रूस यूक्रेन

  1. यूक्रेन ने रूस के खिलाफ शुरू की जवाबी कार्रवाई
  2. यूक्रेन: युद्ध का दूसरा साल, 1.8 करोड़ लोगों को मदद की ज़रूरत


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रूस

मॉस्को/कीव, जनवरी 23: पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से रूस की सेना यूक्रेन की सीमा पर बोरिया बिस्तर डालकर बैठी है और आशंका है कि फरवरी महीने में रूस की आर्मी यूक्रेन पर चढ़ाई कर देगी। यूक्रेन की मदद के लिए अमेरिका और नाटो सेना की तरफ से मदद भेजी गई है और अमेरिका इस संभावित लड़ाई को टालने के लिए मध्यस्तता भी कर रहा है, लेकिन सवाल ये उठ रहे हैं, कि क्या रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई थम पाएगी और क्या दुनिया से विश्वयुद्ध का खतरा टल पाएगा? आइये समझने की कोशिश करते हैं, रूस और यूक्रेन के बीच विवाद क्या है और रूस-यूक्रेन तनाव को लेकर पूरी दुनिया को टेंशन में क्यों आना चाहिए? रूस-यूक्रेन संघर्ष की मूल वजह क्या है? यूक्रेन रूस का एक पड़ोसी देश है, जिसका क्षेत्रफल 603,628 वर्ग किलोमीटर है, जो रूस और यूरोप के बीच स्थित है। यह 1991 तक सोवियत संघ का ही हिस्सा था, लेकिन सोवियत संघ के पतन के बाद यूक्रेन एक अलग देश बन गया, जिसका अर्थव्यवस्था तुललात्मक तौर पर सुस्त रही है और यूक्रेन की विदेश नीति कहने के लिए पूरी तरह से लोकतांत्रिक और संप्रभु रहा है, लेकिन अमेरिका और नाटो देश का प्रभाव दिखाई देता रहा है और यूक्रेन के साथ रूस के विवाद की सबसे बड़ी वजह यही रही है कि, आखिर यूरोपीय देश यूक्रेन के इतने करीबी क्यों हैं? नवंबर 2013 में यूक्रेन की राजधानी कीव में यूरोपीय संघ के साथ अधिक से अधिक आर्थिक एकीकरण की योजना को रद्द करने के यूक्रेनी राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। यूरोप-रूस के बीछ फंसा यूक्रेन यूक्रेन की सरकार ने जब यूरोपीय संघ के व्यापार फैसले का विरोध किया, तो रूस ने यूक्रेन के राष्ट्रपति यानुकोविच का समर्थन किया, जबकि यूरोपीय संघ ने यूक्रेन के प...

यूक्रेन ने रूस के खिलाफ शुरू की जवाबी कार्रवाई

June 11, 2023 | 02:07 pm 1 मिनट में पढ़ें यूक्रेन ने रूस पर शुरू की जवाबी कार्रवाई हालांकि, उन्होंने इस बारे में बताने से मना कर दिया कि जवाबी कार्रवाई किस चरण या स्थिति में है। गौरतलब है कि यूक्रेनी सेना ने पिछले कुछ दिनों में पूर्व में बखमुत के पास और दक्षिण में जापोरिजिया के पास अपनी पकड़ मजबूत करते हुए रूसी ठिकानों पर लंबी दूरी के हमले किए हैं। ड्रोन से हमले की कोशिश कर रहा है यूक्रेन- रूस BBC के मुताबिक, रूस के कलुगा क्षेत्र के गवर्नर व्लादिस्लाव शापशा ने कहा कि रविवार तड़के स्ट्रेलकोवक गांव के पास एक ड्रोन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। गौरतलब है कि यह इलाका मॉस्को के दक्षिण में स्थित है। बता दें कि रूस ने इससे पहले भी दावा किया था कि यूक्रेन ने ड्रोन के जरिए मॉस्को में स्थित कई इमारतों को निशाना बनाया है। इसमें 2 लोग घायल हो गए थे, जबकि कुछ इमारतों को मामूली नुकसान पहुंचा था। पुतिन बोले- रूस को हुआ भारी नुकसान वहीं रूसी अधिकारियों ने कहा कि जापोरिजिया क्षेत्र में लड़ाई तेज हो गई है और यूक्रेन की सेना रूसी सेना को दो भागों में विभाजित करने के लिए दक्षिण की ओर धकेलने की कोशिश कर रही है। रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों को वापस लेना चाहता है यूक्रेन बता दें कि यूक्रेन पिछले कई महीनों से रूसी सेना के कब्जे वाले क्षेत्रों में जवाबी हमले की तैयारी कर रहा है। रूस ने पिछले सप्ताह दावा किया था कि उसके सुरक्षाबलों ने यूक्रेनी सेना के दोनेत्स्क क्षेत्र में एक इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे पर खेरसन प्रांत में मौजूद इस प्रमुख बांध को बम से उड़ाने का आरोप लगाया था। पिछले साल फरवरी से जारी है रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध 24 फरवरी, 2022 से जारी है। इस दौरान वैश्विक स...

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जी-20 की बैठक में यूक्रेन युद्ध को लेकर दस्तावेज पर नहीं बनी सहमति पक्षकारों द्वारा तैयार दस्तावेज और अध्यक्ष के सारांश में 14 पैराग्राफ हैं, जिसमें कहा गया है कि दो पैराग्राफ पर सहमति नहीं बन पाई है. इसपर लिखी टिप्पणियों से साफ है कि दो देशों- रूस और चीन ने यूक्रेन में युद्ध के संदर्भों का विरोध किया. वाराणसी: यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर जी-20 में मतभेद सोमवार को एक बार फिर सामने आ गए. समूह के विकास मंत्रियों की बैठक रूस और चीन के विरोध की वजह से आम सहमति पर पहुंचने में असमर्थ रही. वहीं, मेजबान भारत ने साझा आधार ढूंढने की कोशिश की. पक्षकारों द्वारा तैयार दस्तावेज और अध्यक्ष के सारांश में 14 पैराग्राफ हैं, जिसमें कहा गया है कि दो पैराग्राफ पर सहमति नहीं बन पाई है. इसपर लिखी टिप्पणियों से साफ है कि दो देशों- रूस और चीन ने यूक्रेन में युद्ध के संदर्भों का विरोध किया. विदेश मंत्री एस जयशंकर की अध्यक्षता में जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में दुनिया के सामने विभिन्न विकासात्मक चुनौतियों की चर्चा की गई. समावेशी रोडमैप के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों पर प्रगति में तेजी लाने के लिए भारत द्वारा शुरू की गई सात वर्षीय कार्य योजना को स्वीकार किया. इसने एक अन्य दस्तावेज को भी स्वीकार किया जिसका उद्देश्य जलवायु शमन के लिए स्थायी जीवन शैली के वास्ते सहयोग और साझेदारी को बढ़ाना है. पक्षकारों द्वारा तैयार दस्तावेज के पैराग्राफ 10 और 11 और अध्यक्ष के सारांश में जिक्र है कि अधिकांश सदस्यों ने यूक्रेन में युद्ध की कड़ी निंदा की और जोर देकर कहा कि यह अत्यधिक मानवीय पीड़ा का कारण बन रहा है और रेखांकित किया गया है कि ‘आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए.” यही बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी...

यूक्रेन: युद्ध का दूसरा साल, 1.8 करोड़ लोगों को मदद की ज़रूरत

यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने न्यूयॉर्क में पत्रकारों से प्रवक्ता ने कहा कि वर्ष 2022 के दौरान, हज़ारों क़ाफ़िलों ने, देश के सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सहायता सामग्री पहुँचाई, और मानवीय सहायताकर्मियों ने लगभग एक करोड़ 60 लाख लोगों तक पहुँच बनाई, जिसमें पानी, दवाइयाँ, गर्माहट करने वाले उपकरण व अन्य सामान के साथ - साथ, घरों की मरम्मत में काम आने वाला सामान भी शामिल था. स्तेफ़ान दुजैरिक ने बताया कि क़रीब 60 लाख लोगों को नक़दी सहायता भी मुहैया कराई गई, जिसका कुल दायरा लगभग एक अरब 20 करोड़ डॉलर था, और ये, इतिहास में इस तरह का सबसे विशाल कार्यक्रम था. प्रवक्ता ने कहा कि अब जबकि युद्ध दूसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है तो संयुक्त राष्ट्र और उसके साझीदार संगठनों ने एक करोड़ 10 लाख से भी ज़्यादा लोगों की मदद करने के लिए, लगभग चार अरब डॉलर की सहायता राशि की अपील की है. अभी इस सहायता राशि का केवल 14 प्रतिशत हिस्सा ही प्राप्त हुआ है. युवा ज़िन्दगियों की हानि यूएन एजेंसियाँ यूक्रेन में, पिछले 12 महीनों के दौरान हुई मौतों, विध्वंस, तबाही और विस्थापन का आकलन कर रही हैं. यूएन मानवीय सहायताकर्मियों ने शुक्रवार को जिनीवा में बताया कि लगभग 500 बच्चों की मौत हुई है और क़रीब 1000 बच्चे घायल हुए हैं. © UNICEF/Diego Ibarra Sánchez शिक्षा पर जोखम यूक्रेन में युद्ध ने शिक्षा उपलब्धता में भी व्यवधान खड़ा कर दिया है, और आरम्भिक व सैकंडरी शिक्षा के हज़ारों स्कूलों को नुक़सान पहुँचा है. यूनीसेफ़ ने आगाह किया है कि कुल लगभग 78 लाख बच्चों की शिक्षा पर असर पड़ा है, और 50 लाख बच्चों को तो स्कूली शिक्षा तक बिल्कुल भी पहुँच नहीं बची है. विषैली विरासत का जोखिम संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ( यूएन पर...