रियो सम्मेलन कब संपन्न हुआ

  1. यहां हुआ था दुनिया का प्रथम आंतरराष्ट्रीय पृथ्वी सम्मेलन (pratham antarrashtriya prithvi sammelan kab aur kahan hua tha)
  2. रियो सम्मेलन के क्या परिणाम हुए?
  3. रियो सम्मेलन के क्या परिणाम हुए? अथवा, रियो सम्मेलन का आयोजन क्यों और कहाँ हुआ था ? इससे जुड़ी कुछ विशेषताएँ भी लिखिए।
  4. [Solved] निम्नलिखित को कालक्रमानुसार क्रम में व्यवस्�
  5. रियो सम्मेलन 1992 के मुख्य बिंदु? » Rio Sammelan 1992 Ke Mukhya Bindu


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यहां हुआ था दुनिया का प्रथम आंतरराष्ट्रीय पृथ्वी सम्मेलन (pratham antarrashtriya prithvi sammelan kab aur kahan hua tha)

4.5/5 - (2 votes) (pratham antarrashtriya prithvi sammelan kab aur kahan hua tha) जून 1992 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने 172 देशों को ब्राजील के रियो-डी-जनेरियो में इकट्ठा किया और पर्यावरण को बचाने के लिए एक सम्मेलन रखा। जिसे प्रथम आंतरराष्ट्रीय पृथ्वी सम्मेलन ( pratham antarrashtriya prithvi sammelan) कहा जाने लगा। Table of Contents • • • • • • प्रथम पृथ्वी सम्मेलन 1992 की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और वैज्ञानिक नींव ( Pratham prithvi sammelan kab hua tha) आपको बता दें कि, 3 से 7 जून 1992 के बिच जो प्रथम पृथ्वी सम्मेलन (pratham prithvi sammelan) हुआ वह दुनियां का प्रथम पृथ्वी सम्मेलन नही है। लेकिन तार्किक रूप से इसी सम्मेलन को प्रथम पृथ्वी सम्मेलन (pratham prithvi sammelan kahan hua tha) कहा जाता है। इस सम्मेलन से लगभग 50 वर्ष पहले स्वीडन के स्टॉकहोम शहर में 1972 में संयुक्त राष्ट्र ने मानव पर्यावरण पर चर्चा करने के लिए एक बैठक का आयोजन किया था। यह सम्मेलन स्वीडन के स्टॉकहोम शहर में होने के कारण इस सम्मेलन को स्टॉकहोम सम्मेलन के नाम से भी जाना जाता है। पर्यावरणीय समस्याओं पर चर्चा के लिए बुलाया गया यह सम्मेलन, दुनियां पहला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन था। स्टॉकहोम सम्मेलन 1972 आपको बता दें कि इसी स्टॉकहोम सम्मेलन में प्रथम पृथ्वी सम्मेलन की नीव रखी गई थी। जहा 113 देशों ने और 400 से अधिक सरकारी संगठनों के प्रतिनिधीयो ने हिस्सा लिया था। इस सम्मेलन में सर्वसम्मती से कुछ घोषणाएं की गई थी। जिसमें कहा गया था कि, प्रत्येक व्यक्ति एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण का हकदार हैं और उसका यह हक किसी को भी छीनने का अधिकार नहीं है। इस सम्मेलन में एक कार्ययोजना भी तैयार की गई थी। जिसमें पर्यावरण को बचाने हेतु 1...

रियो सम्मेलन के क्या परिणाम हुए?

रियो सम्मेलन (पृथ्वी सम्मेलन) संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्त्वावधान में सन् 1992 में ब्राजील के शहर रियो-डी-जेनेरियो में सम्पन्न हुआ। इस सम्मेलन में 170 देशों, हजारों स्वयंसेवी संगठनों तथा अनेक बहुराष्ट्रीय निगमों ने भाग लिया। यह सम्मेलन पर्यावरण व विकास के मुद्दे पर केन्द्रित था। इस सम्मेलन के अग्रलिखित परिणाम हुए- (1) इस सम्मेलन के परिणामस्वरूप विश्व राजनीति के दायरे में पर्यावरण को लेकर बढ़ते सरोकारों को एक ठोस रूप मिला। (2) रियो सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन, जैव-विविधता और वानिकी के सम्बन्ध में कुछ नियमाचार निर्धारित किए गए। (3) भविष्य के विकास के लिए ‘एजेण्डा-21’ प्रस्तावित किया गया जिसमें विकास के कुछ तौर-तरीके भी सुझाए गए। इसमें टिकाऊ विकास की धारणा को विकास रणनीति के रूप में समर्थन प्राप्त हुआ। (4) इस सम्मेलन में पर्यावरण रक्षा के बारे में धनी व गरीब देशों अथवा उत्तरी गोलार्द्ध व दक्षिणी गोलार्द्ध के देशों के दृष्टिकोण में मतभेद उभरकर सामने आए। भारत व चीन तथा ब्राजील जैसे विकासशील देशों का तर्क था कि चूंकि प्राकृतिक संसाधनों का दोहन विकसित देशों ने अधिक किया है, अत: वे पर्यावरण प्रदूषण के लिए अधिक उत्तरदायी हैं। अत: उन्हें पर्यावरण रक्षा हेतु अधिक संसाधन व प्रौद्योगिकी आदि उपलब्ध कराना चाहिए। कई धनी देश इस तर्क से सहमत नहीं थे। (5) अन्तत: रियो सम्मेलन ने यह स्वीकार किया कि अन्तर्राष्ट्रीय पर्यावरण कानून के निर्माण, प्रयोग और व्याख्या में विकासशील देशों की विशिष्ट जरूरतों का लेकिन अलग-अलग भूमिका का सिद्धान्त स्वीकृत किया गया। इस सिद्धान्त का तात्पर्य है कि पर्यावरण के विश्वव्यापी क्षय में विभिन्न राज्यों का योगदान अलग-अलग है जिसे देखते हुए विभिन्न राष्ट्रों की पर्यावरण ...

रियो सम्मेलन के क्या परिणाम हुए? अथवा, रियो सम्मेलन का आयोजन क्यों और कहाँ हुआ था ? इससे जुड़ी कुछ विशेषताएँ भी लिखिए।

रियो सम्मेलन के क्या परिणाम हुए? अथवा, रियो सम्मेलन का आयोजन क्यों और कहाँ हुआ था ? इससे जुड़ी कुछ विशेषताएँ भी लिखिए। Ans. 1. उद्देश्य एवं स्थान- 1992 में संयुक्त राष्ट्रसंघ का पर्यावरण और विकास के मुद्दे पर केन्द्रित एक सम्मेलन, ब्राजील के रियो डी जनेरियो में हुआ। इसे पृथ्वी सम्मेलन कहा जाता है। 2. विशेषताएँ (1) इस सम्मेलन में 170 देश, हजारों स्वयं सेवी संगठन तथा अनेक बहुराष्ट्रीय निगमों ने भाग लिया। वैश्विक राजनीति के दायरे में पर्यावरण को लेकर बढ़ते सरोकारों को इस सम्मेलन में एक ठोस रूप मिला। (ii)Es me samelan मे पाँच साल पहले (1987) अवर कॉमन फ्यूचर' शीर्षक बर्टलैंड रिपोर्ट छपी लाया गया था कि आर्थिक विकास के चालू तौर-तरीके आगे चलकर टिकाऊ साबित दक्षिणी हिस्से में औद्योगिक विकास की माँग ज्यादा प्रबल है और रिपोर्ट में इसी हवाले से चेतावनी दी गई थी। (iii)रियो सम्मेलन में यह बात खुलकर सामने आयी कि विश्व के धनी और विकसित देश यानी गोलार्द्ध तथा गरीब और विकासशील देश यानी दक्षिणी गोलार्द्ध पर्यावरण के अलग-अलग अजेंडे बोकार हैं। उत्तरी देशों की मुख्य चिंता ओजोन परत की छेद और वैश्विक तापवद्धि (ग्लोबल वार्मिंग) को लेकर थी। दक्षिणी देश आर्थिक विकास और पर्यावरण प्रबंधन के आपसी रिश्ते को सुलझाने के लिए ज्यादा चिंतित थे। (iv) रियो सम्मेलन में जलवायु-परिवर्तन जैव-विविधता और वानिकी के संबंध में कुछ नियमाचार निर्धारित हुए। इसमें 'एजेंडा-21' के रूप में विकास के कुछ तौर-तरीके भी सुझाए गए लेकिन इसके बाद भी आपसी अंतर और कठिनाइयाँ बनी रहीं। (v) सम्मेलन में इस बात पर सहमति बनी कि आर्थिक वृद्धि से पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे इसे 'टिकाऊ विकास' का तरीका कहा गया लेकिन समस्या यह थी कि 'टिकाऊ विकास' ...

[Solved] निम्नलिखित को कालक्रमानुसार क्रम में व्यवस्�

Question Download Solution PDF निम्नलिखित को कालक्रमानुसार क्रम में व्यवस्थित कीजिए: (A) क्योटो प्रोटोकॉल (B) आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय प्रसंविदा। (C) रियो डी जनेरियो में पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन। (D) मानवाधिकारों की संयुक्त राष्ट्र घोषणा। नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए: क्योटो प्रोटोकॉल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती के लिए एक वैश्विक समझौता है। Key Points • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1948 में मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा को अपनाया था। • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1966 में आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय प्रसंविदा अधिनियमित किया था। • आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय प्रसंविदा में 171 पार्टियां हैं। • रियो डी जनेरियो पृथ्वी शिखर सम्मेलन को रियो समिट के नाम से भी जाना जाता है। • यह एक महत्वपूर्ण संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन था, जो 1992 में रियो डी जनेरियो में संपन्न हुआ था। • क्योटो प्रोटोकॉल औपचारिक रूप से 11 दिसंबर, 1997 को अपनाया गया था। मानवाधिकारों की संयुक्त राष्ट्र घोषणा⇒ आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय प्रसंविदा⇒ रियो डी जनेरियो में पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन⇒ क्योटो प्रोटोकॉल सही क्रम है। Confusion Points • NTA उत्तर कुंजी ने A, C, B, D को सही उत्तर माना है,लेकिन मानवाधिकारों की संयुक्त राष्ट्र घोषणा⇒ आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय प्रसंविदा⇒ रियो डी जनेरियो में पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन⇒ क्योटो प्रोटोकॉलसही उत्तर होगा।

रियो सम्मेलन 1992 के मुख्य बिंदु? » Rio Sammelan 1992 Ke Mukhya Bindu

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। रिया सम्मेलन में से बाड़मेर के मुख्य की गति अगर कुछ दिनों तक पढ़ाई तो हमारा देश जो है या पूरी दुनिया यह विनाश की ओर चला जाएगा इसी बिना से बचने के लिए प्रदूषण को रोकने के लिए प्रिया सम्मेलन 1992 में किया गया riya sammelan me se badmer ke mukhya ki gati agar kuch dino tak padhai toh hamara desh jo hai ya puri duniya yah vinash ki aur chala jaega isi bina se bachne ke liye pradushan ko rokne ke liye priya sammelan 1992 me kiya gaya रिया सम्मेलन में से बाड़मेर के मुख्य की गति अगर कुछ दिनों तक पढ़ाई तो हमारा देश जो है या प