Ramayan ke dohe

  1. तुलसीदास के दोहे । Tulsidas Ke Dohe with Meaning in Hindi
  2. रामायण में कितने कांड है? Ramayan Mein Kitne Kand Hai?
  3. Rahim Ke Dohe With Meaning
  4. रामायण आवाहन दोहे लिरिक्स
  5. ramayan awahan dohe
  6. श्री रामचरित मानस


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तुलसीदास के दोहे । Tulsidas Ke Dohe with Meaning in Hindi

गोस्वामी तुलसीदास जी ( tulsidas in hindi) के दोहे लोगो के बीच बहुत लोकप्रिय है उनका हिंदी अर्थ जनमानस के लिए बहुत उपयोगी है। आज इस पोस्ट में तुलसी दास जी के दोहे हिंदी ( tulsidas ke dohe in hindi) भाषा में दोहो के अर्थ के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है। तुलसीदास जी रामचरित मानस के रचयिता है, उनके द्वारा लिखी गयी रामायण तुलसीदास रामायण ( tulsidas ramayan) के नाम से भी जानी जाती है। गोस्वामी तुलसीदास जी का नाम सनातन धर्म में अमर है। तुलसीदास जी वर्ष 1511 से 1623 के बीच सनातन हिंदी साहित्य के महान कवि थे। अवधि भाषा में लिखे श्रीरामचरितमानस के रचइता तुलसी जी है। श्रीरामचरितमानस का कथानक रामायण से लिया गया है। रामचरितमानस लोक ग्रन्थ के रूप में पूर्ण उत्तर भारत में श्रद्धा और भक्तिभाव से पढ़ा जाता है। महाकाव्य श्रीरामचरितमानस की प्रसिद्धि और रचना कौशल को इस बात से समझा जा सकता है की इसको विश्व के 100 सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय काव्यों में 46वाँ स्थान दिया गया। तुलसी दास जी का जन्म स्थान विवादित है। कुछ लोग मानते हैं की इनका जन्म कासगंज, एटा, उत्तर प्रदेश में हुआ था। परन्तु अधिकांश लोग इनका जन्म राजापुर जिला बाँदा जिसे वर्तमान में चित्रकूट के नाम से जानते है वह हुआ मानते हैं। कुछ प्राचीन विद्वान तुलसीदास का जन्म स्थान राजापुर को भी मानते है। ऐतिहासिक आक्रांताओ द्वारा संतान को छिन्न भिन्न करने के कारण ऐतिहासिक स्मृतियों की गणना मुश्किल हो जाती है। You Also Like This :- Happy Makar Sankranti Wishes in Hindi Holika Dahan Quotes in Hindi Holi Quotes in Hindi Tulsidas Ke Dohe Diwali Wishes in Hindi Shiva Quotes in Hindi Table of Contents • • • • • • • • • Tulsidas Ke Dohe Tulsidas Ke Dohe in H...

रामायण में कितने कांड है? Ramayan Mein Kitne Kand Hai?

Ramayan mein kitne kand hai: श्री राम की गाथा, रामायण हिन्दू धर्म की एक प्रमुख धार्मिक पुस्तक है जिसमें श्री राम के सम्पूर्ण जीवन की गाथा का बड़ा ही सजीव और सुन्दर चित्रण है। इसमें श्री राम द्वारा अपनाए गए सभी आदर्शों के बारे में बताया गया है। इसमें उन्हें आज्ञाकारी, मर्यादा पुरुषोत्तम, पिता के प्रति आदर और प्रेम, पत्नी प्रेम, भाइयों के प्रति असीम स्नेह को सुंदरता से बताया गया है। रामायण को महर्षि श्री वाल्मीकि ने संस्कृत में लिखा जिसे बाद में हिंदी और कई अन्य भाषाओं में अनुवादित किया गया। जैसा की कई किताबों मे अलग अलग विषय या भाग होते है, उसी प्रकार रामायण को भी कई भागों मे बाटा गया है जिसे आमतौर पर कांड कहते है। कई भक्तों के मन मे यह प्रश्न उत्पन्न होता है कि रामायण मे कितने कांड है (R amayan mein kitne kand hai)? इन्ही प्रश्नों का उत्तर देने के लिए आज हम आपके लिए ये पोस्ट लाएं है – इसे अंत तक जरूर पढ़ें। रामायण में कितने कांड है? Ramayan Mein Kitne Kand Hai? रामायण में सात काण्ड हैं और हर एक कांड भगवान राम के जीवन के एक पढ़ाव को विस्तार मे बतलाते हैं। रामायण के सात कांडों के नाम इस प्रकार है : 1) बालकांड 2) अयोध्याकांड 3) अरण्यकांड 4) किष्किन्धाकांड 5) सुन्दरकांड 6) लंकाकांड 7) उतरकांड आइये अब विस्तार से रामायण के सभी कांडों के बारे में जानते है। रामायण के 7 कांड (Ramayan Ke Kand) 1) बालकाण्ड (Bal Kand) रामायण के 7 कांडों (Ramayan ke kand) मे से सबसे पहला कांड है बालकाण्ड। यह सभी कांडों मे से सबसे बड़ा है क्योकि इसमें श्री राम और उनके भाइयों के पैदा होने से लेकर उनके विवाह तक की कथाओं का बड़ा ही सुन्दर विवरण है। पुत्र प्राप्ति की कामना से राजा दशरथ पुत्रोष्टि (यज्ञ) करते हैं...

Rahim Ke Dohe With Meaning

प्रसिद्ध कवि रहीम, जिनके रहीम के दोहे (Rahim ke Dohe) आज भी लोगों को प्रेरणा देते हैं उनका पूरा नाम है अब्दुर्रहीम ख़ानख़ाना। वे अकबर के संरक्षक होने के साथ साथ विलक्षण प्रतिभा के भी स्वामी थे। उन्हें राजनीति, काव्य रचना का गुण, वीरता आदि सभी अपने माता पिता से मिला। उन्होंने मुल्ला मुहम्मद से अरबी, तुर्की, फारसी भाषा का ज्ञान लिया और उनसे ही कविता लिखना, छंद रचना करना, तर्कशास्त्र, फारसी व्याकरण, गणित आदि सीखा और उसमें पारंगत हुए। रहीम मुसलमान थे, फिर भी हिंदी साहित्य में उनका योगदान सराहनीय है। उनके कई काव्यों में गीता, महाभारत, रामायण, पुराणों आदि का जिक्र है तथा वे रहिमन नाम से भी जाने जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि वे कृष्ण भक्त भी थे। उनके सुन्दर काव्य में भक्ति, नीति, श्रृंगार, प्रेम आदि का खूबसूरती से समावेश था, रहिमन ने अपने काव्य और दोहों को जिस प्रकार बहुत ही सरल भाषा में लिखा, वे काफी अद्भुत और सराहनीय है। उन्होंने अपने काव्य लेखन के लिए कई बार ब्रज भाषा, खड़ी बोली, मीठि अवधि भाषा का प्रयोग किया है। सबसे ज्यादा प्रसिद्ध उनके रहीम के दोहे (Rahim ke Dohe) हुए जो आज कई कक्षाओं में पढ़ाये जाते है। उनके द्वारा रचे दोहे रोजमर्रा के जीवन से जुड़े हैं, जिस वजह से वे सामान्य व्यक्ति के जीवन को बहुत प्रभावित करते हैं। लोग उनके दोहे पढ़कर उसे अपने जीवन में अपनाकर जीवन को सकारात्मक रूप देने की दिशा में बढ़ जाते है। रहीम के दोहे (Rahim Ke Dohe) दोहा 1 रहिमन अंसुवा नयन ढरि, जिय दुःख प्रगट करेइ, जाहि निकारौ गेह ते, कस न भेद कहि देइ। अर्थ – रहीम के दोहे (Rahim ke Dohe) की श्रंखला के इस दोहे में रहीम जी कह रहे है जिस प्रकार आँखों से निकलते आंसू दिल के दर्द को बाहर ले आते हैं और सबको प...

रामायण आवाहन दोहे लिरिक्स

मूक होई वाचाल पंगु चढ़ई गिरिवर गहन । जासु कृपासु दयालु द्रवहॅुं सकल कलिमल दहन ॥ नील सरोरुह श्याम तरुन अरुन वारिज नयन । करहुँ सो मम उर धाम सदा क्षीर सागर सयन ॥ ह्लाुंँद – इंदु सम देह उमा रमन करुणा अयन । जाहिं दीन पर नेह करहुँ कृपा मर्दन मयन ॥ बंदहु गुरु पद कंज कृपा सिंधु नर रुप हरि । महा मोह तब पुंज जासु वचन रवि कर निकर ॥ बंदहु मुनि पद कंज रामायन जेहि निर मयऊ । सखर सुकोमल मंजु दोष रहित दुषन सहित ॥ बंदहु चारहुं वेद भव वारिध वो हित सरिस । जिनहिं न सपनेहु खेद वरनत रघुपति विमल यश ॥ वंदहु विधि पद रेनु भव सागर जिन कीन्ह यह । संत सुधा शशि धेनु प्रगटे खल विष वारुनी ॥ बंदहु अवध भुआल सत्य प्रेम जेहि राम पद । बिछुरत दीन दयाल प्रिय तनु तृन इव पर हरेऊ ॥ बंदहु पवन कुमार खल वन पावक ज्ञान घन । जासु हृदय आगार बसहिं राम सर चापधर ॥ राम कथा के रसिक तुम,भक्ति राशि मति धीर । आय सो आसन लीजिये, तेज पुंज कपि वीर ॥ रामायण तुलसीकृत कहँऊ कथा अनुसार । प्रेम सहित आसन गहँऊ आवहँ पवन कुमार ॥ सियावर रामचंद्र की जय नए भजन • Tumse Na Bolu Lyrics • बैल की सवारी करे डमरू बजाये लिरिक्स… • श्री चामुण्डा चालीसा लिरिक्स | Shri… • भगवान आस लगाए कब से लिरिक्स | Bhagw… • आज बृज में होली रे रसिया लिरिक्स | … • मैं तो जाउंगी वृन्दावन धाम भजन लिरि… • Hum To Deewane Ho Gaye Maa Lyrics • पता मुझे मालूम नहीं लिरिक्स | Pata … • शिव में मिलना है लिरिक्स | Shiv Me … • Maiya Ji Ke Mela Chal Saiya Lyrics • पशुपति व्रत की आरती | Pashupati Ji … • शिव गायत्री मंत्र लिरिक्स | Shiv Ga… • मीठी बांसुरी बजा नंदलाल लिरिक्स | M… • गाइये गणपति जगवंदन लिरिक्स | Gaiye … • दो दिन का जगत मे मेला सब चला चली का…

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श्री रामचरित मानस

Update : साथियों यह वैबसाईट अपने स्थायी पते विषय सूची १. २. ३. ४. ५. ६. ७. गोस्वामी तुलसीदास रचित श्री रामचरित मानस भारतीय संस्कृति मे एक विशेष स्थान रखती है। वैसे तो श्री रामचरित मानस के बहुत सारे संस्करण इन्टरनैट पर दिख जायेंगे, परन्तु यूनिकोड का संस्करण उपलब्ध ना होने के कारण मैने इसके संकलन का एक छोटा सा प्रयास किया है। समर्पित : विश्व भर के सभी श्री रामचरित मानस प्रेमियो को। साभार : आप सभी के सुझाव एवं आलोचनाए सादर आमन्त्रित है। यहाँ पर टिप्पणी के रुप मे लिखें अथवा मुझे jitu9968 at gmail dot com पर इमेल करें। निवेदक : कापीराइट :इस संकलन पर मेरा या मेरे किसी भी साथी संकलनकर्ता का किसी भी तरह का कापीराइट नही है। अपडेट : पाठकों के विशेष निवेदन पर सम्पूर्ण रामायण, इबुक के रुप में, श्री रामचरित मानस अब आपके मोबाइल पर भी उपलब्ध है, नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करिए