Rudrashtakam lyrics in hindi

  1. श्री रुद्राष्टकम् संस्कृत हिंदी अंग्रेजी अर्थ सहित
  2. Rudrashtakam Lyrics in Hindi
  3. श्री रुद्राष्टकम् Rudrashtakam Lyrics in Hindi
  4. Rudrashtakam
  5. Rudrashtakam
  6. Shiv Rudrashtakam in Hindi Lyrics
  7. श्री रुद्राष्टकम हिंदी अर्थ सहित
  8. शिव रुद्राष्टकम NAMAMI SHAMISHAN LYRICS
  9. श्री रुद्राष्टकम् संस्कृत हिंदी अंग्रेजी अर्थ सहित
  10. Rudrashtakam Lyrics in Hindi


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श्री रुद्राष्टकम् संस्कृत हिंदी अंग्रेजी अर्थ सहित

श्रीरुद्राष्टकम्संस्कृतहिंदीअंग्रेजीअर्थसहित नमामीशमीशाननिर्वाणरूपं विभुंव्यापकंब्रह्मवेदस्वरूपं। निजंनिर्गुणंनिर्विकल्पंनिरीहं चिदाकाशमाकाशवासंभजेऽहं॥१॥ namāmīśamīśāna nirvāṇarūpaṃ vibhuṃ vyāpakaṃ brahma vedasvarūpaṃ। nijaṃ nirguṇaṃ nirvikalpaṃ nirīhaṃ cidākāśamākāśavāsaṃ bhaje’haṃ॥1॥ हेईशान! मैंमुक्तिस्वरूप, समर्थ, सर्वव्यापक, ब्रह्म, वेदस्वरूप, निजस्वरूपमेंस्थित, निर्गुण, निर्विकल्प, निरीह, अनन्तज्ञानमयऔरआकाशकेसमानसर्वत्रव्याप्तप्रभुकोप्रणामकरताहूँ॥१॥ I bow to the Ruler of the Universe, whose very form is Liberation,the omnipotent and all pervading Brahma,manifest as the Vedas. I worship Shiva, shining in his own glory, without physical qualities,Undifferentiated, desireless, all pervading sky of consciousness and wearing the sky itself as His garment. निराकारमोङ्कारमूलंतुरीयं गिराग्यानगोतीतमीशंगिरीशं। करालंमहाकालकालंकृपालं गुणागारसंसारपारंनतोऽहं॥२॥ nirākāramoṅkāramūlaṃ turīyaṃ girā gyāna gotītamīśaṃ girīśaṃ। karālaṃ mahākāla kālaṃ kṛpālaṃ guṇāgāra saṃsārapāraṃ nato’haṃ॥2॥ जोनिराकारहैं, ओंकाररूपआदिकारणहैं, तुरीयहैं, वाणी, बुद्धिऔरइन्द्रियोंकेपथसेपरेहैं, कैलासनाथहैं, विकरालऔरमहाकालकेभीकाल, कृपाल, गुणोंकेआगारऔरसंसारसेतारनेवालेहैं, उनभगवान्कोमैंनमस्कारकरताहूँ॥२॥ I bow to the supreme Lord who is the formless source of “Aum” The Self of All, transcending all conditions and states,Beyond speech, understanding and sense perception, Awe-full, but gracious, the ruler of Kailash, Devourer of Death, the immortal abode of all virtues. तुषाराद्रिसंकाशगौरंगभीरं मनोभूतकोटिप्रभाश्रीशरी...

Rudrashtakam Lyrics in Hindi

Table of Contents • • • • • • शिव रुद्राष्टक हिंदी (Rudrashtakam in Hindi) में अर्थ सहित “शिव रुद्राष्टकम” (Rudrashtakam in Hindi) भगवान शिव की अद्भुत स्तुति है। “शिव रुद्राष्टकम” का पाठ करने से शत्रुओं का नाश पल भर में हो जाता है। शिव रुद्राष्टकम का पाठ शिव मंदिर या अपने घर में कुशा आसान बनाकर उस आसान पर बेठे और सुबह शाम लगातार सात दिनों तक भगवान शिव की स्तुति “शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र” (Rudrashtakam in Hindi) का पाठ करने भगवान शिव सदैव भक्तों की रक्षा करते हैं। रामायण में भगवान श्री राम ने लंकापति रावण पर विजय पाने के लिए, श्रद्धापूर्वक शिव रुद्राष्टकम (Rudrashtakam in Hindi) का पाठ रामेशवरम में शिवलिंग की स्थापना करके किया था। शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र के फल स्वरुप भगवान श्री राम का लंका पर विजय हुआ था। “शिव रुद्राष्टकम” गोस्वामी तुलसीदास के द्वारा रचित आठ श्लोकों का स्तोत्र है। “शिव रुद्राष्टकम” (Rudrashtakam in Hindi) रामचितमानस के उत्तरकाण्ड के दोहा 108 के पहले दिया गया है। यह स्तोत्र भगवन शिव को स्तुति अर्पित है। शिव रुद्राष्टक भगवान शिव के कई कार्यों का वर्णन करता है। वेदो, पुराणों और हिन्दू सनातन धर्म में भगवान शिव का सर्व देवो में श्रेष्ठ स्थान रहा है। मान्यता के अनुसार भगवान शिव शंकर सरलता से प्रसन्न हो जाने वाले देव हैं। भगवान शिव को भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता हे, क्योकि श्रद्धा पूर्वक कोई भक्त यदि एक लोटा जल भी अर्पित कर दे तो तुरंत प्रसन्न हो जाते है। इसलिए भगवान शिव को भोलेनाथ कहते है। यहां एक क्लिक में पढ़ें- श्रावण मास में शिव के प्रिय बिल्व पत्र श्री शिव रूद्राष्टकम नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम् । निजं निर्गुणं निर्विकल्पं ...

श्री रुद्राष्टकम् Rudrashtakam Lyrics in Hindi

Rudrashtakam lyrics in Hindi. Shri Rudrashtakam is a Sanskrit composition in devotion of Rudra, written by the Hindu Bhakti poet Tulsidas. Song title: Rudrashtakam Singer: Sonu Nigam Lyrics: Traditional/Sant Goswami Tulsidas Music: Sonu Nigam Curated by TLC MY MUSIC-Shri Parthiv Hariyani Music Arranged & Programmed by Shreyas Puranik & Rutvik Talashilkar Rhythm & Percussions by Dipesh Verma Flute: Tejas Vinchurkar Strokes: Tapas Roy Mixed & Mastered by Vijay Dayal Music Label: I Believe Music नमामीशमीशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम् । निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम् ॥ निराकार मोंकार मूलं तुरीयं गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् । करालं महाकाल कालं कृपालुं गुणागार संसार पारं नतोऽहम् ॥ तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम् । स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारू गंगा लसद्भाल बालेन्दु कण्ठे भुजंगा॥ चलत्कुण्डलं शुभ्र नेत्रं विशालं प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् । मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं प्रिय शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥ प्रचण्डं प्रकष्टं प्रगल्भं परेशं अखण्डं अजं भानु कोटि प्रकाशम् । त्रयशूल निर्मूलनं शूल पाणिं भजेऽहं भवानीपतिं भाव गम्यम् ॥ कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी सदा सच्चिनान्द दाता पुरारी। चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥ न यावद् उमानाथ पादारविन्दं भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् । न तावद् सुखं शांति सन्ताप नाशं प्रसीद प्रभो सर्वं भूताधि वासं ॥ न जानामि योगं जपं नैव पूजा न तोऽहम् सदा सर्वदा शम्भू तुभ्यम् । जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं प्रभोपाहि आपन्नामामीश शम्भो ॥ रूद्राष्टकं इदं प्रोक्तं विप्रेण हर्षोतये ये ...

Rudrashtakam

Lyrics English Nama misha mishana-nirvana rupam vibhum vyapakam brahma-veda-svaroopam nijam nirgunam nirvikalpam niriham chidakasha makasha-vasam bhaje ham nirakara monkara-moolam turiyam gira gnana gotita misham girisham karalam maha-kala-kalam krpalam gunagara samsara param nato ham tusha radri-sankasha-gauram gabhiram manobhuta-koti prabha sri sariram sphuran mauli-kallolini-charu-ganga lasad-bhala-balendu kanthe bhujanga chalatkundalam bhru sunetram visalam prasanna-nanam nila-kantham dayalam mrgadhisa charmambaram mundamalam priyam sankaram sarvanatham bhajami pracandam prakrstam pragalbham paresham akhandam ajam bhanukoti-prakasam trayah-shula-nirmulanam shula-panim bhaje ham bhavani-patim bhava-gamyam kalatitata-kalyana-kalpanta-kari sada sajjana-nanda-data purarih chidananda-sandoha-mohapahari prasida praslda prabho manmatharih na yavad umanatha-padaravindam bhajantiha loke pareva naranam na tavat-sukham shanti-santapa-nasham praslda prabho sarva bhuta-dhivasam na janami yogam japam naiva pujam nato ham sada sarvada sambhu tubhyam jara janma-duhkhaugha tatapya manam prabho pahi apan-namamisha shambho Sanskrit नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेहम् निराकारमोङ्करमूलं तुरीयं गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम् । करालं महाकालकालं कृपालं गुणागारसंसारपारं नतोहम् तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभिरं मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम् । स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं...

Rudrashtakam

Table of Contents • • • • Mark Favorite Rudrashtakam Sanskrit, Hindi aur English me yahan diya gaya. रुद्राष्टकम संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी में यहां दिया गया। Rudrashtakam | श्री रुद्राष्टकम् Rudrashtakam Lyrics | श्री रुद्राष्टकम् नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् । निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ 1 ॥ निराकारमोंकारमूलं तुरीयं गिरा ज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् । करालं महाकाल कालं कृपालं गुणागार संसारपारं नतोऽहम् ॥ 2 ॥ rudraashtak stotram, rudrashtakam meaning, shiva rudrashtakam lyrics, shri rudrashtakam stotram, rudrashtakam pdf, shiv rudrashtakam pdf, rudrashtakam lyrics hindi, shri rudrashtakam, shiv rudrashtakam lyrics in hindi, rudrashtakam mantra, shiv rudrashtakam in hindi तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं मनोभूत कोटिप्रभा श्री शरीरम् । स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गङ्गा लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ॥ 3 ॥ चलत्कुण्डलं भ्रू सुनेत्रं विशालं प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् । मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥ 4 ॥ प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशम् । त्रयः शूल निर्मूलनं शूलपाणिं भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम् ॥ 5 ॥ कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी । चिदानन्द संदोह मोहापहारी प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥ 6 ॥ न यावत् उमानाथ पादारविन्दं भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् । न तावत् सुखं शान्ति सन्तापनाशं प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासम् ॥ 7 ॥ न जानामि योगं जपं नैव पूजां नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यम् । जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं प्रभो पाहि आपन्नमामीश शम्भो ॥ 8 ॥ रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं...

Shiv Rudrashtakam in Hindi Lyrics

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श्री रुद्राष्टकम हिंदी अर्थ सहित

वैसे तो धर्म ग्रन्थों में भगवान शिव की अनेकों स्तोत्र और स्तुतियाँ हैं पर इन सबमें तुलसीदास रचित श्री रुद्राष्टकम अपना एक अलग ही स्थान रखता है। इसका भक्तिपूर्वक पाठ करने से भोलेनाथ की कृपा और भक्ति प्राप्त होती है। ॥ श्री रुद्राष्टकम ॥ नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपं । निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहं ॥1॥ अर्थ – हे ईशान ! मैं मुक्तिस्वरूप, समर्थ, सर्वव्यापक, ब्रह्म, वेदस्वरूप, निज स्वरूप में स्थित, निर्गुण, निर्विकल्प, निरीह, अनन्त ज्ञानमय और आकाश के समान सर्वत्र व्याप्त प्रभु को प्रणाम करता हूँ ॥1॥ निराकारमोंकारमूलं तुरीयं गिरा ग्यान गोतीतमीशं गिरीशं । करालं महाकाल कालं कृपालं गुणागार संसारपारं नतोऽहं ॥2॥ अर्थ – जो निराकार हैं, ओंकाररूप आदिकारण हैं, तुरीय हैं, वाणी, बुद्धि और इन्द्रियों के पथ से परे हैं, कैलासनाथ हैं, विकराल और महाकाल के भी काल, कृपाल, गुणों के आगार और संसार से तारने वाले हैं, उन भगवान को मैं नमस्कार करता हूँ ॥2॥ तुषाराद्रि सङ्काश गौरं गभीरं मनोभूत कोटि प्रभा श्रीशरीरं । स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गंगा लसद्भालबालेन्दु कंठे भुजंगा ॥3॥ अर्थ – जो चलत्कुंडलं भ्रू सुनेत्रं विशालं प्रसन्नाननं नीलकंठं दयालं । मृगाधीशचर्माम्बरं मुंडमालं प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥4॥ अर्थ – जिनके कानों में कुण्डल हिल रहे हैं, जिनके नेत्र एवं भृकुटि सुन्दर और विशाल हैं, जिनका मुख प्रसन्न और कण्ठ नीला है, जो बड़े ही दयालु हैं, जो बाघ के चर्म का वस्त्र और मुण्डों की माला पहनते हैं, उन सर्वाधीश्वर प्रियतम शिव का मैं भजन करता हूँ ॥4॥ प्रचंडं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं अखंडं अजं भानुकोटिप्रकाशं । त्रयः शूल निर्मूलनं शूलपाणिं भजेऽहं भवानीपति...

शिव रुद्राष्टकम NAMAMI SHAMISHAN LYRICS

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं। विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्॥ निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं। चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम्॥ निराकारमोङ्कारमूलं तुरीयं। गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम्। करालं महाकालकालं कृपालं। गुणागारसंसारपारं नतोऽहम्॥ तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभीरं। मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम्॥ स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा। लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा॥ चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं। प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम्॥ मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं। प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि॥ प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं। अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं॥ त्रय: शूलनिर्मूलनं शूलपाणिं। भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम्॥ कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी। सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी॥ चिदानन्दसंदोह मोहापहारी। प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी॥ न यावद् उमानाथपादारविन्दं। भजन्तीह लोके परे वा नराणाम्। न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं। प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं॥ न जानामि योगं जपं नैव पूजां। नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम्॥ जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं। प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो॥ रुद्राष्टकं इदं प्रोक्तं विप्रेण हर्षोतये ये पठन्ति नरा भक्तयां तेषा शंभो प्रसीदति॥ || इति श्रीगोस्वामितुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं सम्पूर्णम् || Download Rudrastakam Lyrics PDF Download Rudrashtakam Stotram Hindi Meaning शिव रुद्राष्टकम का अर्थ हिंदी में हे मोक्षरूप, विभु, व्यापक ब्रह्म, वेदस्वरूप ईशानदिशा के ईश्वर और सबके स्वामी शिवजी, मैं आपको नमस्कार करता हूं. निज स्वरूप में स्थित, भेद रहित, इच्छा रहित, चेतन, आकाश रूप शिवजी मैं आपको नमस्कार करता हूं. निराकार, ओंकार के मूल, तुरीय वाणी, ज्ञान और इन्द्रियों से परे, कैलाशपति, विकराल, महाकाल के भी काल, कृपालु, गुणों के...

श्री रुद्राष्टकम् संस्कृत हिंदी अंग्रेजी अर्थ सहित

श्रीरुद्राष्टकम्संस्कृतहिंदीअंग्रेजीअर्थसहित नमामीशमीशाननिर्वाणरूपं विभुंव्यापकंब्रह्मवेदस्वरूपं। निजंनिर्गुणंनिर्विकल्पंनिरीहं चिदाकाशमाकाशवासंभजेऽहं॥१॥ namāmīśamīśāna nirvāṇarūpaṃ vibhuṃ vyāpakaṃ brahma vedasvarūpaṃ। nijaṃ nirguṇaṃ nirvikalpaṃ nirīhaṃ cidākāśamākāśavāsaṃ bhaje’haṃ॥1॥ हेईशान! मैंमुक्तिस्वरूप, समर्थ, सर्वव्यापक, ब्रह्म, वेदस्वरूप, निजस्वरूपमेंस्थित, निर्गुण, निर्विकल्प, निरीह, अनन्तज्ञानमयऔरआकाशकेसमानसर्वत्रव्याप्तप्रभुकोप्रणामकरताहूँ॥१॥ I bow to the Ruler of the Universe, whose very form is Liberation,the omnipotent and all pervading Brahma,manifest as the Vedas. I worship Shiva, shining in his own glory, without physical qualities,Undifferentiated, desireless, all pervading sky of consciousness and wearing the sky itself as His garment. निराकारमोङ्कारमूलंतुरीयं गिराग्यानगोतीतमीशंगिरीशं। करालंमहाकालकालंकृपालं गुणागारसंसारपारंनतोऽहं॥२॥ nirākāramoṅkāramūlaṃ turīyaṃ girā gyāna gotītamīśaṃ girīśaṃ। karālaṃ mahākāla kālaṃ kṛpālaṃ guṇāgāra saṃsārapāraṃ nato’haṃ॥2॥ जोनिराकारहैं, ओंकाररूपआदिकारणहैं, तुरीयहैं, वाणी, बुद्धिऔरइन्द्रियोंकेपथसेपरेहैं, कैलासनाथहैं, विकरालऔरमहाकालकेभीकाल, कृपाल, गुणोंकेआगारऔरसंसारसेतारनेवालेहैं, उनभगवान्कोमैंनमस्कारकरताहूँ॥२॥ I bow to the supreme Lord who is the formless source of “Aum” The Self of All, transcending all conditions and states,Beyond speech, understanding and sense perception, Awe-full, but gracious, the ruler of Kailash, Devourer of Death, the immortal abode of all virtues. तुषाराद्रिसंकाशगौरंगभीरं मनोभूतकोटिप्रभाश्रीशरी...

Rudrashtakam Lyrics in Hindi

Table of Contents • • • • • • शिव रुद्राष्टक हिंदी (Rudrashtakam in Hindi) में अर्थ सहित “शिव रुद्राष्टकम” (Rudrashtakam in Hindi) भगवान शिव की अद्भुत स्तुति है। “शिव रुद्राष्टकम” का पाठ करने से शत्रुओं का नाश पल भर में हो जाता है। शिव रुद्राष्टकम का पाठ शिव मंदिर या अपने घर में कुशा आसान बनाकर उस आसान पर बेठे और सुबह शाम लगातार सात दिनों तक भगवान शिव की स्तुति “शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र” (Rudrashtakam in Hindi) का पाठ करने भगवान शिव सदैव भक्तों की रक्षा करते हैं। रामायण में भगवान श्री राम ने लंकापति रावण पर विजय पाने के लिए, श्रद्धापूर्वक शिव रुद्राष्टकम (Rudrashtakam in Hindi) का पाठ रामेशवरम में शिवलिंग की स्थापना करके किया था। शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र के फल स्वरुप भगवान श्री राम का लंका पर विजय हुआ था। “शिव रुद्राष्टकम” गोस्वामी तुलसीदास के द्वारा रचित आठ श्लोकों का स्तोत्र है। “शिव रुद्राष्टकम” (Rudrashtakam in Hindi) रामचितमानस के उत्तरकाण्ड के दोहा 108 के पहले दिया गया है। यह स्तोत्र भगवन शिव को स्तुति अर्पित है। शिव रुद्राष्टक भगवान शिव के कई कार्यों का वर्णन करता है। वेदो, पुराणों और हिन्दू सनातन धर्म में भगवान शिव का सर्व देवो में श्रेष्ठ स्थान रहा है। मान्यता के अनुसार भगवान शिव शंकर सरलता से प्रसन्न हो जाने वाले देव हैं। भगवान शिव को भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता हे, क्योकि श्रद्धा पूर्वक कोई भक्त यदि एक लोटा जल भी अर्पित कर दे तो तुरंत प्रसन्न हो जाते है। इसलिए भगवान शिव को भोलेनाथ कहते है। यहां एक क्लिक में पढ़ें- श्रावण मास में शिव के प्रिय बिल्व पत्र श्री शिव रूद्राष्टकम नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम् । निजं निर्गुणं निर्विकल्पं ...