संतोषी माता की अमृतवाणी

  1. Santoshi Mata Ki Aarti in Hindi
  2. जय संतोषी मां की आरती
  3. Santoshi Maa Aarti Hindi
  4. संतोषी माता की कथा और पूजा विधि
  5. संतोषी माँ
  6. संतोषी माता मंदिर जोधपुर
  7. ZEE Spiritualism: Goddess Santoshi Mata will take care all, follow this Mantra


Download: संतोषी माता की अमृतवाणी
Size: 7.69 MB

Santoshi Mata Ki Aarti in Hindi

WhatsApp Telegram Facebook Twitter LinkedIn Santoshi Mata ki Aarti comprises of devotional hymns that are sung during the aarti of Goddess Santoshi Maa, who is venerated as the “Mother of Satisfaction”. Get Santoshi Mata ki Aarti Lyrics in Hindi Pdf here, and sing it during the aarti of Santoshi Mata. Santoshi Mata Ki Aarti in Hindi – संतोषी माता की आरती जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता । अपने सेवक जन की, सुख सम्पति दाता ।। 1 ।। जय संतोषी माता || सुन्दर चीर सुनहरी, मां धारण कीन्हो । हीरा पन्ना दमके, तन श्रृंगार लीन्हो ।। 2 ।। जय संतोषी माता || गेरू लाल छटा छबि, बदन कमल सोहे । मंद हंसत करुणामयी, त्रिभुवन जन मोहे ।। 3 ।। जय संतोषी माता || स्वर्ण सिंहासन बैठी, चंवर दुरे प्यारे । धूप, दीप, मधु, मेवा, भोज धरे न्यारे ।। 4 ।। जय संतोषी माता || गुड़ अरु चना परम प्रिय, तामें संतोष कियो । संतोषी केहलाई, भक्तन विभव दियो ।। 5 ।। जय संतोषी माता || शुक्रवार प्रिय मानत, आज दिवस सोही । भक्त मंडली छाई, कथा सुनत मोही ।। 6 ।। जय संतोषी माता || मंदिर जग मग ज्योति, मंगल ध्वनि छाई । विनय करें हम बालक, चरनन सिर नाई ।। 7 ।। जय संतोषी माता || भक्ति भावमय पूजा, अंगीकृत कीजै । जो मन बसे हमारे, इच्छित फल दीजै ।। 8 ।। जय संतोषी माता || दुखी दारिद्री रोगी, संकट मुक्त किए । बहु धन धान्य भरे घर, सुख सौभाग्य दिए ।। 9 ।। जय संतोषी माता || ध्यान धरे जो तेरा, वांछित फल पायो । पूजा कथा श्रवण कर, घर आनन्द आयो ।। 10 ।। जय संतोषी माता || शरण गहे की लज्जा, रखियो जगदम्बे । संकट तूही निवारे, दयामयी अम्बे ।। 11 ।। जय संतोषी माता || सन्तोषी माँ की आरती, जो कोई जन गावे । रिद्धि सिद्धि सुख सम्पति, जी भर के पावे ।।...

जय संतोषी मां की आरती

• Karwa Chauth Gift Ideas • Karwa Chauth Gift for Mother-in-Law • Karwa Chauth Gift Hampers • Best Diwali Gift for Husband and Wife • Right Diwali Gift for your Brother and Sister • Best Diwali Gift Ideas for Employees • Best Diwali Gift for your Girlfriend and Boyfriend • Krishna Janmashtami Gift Ideas • Indian Independence Day Gift Ideas • Awesome Friendship Day Gifts • Awesome Father’s Day Gifts • Rakshabandhan Gifts Online • 51 Best Rakshabandhan Gifts for your Sister • 60 Best Rakshabandhan Gifts for your Brother • शिक्षाप्रद कथाएँ • श्री गुरु नानक देव जी • श्री गुरु नानक देव जी – जीवन परिचय • श्री गुरु नानक देव जी – ज्योति ज्योत समाना • श्री गुरु नानक देव जी – साखियाँ • Download Shri Guru Nanak Dev Ji Jayanti Greetings • श्री गुरु अंगद देव जी • श्री गुरु अंगद देव जी – जीवन परिचय • श्री गुरु अंगद देव जी – गुरु गद्दी मिलना • श्री गुरु अंगद देव जी – ज्योति – ज्योत समाना • श्री गुरु अंगद देव जी – साखियाँ • श्री गुरु अमर दास जी • श्री गुरु अमर दास जी – जीवन परिचय • श्री गुरु अमर दास जी – गुरु गद्दी मिलना • श्री गुरु अमर दास जी ज्योति – ज्योत समाना • श्री गुरु अमर दास जी – साखियाँ • श्री गुरु राम दास जी • श्री गुरु रामदास जी – जीवन परिचय • श्री गुरु राम दास जी – गुरु गद्दी मिलना • श्री गुरु राम दास जी ज्योति – ज्योत समाना • श्री गुरु राम दास जी – साखियाँ • श्री गुरु अर्जन देव जी • श्री गुरु अर्जन देव जी – जीवन परिचय • श्री गुरु अर्जन देव जी – गुरु गद्दी मिलना • गुरु अर्जन देव जी की शहीदी • गुरु अर्जन देव जी का ज्योति – ज्योत समाना • श्री गुरु अर्जन देव जी – साखियाँ • श्री ...

Santoshi Maa Aarti Hindi

गेरू लाल छटा छबि बदन कमल सोहे। मंद हंसत करुणामयी त्रिभुवन जन मोहे ।। जय सन्तोषी माता.... स्वर्ण सिंहासन बैठी चंवर दुरे प्यारे। धूप, दीप, मधु, मेवा, भोज धरे न्यारे।। जय सन्तोषी माता.... गुड़ अरु चना परम प्रिय ता में संतोष कियो। संतोषी कहलाई भक्तन वैभव दियो।। जय सन्तोषी माता.... शुक्रवार प्रिय मानत आज दिवस सोही। भक्त मंडली छाई कथा सुनत मोही।। जय सन्तोषी माता.... मंदिर जग मग ज्योति मंगल ध्वनि छाई। बिनय करें हम सेवक चरनन सिर नाई।। जय सन्तोषी माता.... भक्ति भावमय पूजा अंगीकृत कीजै। जो मन बसे हमारे इच्छित फल दीजै।। जय सन्तोषी माता.... दुखी दारिद्री रोगी संकट मुक्त किए। बहु धन धान्य भरे घर सुख सौभाग्य दिए।। जय सन्तोषी माता.... ध्यान धरे जो तेरा वांछित फल पायो। पूजा कथा श्रवण कर घर आनन्द आयो।। जय सन्तोषी माता.... चरण गहे की लज्जा रखियो जगदम्बे। संकट तू ही निवारे दयामयी अम्बे।। जय सन्तोषी माता.... सन्तोषी माता की आरती जो कोई जन गावे। रिद्धि सिद्धि सुख सम्पति जी भर के पावे।। जय सन्तोषी माता.... How many shravan somvar in 2023 : आषाढ़ माह से वर्षा ऋ‍तु प्रारंभ हो जाती है। इसके बाद श्रावण माह आता है जिसमें भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। वैसे तो पूरे माह की व्रत रखते हैं परंतु इस माह में सोमवार के दिन व्रत रखने का खास महत्व होता है। आओ जानते हैं कि श्रावण मास कब से हो रहा है प्रारंभ, कितने सोमवार रहेंगे इस माह में? Halharini amavasya 2023 : आषाढ़ माह की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते हैं। किसानों के लिए यह शुभ दिन है। यह दिन किसानों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि आषाढ़ में पड़ने वाली इस अमावस्या के समय तक वर्षा ऋतु का आरंभ हो जाता है और धरती भी नम पड़ जाती है। फ...

संतोषी माता की कथा और पूजा विधि

Table of Contents • • • • संतोषी माता की कथा और पूजा विधि , संतोषी माँ की व्रत कथा, संतोषी माता की व्रत कथा और शुक्रवार के दिन माँ संतोषी का व्रत पूजन किया जाता है| पूजा के दौरान संतोषी माता को सुख और वैभव की देवी माना जाता है| यह व्रत शुकल पक्ष के पहले शुक्रवार से शुरू किया जाता है |संतोषी माता श्री गणेश जिकी पुत्री है | संतोषी माता की पूजा करने से मनुष्य के जीवन में सुख समृद्धि बढ़ती है और संतोषी माता के व्रत और पूजन करने से संतोषी माता प्रसन होकर मनुष्य की हर मनोकामना पूर्ण करती है| संतोषी माता के 16 शुक्रवार का व्रत रखने का विधान है शुक्रवार के दिन कोईभी खट्टी चीज़ न तो घर में लानी चाहिए और न ही खानी चाहिए संतोषी माता की व्रत कथा एक बुढ़िया थी उसके सात बेटे थे,6 कमाने वाले थे और एक कुछ नहीं कमाता था| बुढ़िया 6 की रसोई बनाती ,भोजन कराती और उनसे जो कुछ जूठन बचती वो सातवे को दे देती | एक दिन वह पत्नी से बोला-देखो मेरी माँ को मुझसे कितना प्रेम है | वह बोली क्यों नहीं होगा प्रेम वो आपको सबका जूठा जो खिलाती है|वो बोला ऐसा नहीं हो सकता जब तक मैं अपनी आँखों से न देख लू मैं नहीं मान सकता | कुछ दिन बाद जब छेहो भाई भोजन करके उठे तो माँ ने उनकी जूठी थालियों से लडू के टुकड़े उठाकर एक लडू बनाया | झूठन साफ़ करके बुढ़िया माँ ने उसे पुकारा बेटा छेहो भाई भोजन कर गए तू कब खायेगा |वो कहने लगा माँ मुझे भोजन नहीं करना मैं प्रदेश जा रहा हु | माँ ने बोला कल जाता हुआ आज ही चला जा वो बोला आज ही जा रहा हु |यह कह कर वह घर से निकल गया | चलते समय पत्नी की याद आ गयी |वह वह जाकर बोला – हम जावे प्रदेश आवेंगे कुछ काल, तुम रहियो संतोष से धरम अपनों पाल | वह बोली – जाओ पिया आनंद से हमारो सोच हटाए, राम भरोसे हम र...

संतोषी माँ

इस लेख में अतिरिक्त संदर्भ अथवा स्रोतों की आवश्यकता है। कृपया विश्वसनीय स्रोत जोड़कर (July 2022) स्रोत खोजें: · · · · संतोषी माँ - सुनाएं व्रत कथाएं शैली सर्जक रश्मि शर्मा लेखक रश्मि शर्मा जय वर्मा पटकथा ज्योति (टंडन) सेखरी संवाद शरद चंद्र त्रिपाठी मनीष तिवारी निर्देशक यश राज सिन्हा संदीप विजय सृजनात्मक निर्देशक अमित आनंद सितारे • रश्मि शर्मा • पवन कुमार मारुत स्थल रामदेव फिल्म सिटी छायांकन डैनी संतोषी कैमरा सेटअप प्रसारण अवधि लगभग 22 मिनट निर्माण कंपनी प्रसारण मूल चैनल मूल प्रसारण 28 जनवरी 2020 ( 2020-01-28) – 9अगस्त2021 ( 2021-08-09) कालक्रम संबंधित कार्यक्रम संतोषी मां - सुनाएं व्रत कथाएं संतोषी मां की अगली कड़ी है और यह 2020 की अनुक्रम • 1 कहानी • 2 सितारे • 2.1 मुख्य • 2.2 अन्य • 2.2.1 पृथ्वीलोक • 2.2.2 देवलोक • 3 संदर्भ • 4 बाहरी संबंध कहानी [ ] सितारे [ ] मुख्य [ ] • • आशीष कादियान - इंद्रेश सिंह - स्वाति के पति, सिंघासन सिंह के बेटे, कुंती देवी के बेटे, रिंकी सिंह के भाई, अभय सिंह के भाई, लवली सिंह के साले, देवेश त्रिपाठी के साले (2020–2021) • अन्य [ ] पृथ्वीलोक [ ] • डॉ निधि शाह के रूप में • अर्चना मिश्रा के रूप में जया ओझा - स्वाति की मां, रामेश्वर की पत्नी (2020) • पृथ्वी सांखला रामेश्वर मिश्रा के रूप में - स्वाति के पिता, अर्चना के पति (2020) • कुंती सिंह के रूप में पूर्व पराग - सिंघासन की पत्नी, इंद्रेश और अभय की मां, स्वाति की सास (2020-2021) • सिंघासन सिंह के रूप में सुशील सिन्हा - इंद्रेश के पिता, कुंती के पति, स्वाति के ससुर (2020–2021) • समीक्षा या सैमी के रूप में अंजीता पूनिया - डीसी की बेटी (2021) • धीरज चड्ढा या डीसी के रूप में • अवधेश सिंह के रूप में ...

संतोषी माता मंदिर जोधपुर

विषय - सूची • • • • • • • • • संतोषी माता मंदिर कहां स्थित है ? मां संतोषी का यह मंदिर राजस्थान के जोधपुर जिले के मंडोर सड़क मार्ग पर एक पहाड़ी के बीच में स्थित है। इन पहाड़ों पर सूर्य की किरणें पड़ने पर पहाड़ भी लाल और नारंगी रंग के हो जाते हैं, जो सूर्योदय और सूर्यास्त के समय में काफी मनमोहक नजारा प्रस्तुत करता है। संतोषी माता मंदिर के बारे में – राजस्थान के जोधपुर में स्थित संतोषी माता के मंदिर को प्रगट संतोषी माता के नाम से भी जाना जाता है और साथ में यह भी कहा जाता है कि मां संतोषी का जोधपुर शहर में स्थित यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है, जिसमें साक्षात रुप में संतोषी माता विराजमान है। संतोषी माता का यह मंदिर आसपास के श्रद्धालुओं सहित राजस्थान के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है, जहां पर राजस्थान ही नहीं, बल्कि देश के अन्य क्षेत्रों से भी श्रद्धालु और पर्यटक आते आते हैं। संतोषी माता मंदिर में चढ़ाई जाने वाली प्रसाद – संतोषी माता मंदिर में मां संतोषी को प्रसाद के रूप में नारियल और बाकी चीजों के अलावा और गुड़ और चना चढ़ाना चढ़ाई जाती है, क्योंकि गुड़ और चने को मां संतोषी का मनपसंद प्रसाद माना जाता है। गुड़ और चना के साथ प्रसाद की अन्य सामग्री भी मंदिर के परिसर में मिल जाती है, जिससे आप मंदिर में जाकर संतोषी माता की पूजा अर्चना कर सकते हैं। संतोषी माता मंदिर के खुलने और बंद होने का समय – यह मंदिर सप्ताह के सातों दिनों तक खुला रहता है, जो सर्दियों में सुबह 7:00 बजे खुलता है और रात के 8:00 बजे बंद हो जाता है। ग्रीष्म काल में मां संतोषी का यह मंदिर सुबह 6:00 बजे खुलता है, जो रात के 9:00 बजे बंद होता है। सर्दी के मौसम में समय खुलने का समय – सुबह 7:00 बजे बंद होने का समय ...

ZEE Spiritualism: Goddess Santoshi Mata will take care all, follow this Mantra

पुराणों में कहा गया है कि शुक्रवार के दिन मां संतोषी की पूजा करते समय अगर उनके मंत्रों पाठ मन लगाकर किया जाए तो माता संतोषी जल्द ही प्रसन्न होकर घर को धन-धान्य से भर देती हैं. मंत्र से करें ध्यान ॐ श्री संतोषी महामाया गजानंदम दायिनी शुक्रवार प्रिये देवी नारायणी नमोस्तुते! मान्यता है कि विशेष तौर पर शुक्रवार के दिन अगर संतोषी मां के इस मंत्र का जाप किया जाए तो निश्चित ही आप जीवन की सभी परेशानियों से उबर सकते हैं. ‍‍‍ इसका अर्थ है- आनंद देने वाली संतोषी मां, जिनको शुक्रवार दिन प्रिय है, आपको मैं प्रणाम करता हूं, मेरी रक्षा करें. मंत्र उच्चारण का विज्ञान मंत्र मानव जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं और नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करते हैं. मंत्रोच्चारण के बाद आप भी कई बार अपने अंदर एक आध्यात्मिक शांति महसूस करते होंगे. इसका कारण यही है कि जो नकारात्मक ऊर्जा हमें अशांत रखती है वह दूर हो जाती है. पूजा विधि घर में संतोषी माता की मूर्ति या फोटो रखें. मूर्ति के पास बड़े बर्तन में जल भरकर रखें और उसमें थोड़ा गुड़ और चने मिला दें. घी का दीपक जलाएं और माता संतोषी की व्रत कथा सुनें. पूजा सम्पन्न होने के बाद गुड़ और चने का प्रसाद बांट दें. ZEE आध्यात्म में माता संतोषी की कृपा पाने के लिए इस सकारात्मक ऊर्जा से भरे मंत्र को जप कर आप भी जीवन की हर परेशानी का समाधान कर सकते हैं. जीवन को भक्ति और शक्ति से जोड़ने वाले नए आयाम के साथ जोड़ने का ये सिलसिला हमेशा जारी रहेगा. By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device and the processing of information obtained via those cookies (including about your preferences, device and online activity) by us and o...