संत रामपाल जी की सच्चाई

  1. भगवान राम और सीता जी: जन्म से मृत्यु तक की पूरी कहानी
  2. तत्वदर्शी रामपाल महाराज की सच्चाई के अनछुए पहलु जो सोचने पर मजबूर कर दे 5 Dark side of Indian Sadhu
  3. भगवान कौन है? हमें बनाने वाला कौन है संत रामपाल जी भगवान है?
  4. संत रामपाल जी महाराज के समर्थन में भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियाँ"


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भगवान राम और सीता जी: जन्म से मृत्यु तक की पूरी कहानी

भगवान राम , भगवान विष्णु जी के सातवें अवतार थे जिनका जन्म त्रेता युग में अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर हुआ था। श्री राम ‘इक्ष्वाकु वंश ’ से संबंधित हैं जिसे राजा ‘इक्ष्वाकु’ जो भगवान सूर्य के पुत्र थे, उनके द्वारा स्थापित किया गया था, इसी वजह से रामचंद्र जी को ‘सूर्यवंशी राजा’ कहा जाता है। श्री रामचंद्र जी हिंदू महाकाव्य रामायण के मुख्य पात्र हैं और हिंदू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं; विशेष रूप से वैष्णव परंपरा के मानने वालों के लिए वह महत्वपूर्ण हैं। एक शाही परिवार में जन्मे भगवान राम के जीवन को अप्रत्याशित परिस्थितियों जैसे 14 साल के वनवास और कई नैतिक दुविधाओं और नैतिक सवालों से आजीवन चुनौती का सामना करना पड़ा। श्री राम जी के रूप में विष्णु जी का मानव अवतार हुआ और उन्होंने जो कष्टों का सामना किया उससे साबित होता है कि सतोगुण विष्णु जन्म और मृत्यु के चक्र में हैं। वह शाश्वत नहीं है। एक समय में भगवान विष्णु अपने निवास स्थान 'वैकुंठ' में शेषनाग की शैय्या पर विश्राम करते हैं तो दूसरी ओर वे पृथ्वी पर अवतार लेते हैं और मानव जन्म में दुःख भोगते हैं। श्रीमद् देवी भागवत (दुर्गा) पुराण और शिव महापुराण इस बात का प्रमाण देते हैं कि ब्रह्मा, विष्णु, शिव जन्म और पुनर्जन्म के चक्र में हैं। वे नश्वर हैं। उपर्युक्त को ध्यान में रखते हुए पवित्र शास्त्रों का गहन अध्ययन किया गया है, जिससे यह साबित होता है कि अयोध्या के भगवान राम नहीं, बल्कि आदि राम जो अमरलोक 'सतलोक' में रहते हैं , की भक्ति की जानी चाहिए, जिनके बारे में भक्त आज तक अनभिज्ञ हैं। इसका उल्लेख सूक्ष्म वेद में किया गया है, राम राम सब जगत बखाने, आदि राम कोई बिरला जाने || हर कोई राम को याद करता है लेकिन यह कोई नहीं जानता ...

तत्वदर्शी रामपाल महाराज की सच्चाई के अनछुए पहलु जो सोचने पर मजबूर कर दे 5 Dark side of Indian Sadhu

दोस्तों आपने कुछ साधु महात्माओ के नाम के पीछे श्री श्री या फिर बड़ी बड़ी संख्याये जैसे एक हजार आठ जैसे उपनाम लगाते देखा और सुना तो होगा ही, वो ऐसा क्यों करते है क्या आप ये जानते है ? वो ऐसा करते है अपने अनुभव और पद की गरिमा को बढ़ाने के लिए ताकि लोगो को लगे की ये वाकई बहुत पहुंचे हुए साधु है. लेकिन क्या वाकई बड़ा नाम और उपनाम रखने से कोई महान बन जाता है. जो हाल आज के साधु बाबा लोगो का है उसे देख कर तो बिलकुल भी नहीं लगता. आइये आज जानते है तत्वदर्शी रामपाल महाराज की सच्चाई क्या है और वे कितने बड़े संत पुरुष है. बीते कुछ सालो में दो नाम बहुत ज्यादा लोगो की जुबान पर चढ़े है पहला आशाराम बापू, और दूसरा संत रामपाल जो अपने नाम के बाद तत्वदर्शी लगाते है. अगर आपसे पूछा जाए की तत्वदर्शी का मतलब क्या है तो इनके शिष्य बताते है की तत्वदर्शी यानि जिसे तत्व ज्ञान हो आत्मज्ञान मिला हो वो जो पंच-तत्व से ऊपर उठ चूका हो. क्या वाकई आपको ऐसा कोई महात्मा मिला जो आत्मज्ञान से रूबरू हो चूका है. फिर तत्वदर्शी रामपाल महाराज की सच्चाई को कैसे माना जाए ? आज हम बात करने जा रहे ऐसी कई बातो की जो हमें बताती है की जिस तरह के ज्ञान का दिखावा संत रामपाल के शिष्य कर रहे है हकीकत में क्या और इनके परमगुरु कबीर जी कौन है ? अगर संत रामपाल वाकई ऐसे महात्मा है तो फिर कामोत्तेजक दवाइओ और आग्नेय शस्त्र की उन्हें क्या जरुरत हो गई. संत रामपाल और उनके गुरु की सच्चाई रामपाल पहले सिंचाई विभाग में अभियंता थे लेकिन उनकी रूचि सतसंग में थी जिसके जरिए धीरे धीरे वो संत रामपाल और फिर तत्वदर्शी रामपाल महाराज बन गए वही उनके गुरु दोनों ही अचानक से लोगो के बिच फेमस बने हालाँकि कुछ लोगो को कबीर साहेब की काव्यधारा ने प्रभावित भी किया था. ...

भगवान कौन है? हमें बनाने वाला कौन है संत रामपाल जी भगवान है?

आज हम जानते हैं भगवान कौन है? [Bhagwan Kaun Hai] भगवान कैसा है? भगवान कहां रहता है? भगवान को किसने देखा है? क्या भगवान है? भगवान साकार है क्या? भगवान निराकार है? भगवान कैसा दिखता है? भगवान से कैसे मिल सकते हैं? भगवान को कैसे प्राप्त कर सकते हैं? इतने सारे धर्मों की स्थापना कैसे हुई। जाति और धर्म के नाम पर अनेक संप्रदाय बन गये। अनेक धर्म भी बन गये। लेकिन वह एक भगवान कौन है जो हर जीव का उत्पत्ति करता है फिर चाहे वह इंसान हो या जानवर हो। सभी आत्माओ का जनक एक है जिसे प्राप्त करने के लिए किसी धर्म विशेष की अवश्यकता नही। हर धर्म अपने ईश्वर को सर्वोच्च और सृष्टिकर्ता मानता है लेकिन सच क्या है? मुस्लिमों का अल्लाह, खुदा सबसे बड़ा है या हिंदुओ का निराकार ब्रह्म? या फिर ब्रह्मा,विष्णु शंकर से बड़ा कोई नहीं है ? सिक्ख धर्म मे गुरु नानक जी को ही वाहेगुरु कहकर सर्वोच्च स्थान दिया गया है और ईसाइयो के लिए यीशु ही भगवान के बेटे है? पर आखिर कौन है सबसे बड़ा ईश्वर और कितने है ईश्वर? जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा। हिन्दू,मुस्लिम, सिख्ख,ईसाई धर्म नहीं कोई न्यारा। | तो आईये हम जानते है की कौन है वह सबसे बड़ा भगवान, जिसे चाहे अल्लाह कहो, सबसे बड़ा GOD कहो, सच्चा वाहेगुरु कहो या सबसे बड़ा भगवान कहो। आईये हम यह भी जाने की जब भगवान एक है तो फिर यह धर्मों का बंटवारा कैसे हुआ । भगवान कौन है? दो शक्तियां- सत्य पुरुष और काल ब्रह्म दो सुप्रीम शक्ति है। इस संसार में दो शक्तियां अपना अलग अलग कार्य कर रही है जिसमें एक ज्योति निरंजन “ काल ब्रह्म” है! वेदांती उसे निराकार ब्रह्म भी कहते है। मुसलमान उसी को बेचून (निराकार) अल्लाह कहते है। ईसाई उसे F ormless (निराकार) God कहते हैं। भगवान कौन है? सबसे बड़ा ...

संत रामपाल जी महाराज के समर्थन में भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियाँ"

1. इंग्लैंड के ज्योतिषी 'कीरो' ने सन् 1925 में लिखी पुस्तक में भविष्यवाणी की बीसवीं सदी अरथात् सन् 2000 ई. के उत्तरार्द्ध में (सन् 1950 के पश्चात् उत्पन्न संत ही विश्व में 'एक नई सभ्यता' लाएगा जो सम्पूर्ण विश्व में फैल जावेगी। भारत का वह एक व्यक्ति सारे संसार में ज्ञानक्रांति ला देगा। 2. भविष्यवक्ताश्री वेजीलेटिन" के अनुसार 20 वी सदी के उत्तरार्द्ध में, विश्व में आपसी प्रेम का अभाव, मानवता का हास, माया संग्रह की दौड़, लूट व राज नेताओं का अन्यायी हो जाना आदि-२ बहुत से उत्पात देखने को मिलेगें। परन्तु भारत से। उत्पन्न हुई नई सभ्यता, संसार में-देश, प्रांत और जाति की सीमायें तोड़कर विश्वभर में अमन व चैन उत्पन्न करेगी।। 3. अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता "जीन डिक्सन" के अनुसार 20 वीं सदी के अंत से पहले विश्व में एक घोर हाहाकार तथा मानवता का संहार होगा। वैचारिक मतभेद के बाद आध्यात्मिकता पर आधारित एक नई सभ्यता सम्भवतः भारत के छोट से गांव के साधारण से परिवार के व्यक्ति के नेतृत्व में जमेगी और संसार से उत्पन्न युद्ध को सदा-सदा के लिए विदा कर देगी। 4. हॉलैंड के भविष्यदृष्टा "श्री गेरार्ड क्राइसे" के अनुसार 20 वीं सदी के अन्त से पहले या 21 वीं सदी के प्रथम दशक में भयंकर युद्ध के कारण कई देशों का अस्तित्व ही मिट जावेगा। परन्तु भारत का एक महापुरूष सम्पूर्ण विश्व को मानवता के एक सूत्र में बांध देगा व हिसा, आपसी फूट, दुराचार, कपट आदि संसार से सदा के लिए मिटा देगा। 5. अमेरिका के "श्री एण्डरसन" के अनुसार 20 वीं सदी के अन्त से पहले या 21 वी सदी के प्रथम दशक में विश्व में असभ्यता का नंगा तांडव होगा। इस बीच भारत के एक देहात का एक धार्मिक व्यक्ति, एक मानव, एक भाषा एक झण्डा की रूपरेखा का संविधान बन...