रक्षाबंधन का शुभ समय

  1. Raksha Bandhan Date, Time Live:रक्षाबंधन पर भद्रा इस समय होगी खत्म, फिर कल 7.05 तक ही तिथि
  2. रक्षाबंधन
  3. Raksha Bandhan 2022 :रक्षाबंधन कब, भद्राकाल के रहते किस शुभ मुहूर्त में बांधें राखी और क्या है पूजा विधि
  4. Raksha Bandhan 2022 date bhadra time know shubh muhurt for rakhi stmp
  5. Raksha Bandhan 2022: 11 अगस्त को है रक्षाबंधन, जानें शुभ समय बांधेंगे राखी तो भाई होगा धनवान
  6. Raksha Bandhan 2021 Date Kab Hai Shubh Muhurat
  7. Raksha Bandhan 2022 Do Not Tie Rakhi On Bhadra Kaal Time On Rakshabandhan Otherwise It May Bring Bad Luck To Your Btother


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Raksha Bandhan Date, Time Live:रक्षाबंधन पर भद्रा इस समय होगी खत्म, फिर कल 7.05 तक ही तिथि

Raksha Bandhan Date, Time Live: रक्षाबंधन पर भद्रा इस समय होगी खत्म, फिर कल 7.05 तक ही तिथि खास बातें Raksha Bandhan 2022 Date Time Tithi Puja Muhurat in Hindi : आज रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है। लेकिन आज ही भद्राकाल भी शुरू हो चुकी है। पूर्णिमा तिथि 10 बजकर 38 मिनट पर आरंभ हो गई है। भद्रा रात 08 बजकर 53 मिनट पर समाप्त होगी। 11 अगस्त को भद्रा समाप्त होने पर रात 08 बजकर 54 मिनट से रात 09 बजकर 49 मिनट तक राखी बांध सकते हैं। लेकिन हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार सूर्यास्त के बाद राखी बांधना वर्जित है। इस कारण से कुछ लोग 12 अगस्त को भी रक्षाबंधन मना रहे हैं। 06:18 PM, 11-Aug-2022 2023 में भी रक्षाबंधन पर भद्रा काल की रहेगी ऐसी स्थिति आज रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है, लेकिन कई लोग कल यानी 12 अगस्त को भी राखी का पर्व मना रहे हैं। दरअसल भद्रा के कारण आज रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त भद्रा के खत्म होने के बाद है। भद्रा रात 8 बजकर 51 मिनट पर खत्म होगी फिर इसके बाद भद्रारहित काल में राखी बांधी जा सकेगी। लेकिन कई का मत है कि रात के समय में राखी नहीं बांधनी चाहिए। ऐसे में 12 अगस्त को पूर्णिमा तिथि के रहते सुबह जल्दी राखी का शुभ मुहूर्त है। इस तरह संयोग अगले वर्ष भी बन रहा है। जब राखी पर भद्रा काल का साया रहेगा। 03:58 PM, 11-Aug-2022 रक्षाबंधन के बाद कृष्ण जन्माष्टमी भी दो दिन अब रक्षाबंधन के बाद भगवान श्रीकृ्ष्ण का जन्मोत्सव भी दो दिन का होगा। जिस तरह से इस बार रक्षाबंधन 11 और 12 अगस्त को है उसी प्रकार 18 और 19 अगस्त को जन्माष्टमी की त्योहार भी मनाया जाएगा। पंचांग गणना के मुताबिक 18 अगस्त को भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि रात को करीब 9 बजकर 22 मिनट से आरंभ हो जाएगी जो अगले...

रक्षाबंधन

दुनिया भर में प्रचलित रक्षाबंधन का त्यौहार एक बंधन के रूप में जाना जाता है जिसे न तो तोड़ा जा सकता है और न ही छोड़ा जा सकता है। भाई बहन के प्रेम और कर्तव्य को समर्पित यह त्योहार हर साल श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाता है। बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी/Rakhi बांधने के लिए रक्षाबंधन का इंतजार करती है। भारतीय संस्कृति में प्रत्येक संस्कृति के समाहित होने की विशेषता के कारण कश्मीर से कन्याकुमारी तक, सौराष्ट्र से लेकर असम तक, लोगों द्वारा कोई ना कोई त्योहार मनाए जाते रहते हैं जिनसे आपसी संबंधों के बीच सद्भावनाओं में वृद्धि होती रहती है। सामान्यतः भाई-बहनों के बीच प्रेम और तकरार होने के बावजूद भी, रक्षाबंधन का पर्व राखी के माध्यम से भाईयों के प्रति बहनों के अपार स्नेह और बहनों के प्रति भाईयों के फर्ज को दर्शाता है। यह प्रेम और कर्तव्य जीवन भर भाई-बहन के बंधन को बांधे रखता है। इस दिन बहनें अपने भाईयों के माथे पर तिलक करके, कलाई पर रक्षा सूत्र या राखी/ Rakhi बांधकर आरती उतारती हैं और उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना करतीं हैं। भाई भी बहनों पर उपहारों की वर्षा करके कठिन समय में मदद करने के लिए उनके साथ रहने का वादा करते हैं। पौराणिक कथा/Mythological stories के अनुसार, द्रौपदी द्वारा अपने चीरहरण के समय श्रीकृष्ण को अपनी रक्षा के लिए पुकारने पर, उन्होंने भरी सभा में द्रौपदी की रक्षा की थी। हालांकि, कृष्ण और द्रौपदी के बीच अच्छे संबंध थे लेकिन यह कहा जाता है कि पूर्व जन्म में द्रौपदी और कृष्ण के भाई-बहन होने के कारण कृष्ण ने अपनी राखी की प्रतिज्ञा को निभाया था। वर्तमान में, यह पर्व भाई-बहन के प्रेम की गहनता को दर्शाता है। जहां एक ओर, बहने भाईयों के प्रति अपने कर्तव्यों को और भाई बहनों के ...

Raksha Bandhan 2022 :रक्षाबंधन कब, भद्राकाल के रहते किस शुभ मुहूर्त में बांधें राखी और क्या है पूजा विधि

रक्षाबंधन 2022 हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व को श्रावणी पूर्णिमा और राखी के नाम से भी जाना जाता है। रक्षाबंधन बहन-भाई के प्रेम,स्नेह और दुलार का प्रतीक है। यह हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहार में से एक है। इस बार रक्षाबंधन 11 अगस्त, गुरुवार को मनाया जा रहा है। इस बार रक्षाबंधन के त्योहार पर भद्रा का साया रहने वाला है। सावन पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट से आरंभ हो रही है जो अगले दिन यानी 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगी। रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त शुभ मुहूर्त- 11 अगस्त को रात 8. 53 मिनट से 9. 45 तक अभिजीत मुहूर्त- 11. 37 मिनट से 12. 29 मिनट तक प्रदोष काल मुहूर्त- 08:53 मिनट से 09:14 मिनट तक भद्राकाल का आरंभ- सुबह 10.38 मिनट से रात 8.25 तक भद्रा का समापन- 08.51 मिनट पर भद्रा पूंछ- 05.17 मिनट से 06.18 मिनट तक भद्रा मुख- 06. 18 मिनट से 08.00 मिनट तक रक्षाबंधन का पूजा विधि बहन-भाई को रक्षाबंधन का इंतजार साल भर से रहता है। आइए जानते हैं रक्षाबंधन के दिन कैसे भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधें आइए जानते है रक्षाबंधन पूजा विधि। - रक्षाबंधन के दिन सबसे पहले स्नान करके भगवान की पूजा-आराधना करें और अपने-अपने इष्टदेव को रक्षासूत्र बांधे। - पूजा के बाद बहनें राखी की थाली सजाएं। - पूजा की थाली में रोली, अक्षत,कुमकुम, रंग-बिरंगी राखी, दीपक और मिठाई रखें। - शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए बहनें भाईयों के माथे पर चंदन, रोली और अक्षत से तिलक लगाएं। - इसके बाद भाई के दाएं हाथ की कलाई पर रक्षासूत्र बांधे और भाई को मिठाई खिलाएं। - अंत में बहनें भाई की आरती करते हुए अपने इष्टदेव का स्मरण करते हुए भाई की...

Raksha Bandhan 2022 date bhadra time know shubh muhurt for rakhi stmp

Raksha Bandhan 2022: हिंदू धर्म के लोग सावन माह के अंतिम दिन यानी शुक्ल पक्ष के पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्यौहार मनाते हैं. इस त्यौहार में बहन अपने भाई के कलाई में राखी बांध कर भगवान से लंबी आयु की कामना करती है. इस बार रक्षा बंधन पर भद्रा काल भी लग रहा है. आइए जानते हैं कब है रक्षा बंधन का त्यौहार और कब बांधी जाएगी राखी. Raksha Bandhan 2022: सावन माह के शुक्ल पक्ष के पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है. इस त्यौहार को भाई बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है. हिंदू धर्म को मानने वाले लोग इसे बहुत धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन बहन अपने भाई के हाथों में कलाई बांध कर भगवान से उसके लंबी आयु की कामना करती है. इस बार रक्षाबंधन के त्यौहार 11 अगस्त को मनाया जाएगा. ज्योतिषों की मानें तो रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल (Bhadra Kaal) भी रहेगा. इसलिए भूलकर भी इस काल में राखी नहीं बाधंनी चाहिए. आइए जानते हैं रक्षा बंधन पर कब रहेगा भद्रा काल और कब है राखी बांधने का शुभ समय. रक्षाबंधन भद्रा काल इस बार रक्षाबंधन का त्यौहार 11 अगस्त को मनाया जाएगा. 11 अगस्त को शाम 05 बजकर 17 मिनट से लेकर रात्रि 08 बजकर 51 मिनट तक रहेगा. भद्रा काल को हिंदू धर्म में अशुभ समय बताया गया है. मान्यता है कि लंकापति रावण की बहन ने भद्राकाल में ही अपने भाई के कलाई में राखी बांधी थी, जिससे एक वर्ष के भीतर ही रावण का विनास हो गया था. इसलिए इस समय राखी बांधने से बचें. राखी बांधने का शुभ समय रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने के दो शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. इस शुभ मुहूर्त के दौरान बहन कभी भी अपने भाई के कलाई में राखी बांध सकती है. रक्षाबंधन के दिन यानी 11 अगस्त को सुबह 11 बजकर 37 मिनट से शुरू होगा, जो दोपहर 12 बजकर ...

Raksha Bandhan 2022: 11 अगस्त को है रक्षाबंधन, जानें शुभ समय बांधेंगे राखी तो भाई होगा धनवान

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपसभी को हमारे ठाकुर प्रसाद कैलेंडर आज मैं बताने जा रहा हूँ साल 2022 में रक्षाबंधन के शुभ समय की राखी बांधने का शुभ मुहूर्त कब है सावन महीने (Sawan 2022) की आखिरी तिथि यानी सावन शुक्ल पूर्णिमा को रक्षा बंधन (Raksha Bandhan 2022) का पर्व मनाया जाता है. रक्षा बंधन का पर्व (Raksha Bandhan 2022 Ka Parv) अक्सर अगस्त के महीने में पड़ता है. इस बार भी रक्षा बंधन का पर्व 11 अगस्त को मनाया जाएगा. हालांकि पंचांग के अनुसार, इस बारसावनपूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर प्रारंभ होगी, जो 12 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर समाप्त होगी. रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है. इस त्योहार में बहनें अपने भाइयों की कलाई में राखी बांधती है और उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं. वहीँ भाई भी अपनी बहन की रक्षा के लिए वचन देता है. रक्षा बंधन पर रहेगा भद्रा का साया ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इस साल रक्षा बंधन पर भद्रा का साया रहेगा. ज्योतिष के अनुसार, भद्राकाल में राखी बंधना अशुभ माना जाता है. ऐसे में हर भाई बहनों को राखी बंधवाते / बांधते समय शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखना चाहिए. रक्षाबंधन त्यौहार का मतलब है भाइयों और बहनों के बीच पवित्र रिश्ते का दिन। रक्षा बंधन का पर्व सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस साल रक्षाबंधन 11 अगस्त 2022, गुरुवार को है। इस दिन बहनें अपने भाई के हाथ में राखी बांधती हैं और भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं। रक्षा बंधन का त्योहार भाइयों और बहनों के अटूट प्यार का प्रतीक है। श्रावण मास की पूर्णिमा को श्रावण पूर्णिमा या कजरी पूनम के नाम से भी जाना जाता है। राखी बांधने का शुभ मुहुर्त हिंदू पंचाग के अनु...

Raksha Bandhan 2021 Date Kab Hai Shubh Muhurat

Raksha Bandhan 2021 Date Kab Hai Shubh Muhurat - भाई-बहन brother-sister के स्नेह प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व 22 अगस्त दिन रविवार को मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन बहुत शुभ है very special क्योंकि इस दिन भद्रा का कोई भी प्रभाव नहीं पड़ने वाला। मतलब पूरे दिन किसी भी समय बहनें अपने भाइयों को राखी बांध सकते हैं । चंद्रमा मकर राशि से कुंभ राशि में सुबह 8:35 बजे जाएगा । राखी बांधना एक पारंपरिक रीति नहीं है बल्कि एक प्यारा सा पवित्र सा बंधन है जो एक धागे में संस्कारों को लपेटे हुए हैं। हम अक्सर देखते हैं महिलाएं कई पेड़ों की पूजा wprshpi of trees करके उनके चारों ओर धागा बांधकर परिक्रमा लगाते हैं। ठीक वैसे ही बहने भी रक्षा सूत्र Rakhi में भी अपनी ताकत energy होती है कि भाई को जीवन की खुशियां happiness in brother's life देती हैं।ठीक उसी प्रकार भाई भी अपनी बहनों को अलग-अलग के सुंदर-सुंदर तौफे lots of gifts देते हैं और उनकी रक्षा करने का वादा भी करते हैं promise to protect her. ऐसी मान्यता है कि राखी बांधते समय हमें हमेशा एक मंत्र का जाप करना चाहिए। 'ओम येन बद्धो बली राजा दानवेंद्रो महाबल: तेंन त्वमापी बहनमि रक्षे मा चल मा चां:'।। जो पौराणिक काल Ancient time में 12 वर्षों तक सुर और असुरों God & Demons के बीच युद्ध war हुआ था। ऐसा लगता था इस बार शायद असुरो की ही जीत victory होगी । दानवों के राजा king of demon ने स्वयं को त्रिलोक का राजा sky,world,hades king घोषित announce कर दिया था तब परेशान इंद्र god Indr गुरु बृहस्पति के पास अपनी परेशानी लेके पहुंचे । इस विधान में गुरु बृहस्पति ने मंत्र mantra का जाप किया । वही उनकी पत्नी इंद्रारी ने भी सभी रक्षा सूत्रों में शक्ति भरवा lots of energies...

Raksha Bandhan 2022 Do Not Tie Rakhi On Bhadra Kaal Time On Rakshabandhan Otherwise It May Bring Bad Luck To Your Btother

Raksha Bandhan Shubh Muhurat 2022: हिंदू पंचाग के अनुसार इस बार रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का त्योहार 11 अगस्त 2022 दिन गुरुवार मनाया जाएगा. इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांध कर उसकी लंबी उम्र की कामना करती है. इन दिन जहां बहन भाई की कलाई में राखी बांधकर उसकी लंबी उम्र की कामना करती है वहीं भाई भी अपनी बहन को रक्षा का वजन देते हैं. ऐसी में जरूरी है कि शुभ मुहूर्त में राखी बांधी जाए. अगर भद्रा काल का समय शुरू हो गया तो यह समय अशुभ माना जाता है. इससे पहले ही शुभ मुहूर्त का ध्यान रख कर राखी बांधी जाए. आइए जानते है रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त क्या है? और भद्रा काल के समय क्यों नहीं बांधनी चाहिए राखी. रक्षाबंधन भद्रा मुख - शाम 06 बजकर 18 मिनट से लेकर रात 8 बजे तक भद्रा काल में नहीं बांधे राखी रक्षा बंधन के दिन भद्रा काल का खास ध्यान रखा जाता है.दरअसल इस दौरान कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते. ऐसे में इस अशुभ समय में राखी नहीं बांधी जाती है. शास्त्रों के अनुसार, भद्रा भगवान सूर्य और छाया की पुत्री है और इस दृष्टिकोण से भद्रा शनि देव की बहन हुईं. कहा जाता है कि जब भद्रा का जन्म हुआ तो वह समस्त सृष्टि को निगलने वाली थीं. वह हवन, यज्ञ और पूजा-पाठ इत्यादि मांगलिक कार्यों में रुकावट पैदा करती थीं इसलिए भद्रा काल में राखी नहीं बांधी जाती है. पैराणिक कथा के अनुसार रावण ने भी अपनी बहन से भद्रा काल में राखी बंधवाई थी, जिसके चलते एक साल के अंदर रावण का अंत हो गया था.इस वजह से कोई भी बहन अपने भाई को भद्रा में राखी नहीं बांधती है. ये भी पढ़ें :-