Rna ki khoj kisne ki

  1. डीएनए की खोज, फुल फॉर्म व संरचना DNA Ki Khoj Kisne Ki
  2. डीएनए की खोज किसने की, कब और कैसे?
  3. इंटरनेट की खोज किसने की और कब?


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डीएनए की खोज, फुल फॉर्म व संरचना DNA Ki Khoj Kisne Ki

इस पोस्ट DNA Ki Khoj Kisne Ki में डीएनए संरचना (DNA Structure In Hindi) और डीएनए की खोज के बारे में जानने का प्रयास करेंगे। जीवों में आनुवंशिक दृष्टि से डीएनए महत्वपूर्ण होता है। यह मनुष्य की आने वाली पीढ़ियों में गुणों को निश्चित करता है। डीएनए की खोज एक क्रांतिकारी खोज थी जिसने आनुवंशिकी में क्रांति लाने का कार्य किया था। तो आइए दोस्तो, डीएनए की संरचना, DNA Full Form और इसकी खोज के बारे में बात करते है। Contents • • • • डीएनए की खोज किसने की DNA Ki Khoj Kisne Ki DNA Ki Khoj Kisne Ki – डीएनए की खोज वर्ष 1869 में जोहान फ्रेडरिक मॉइस्चर ने की थी। लेकिन इस एसिड की आण्विक पहचान का श्रेय जेम्स वाटसन और फ्रांसिस क्रीक को जाता है। फ्रेडरिक ने इस प्रदार्थ का नाम न्यूक्लिन रखा था। यह एक महान खोज थी लेकिन वो डीएनए को परिभाषित नही कर पाए थे। इस प्रदार्थ का नाम “DNA” वर्ष 1881 में अल्ब्रेच कॉसेल नामक वैज्ञानिक ने रखा था। DNA को कॉसेल ने 5 भागो एडेनिन, साइटोसिन, ग्वानिन, थाइमिन, यूरेसिल में बांटा था। उनको इस कार्य के लिए वर्ष 1910 में रसायन का दोस्तों, डीएनए की आण्विक संरचना को जेम्स वाटसन और फ्रांसिस क्रीक ने बताया था। वर्ष 1952 का नोबेल पुरस्कार उनको ही मिला था। डीएनए का पूरा नाम DNA Full Form In Hindi जानकारी के लिए बता दे की डीएनए का पूरा नाम (DNA Full Form In Hindi) “डीऑक्सीराइबोज न्यूक्लिक एसिड” (Deoxyribonucleic Acid) है। पृथ्वी पर मौजूद हर जीवित कोशिका में डीएनए पाया जाता है। यह कोशिका के केन्द्रक, माइटोकॉन्ड्रिया और हरित लवक में होता है। इस प्रदार्थ के बारे में आपने जरूर सुना होगा और स्कूल की किताबों में पढ़ा भी होगा। जीवों में गुणों का निर्धारण डीएनए करता है। डीएनए को प्राणियो...

डीएनए की खोज किसने की, कब और कैसे?

क्याआपकोंपताहै डीएनएकीखोजकिसनेकी? (DNA Ki Khoj), शायदनहींतोइसलेखकोपूराजरूरपढ़े. विज्ञानपढ़नेवालेलोगोंकोअक्सर DNA क्याहोतीहैऔरइससेसंबंधितजानकारीपहलेसेहोतीहैलेकिनफ़िरभीकईलोगडीएनएकेखोजकर्ताकेनामनहींजानतेहै. डीएनए (DNA) काफुलफॉर्म‘डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिकअम्ल’ (Deoxyribonucleic Acid) होताहै. यहहमारेकोशिकाओंकेगुणसूत्रोंमेंपाएजानेवालेतंतुनुमाअणुहोताहै. डीएनएकापुरानानामक्याहै? डीएनएकीखोजकिसनेकी (DNA Ki Khoj Kisne Ki) डीएनए (DNA) कीखोजफ्रेडरिकमिशरनेकीथी. वहएकस्विसरसायनज्ञएवंजीववैज्ञानिकथे. उन्होंनेडीएनएकानामउससमयन्यूक्लीकअम्लदियाथा. इसकानामपहलेन्यूक्लिनदियागयाक्योंकिऐसालगताथाकियहकोशिकानाभिकसेआयाहै. वही 1874 केबाद, जबमिशरनेइसेप्रोटीनऔरएसिडघटकोंमेंअलगकियातबइसेन्यूक्लिकएसिडकेरूपमेंजानाजानेलगा. 1869 में, मिशरनेटूबिंगनविश्वविद्यालयमेंअर्न्स्टहोप-सेयलरकेतहतकामकरतेहुए , उन्होंनेल्यूकोसाइट्सकीरासायनिकसंरचनापरप्रयोगकिएजोआगेचलकरडीएनएकीखोजमेंकाफ़ीमददगारसिद्धहुआ. डीएनएकीखोज जोहान्सफ्रेडरिकमिशर जन्म 13 अगस्त 1844, बेसल, स्विट्ज़रलैंड मृत्यु 26 अगस्त 1895, स्विट्ज़रलैंड राष्ट्रीयता स्विस शिक्षा गौटिंगेनविश्वविद्यालय (एमडी 1868), लेपज़ीगोविश्वविद्यालय पत्नीकानाम मारियाअन्नारश क्षेत्र जीवविज्ञान प्रसिद्धि न्यूक्लिकएसिडयाडीएनएकीखोज डीएनएकीखोजकबहुई? डीएनए (DNA) कीखोज 1869 मेंफ्रेडरिकमिशरकेद्वाराकियागयाथा. डीएनएकीखोजकाइतिहास (History of DNA in Hindi) 1865 में, ग्रेगरमेंडलनेमटरकेसाथप्रजननप्रयोगकिया. उन्होंनेपतालगायाकिलक्षणविशिष्टकानूनोंकेआधारपरविरासतमेंमिलेहैं. बादमेंइसे“मेंडलकेनियम”केरूपमेंजानेजानालगा. 1866 में,अर्नस्टहेकेलनेप्रस्तावदियाकिनाभिक (Nucleus) मेंवंशानुगतलक्षणोंकेसंचरणकेलिएजिम्मेदारकारकहोतेह...

इंटरनेट की खोज किसने की और कब?

तो फिर क्या है ये इन्टरनेट? ये सुनने में बड़ा ही आसान प्रतीत होता है, और आसानी से हमारे स्मार्ट्फ़ोन में चलता भी है. इसलिए शायद हमने इसे ज़्यादा महत्व कभी नहीं दिया. लेकिन आपको बता दूँ की, इंटरनेट पीछे काफ़ी सारी प्रक्रिया चलती है, कहीं तभी जाकर हमने इन्टरनेट की सेवा प्राप्त होती है. तो चलिए आसान शब्दों में समझते हैं, इन्टरनेट आख़िर है क्या। इन्टरनेट असल में एक तार या wire होता है. सच बताऊँ तो बहुत सारे तारें जो की दुनियभर के कम्प्यूटर से जुड़ी हुई होती हैं. Internet को आप एक आधारिक संरचना या infrastructure मान सकते हैं. यह एक global network है interconnected computers का जो की एक दूसरे के साथ जुड़े होते हैं और साथ में communicate भी कर रहे होते हैं, वो भी एक standardised तरीक़े से कुछ set protocols के हिसाब से. इन्टरनेट के इतिहास के बारे में पढ़ते वक्त मुझे एक बात का एहसास ज़रूर हुआ है, इस दुनिया में हम जो की नया आविष्कार देख रहे हैं वो सभी एक समस्या से आरम्भ हुआ है. यूँ कहे तो उस समस्या का समाधान खोजते हुए हमने कई ऐसी चीजों का आविष्कार कर लिया है जो शायद बिना उस समस्या के सम्भव नहीं हो पाता. एक ऐसी ही चीज़ इन्टरनेट भी है. इंटरनेट की खोज कब हुई थी? इन्टरनेट एक ऐसी तकनीक जो की इतनी ज़्यादा क़ीमती और हमेशा बदलने वाली तकनीक है, की इसे किसी एक इंसान के द्वारा खोज पाना या आविष्कार करना संभव नहीं. इन्टरनेट की खोज में कई लोगों का हाथ है, सभी ने अपना श्रम और समय इसमें लगाया हुआ है. इसलिए इतने समय के बाद में आज जो इन्टरनेट की सेवा हमें मिल रही है, वो क़रीब ४० से भी ज़्यादा वर्षों की मेहनत है. इस तकनीक के तरक़्क़ी में कई वैज्ञानिकों और एंजिनीर का हाथ रहा है. साथ में चूँकि यह हमेशा ...

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