Ramayan kitne saal purani hai

  1. रघुपति राघव राजा राम में कौन सा अलंकार है
  2. रामायण में कितने कांड है उनके नाम
  3. Ramayan Kitne Saal Purani Hai
  4. Before you continue to YouTube
  5. इतना प्राचीन है हिन्दू धर्म, जानेंगे तो रह जाएंगे हैरान


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रघुपति राघव राजा राम में कौन सा अलंकार है

फिर से हम उपस्थित हैं आपके लिए एक नया टॉपिक ले कर। प्रभु श्रीराम से कोई परे नहीं है और राम धुन सभी ने अवश्य ही सुनी है। रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीताराम। लेकिन क्या आपको पता है रघुपति राघव राजा राम में कौनसा अलंकार है? नहीं? कोई बात नहीं हम बता देते हैं। यहां आप यह भी जानेंगे कि इसकी रचना किसने की है तथा रघुपति राघव राजा राम का ओरिजिनल लिरिक्स। प्रश्न – Table of Contents • • • • रघुपति राघव राजा राम में कौन सा अलंकार है? उत्तर – अनुप्रास अलंकार Question – Raghupati Raghav Raja Ram Mein Kaunsa Alankar Hai Answer – Anupras Alankar रघुपति राघव राजा राम ओरिजिनल लिरिक्स राम धुन का ओरिजिनल लिरिक्स अग्रलिखित है। परन्तु दुर्भाग्यवश सब जगह इसका विशुद्ध लिरिक्स ही सुनने को मिलता है। रघुपति राघव राजाराम पतित पावन सीताराम ॥ सुंदर विग्रह मेघश्याम गंगा तुलसी शालग्राम ॥ भद्रगिरीश्वर सीताराम भगत-जनप्रिय सीताराम ॥ जानकीरमणा सीताराम जयजय राघव सीताराम ॥ अलंकार किसे कहते हैं? अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है आभूषण। इसका कार्य होता है काव्य की शोभा को बड़ाना। जिस प्रकार से एक स्त्री की शोभा उसके द्वारा पहने गए आभुषण से बड़ती है उसी प्रकार एक अलंकार किसी काव्य की शोभा बड़ा देता है। उम्मीद करते हैं आपको हमारे द्वारा दी गयी यह जानकारी, “रघुपति राघव राजा राम में कौन सा अलंकार है” अच्छी लगी होगी। हमने यहां पर संक्षिप्त में और सरल भाषा में इस प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास किया है ताकि आप आसनी से इसे समझ सकें। यदि किसी प्रकार की कोई त्रुटि इस लेख में है तो आप हमें सूचित कर सकते हैं। FAQs Editor’s Picks • Do You Love Me Ka Reply Kya Hoga – डु यु लव मी का रिप्लाई क्या होगा? • लौकी को इंग्लिश में क्य...

रामायण में कितने कांड है उनके नाम

• बालकांड • अयोध्याकांड • अरण्यकांड • किष्किन्धाकांड • सुन्दरकांड • लंकाकांड एवं • उतरकांड। रामायण के 7 कांड के नामइस प्रकार है - 1. बालकांड आगे के सागर में अयोध्या, राजा दशरथ एवं उनके शासन तथा नीति का वर्णन हैं।राजा दशरथ पुत्र-प्राप्तिे के निमित्त पुत्रोष्टि (यज्ञ) करते हैं तथा ऋष्यशृंग के द्वारा यज्ञ सम्पन्न होता है और राजा को चार पुत्र होते हैं। राजा की तीन पटरानियों मे से-कौशल्या से राम, कैकेयी से भरत एवं सुमित्रा से लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न उत्पन्नहोते हैं। राम विश्वामित्र के यज्ञ में बाधा डालने वाले राक्षसों--ताड़का, मारीच तथा सुबाहु-का वध कर सिद्धाश्रम देखते हैं। बालकांड में बहुत-सी कथाओं का वर्णन है, जिन्हें विश्वामित्र ने राम को सुनाया है। विश्वामित्र के वंश का वर्णन तथा तत्संबंधी कथाएँ, गंगा एवं पार्वती की उत्पत्ति की कथा, कािर्त्तकेय का जन्म, राजा सगर एवं उनके साठ सहò पुत्रों की कथा, भगीरथ की कथा, दिति-अदिति की कथा तथा समुद्र-मंथन का वृत्तान्त, गौतम-अहल्या की कथा तथा राम के दर्शन से उसका उद्धार, वसिष्ठ एवं विश्वामित्र का संघर्ष. ित्राशंकु की कथा, राजा अम्बरीष की कथा, विश्वामित्र की तपस्या एवं मेनका द्वारा उनकी तपस्या भंग होना, विश्वामित्र का पुन: तपस्या में प्रवृत्त होना एवं ब्रह्मर्षि-पद की प्राप्ति, राम-लक्ष्मण का विश्वामित्र के साथ मिथिला में पधारना, सीता और उर्मिला की उत्पति का वर्णन, राम द्वारा शिव धनुष का तोड़ना एवं चारों भाइयों का विवाह। 2. अयोध्या कांडइसमें अधिकांश कथाएँ मानवीय हैं। राजा दशरथ द्वारा राम के राज्याभिषेक की चर्चा सुन कर कैकेयी की दासी मंथरा का कैकेयी को बहकाना, कैकेयी का कोपभवन में जाना और राजा के मनाने पर पूर्व प्राप्त दो वरदानों को मांगना, जि...

Ramayan Kitne Saal Purani Hai

Ramayan Kitne Saal Purani Hai – रामायण कितने साल पुरानी है? यदि आप भगवान श्री राम से परिचित हैं, तो रामायण का स्मरण अवश्य ही हाेगा। रामायण किसी धर्म विशेष का ग्रंथ नहीं है। आपको बता दें कि, रामायण सिर्फ भगवान श्री राम का जीवन चरित्र ही नहीं बल्कि हमें जीवन जीने की सही सीखाता है। पवित्र ग्रंथ रामायण में श्रीराम के सोलह गुण बताए गए हैं, जो किसी भी मानव में नेतृत्व क्षमता बढ़ाने का हुनर सीखाते हैं। रामायण में बताए गए गुण मनुष्य को किसी भी क्षेत्र में अगुवाई करने के अहम सूत्र बताता हैं। वाल्मीकि जी ने नारद जी से प्रश्न किया कि सम्प्रति इस लोक में ऐसा कौन मनुष्य है जो गुणवान, वीर्यवान, धर्मज्ञ, कृतज्ञ, सत्यवादी और दृढ़व्रत होने के साथ साथ सदाचार से युक्त हो। जो सब प्राणियों का हितकारक हो, साथ ही विद्वान, समर्थ और प्रियदर्शन हो। आईये पोस्ट के जरिए आज हम आपको बताते हैं कि अलग अलग मतों के अनुसार Ramayan Kitne Saal Purani Hai – रामायण कितने साल पुरानी है। आशा करते हैं आप पोस्ट पर शुरू से लेकर अंत तक जरूर बनें रहेंगे। Ramayan Kitne Saal Purani Hai? रामायण की रचना आदि कवि वाल्मीकि ने संस्कृत भाषा में की थी। इसे कुछ और महत्वपूर्ण लेख – • • • • • Categories Tags

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इतना प्राचीन है हिन्दू धर्म, जानेंगे तो रह जाएंगे हैरान

कोई लाखों वर्ष, तो कोई हजारों वर्ष पुराना मानता है हिन्दू धर्म को। लेकिन क्या यह सच है? आओ हम कुछ महापुरुषों की जन्म तिथियों के आधार पर जानते हैं कि कितना पुराना है हिन्दू धर्म? हिन्दू धर्म की पुन: शुरुआत वराह कल्प से होती है। इससे पहले पद्म कल्प, ब्रह्म कल्प, हिरण्य गर्भ कल्प और महत कल्प बीत चुके हैं। आदिशंकराचार्य ने हिन्दू धर्म को पुनर्गठित किया था। उनका जन्म 788 ईस्वी में हुआ और 820 ईस्वी में उन्होंने मात्र 32 वर्ष की उम्र में देह छोड़ दी थी। उन्होंने 4 पीठों की स्थापना की थी। केरल में जन्म और केदारनाथ में उन्होंने समाधि ले ली थी। वैसे चार मठों की गुरु शिष्य परंपरा के अनुसार आदि शंकराचार्य का जन्म 508 ईसा पूर्व हुआ था। 788 ईस्वी को जिन शंकराचार्य का जन्म हुआ था वे अभिनव शंकराचार्य थे। अनुमानित रूप से 6673 ईसा पूर्व वैवस्वत मनु हुए थे। इन मनु के काल में ही जलप्रलय हुई थी। कई माह तक वैवस्वत मनु और उनके लोगों द्वारा नाव में ही गुजारने के बाद उनकी नाव गौरी-शंकर के शिखर से होते हुए जल के उतरने के साथ ही नीचे उतरी। तब फिर से धरती पर मनुष्यों का जीवन चक्र चला। माथुरों के इतिहास में उनके होने की यही तिथि लिखी है। सम्राट ययाति के प्रमुख 5 पुत्र थे- 1. पुरु, 2. यदु, 3. तुर्वस, 4. अनु और 5. द्रुहु। इन्हें वेदों में पंचनंद कहा गया है। अनुमानित रूप से 7,200 ईसा पूर्व अर्थात आज से 9,217 वर्ष पूर्व ययाति के इन पांचों पुत्रों का संपूर्ण धरती पर राज था। पांचों पुत्रों ने अपने-अपने नाम से राजवंशों की स्थापना की। यदु से यादव, तुर्वसु से यवन, द्रुहु से भोज, अनु से मलेच्छ और पुरु से पौरव वंश की स्थापना हुई। ययाति प्रजापति ब्रह्मा की 10वीं पीढ़ी में हुए थे। माथुरों के इतिहास के अनुसार स्वाय...