Rani lakshmi bai in hindi

  1. रानी लक्ष्मी बाई की जीवनी
  2. रानी लक्ष्मीबाई की जीवनी
  3. Lakshmibai, The Warrior Queen Who Fought British Rule in India


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रानी लक्ष्मी बाई की जीवनी

1.3 निधन(वीरगति) रानी लक्ष्मी बाई की जीवनी – Rani Lakshmi Bai Biography Hindi जन्म लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवम्बर 1835 ई. को वाराणसी, भारत में हुआ था. उनके पिता का नाम मोरोपंत तांबे और माता का नाम भागीरथीबाई था. महान वीरांगना लक्ष्मीबाई के बचपन का नाम मनु और मणिकर्णिका था. वह महाराज गंगाधर राव की पत्नी थी. योगदान गंगाधर राव की मृत्यु के बाद जनरल डलहौजी ने हड़प नीति द्वारा झांसी राज्य को 7 मार्च, 1854 ई. में अंग्रेजी सम्राज्य में सम्मिलित कर लिया। अपने दतक पुत्र दामोदर राव के उत्तराधिकारी हेतु महारानी लक्ष्मीबाई ने कंपनी शासन से प्रयास किया,परन्तु वे असफल रही। अत: उन्होने अग्रेजों से असन्तुष्ट होकर 1857 ई. की क्रांति में अंग्रेजों के विरुद्ध नेतृत्व किया. निधन(वीरगति) अंग्रेजी सेना से लड़ते हुए इस वीरांगना ने 18 जून 1858 में वीरगति प्राप्त की।

रानी लक्ष्मीबाई की जीवनी

जन्म: 19 नवम्बर 1828, वाराणसी, उत्तर प्रदेश मृत्यु: 18 जून 1858, कोटा की सराय, ग्वालियर कार्यक्षेत्र: झाँसी की रानी, 1857 के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम की वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई मराठा शासित झाँसी राज्य की रानी थीं और 1857 के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में अंग्रेजी हुकुमत के विरुद्ध बिगुल बजाने वाले वीरों में से एक थीं। वे ऐसी वीरांगना थीं जिन्होंने मात्र 23 वर्ष की आयु में ही ब्रिटिश साम्राज्य की सेना से मोर्चा लिया और रणक्षेत्र में वीरगति को प्राप्त हो गयीं परन्तु जीते जी अंग्रेजों को अपने राज्य झाँसी पर कब्जा नहीं करने दिया। प्रारंभिक जीवन लक्ष्मीबाई का जन्म वाराणसी जिले में 19 नवम्बर 1828 को एक मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उसके बचपन का नाम मणिकर्णिका था पर परिवारवाले उन्हें स्नेह से मनु पुकारते थे। उनके पिता का नाम मोरोपंत ताम्बे था और माता का नाम भागीरथी सप्रे। उनके माता-पिता महाराष्ट्र से सम्बन्ध रखते थे। जब लक्ष्मीबाई मात्र चार साल की थीं तभी उनकी माता का स्वर्गवास हो गया। उनके पिता मराठा बाजीराव की सेवा में थे। माँ के निधन के बाद घर में मनु की देखभाल के लिये कोई नहीं था इसलिए पिता मनु को अपने साथ बाजीराव के दरबार में ले गये। वहां मनु के स्वभाव ने सबका मन मोह लिया और लोग उसे प्यार से “छबीली” कहने लगे। शास्त्रों की शिक्षा के साथ-साथ मनु को शस्त्रों की शिक्षा भी दी गयी। सन 1842 में मनु का विवाह झाँसी के राजा गंगाधर राव निम्बालकर के साथ हुआ और इस प्रकार वे झाँसी की रानी बन गयीं और उनका नाम बदलकर लक्ष्मीबाई कर दिया गया। सन् 1851 में रानी लक्ष्मीबाई और गंगाधर राव को पुत्र रत्न की पारपत हुई पर चार महीने की आयु में ही उसकी मृत्यु हो गयी। उधर गंगाधर राव का...

Lakshmibai, The Warrior Queen Who Fought British Rule in India

In the early uprisings against the British Raj in India, a new kind of freedom fighter emerged: a rebel warrior queen who led her troops into pitched battles for independence. The rani of Jhansi was one of the leading figures in the Indian Rebellion of 1857 and a symbol of resistance against the British. What’s more, she was a total badass. The rani, or Hindu queen, was born in the holy town of Varanasi sometime When she was a teenager, Manikarnika was married to Gangadhar Rao, who was the maharaja (king) of Jhansi, a small territory in northeast India. Upon her marriage, as was customary for Indian queens at the time, Manikarnika took a new name: Lakshmibai. The maharaja was 20 years her senior, and she was his second wife. She was far more active than he, and had a keen interest in horses. The rani exercised and practiced with the palace’s weapons, and even drilled and trained a regiment of women. “This may not have been quite so unusual as it appears,” A statue of Lakshmibai on horseback with sword in hand in Solapur, India. In 1853, just 11 years after his marriage to Lakshmibai, the maharaja died. On the day before his death, the childless king adopted a son in order to make him heir to the throne, since his wife, as a woman, was not entitled to that right. Up until then, the princely state of Jhansi had been independent of British India, but had maintained a pro-British stance. After the maharaja’s death, the British seized the territory and refused to recognize the ...