आदर्शों की स्थापना की तथा समाज को कई संदेश दिए। उन्होंने हमेशा धैर्य और संयम से काम लिया व भविष्य की संभावनाओं (Mata Sita Character In Hindi) को देखते हुए ही निर्णय लिए। आज हम आपको माता सीता के भूमि में निकलने से लेकर उनका पुनः भूमि में समाने तक की कथा का वर्णन करेंगे। रामायण में माता सीता का जीवन परिचय (Mata Sita In Ramayan In Hindi) माता सीता का जन्म (Mata Sita Ka Janam Kaha Hua Tha) रामायण में माता सीता के जन्म (Sita Kiski Putri Thi) को लेकर कुछ स्पष्ट मत नही है लेकिन यह पता चलता हैं कि मिथिला के राजा जनक को वे भूमि (Biography Of Sita In Hindi) में से प्राप्त हुई थी। एक प्रचलित मान्यता के अनुसार वे रावण व मंदोदरी की पुत्री थी जिसे रावण ने अपशकुन के कारण समुंद्र में फिंकवा दिया था। वहां से बहती हुई माता सीता राजा जनक (Sita Father Name In Hindi) के राज्य में पहुँच गयी। जब महाराज जनक अपने राज्य को सूखे से बचाने के लिए खेत में हल जोत रहे थे तभी उनको वहां से सीता प्राप्त हुई। चूँकि राजा जनक व उनकी पत्नी सुनैना (Sita Ki Mata Ka Naam) को कोई संतान नही थी इसलिये उन्होंने सीता को गोद ले लिया। बाद में माता सीता की एक छोटी बहन हुई जिसका नाम उर्मिला (Sita Kiski Bahan Thi) था। इसके अलावा उनकी दो चचेरी बहने मांडवी व श्रुतकीर्ति भी थी जो उनके चाचा कुशध्वज की पुत्रियाँ थी। माता सीता के अन्य नाम (Sita Ji Ke Naam In Hindi) माता सीता को कई अन्य नाम से भी जाना जाता है तथा हर नाम से उनकी एक अलग विशेषता दिखाई देती हैं। आइए उनके सभी नाम (S...

सम्पूर्ण रामायण की कहानी हिन्दी में Full Ramayan Story in Hindi

इस लेख में हमने सम्पूर्ण रामायण की कहानी हिन्दी में (Full Ramayan Story in Hindi) लिखा है। यह हमने लघु रूप में लिखा है जिसमे हमने इस महाकाव्य के मुख्य भागों को विस्तार रूप में बताया है। इसकी रचना महर्षि वाल्मीकि ने की थी। वैसे तो रामायण कथा बहुत लम्बी है परन्तु आज हम आपके सामने इस कहानी का एक संक्षिप्त रूप रेखा प्रस्तुत कर रहे हैं। रामायण की कहानी मुख्य रूप से बालकांड, अयोध्या कांड, अरण्यकांड, किष्किंधा कांड, सुंदरकांड, लंका कांड, और उत्तरकांड में विभाजित है। रामायण के महाकाव्य में 24000 छंद और 500 सर्ग हैं जो कि 7 भागों में विभाजित हैं। रामायण श्री राम, लक्ष्मण, सीता की एक अद्भुत अमर कहानी है जो हमें विचारधारा, भक्ति, कर्तव्य, रिश्ते, धर्म, और कर्म को सही मायने में सिखाता है। [amazon bestseller=”ramayana in hindi” items=”2″] आईये शुरू करते हैं – रामायण की पूर्ण कथा हिंदी में (The Epic Story of Ramayana in Hindi) संक्षिप्त रूप में… Table of Content • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • 1. बालकांड Bala Kanda of Ramayan Story in Hindi राम-सीता जन्म कथा प्राचीन काल की बात है सरयू नदी के किनारे कोशला नामक राज्य था। कोशला राज्य की राजधानी अयोध्या थी जिसके राजा का नाम दशरथ था। राजा दशरथ के तीन पत्नियाँ थी जिनके नाम थे – कौशल्या, कैकई और सुमित्रा। परन्तु बहुत समय से उनकी कोई भी संतान नहीं थी जिसके कारण उन्हें उत्तराधिकारी की कमी हमेशा सताती थी। इसके विषय में उन्होंने ऋषि वशिष्ठ से बात की और पुत्र कामेष्टि यज्ञ करवाया। यज्ञ के कारण उनकी पत्नियों को चार पुत्र हुए। उनकी पहली पत्नी कोशल्या से राम, कैकई से भरत और सुमित्रा से लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म हुआ। सभी राजकुमार शास्...