रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए class 10

  1. (1) उपर्युक्त गद्यांश का संदर्भ लिखिए। (2) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए। (3) गिल्लू को क्या बेहद पसंद था?
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(1) उपर्युक्त गद्यांश का संदर्भ लिखिए। (2) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए। (3) गिल्लू को क्या बेहद पसंद था?

निम्नांकित गद्यांशों में रेखांकित अंशों की सन्दर्भ सहित व्याख्या और तथ्यपरक प्रश्नों के उत्तर दीजिये मेरे पास बहुत-से पशु-पक्षी हैं और उनका मुझसे लगाव भी कम नहीं है, परन्तु उनमें से किसी को मेरे साथ मेरे थाली में खाने की हिम्मत हुई है, ऐसा मुझे स्मरण नहीं आता। गिल्लू इनमें अपवाद था। मैं जैसे ही खाने के कमरे में पहुँचती, वह खिड़की से निकलकर आँगन की दीवार, बरामदा पार करके मेज पर पहुँच जाता और मेरी थाली में बैठ जाना चाहता । बड़ी कठिनाई से मैंने उसे थाली के पास बैठना सिखाया, जहाँ बैठकर वह मेरी थाली में से एक-एक चावल उठाकर बड़ी सफाई से खाता रहता । काजू उसका प्रिय खाद्य था और कई दिन काजू न मिलने पर वह अन्य खाने की चीजें या तो लेना बन्द कर देता था या झूले के नीचे फेंक देता था। (1)उपर्युक्त गद्यांश का संदर्भ लिखिए। (2)रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए। (3)गिल्लू को क्या बेहद पसंद था? 1.सन्दर्भ -प्रस्तुत गद्यांश पाठ्य-पुस्तक ‘ हिन्दी गद्य ’में संकलित एवं महादेवी वर्मा द्वारा लिखित ‘ गिल्लू ’पाठ से उद्धृत है। प्रस्तुत अवतरण में गिल्लू के खान-पान का वर्णन है। 2.रेखांकित अंशों की व्याख्या-लेखिका कहती है कि मेरे पास बहुत से पशु-पक्षी हैं। सभी के साथ मेरा असीम लगाव है, लेकिन किसी को मेरे साथ मेरी थाली में खाने की हिम्मत नहीं हुई। गिल्लू इसका अपवाद था। मैं खाना खाने के लिए जैसे ही मेज के पास जाती गिल्लू कूद-फाँदकर खाने की मेज पर पहुँच जाता और मेरी थाली में बैठना चाहता। मैंने बड़ी मुश्किल से उसे थाली के पास बैठना सिखाया। उसके बाद गिल्लू मेरी थाली के पास बैठकर एक-एक चावल निकालकर खाता था। काजू उसे बेहद पसंद था। यदि कई दिन काजू न मिले तो अन्य चीजें भी खाना बन्द कर देता था। या झूले, के नीचे गिरा...

Up Board class 10 Hindi Model Paper

Up Board class 10 Hindi Model Paper | Up Board Class 10th Hindi Model Paper 2022 | Class 10th Hindi Model Paper Up Board SET 1 (Up Board class 10 Hindi Model Paper , Up Board Class 10th Hindi Model Paper 2022, Class 10th Hindi Model Paper Up Board, Up Board Class 10th Hindi Model Paper solution, Up Board 10th Hindi Previous year question paper, Up Board 10th Hindi Previous year question paper pdf) इस पोस्ट में मैंने कक्षा दसवीं यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी का पेपर बताए है यह यूपी बोर्ड कक्षा दसवीं हिंदी का मॉडल पेपर मैंने कक्षा दसवीं यूपी बोर्ड हिंदी के पिछले साल के पेपर से बनाया है | यदि आप यह कक्षा दसवीं हिंदी का पेपर तैयार कर लेते हैं तो आपके परीक्षा में यहां से प्रश्न फस जाएंगे | 1. क) निम्नलिखित कथनों में से कोई एक कथन सही है, उसे पहचानकर लिखिए : i) ‘चतुरसेन शास्त्री’ लब्धप्रतिष्ठ कवि थे। ii) ‘भूले-बिसरे चित्र’ के लेखक भगवतीचरण वर्मा हैं। iii) ‘अपनी खबर’ प्रसिद्ध यात्रा वृत्तान्त है। iv) ‘नीड़ का निर्माण प्रसिद्ध नाटक है। उत्तर – ii) ‘भूले-बिसरे चित्र’ के लेखक भगवतीचरण वर्मा हैं। ख) निम्नलिखित कृतियों में से किसी एक कृति के लेखक का नाम लिखिए : i) त्रिवेणी उत्तर – त्रिवेणी के लेखक आचार्य रामचंद्र शुक्ल है ii) अजातशत्रु उत्तर – अजातशत्रु कृति के लेखक जयशंकर प्रसाद जी हैं iii) खादी का अर्थशास्त्र उत्तर – खादी का अर्थशास्त्र कृति के लेखक डॉ राजेंद्र प्रसाद जी हैं iv) साहित्य और कला उत्तर – साहित्य और कला कृति के लेखक भगवतशरण उपाध्याय जी हैं ग) किसी एक रिपोर्ताज लेखक का नाम लिखिए। उत्तर – रिपोतार्ज के लेखक विष्णु प्रभाकर जी है घ) ‘मेरी कॉलेज डायरी’ के रचनाकार का नाम लिख...

UP Board Class 10 Hindi Chapter 5

प्रश्न 1. रामधारी सिंह ‘दिनकर’ के जीवन-परिचय एवं साहित्यिक योगदान पर प्रकाश डालिए। [2009] या रामधारी सिंह ‘दिनकर’ का जीवन-परिचय दीजिए एवं उनकी एक रचना का नामोल्लेख कीजिए। [2012, 13, 14, 15, 16, 17, 18] उत्तर हिन्दी के प्रसिद्ध कवि व क्रान्ति-गीतों के अमर गायक श्री रामधारी सिंह हिन्दी-साहित्याकाश के दीप्तिमान् ‘दिनकर’ हैं। इन्होंने अपनी प्रतिभा की प्रखर किरणों से हिन्दी-साहित्य-गगन को आलोकित किया है। ये हिन्दी के महान् विचारक, निबन्धकार, आलोचक और भावुक कवि हैं। इनके द्वारा कई ऐसे ग्रन्थों की रचना की गयी है, जो हिन्दी-साहित्य की अमूल्य निधि हैं। जीवन-परिचय–दिनकर जी का जन्म सन् 1908 ई० में बिहार के मुंगेर जिले के सिमरिया’ नामक ग्राम में एक साधारण कृषक परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री रवि सिंह तथा माता का नाम श्रीमती मनरूप देवी था। अल्पायु में ही इनके पिता का देहान्त हो गया था। इन्होंने पटना विश्वविद्यालय से बी० ए० की परीक्षा उत्तीर्ण की और इच्छा होते हुए भी पारिवारिक कारणों से आगे न पढ़ सके और नौकरी में लग गये। कुछ दिनों तक इन्होंने माध्यमिक विद्यालय मोकामाघाट में प्रधानाचार्य के पद पर कार्य किया। फिर सन् 1934 ई० में बिहार के सरकारी विभाग में सब-रजिस्ट्रार की नौकरी की। इसके बाद प्रचार विभाग में उपनिदेशक के पद पर स्वतन्त्रता-प्राप्ति के बाद तक कार्य करते रहे। सन् 1950 ई० में इन्हें मुजफ्फरपुर के स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हिन्दी विभाग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। सन् 1952 ई० में ये राज्यसभा के सदस्य मनोनीत हुए। इसके बाद इन्होंने भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति, भारत सरकार के गृहविभाग में हिन्दी सलाहकार और आकाशवाणी के निदेशक के रूप में कार्य किया। सन् 1962 ई० में भागलपु...

UP Board Hindi Model Paper 2023 class 10th Download

हाई स्कूल कक्षा 10वीं मॉडल प्रश्न पत्र 2023 समय 3 घंटे 15 मिनट विषय हिंदी 15 मिनट का समय छात्रों को क्वेश्चन पेपर पढ़ने के लिए दिया जाएग। • सरस्वती पत्रिका का संपादन किसके द्वारा किया गया – • रामचंद्र शुक्ल • महावीर प्रसाद द्विवेदी • हजारी प्रसाद द्विवेदी • चंद्रधर शर्मा गुलेरी • निम्नलिखित में से किसी एक कृति के लेखक का नाम बताएं – • जय पराजय – उपेन्‍द्रनाथ अश्‍क • प्रतिज्ञा • झूठा सच • भूले बिसरे चित्र • गबन किसकी रचना है- • प्रेमचंद • गुलाब राय • भारतेंदु हरिश्चंद्र • हजारी प्रसाद द्विवेदी • महादेवी वर्मा की किसी एक रचना का नाम लिखिए? नीहार • किसी एक सुप्रसिद्ध नाटककार का नाम बताइए? प्राणचंद चौहान नाटक – रामायण महानाटक • प्रश्न • प्रगतिवाद काव्य धारा की दो विशेषताएं लिखिए? नारी प्रेम एवं राष्‍ट्रीयता • किन्हीं दो छायावादी कवियों के नाम लिखिए? जय शंकर प्रसाद एवं सुमित्रानंदन पंत • भारतेंदु हरिश्चंद्र की किसी एक रचना का नाम लिखो? विधा नीचे दिये गये गद्यांश में दिये गये प्रश्नों को हल कीजिए- कुसंग का ज्वर सबसे भयानक होता है यह केवल सद्बुद्धि का विनाश नहीं करता बल्कि पूरी बुद्धि का भी छय करती है। किसी युवा पुरुष की संगति यदि बुरी है तो वहां उसके पैरों में बंधी चक्की के समान होगी। जो उसे दिन प्रतिदिन उावनति के गड्ढे में गिराती जाएगी और यदि अच्छी होगी तो सहारा देने वाली बहू के समान होगी जो निरंतर उसे उन्नति की ओर उठाती जाएगी! • उपरोक्त गद्यांश का संदर्भ लिखिए • रेखा रेखांकित अंश की व्याख्या करें • लेखक किसे उन्नति के गड्ढे में गिराने की बात कर रहा है अथवा शब्द सुनते ही प्रसन्नता की चित्कार ध्वनि से वह प्रांत गूंज उठा। ममता अधिक भयभीत हुई। पथिक ने कहा वह स्त्री कहां है? उसे खो...

UP Board Class 10 Hindi Chapter 2

प्रश्न 1. जयशंकर प्रसाद के जीवन-परिचय एवं रचनाओं पर प्रकाश डालिए। [2009, 10, 11] या जयशंकर प्रसाद का जीवन-परिचय दीजिए तथा उनकी एक रचना का नाम लिखिए। [2011, 12, 13, 14, 15, 16, 18] उत्तर- हिन्दी-साहित्य को प्रसाद जी की उपलब्धि एक युगान्तरकारी घटना है। ऐसा प्रतीत होता है कि ये हिन्दी-साहित्य की श्रीवृद्धि के लिए ही अवतरित हुए थे। यही कारण है कि हिन्दी-साहित्य का प्रत्येक पक्ष इनकी लेखनी से गौरवान्वित हो उठा है। ये हिन्दी के महान् कवि, नाटककार, कहानीकार, निबन्धकार आदि के रूप में जाने जाते हैं। हिन्दी-साहित्य इन्हें सदैव याद रखेगा। जीवन-परिचय – हिन्दी-साहित्य के महान् कवि, नाटककार, कहानीकार एवं निबन्धकार श्री जयशंकर प्रसाद जी का जन्म सन् 1889 ई० में वाराणसी के प्रसिद्ध हुँघनी साहू परिवार में हुआ था। इनके पिता बाबू देवीप्रसाद काशी के प्रतिष्ठित और धनाढ्य व्यक्ति थे। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा घर पर ही हुई तथा स्वाध्याय से ही इन्होंने अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू और फारसी का श्रेष्ठ ज्ञान प्राप्त किया और साथ ही वेद, पुराण, इतिहास, दर्शन आदि का भी गहन अध्ययन किया। माता-पिता तथा बड़े भाई की मृत्यु हो जाने पर इन्होंने व्यवसाय और परिवार का उत्तरदायित्व सँभाला ही था कि युवावस्था के पूर्व ही भाभी और एक के बाद दूसरी पत्नी की मृत्यु से इनके ऊपर विपत्तियों का पहाड़ ही टूट पड़ा। फलतः वैभव के पालने में झूलता इनका परिवार ऋण के बोझ से दब गया। इनको विषम परिस्थितियों से जीवन-भर संघर्ष करना पड़ा, लेकिन इन्होंने हार नहीं मानी और निरन्तर साहित्य-सेवा में लगे रहे। क्रमशः प्रसाद जी का शरीर चिन्ताओं से जर्जर होता गया और अन्तत: ये क्षय रोग से ग्रस्त हो गये। 14 नवम्बर, सन् 1937 ई० को केवल 48 वर्ष की आयु में ह...

UP Board Class 10 Hindi Chapter 6

प्रश्न 1. भगवतशरण उपाध्याय के जीवन-परिचय एवं साहित्यिक योगदान पर प्रकाश डालिए। [2009, 10] या भगवतशरण उपाध्याय का जीवन-परिचय दीजिए एवं उनकी एक रचना का नामोल्लेख कीजिए। [2011, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18] उत्तर संस्कृत-साहित्य तथा पुरातत्त्व के समर्थ अध्येता एवं हिन्दी-साहित्य के प्रसिद्ध उन्नायक भगवतशरण उपाध्याय अपने मौलिक और स्वतन्त्र विचारों के लिए प्रसिद्ध हैं। ये प्राचीन भारतीय इतिहास एवं संस्कृति के प्रमुख अध्येता और व्याख्याकार होते हुए भी रूढ़िवादिता एवं परम्परावादिता से ऊपर रहे हैं। | जीवन-परिचय-भगवतशरण उपाध्याय का जन्म सन् 1910 ई० में बलिया (उत्तर प्रदेश) जिले के ‘उजियारपुर’ नामक ग्राम में हुआ था। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा अपने ग्राम में हुई। उच्च शिक्षा-प्राप्ति के लिए ये बनारस आये और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से प्राचीन इतिहास में एम० ए० की परीक्षा उत्तीर्ण की। ये संस्कृत-साहित्य और पुरातत्त्व के अध्येता तथा हिन्दी-साहित्य के उन्नायक रहे हैं। ये प्रयाग एवं लखनऊ संग्रहालयों के पुरातत्त्व विभाग के अध्यक्ष भी रहे हैं। इन्होंने पिलानी स्थित बिड़ला महाविद्यालय में प्राध्यापक के पद पर भी कार्य किया। तत्पश्चात् विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में प्राचीन इतिहास विभाग के प्रोफेसर एवं अध्यक्ष पद पर कार्य करके अवकाश ग्रहण किया और देहरादून में स्थायी रूप से निवास करते हुए साहित्य-सेवा में जुट गये। अगस्त, सन् 1982 ई० में इसे मनीषी साहित्यकार ने इस असारे संसार से विदा ले ली। रचनाएँ–उपाध्याय जी ने हिन्दी में तो विपुल साहित्य की रचना की ही है, किन्तु अंग्रेजी में भी इनकी कुछ एक प्रसिद्ध रचनाएँ हैं। इनकी उल्लेखनीय रचनाएँ निम्नलिखित हैं • पुरातत्त्व-‘मन्दिर और भवन’, ‘भारतीय मूर्तिकला की...

Hindi 9th UP Board Solution of Class 9th Hindi Chapter 3

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