संक्रमण तत्व किसे कहते हैं इसके सामान्य गुण लिखिए

  1. संक्रमण धातुओं के चुंबकीय गुणों से आप क्या समझते हैं?
  2. MP Board 12th 2023 : रसायन विज्ञान VVI Important Question with Solution
  3. अंतर संक्रमण तत्व किसे कहते है? अंतर संक्रमण तत्वों के समान्य गुण लिखि
  4. अपचयन किसे कहते हैं उदाहरण सहित समझाइए (Reduction in Hindi)
  5. संक्रमण तत्व किसे कहते है ? इनका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए
  6. संक्रमण
  7. निम्न में से कौन एक संक्रमण धातु नहीं है? – ElegantAnswer.com
  8. संक्रमण धातुओं के चुंबकीय गुणों से आप क्या समझते हैं?


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संक्रमण धातुओं के चुंबकीय गुणों से आप क्या समझते हैं?

Table of Contents Show • • • • • • • • • आवर्त सारणी में वर्ग 3 से वर्ग 12 तक के तत्वों को d ब्लॉक के तत्व (d block elements in Hindi) कहते हैं। इन तत्वों में अंतिम इलेक्ट्रॉन d उपकोश में प्रवेश करता है। इन्हें आवर्त सारणी में s और p ब्लॉक के तत्वों के बीच में रखा गया है। इसलिए इन्हें संक्रमण तत्व (transition elements in Hindi) भी कहत हैं। संक्रमण तत्वों का (n – 1)d उपकोश अपूर्ण होता है। संक्रमण तत्वों की श्रेणी संक्रमण तत्व को निम्न श्रेणियों में विभक्त किया गया है। (1) प्रथम संक्रमण (3d श्रेणी) – इस श्रेणी में स्कैंडियम (Sc) से जिंक (Zn) तक कुल 10 तत्व होते हैं इसमें अंतिम इलेक्ट्रॉन 3d उपकोश में प्रवेश करता है। (2) द्वितीय संक्रमण (4d श्रेणी) – इस श्रेणी में इट्रियम (Y) से कैडमियम (Cd) तक कुल 10 तत्व होते हैं इसमें अंतिम इलेक्ट्रॉन 4d उपकोश में प्रवेश करता है। (3) तृतीय संक्रमण (5d श्रेणी) – इस श्रेणी में लांथनम (La) से मरकरी Hg) तक कुल 10 तत्व होते हैं इसमें अंतिम इलेक्ट्रॉन 5d उपकोश में प्रवेश करता है। (4) चतुर्थ संक्रमण (6d श्रेणी) – इस श्रेणी में एक्टिनियम (Ac) से कॉपरनिसियम (Cn) तक कुल 10 तत्व होते हैं इसमें अंतिम इलेक्ट्रॉन 6d उपकोश में प्रवेश करता है। संक्रमण तत्वों के गुण • ये सभी तत्व धातुएं है। चूंकि इनके अंतिम उपकोश में 1 या 2 इलेक्ट्रॉन हैं। • इन तत्वों में धात्विक चालकता, तन्यता, आघातवर्धनीय एवं विद्युत के सुचालक होते हैं। • ये तत्व मिश्र धातुओं का निर्माण करते हैं। • इन तत्वों के गलनांक और क्वथनांक ऊंचे होते हैं। • यह तत्व s और p-ब्लॉक के तत्वों की अपेक्षा अधिक कठोर होते हैं। • यह तत्व अंतराकाशी यौगिक बनाते हैं। 1. क्रियाशीलता s और p-ब्लॉक के तत्वों की अपे...

MP Board 12th 2023 : रसायन विज्ञान VVI Important Question with Solution

MP Board 12th 2023 : रसायन विज्ञान VVI Important Question with Solution यहांरसायन विज्ञान 12वी Exam 2023के लिए New Blue Print पर आधारित Most Important Subjective Questions-Answer दिए गए है. ये प्रश्न (Question ) Study Material के रूप में तैयार किये गए.जो आपके Paper के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैऔरये Most ImportantQuestionतैयारी को और बेहतरबना सकते है I Most ImportantQuestion प्रश्न 1. विलयन किसे कहते है? उत्तर- दो या दो से अधिक अवयवों के समांगी मिश्रण को विलयन कहा जाता है। जैसे- नमक और जल का मिश्रण तथा चीनी और जल का मिश्रण आदि। प्रश्न 2. सान्द्रता के आधार पर विलयन का वर्गीकरण कीजिए ? उत्तर- सान्द्रता के आधार पर विलयन को तीन प्रकारों में बाँटा गया है- (1) संतृप्त विलयन (2) असंतृप्त विलयन (3) अतिसंतृप्त विलयन। प्रश्न 3. गैसों में द्रवों की विलेयता किन-किन कारकों पर निर्भर करती है? लिखिए। उत्तर- गैसों में द्रवों की विलेयता निम्न कारकों पर निर्भर करती है- (1) गैसों की प्रकृति (2) विलायक की प्रकृति (3) ताप का प्रभाव (4) विलायक में अन्य पदार्थों की उपस्थिति (5) दाव का प्रभाव। प्रश्न 4. ऑक्सीकरण क्रिया को समझाइये | उत्तर - किसी तत्व की संयोजकता में वृद्धि होना ऑक्सीकरण कहलाता हैं। किसी पदार्थ का ऑक्सीजन या अन्य ऋण विद्युती तत्व के साथ जुड़ना ऑक्सीकरण कहलाता है। उदाहरण - 2Hg + O 2 → 2HgO, Mg + Cl 2 MgCl 2 CH 2 + 20 2 → CO, + H 2O प्रश्न 5. अपचयन क्रिया को समझाइये । उत्तर- जब पदार्थ विद्युत धनात्मक तत्व अथवा हाइड्रोजन का योग एवं ऑक्सीजन का हरास करता है, तो इसे अपचयन क्रिया कहते हैं। "पदार्थों द्वारा एक या अधिक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने के को अपचयन क्रिया कहते हैं।" प्रश्न 6. विद्युत अपघट्य ...

अंतर संक्रमण तत्व किसे कहते है? अंतर संक्रमण तत्वों के समान्य गुण लिखि

इन तत्वों के तीन बाहरी कक्ष अपूर्ण होते है| इन तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास करने पर अंतिम इलेक्ट्रॉन भीतर की ओर तीसरी कक्ष के f उपकोश में प्रवेश करता है | इसलिये इन्हे f ब्लॉक तत्व भी कहते है| लैन्थेनाइडस तथा ऐक्टीनाइडस तत्वों की दोनों श्रेणियाँ वर्ग 3 तथा वर्ग 4 को जोड़ने वाले तत्व है इसलिये इन्हे अंतर संक्रमण तत्व कहते है तथा इनका सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास n s 2 ( n − 2 ) f 1 − 14 होता है| लैन्थेनाइडस - इलेक्ट्रॉनिक विन्यास करने पर अंतिम इलेक्ट्रॉन 4 f उपकोश में प्रवेश करता है | एक्टिनाइडस- इलेक्ट्रॉनिक विन्यास करने पर अंतिम इलेक्ट्रॉन 5 f उपकोश में प्रवेश करता है| अंतर संक्रमण तत्वों के समान्य गुण - ( 1 ) इनके ( n − 2 ) कोश के f उपकोश में इलेक्ट्रॉन प्रवेश करता है| ( 2 ) परिवर्ती संयोजकता दर्शाते है| ( 3 ) ये सभी धात्विक प्रकृति दर्शाते है| ( 4 ) इनके आयन प्राय : रंगीन होते है| ( 5 ) संकुल आयन बनाने की प्रवृति होती है| ( 6 ) विधुत संयोजी यौगिक बनाते है| निम्न को सुमेलित कीजिए-

अपचयन किसे कहते हैं उदाहरण सहित समझाइए (Reduction in Hindi)

2.9/5 - (7 votes) क्या आप जानते हैं कि जब किसी पदार्थ की ऑक्सीकरण संख्या में वृद्धि होती है या फिर उसकी ऑक्सीकरण संख्या में कमी होती है, तो इस फिनोमेना को क्या कहा जाता है? नमस्कार साथियों आपको एक बार फिर से स्वागत है हमारे हिंदी केमिस्ट्री के इस बेहतरीन वेबसाइट पर। आज हम आपको विस्तार से बताएंगे कि अपचयन किसे कहते हैं (Reduction Kise Kahte Hain)। इसके बारे में आपको कक्षा 9 से लेकर हायर क्लास तक पढ़ने को मिलता है परंतु बहुत महत्वपूर्ण विषय होने के बावजूद भी कुछ छात्र इस पर ध्यान नहीं देते हैं। इसलिए हम अपने इस लेख अपचयन किसे कहते हैं के माध्यम से आपको अपचयन के बारे में सरल भाषा में समझाने का पूर्ण प्रयास करेंगे। विषयसूची • • • • • • • • • • • • अपचयन और ऑक्सीडेशन इलेक्ट्रॉनों की आदान-प्रदान के इर्द-गिर्द घूमता है। आज हम आपको अपचयन के साथ ऑक्सीकरण के बारे में भी संक्षेप में जानकारी देंगे ताकि आप इन दोनों को आपस में तुलनात्मक रूप से पढ़ पाए और अच्छे से समझ पाए। रसायन विज्ञान के अन्य महत्वपूर्ण आर्टिकल्स के लिए आप हमारी वेबसाइट पर जाकर पढ़ सकते हैं। तो चलिए बिना किसी टाइम के अब शुरू करते हैं अपना महत्वपूर्ण लेख अपचयन किसे कहते हैं। अपचयन की परिभाषा जब किसी पदार्थ में ऑक्सीजन का हटना या किसी अन्य अधिक 2ZnO => 2Zn + O 2 2FeCl 3 => 2FeCl + Cl 2 इसको एक अन्य परिभाषा से इस प्रकार भी परिभाषित कर सकते हैं कि जब किसी पदार्थ के साथ तत्व हाइड्रोजन या अन्य धन विद्युत तत्व अर्थात धातु का जुड़ना होता है तब अपचयन कहलाता है। इस परिभाषा को आप निम्नलिखित उदाहरण से समझ सकते हैं H 2 + I 2 => 2HI इसकी एक तीसरी परिभाषा इस प्रकार भी मिलती है कि किसी तत्व की जब संयोजकता में कमी हो जाती है तब उसे अपच...

संक्रमण तत्व किसे कहते है ? इनका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए

वे तत्व, जिनके परमाणु अथवा साधारण आयनों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास में भीतरी d-कक्षक अपूर्ण रूप से भरे होते है, संक्रमण तत्व कहलाते है | ये समूह 2 और 13 के मध्य स्थित होते है | उदाहरण-Fe,Ni,Co आदि | इलेक्ट्रॉनिक विन्यास- ( n − 1 ) 1 − 10 , n s 1 − 2है | किसी तत्व द्वारा अपने परमाणु में से एक अथवा अधिक इलेक्ट्रॉन त्यागकर धनायन बनाने की क्षमता पर उसका धात्विक गुण निर्भर करता है, सभी संक्रमण तत्व धातुएँ है, क्योकि इनकी बाह्यतम कक्षा में एक या दो इलेक्ट्रॉन होते है, जो कि आसानी से त्यागे जा सकते है, क्योकि इनकी आयनन ऊर्जा निम्न होती है | अतः ये धात्विक प्रकृति के होते है | सच में संक्रमण तत्व किसे कहते हैं ठीक है सबसे पहले इसको देखते हैं लेकिन इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ओं की दृष्टि से जिन तत्वों के परमाणु या किसी योगिक में तत्व के डी ऑर्बिटल आंशिक रूप से भरे होते हैं वह संक्रमण तत्व कहलाते हैं फिर कह रहे इनका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखे तो इलेक्ट्रॉनिक विन्यास की बात करें तो बाहर ही को अकेलेपन की ना जो होता है वह 10 - 1 दिन में 1 से 10 तक के लिए कौन एन एस ठीक है मैंने एक या दो ठीक है या फिर nh-01 करता तो कहलाते फिर कह रही है रात में गुण प्रदर्शित की धात्विक गुण कह रहे प्रदर्शित करते हैं क्यों प्रदर्शित करते हैं धात्विक गुड यह में बताना है को होता क्या है जो संक्रमण धातु होते हैं ठीक है उनमें क्या होता है बाहरी कोष में जो हमारा भी ऑर्बिटल होता है वह पूर्ण रुप से भरा नहीं होता ज्यादातर ठीक है ज्यादातर क्या होता आंशिक रूप से भरे होते हैं ठीक है तो संक्रमण धातु आंशिक रूप से बड़े होने कारण क्या होता कठोर और सघन होते हैं कैसे होते हैं कठोर होते कठोर और सघन यानी कि डांस होते हैं ठीक है सघन होत...

d

d-ब्लॉक के तत्व किसे कहते हैं इसके बारे में हम पिछले लेख में पढ़ चुके हैं। लेकिन उस लेख में संक्रमण तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के बारे में नहीं पढ़ा था। तो इस लेख में संक्रमण तत्वों के सभी श्रेणियों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास को पढ़ेंगे। संक्रमण तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास संक्रमण तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (n – 1)d 1-10 ns 1-2 होता है। अर्थात (n – 1) आंतरिक d-कक्षकों को दर्शाता है। जिसमें 1 से 10 इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं। तथा अंतिम ns कक्षक में 1 अथवा 2 इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं। सभी श्रेणियों के तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्न प्रकार से हैं। 3d श्रेणी के तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 3d श्रेणी में Sc , Ti , V , Cr , Mn , Fe , Co , Ni , Cu तथा Zn दस तत्व हैं। इनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्न प्रकार से हैं। (i) Sc – 21 ⇒ 1s 2, 2s 22p 6, 3s 23p 63d 1, 4s 2 संक्षिप्त में – [Ar] 3d 1 4s 2 (ii) Ti – 22 ⇒ 1s 2, 2s 22p 6, 3s 23p 63d 2, 4s 2 संक्षिप्त में – [Ar] 3d 2 4s 2 (iii) V – 23 ⇒ 1s 2, 2s 22p 6, 3s 23p 63d 3, 4s 2 संक्षिप्त में – [Ar] 3d 3 4s 2 (iv) Cr – 24 ⇒ 1s 2, 2s 22p 6, 3s 23p 63d 5, 4s 1 संक्षिप्त में – [Ar] 3d 5 4s 1 (v) Mn – 25 ⇒ 1s 2, 2s 22p 6, 3s 23p 63d 5, 4s 2 संक्षिप्त में – [Ar] 3d 5 4s 2 (vi) Fe – 26 ⇒ 1s 2, 2s 22p 6, 3s 23p 63d 6, 4s 2 संक्षिप्त में – [Ar] 3d 6 4s 2 (vii) Co – 27 ⇒ 1s 2, 2s 22p 6, 3s 23p 63d 7, 4s 2 संक्षिप्त में – [Ar] 3d 7 4s 2 (viii) Ni – 28 ⇒ 1s 2, 2s 22p 6, 3s 23p 63d 8, 4s 2 संक्षिप्त में – [Ar] 3d 8 4s 2 (ix) Cu – 29 ⇒ 1s 2, 2s 22p 6, 3s 23p 63d 10, 4s 1 संक्षिप्त में – [Ar] 3d 10 4s 1 (x) Zn – 30 ⇒ 1s 2, 2s 22p 6, 3s 23p 63d...

संक्रमण

संक्रमण एक चूहे के मिडगुट एपिथेलियम के माध्यम से पलायन करने वाले एक मलेरिया स्पोरोज़ोइट को दिखाने वाले इलेक्ट्रॉन माइक्रोग्राफ संक्रामक रोग कारण रोगों में कुछ रोग तो ऐसे हैं जो पीड़ित व्यक्तियों के प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष संपर्क, या उनके रोगोत्पादक, विशिष्ट तत्वों से दूषित पदार्थों के सेवन एवं निकट संपर्क, से एक से दूसरे व्यक्तियों पर संक्रमित हो जाते हैं। इसी प्रक्रिया को संक्रमण (Infection) कहते हैं। सामान्य बोलचाल की भाषा में ऐसे रोगों को छुतहा रोग या छूआछूत के रोग कहते हैं। रोगग्रस्त या रोगवाहक पशु या मनुष्य संक्रमण के कारक होते हैं। संक्रामक रोग तथा इन रोग के संक्रमित होने की क्रिया समाज की दृष्टि से विशेष महत्व की है, क्योंकि विशिष्ट उपचार एवं अनागत बाधाप्रतिषेध की सुविधाओं के अभाव में इनसे रसायनिक एजेंट होते हैं जो निष्क्रिय सतहों और वस्तुओं पर लगाया जाता हैं ताकि वहाँ मौजूद वायरस, बैक्टीरिया, फंगल जीवाणु, फंगस, फंफूदी आदि को नष्ट कर सकें। कीटाणुनाशक आमतौर पर जीवाणुओं की बढ़ोतरी को मार देते हैं या उनकी खुराक पर हमला करते dr.MN sing अनुक्रम • 1 इतिहास • 2 परिचय • 3 जीवाणु-संक्रमण एवं विषाणु-संक्रमण में भेद • 4 इन्हें भी देखें • 5 सन्दर्भ • 6 बाहरी कड़ियाँ इतिहास [ ] 19वीं शताब्दी में पाश्चात्य वैज्ञानिक अब इस दिशा में अत्यधिक सफलता प्राप्त की गई है तथा इस प्रकार के अधिकांश रोगों के जीवाणुओं का निश्चित रूप से पता लगा लिया गया है। परिणामत: इनके संक्रमण की रोकथाम की तथा चिकित्सा में भी पर्याप्त सफलता मिलने लगी है। ये रोगजनक जीवाणु अत्यंत सूक्ष्म होते हैं और केवल परिचय [ ] रोगजनक, संक्रमण में किसी न किसी जीवाणु का प्राय: हाथ होता है। ये जीवाणु वायु, जल, भूमि तथा प्राणि...

निम्न में से कौन एक संक्रमण धातु नहीं है? – ElegantAnswer.com

निम्न में से कौन एक संक्रमण धातु नहीं है? इसे सुनेंरोकेंHg, Zn, Cu, Sc आदि d-ब्लॉक तत्व हैं लेकिन संक्रमण तत्व नहीं हैं। 4 क संक्रमण तत्व क्या हैं इनकी विशेषताओं को लिखिए? इसे सुनेंरोकेंउत्प्रेरक गुण – संक्रमण धातु और उनके यौगिकों में उत्प्रेरकीय गुण होते हैं। यह गुण उनकी परिवर्ती संयोजकता एवं उनके पृष्ठ पर उपस्थित मुक्त संयोजकताओं के कारण होता है। 4. रंगीन आयन व रंगीन यौगिक बनाने की प्रवृत्ति – संक्रमण तत्त्वों में d ऑर्बिटल आंशिक रूप से भरे होने के कारण ये रंगीन आयन व रंगीन यौगिक बनाते हैं। लैंथेनाइड के आंतरिक संक्रमण तत्व क्यों कहते हैं? इसे सुनेंरोकेंआधुनिक आवर्त सारणी में आप देखंगे की नीचे अलग से दो लाइन में तत्व होते है , इन दोनों में से ऊपर वाली लाइन लैंथेनाइड तत्वों की होती है। ये तत्व लेंथेनम (La) से तुरंत बाद में आते है और यही कारण है कि इन्हें लैंथेनाइड श्रेणी तत्व कहते है इन तत्वों को अंत: संक्रमण तत्व भी कहा जता है। संक्रमण तत्व क्या होते हैं? इसे सुनेंरोकेंसंक्रमण तत्व किसे कहते हैं? आवर्त सारणी में । तथा d-ब्लॉक के तत्वों को जोड़ने वाले तत्व, संक्रमण तत्व कहलाते हैं। आधुनिक परिभाषा के अनुसार वे तत्व जिनमें परमाण्वीय अवस्था में या उस तत्व की किसी सामान्य ऑक्सीकरण अवस्था में d-या F-उपकोश आंशिक रूप से भरे जाएँ, संक्रमण तत्व कहलाते हैं। संक्रमण धातु एक उत्प्रेरक का कार्य करती है क्यों? इसे सुनेंरोकेंसंक्रमण धातुएं एक अच्छे उत्प्रेरक का कार्य इसलिये करती है, क्योंकि संक्रमण धातुएं आकार में छोटी होती है, और इन धातुओं में नाभिकीय आवेश बेहद प्रभावी होता है। अपने इस गुण के कारण संक्रमण धातुओं में मध्यवर्ती जटिल यौगिक बनाने की प्रवृत्ति अधिक होती है, इस कारण वे एक अच्...

संक्रमण धातुओं के चुंबकीय गुणों से आप क्या समझते हैं?

Table of Contents Show • • • • • • • • • आवर्त सारणी में वर्ग 3 से वर्ग 12 तक के तत्वों को d ब्लॉक के तत्व (d block elements in Hindi) कहते हैं। इन तत्वों में अंतिम इलेक्ट्रॉन d उपकोश में प्रवेश करता है। इन्हें आवर्त सारणी में s और p ब्लॉक के तत्वों के बीच में रखा गया है। इसलिए इन्हें संक्रमण तत्व (transition elements in Hindi) भी कहत हैं। संक्रमण तत्वों का (n – 1)d उपकोश अपूर्ण होता है। संक्रमण तत्वों की श्रेणी संक्रमण तत्व को निम्न श्रेणियों में विभक्त किया गया है। (1) प्रथम संक्रमण (3d श्रेणी) – इस श्रेणी में स्कैंडियम (Sc) से जिंक (Zn) तक कुल 10 तत्व होते हैं इसमें अंतिम इलेक्ट्रॉन 3d उपकोश में प्रवेश करता है। (2) द्वितीय संक्रमण (4d श्रेणी) – इस श्रेणी में इट्रियम (Y) से कैडमियम (Cd) तक कुल 10 तत्व होते हैं इसमें अंतिम इलेक्ट्रॉन 4d उपकोश में प्रवेश करता है। (3) तृतीय संक्रमण (5d श्रेणी) – इस श्रेणी में लांथनम (La) से मरकरी Hg) तक कुल 10 तत्व होते हैं इसमें अंतिम इलेक्ट्रॉन 5d उपकोश में प्रवेश करता है। (4) चतुर्थ संक्रमण (6d श्रेणी) – इस श्रेणी में एक्टिनियम (Ac) से कॉपरनिसियम (Cn) तक कुल 10 तत्व होते हैं इसमें अंतिम इलेक्ट्रॉन 6d उपकोश में प्रवेश करता है। संक्रमण तत्वों के गुण • ये सभी तत्व धातुएं है। चूंकि इनके अंतिम उपकोश में 1 या 2 इलेक्ट्रॉन हैं। • इन तत्वों में धात्विक चालकता, तन्यता, आघातवर्धनीय एवं विद्युत के सुचालक होते हैं। • ये तत्व मिश्र धातुओं का निर्माण करते हैं। • इन तत्वों के गलनांक और क्वथनांक ऊंचे होते हैं। • यह तत्व s और p-ब्लॉक के तत्वों की अपेक्षा अधिक कठोर होते हैं। • यह तत्व अंतराकाशी यौगिक बनाते हैं। 1. क्रियाशीलता s और p-ब्लॉक के तत्वों की अपे...

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d-ब्लॉक के तत्व किसे कहते हैं इसके बारे में हम पिछले लेख में पढ़ चुके हैं। लेकिन उस लेख में संक्रमण तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के बारे में नहीं पढ़ा था। तो इस लेख में संक्रमण तत्वों के सभी श्रेणियों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास को पढ़ेंगे। संक्रमण तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास संक्रमण तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (n – 1)d 1-10 ns 1-2 होता है। अर्थात (n – 1) आंतरिक d-कक्षकों को दर्शाता है। जिसमें 1 से 10 इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं। तथा अंतिम ns कक्षक में 1 अथवा 2 इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं। सभी श्रेणियों के तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्न प्रकार से हैं। 3d श्रेणी के तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 3d श्रेणी में Sc , Ti , V , Cr , Mn , Fe , Co , Ni , Cu तथा Zn दस तत्व हैं। इनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्न प्रकार से हैं। (i) Sc – 21 ⇒ 1s 2, 2s 22p 6, 3s 23p 63d 1, 4s 2 संक्षिप्त में – [Ar] 3d 1 4s 2 (ii) Ti – 22 ⇒ 1s 2, 2s 22p 6, 3s 23p 63d 2, 4s 2 संक्षिप्त में – [Ar] 3d 2 4s 2 (iii) V – 23 ⇒ 1s 2, 2s 22p 6, 3s 23p 63d 3, 4s 2 संक्षिप्त में – [Ar] 3d 3 4s 2 (iv) Cr – 24 ⇒ 1s 2, 2s 22p 6, 3s 23p 63d 5, 4s 1 संक्षिप्त में – [Ar] 3d 5 4s 1 (v) Mn – 25 ⇒ 1s 2, 2s 22p 6, 3s 23p 63d 5, 4s 2 संक्षिप्त में – [Ar] 3d 5 4s 2 (vi) Fe – 26 ⇒ 1s 2, 2s 22p 6, 3s 23p 63d 6, 4s 2 संक्षिप्त में – [Ar] 3d 6 4s 2 (vii) Co – 27 ⇒ 1s 2, 2s 22p 6, 3s 23p 63d 7, 4s 2 संक्षिप्त में – [Ar] 3d 7 4s 2 (viii) Ni – 28 ⇒ 1s 2, 2s 22p 6, 3s 23p 63d 8, 4s 2 संक्षिप्त में – [Ar] 3d 8 4s 2 (ix) Cu – 29 ⇒ 1s 2, 2s 22p 6, 3s 23p 63d 10, 4s 1 संक्षिप्त में – [Ar] 3d 10 4s 1 (x) Zn – 30 ⇒ 1s 2, 2s 22p 6, 3s 23p 63d...