संचार

  1. संचार के आधुनिक साधन निबंध Essay Modern communication Hindi
  2. संचार माध्यम
  3. संचार भाषा की परिभाषा,स्वरूप, महत्व और उदाहरण
  4. जनसंचार
  5. संचार किसे कहते हैं
  6. हिन्दी के संचार माध्यम
  7. संचार क्या है?
  8. संचार का महत्त्व पर निबंध


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संचार के आधुनिक साधन निबंध Essay Modern communication Hindi

Essay on Modern communication in Hindi संचार के आधुनिक साधन पर निबंध: अपने विचारों भावनाओं एवं सूचनाओं को संप्रेषित करने के लिए मनुष्य को संचार की आवश्यकता पड़ती हैं. संचार मौखिक एवं लिखित दोनों रूप में हो सकता हैं. पहले मनुष्य आपस में बोलकर या इशारे से अपनी अभिव्यक्ति करता था. वैज्ञानिक प्रगति ने उसे संचार के अन्य साधन भी उपलब्ध करवाएं. संचार के आधुनिक साधन पर निबंध इन वैज्ञानिक उपकरणों को ही संचार के साधन कहा जाता हैं. टेलीफोन, रेडियो, समाचार पत्र, टेलिविज़न इत्यादि संचार के ऐसे ही साधन हैं. टेलीफोन ऐसा माध्यम हैं जिसकी सहायता से एक बार में कुछ ही व्यक्तियों से संचार किया जा सकता हैं., किन्तु संचार के कुछ साधन ऐसे भी हैं, जिनकी सहायता से एक साथ कई व्यक्तियों से संचार किया जा सकता हैं. जिन साधनों का प्रयोग कर एक बड़ी जनसंख्या तक विचारों, भावनाओं व सूचनाओं को संप्रेषित किया जाता हैं, उन्हें हम जनसंचार माध्यम कहते हैं. संचार के माध्यमों को कुल तीन वर्गो- मुद्रण माध्यम, इलेक्ट्रॉनिक माध्यम एवं नव इलेक्ट्रॉनिक माध्यम में विभाजित किया जा सकता हैं. Telegram Group मुद्रण माध्यम के अंतर्गत समाचार पत्र, पत्रिकाएँ, पैम्पलेट्स, पोस्टर, जर्नल पुस्तकें इत्यादि आती हैं इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के अंतर्गत रेडियो, टेलिविज़न एवं फिल्म आती हैं. और इंटरनेट नव इलेक्ट्रॉनिक माध्यम हैं. जनसंचार के इन साधनों के बारे में आइए विस्तार से जानते हैं. समाचार पत्र मुद्रण माध्यम की शुरुआत गुटनबर्ग द्वारा वर्ष 1454 में मुद्रण मशीन के अविष्कार के साथ हुई थी. इसके बाद विश्व के अनेक देशों में समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं का प्रकाशन प्रारम्भ हुआ. आज समाचार पत्र पत्रिकाए विश्वभर में संचार का एक प्रमुख एवं लोकप्रिय माध...

संचार माध्यम

संचार माध्यम (Communication Medium) से आशय है | संदेश के प्रवाह में प्रयुक्त किए जाने वाले माध्यम। संचार माध्यमों के विकास के पीछे मुख्य कारण मानव की जिज्ञासु प्रवृत्ति का होना है। वर्तमान समय में संचार माध्यम और समाज में गहरा संबन्ध एवं निकटता है। इसके द्वारा जन सामान्य की रूचि एवं हितों को स्पष्ट किया जाता है। संचार माध्यमों ने ही सूचना को सर्वसुलभ कराया है। तकनीकी विकास से संचार माध्यम भी विकसित हुए हैं तथा इससे संचार अब ग्लोबल फेनोमेनो बन गया है। संचार माध्यम, संचार माध्यम का प्रभाव समाज में अनादिकाल से ही रहा है। परंपरागत एवं आधुनिक संचार माध्यम समाज की विकास प्रक्रिया से ही जुड़े हुए हैं। संचार माध्यम का श्रोता अथवा लक्ष्य समूह बिखरा होता है। इसके संदेश भी अस्थिर स्वभाव वाले होते हैं। फिर संचार माध्यम ही संचार प्रक्रिया को अंजाम तक पहुँचाते हैं। अनुक्रम • 1 संचार मराठीत • 2 संचार माध्यमों की प्रकृति • 3 इन्हें भी देखें • 4 बाहरी कड़ियाँ संचार मराठीत [ ] संचार शब्द अंग्रेजी के कम्युनिकेशन का हिन्दी रूपांतर है जो लैटिन शब्द कम्युनिस से बना है, जिसका अर्थ है सामान्य भागीदारी युक्त सूचना। चूंकि संचार समाज में ही घटित होता है, अत: हम समाज के परिप्रेक्ष्य से देखें तो पाते हैं कि सामाजिक संबन्धों को दिशा देने अथवा निरंतर प्रवाहमान बनाए रखने की प्रक्रिया ही संचार है। संचार समाज के आरंभ से लेकर अब तक के विकास से जुड़ा हुआ है। परिभाषाएं- प्रसिद्ध संचारवेत्ता डेनिस मैक्वेल के अनुसार, " एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक अर्थपूर्ण संदेशों का आदान प्रदान है। डॉ॰ मरी के मत में, "संचार सामाजिक उपकरण का सामंजस्य है।" लीगैन्स की शब्दों में, " निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया न...

संचार भाषा की परिभाषा,स्वरूप, महत्व और उदाहरण

संचार भाषा को समझाइए संचार भाषा की परिभाषा संचार भाषा के रूप में हिंदी संचार भाषा का महत्व संचार भाषा के उदाहरण संचार भाषा के महत्व संचार भाषा में टिप्पणी संचार भाषा का स्वरूप संचार भाषा का अर्थ संचार भाषा का परिचय - संचार भाषा का अर्थ है कि किसी बात को आगे बढ़ाना या फैलाना। इसकी मूल धातु संस्कृत की चर है जिसका अर्थ है चलना। दूसरे शब्दों में जब किसी भाव या विचार या जानकारी को दूसरों तक पहुंचाते हैं तो इसे संचार कहते हैं। संचार का उद्देश्य जानकारी या विचारों को समाज के तमाम लोगों के साथ साझा करना है जो इनसे सम्बद्ध हैं या जिन्हें यह जानकारी पहुँचाना अपेक्षित है ताकि लोग इससे अवगत होकर लाभ उठा सके। पशु पक्षियों में संचार का कार्य किस प्रकार चलता है ,उसे बारीकी से देखा जाए तो संचार सिधान्तों के बहुत से रहस्य खुल जाते हैं। ऐसा प्रायः देखा जाता है कि खतरा दिखाई देने पर पक्षी बहुत शोर मचाना प्रारंभ कर देते हैं। पशुओं में भी संचार के अपने तरीके हैं। पशु प्रायः समूह में चलते हैं और कोई हिंसक शिकारी जानवर देखकर समूह के सभी सदस्यों को अपने संकेतों द्वारा सचेत कर देते हैं या उसका सामना करने के लिए तैयार हो जाते हैं। कुछ पशुओं में तो यहाँ तक देखा गया है कि उनमें से कोई कोई एक पहरा देता रहता है और शेष आराम से सो रहे या विचरण कर रहे होते हैं। इस स्थिति के बाद अगला चरण आदिमानवों का आता है जब पृथ्वी पर गुरिल्ला ,चिम्पैंजी बंदरों आदि ने चलना प्रारंभ कर दिया था। ये जानवर अन्य जानवरों से आगे तथा मानव से कुछ ही कदम पीछे हैं ,इसीलिए इन्हें मानवों का पूर्वज भी कहा जाता है। ये हमारे पूर्वज छोटे -छोटे समुदायों या परिवारों में रहते थे। डर ,ख़ुशी या प्यार के मौके पर विभिन्न तरह की आवाजें निकाल कर अपन...

जनसंचार

अनुक्रम • 1 परिचय • 2 समाचार पत्र • 3 चलचित्र • 4 इन्हें भी देखें परिचय [ ] लोकसम्पर्क का अर्थ बड़ा ही व्यापक और प्रभावकारी है। प्राचीन काल में लोकमत को जानने अथवा लोकरुचि को सँवारने के लिए जिन साधनों का प्रयोग किया जाता था वे आज के वैज्ञानिक युग में अधिक उपयोगी नहीं रह गए हैं। एक युग था जब राजा लोकरुचि को जानने के लिए गुप्तचर व्यवस्था पर पूर्णत: आश्रित रहता था तथा अपने निदेशों, मन्तव्यों और विचारों को वह शिलाखण्डों, प्रस्तरमूर्तियों, ताम्रपत्रों आदि पर अंकित कराकर प्रसारित किया करता था। वर्तमान युग में लोकसम्पर्क के सर्वोत्तम माध्यम का कार्य समाचारपत्र करते हैं। इसके बाद लोकसम्पर्क की महत्ता बताते हुए सन् 1787 ईसवी में अमेरिका के राष्ट्रपति हमारी सत्ताओं का आधार लोकमत है। अत: हमारा प्रथम उद्देश्य होना चाहिए लोकमत को ठीक रखना। अगर मुझसे पूछा जाए कि मैं समाचारपत्रों से विहीन सरकार चाहता हूँ अथवा सरकार से रहित समाचारपत्रों को पढ़ना चाहता हूँ तो मैं नि:संकोच उत्तर दूँगा कि शासनसत्ता से रहित समाचारपत्रों का प्रकाशन ही मुझे स्वीकार है, पर मैं चाहूँगा कि ये समाचारपत्र हर व्यक्ति तक पहुँचें और वे उन्हें पढ़ने में सक्षम हों। जहाँ समाचारपत्र स्वतन्त्र हैं और हर व्यक्ति पढ़ने को योग्यता रखता है वहाँ सब कुछ सुरक्षित है। संसद की जिस दीर्घां में समाचारपत्रों के प्रतिनिधि बैठते हैं वही सत्ता का चतुर्थ वर्ग है। इसके बाद एडमण्ड बर्क ने लिखा - संसद में सत्ता के तीन वर्ग हैं किन्तु पत्रप्रतिनिधियों का कक्ष चतुर्थ वर्ग है जो सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। इसी प्रकार सन् 1840 में कार्लाइल ने योग्य सम्पादकों की परिभाषा बताते हुए लिखा - मुद्रण का कार्य अनिवार्यत: लेखन के बाद होता है। अत: मैं कहता हूँ...

संचार किसे कहते हैं

संचार किसे कहते हैं- संचार किसे कहते हैं परिभाषा व प्रकार | Sanchar Kise Kahate Hain (Sanchar Kya hai) प्यारे मित्रों, क्या आप भी यूजीसीनेट परीक्षाकी तैयारी कर रहे हैं? क्या आप भी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होना चाहते हैं? जी हाँ, आज हम आपको बताने वाले हैं- संचार, संचार किसे कहते हैं? ( Sanchar Kise Kahate Hain) संचार की परिभाषा क्या है? संचार कितने प्रकार के होते हैं? संचार अर्थात् Communication यह एक ऐंसा टाॅपिक है जो कि विभिन्न परीक्षाओं में पूछा जाता है। जी हाँ, आज हम विशेष रूप से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं तथा UGC NET PAPER 1 SYLLABUS के आधार पर तीसरी यूनिट में रखा गया विषय- संचार, इसकी विस्तृत रूप से चर्चा करेंगे। संचार क्या है (Sanchar Kya Hai)? संचार किसे कहते हैं? संचार से पूछे गये प्रश्न, आदि विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा करने जा रहे हैं। तो आइये, स्वागत है आपका! दिल की गहराइयों से! इसे भी देखें- संचार किसे कहते हैंं- परिभाषा, अर्थ, प्रकार , उदाहरण - सब कुछ पाओ(Communication) इस लेख में संचार किसे कहते हैं (Sanchar Kya Hai) संचार किसे कहते हैं- परिभाषा प्रभावी संचार किस कहते हैं संचार माध्यम किसे कहते हैं संचार के मूल तत्व कौन-कौन से हैं संचार कितने प्रकार के होते हैं संचार किसे कहते हैं (Sanchar Kiss Kahate Hain) दो या दो से अधिक व्यक्तियों के मध्य सूचनाओं अथवा सन्देशों व विचारों का आदान-प्रदान ही संचार कहलाता है। संचार अथवा सम्प्रेषण को संदेशवाहन, सन्देश, एवं अंग्रेजी में Communication आदि नामों से भी जाना जाता है। सम्प्रेषण अथवा संचार शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के कम्यूनिस (Communi s) शब्द से हुई। कहा जाता है कि संचार शब्द लैटिन भाषा के कम्यूनि...

हिन्दी के संचार माध्यम

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सन १९९१ में हुए हिंदी के वैश्विक स्वरूप को संचार माध्यमों में भी देखा जा सकता है। संचार माध्यमों ने हिंदी के वैश्विक रूप को गढ़ने में पर्याप्त योगदान दिया है। हिन्दी आज देशभर में आम बोलचाल की भाषा है। आज अधिकतर लोग हिंदी का प्रयोग कर रहे हैं। हिंदी आज एक ऐसी भाषा है जो दुनिया में इतने बड़े स्तर पर बोली व समझी जाती है। यह तथ्य आज सभी स्वीकार करते हैं कि हिंदी अब व्यावहारिक तौर पर इस देश की हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की पहल हिंदी भाषी नेताओं ने नहीं बल्कि हिंदी मीडिया के निम्न घटक हैं - • • • • • अनुक्रम • 1 पत्र-पत्रिकाएँ • 2 सिनेमा • 3 आकाशवाणी और रेडियो • 4 टेलीविजन • 5 इन्टरनेट • 6 सोशल मिडिया • 7 विज्ञापन • 8 विविध माध्यम • 9 आंकड़े • 10 सन्दर्भ • 11 इन्हें भी देखें • 12 बाहरी कड़ियाँ पत्र-पत्रिकाएँ [ ] भारत की स्वतंत्रता के समय बड़े या तथाकथित राष्ट्रीय समाचार पत्र अंग्रेजी मे ही छपते थे। किन्तु शिक्षा और साक्षरता के प्रसार की दिशा मे किए गए प्रयासों के फलस्वरूप यह अवधारणा बदलने लगी तथा हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के अखबार पढ़ने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि होने लगी। यह प्रक्रिया दुतरफा चली। एक ओर जहां साक्षरता दर बढ़ने से हिंदी पत्र-पत्रिकाएँ पढ़ने के इच्छुक लोगों की संख्या में वृद्धि हुई, वहीं हिन्दी अखबारों की प्रसार संख्या बढ़ने से हिन्दी के बोलचाल और प्रयोग में बढ़ोतरी हुई। हिंदी अखबारों ने नये-नये प्रयोग किए और समाचार औपचारिकता के घेरे से निकालकर उसे स्थानीय रंगत तथा रोचकता प्रदान की। जिला स्तर के विशेष संस्करण निकलने से अखबार पढ़ना केवल उच्च शिक्षित वर्ग ही नहीं बल्कि मामूली पढ़-लिखे लोगों का भी शौक बन गया। आज हालत यह है कि आमलोग...

संचार क्या है?

संचार का अर्थसंचार का अर्थ शाब्दिक दृष्टि से विचार करें तो एक तकनीकी शब्द है जो अंग्रेजी के कम्युनिकेशन ( Communication) शब्द का हिन्दी रूपान्तर है। संचार का सामान्य अर्थ किसी बात को आगे बढ़ाना, चलाना या फैलाना है। जब हम ‘संचार’ शब्द का प्रयोग कम्युनिकेशन के विशिष्ट अर्थ में करते हैं, तब यह एक पारिभाषिक शब्द बन जाता हे। सरल शब्दों में समझने के लिए कुछ उदाहरण लें। दो व्यक्तियों में आमने-सामने बैठकर होने वाली गपशप, टेलीफोन पर होने वाला वार्तालाप, पत्राचार, सेटेलाइट के माध्यम से दूरदर्शन पर प्रसारित कार्यक्रम संचार है। Dennis McQuil के अनुसार : संचार लोगों के बीच में समानता की भावना को बढ़ता है, लेकिन संचार होने के लिए समानता होना एक आवश्यक शर्त है। संचार लगभग वही है जो कि हम अपने दैनिक क्रिया कलापों में करते हैं।लोगों के आपसी संबंधों से इसका काफी कुछ लेना देना है। यह काफी साधारण से काफी जटिल हो सकता है। हम संचार कैसे करें, यह काफी हद तक संदेश, प्रेषक व प्रापक की प्रकृति पर निर्भर करता है। यहां संचार की कुछ और परिभाषाएं दी गई हैं। संचार के प्रकार 1. अन्त:व्यैक्तिक संचार - मनुष्य द्वारा अपने आप से बात करने यानी कि दिमाग में कुछ सोचने विचारने की प्रक्रिया को अन्त:व्यैक्तिक संचार कहा जाता है। सोच, विचार प्रक्रिया, भावनात्मक प्रतिक्रिया, दृष्टिकोण, मूल्य और विश्वास, स्व अवधारणा, अर्थों की रचना व उनकी व्याख्या इसी संचार के अन्तर्गत आते हैं। 2. अन्त:व्यैक्तिक संचार - दो या दो से अधिक लोगों के बीच होने वाले संचारीय आदान-प्रदान की प्रक्रिया अन्त:व्यैक्तिकसंचार कहलाती है। इस प्रकार के संचार में संदेश प्रसारित करने के लिए एक से अधिक स्रोतों का भी प्रयोग किया जा सकता है। जैसे हम शाब्दिक...

संचार का महत्त्व पर निबंध

संचार के महत्व पर लघु और दीर्घ निबंध (Short and Long Essays on Importance of Communication in Hindi, Sanchar ke Mahatva par Nibandh Hindi mein) निबंध 1 (250 शब्द) – संचार का महत्व परिचय हम सभी एक माध्यम के जरिये अपने दैनिक जीवन के अनुभव को साझा करते हैं; यह हमारी अभिव्यक्ति, हमारे हावभाव, हमारे बोलने के तरीके आदि के बारे में बताता है। ये सभी संचार के विभिन्न तरीके हैं। मैं बस अपने विचारों को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक साझा करने के लिए एक माध्यम के रूप में संचार कर सकता हूं। इस दुनिया में विभिन्न प्रकार के लोग हैं और उनमें से कुछ लेखन में अच्छे हैं जबकि कई बोलने में अच्छे हैं। जो लोग अपने विचारों को मौखिक रूप से व्यक्त करना चाहते हैं, वे अच्छी तरह से बोल सकते हैं; जबकि जो लोग लिखने में अच्छे होते हैं वे अपने विचारों को लिखित रूप में साझा करना पसंद करते हैं। आम तौर पर लोग अपने दैनिक जीवन से जुड़ी बात करना ज्यादा पसंद करते हैं। संचार क्यों महत्वपूर्ण है ? हम किसी भी मदद के बिना अकेले नहीं रह सकते हैं, जीवन में कहीं न कहीं हमें कुछ चीजों की आवश्यकता होती है और उसे व्यक्त करने के लिए हमें एक माध्यम की आवश्यकता होती है और यह संचार का एक तरीका है। संचार दूसरों को हमारे विचारों को बताने की एक प्रक्रिया है। मान लीजिए अगर केवल बोलना ही संवाद करने का माध्यम होगा तो गूंगा व्यक्ति कैसे संवाद करेगा। इसका अर्थ है इसमें बोलना, पढ़ना, लिखना, आदि सब शामिल हैं। कोई भी माध्यम जैसे लिखित सन्देश, ऑडियो, वीडियो, आदि संचार के विभिन्न माध्यम हैं। ये सभी महत्वपूर्ण हैं और विभिन्न तरीकों से हमारी मदद करते हैं। यह कई मायनों में उपयोगी है, हम ज्ञान प्राप्त करते हैं, हम मनोरंजित होते हैं, हमारी शिक...