संविधान सभा का गठन कब और कैसे हुआ

  1. संविधान सभा का निर्माण कैसे हुआ किसने किया ? संविधान सभा की कुल समितियां कार्य का विचार सर्वप्रथम किसने दिया
  2. भारत के संविधान का निर्माण। संविधान सभा का गठन कार्यप्रणाली । उद्देश्य प्रस्ताव । Samvidhan Sabaha formation
  3. भारतीय संविधान का निर्माण कब और कैसे हुआ?
  4. भारतीय संविधान का निर्माण कब और कैसे हुआ ? संविधान की प्रस्तावना का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  5. भारतीय संविधान सभा


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संविधान सभा का निर्माण कैसे हुआ किसने किया ? संविधान सभा की कुल समितियां कार्य का विचार सर्वप्रथम किसने दिया

संविधान सभा की कुल समितियां कार्य का विचार सर्वप्रथम किसने दिया ? संविधान सभा का निर्माण कैसे हुआ किसने किया ? संविधान का निर्माण संविधान सभा किसी प्रभुता संपन्न लोकतांत्रिक राष्ट्र की संविधान-रचना का कार्य सामान्यतया उसकी जनता के प्रतिनिधि-निकाय द्वारा किया जाता है। संविधान पर विचार करने तथा उसे अंगीकार करने के लिए जनता द्वारा चुने गए इस प्रकार के निकाय को सविधान सभा कहा जा सकता है। संविधान सभा की सकल्पना भारत मे सदैव राष्ट्रीय आदोलन के विकास के साथ जुडी रही है। ऐसी संविधान सभा का विचार, जिसके द्वारा भारतीय स्वय अपने देश के लिए सविधान का निर्माण कर सके, 1919 के एक्ट के विरोध में अतर्निहित था। किंतु, भारत की सविधान सभा का निश्चित उल्लेख, भले ही वह इन शब्दों में या इस नाम विशेष से न हो, पहली बार भाग्न शामन एक्ट, 1919 के लागू होने के ठीक बाद 1922 मे महात्मा गांधी ने किया था। 1922 मे ही, श्रीमती एनी बेसेट की पहल पर केंद्रीय विधानमडल के दोनों सदनो के सदस्यो की एक मयुक्त बैठक शिमला में आयोजित की गई थी। उसने सविधान के निर्माण के लिए एक सम्मेलन बलाने का निर्णय किया। इसके अलावा, फरवरी, 1923 में दिल्ली में एक अन्य सम्मेलन का आयोजन किया गया। उसमें केंद्रीय तथा प्रांतीय विधानमंडलों के सदस्यों ने हिस्सा लिया। इस सम्मेलन ने भारत को ब्रिटिश साम्राज्य की स्वशासी डोमिनियनों के ममतुल्य रखते हुए संविधान के आवश्यक तत्वो की रूपरेखा प्रस्तुत की। 21 अप्रैल को सर तेज बहादुर सपू की अध्यक्षता मे एक ‘राष्ट्रीय सम्मेलन‘ बुलाया गया। इस सम्मेलन ने ‘कामनवेल्थ आफ इडिया बिल‘ का प्रारूप तैयार किया। प्रारूप बिल, थोडे से सशोधित रूप मे जनवरी, 1925 में दिल्ली में हुए सर्वदलीय सम्मेलन के समक्ष पेश किया गया। उस...

भारत के संविधान का निर्माण। संविधान सभा का गठन कार्यप्रणाली । उद्देश्य प्रस्ताव । Samvidhan Sabaha formation

संविधान सभा की मांग • भारत में संविधान सभा के गठन का विचार वर्ष 1934 में पहली बार एम. एन. रॉय ने रखा। रॉय भारत में वामपंथी आंदोलन के प्रखर नेता थे। 1935 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पहली बार भारत के संविधान के निर्माण के लिए आधिकारिक रूप से संविधान सभा के गठन की मांग की। 1938 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से पंडित जवाहरलाल नेहरू ने घोषणा की कि स्वतंत्र भारत के संविधान का निर्माण वयस्क मताधिकार के आधार पर चुनी गई संविधान सभा द्वारा किया जाएगा और इसमें कोई बाहरी हस्तक्षेप नहीं होगा। • नेहरू की इस मांग को अंततः ब्रिटिश सरकार ने सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया। इसे सन 1940 के ' अगस्त प्रस्ताव ' के नाम से जाना जाता है। सन 1942 में ब्रिटिश सरकार के कैबिनेट मंत्री सर स्टैफोर्ड क्रिप्स , ब्रिटिश मंत्रिमंडल के एक सदस्य , एक स्वतंत्र संविधान के निर्माण के लिए ब्रिटिश सरकार के एक प्रारूप प्रस्ताव के साथ भारत आए। इस संविधान को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अपनाया जाना था। क्रिप्स प्रस्ताव को मुस्लिम लीग ने अस्वीकार कर दिया। • मुस्लिम लीग की मांग थी कि भारत को दो स्वायत्त हिस्सों में बांट दिया जाए , जिनकी अपनी-अपनी संविधान सभाएं हों। अंततः , भारत में एक कैबिनेट मिशन को भेजा गया। इस मिशन ने दो संविधान सभाओं की मांग को ठुकरा दिया लेकिन उसने ऐसी संविधान सभा के निर्माण की योजना सामने रखी , जिसने मुस्लिम लीग को काफी हद तक संतुष्ट कर दिया। संविधान सभा का गठन कैबिनेट मिशन योजना द्वारा सुझाए गए प्रस्तावों के तहत नवंबर 1946 में संविधान सभा का गठन हुआ। योजना की विशेषताएं थीं: संविधान सभा की विशेषताएं 1. संविधान सभा की कुल सदस्य संख्या 389 होनी थी। इनमें से 296 सीटें ब्रिटिश भारत और 93 स...

भारतीय संविधान का निर्माण कब और कैसे हुआ?

भारतीय संविधान सभा की प्रथम बैठक 9 दिसंबर 1946 को संपन्न हुई। डॉ राजेंद्र प्रसाद के अध्यक्ष एवं बी.एन.राव के संवैधानिक सलाहकार नियुक्त होने के पश्चात 13 दिसंबर 1946 को पंडित नेहरू द्वारा प्रस्तुत ‘उद्देश्य प्रस्ताव’ में संविधान की प्रकृति, स्त्रोत, उद्देश्य एवं नागरिकों के लिए संवैधानिक प्रावधानों की रूपरेखा को प्रस्तुत किया गया। संविधान सभा ने समितियों को दो वर्गों (i)प्रक्रिया संबंधी समिति नियम, परिचालन आदि) तथा (ii) विषय संबंधी समिति (संघ शक्ति, मूल अधिकार, प्रांतीय संविधान आदि) में बांटकर भावी संविधान के लिए ‘प्रारूप निर्माण’ (डॉ. अम्बेडकर) एवं तीन वाचन (विचार-विमर्श) प्रस्तुत किये । 26 नवंबर 1949 को 395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचियों एवं 22 भाग के साथ संविधान को अंगीकार एवं 26 जनवरी 1950 को लागू (execution)किया गया। डॉ.राजेंद्र प्रसाद को गणराज्य का प्रथम राष्ट्रपति एवं संविधान सभा को ‘अंतरिम संसद में परिवर्तित किया गया।

भारतीय संविधान का निर्माण कब और कैसे हुआ ? संविधान की प्रस्तावना का संक्षिप्त विवरण दीजिए।

भारतीयों के लिए 26 जनवरी, 1950 ई० का दिन अत्यन्त गौरवपूर्ण है, क्योंकि इस दिन स्वतन्त्र भारत में स्वयं भारतवासियों द्वारा निर्मित संविधान लागू हुआ था और भारतवासियों ने पूर्ण स्वतन्त्रता का अनुभव किया। इसी दिन भारत को एक गणराज्य भी घोषित किया गया। संविधान सभा का गठन एवं कार्य भारत के स्वतन्त्र होने से पूर्व ही भारतीय नेताओं ने 1939 ई० में अंग्रेजों से संविधान सभा के द्वारा संविधान का निर्माण करने की माँग की थी, परन्तु उस समय भारतीयों की इस माँग को स्वीकार नहीं किया गया। कालान्तर में परिस्थितियोंवश 16 मई, 1946 ई० को कैबिनेट मिशन की योजना में इस बात पर अंग्रेजों ने अवश्य विचार किया कि भारतीयों को भारतीय संविधान के निर्माण की स्वतन्त्रता दी। जानी चाहिए, क्योंकि वे ही अपने देश की परिस्थितियों और आवश्यकताओं के अनुसार संविधान का निर्माण कर सकते हैं। फलस्वरूप शीघ्र ही संविधान सभा का गठन करने के उद्देश्य से जनसंख्या के आधार पर (लगभग दस लाख पर एक) प्रतिनिधि निर्धारित किये गये। चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व की एकल मत-संक्रमण प्रणाली द्वारा हुए। निर्वाचन के आधार पर संविधान सभा के कुल 389 सदस्य चुने गये। बाद में पाकिस्तान के अलग होने पर 389 सदस्यों में से 79 सदस्य अलग हो गये। इन सदस्यों के पृथक् होने के पश्चात् संविधान सभा में 310 सदस्य शेष बचे। इन्हीं सदस्यों को संविधान निर्माण का कार्य सौंपा गया। संविधान सभा को प्रथम अधिवेशन 9 दिसम्बर, 1946 ई० को डॉ० सच्चिदानन्द सिन्हा की अस्थायी अध्यक्षता में प्रारम्भ हुआ। इसमें मुस्लिम लीग के सदस्यों ने भाग नहीं लिया। बाद में, 11 दिसम्बर, 1946 ई० को डॉ० राजेन्द्र प्रसाद संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष चुने गये। संविधान सभा की समितियाँ – संविधान सभा के ...

भारतीय संविधान सभा

बैठक स्थान भारत की संविधान सभा का 1925 में महात्मा गांधी की अध्यक्षता में कामनवेल्थ ऑफ इण्डिया बिल प्रस्तुत किया। जो भारत के लिए संवैधानिक प्रणाली की रूपरेखा प्रस्तुत करने का प्रथम प्रयास था। पहली बार संविधान सभा की माँग सन- संविधान सभा के सदस्य वयस्क मताधिकार के आधार पर अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित हुए थे। जिनका चुनाव जुलाई बँटवारे के बाद कुल सदस्यों ( अनुक्रम • 1 परिचय • 2 भारतीय संविधान सभा के सदस्य • 2.1 मद्रास • 2.2 महाराष्ट्र • 2.3 पश्चिम बंगाल • 2.4 संयुक्त प्रांत • 2.5 पूर्वी पंजाब • 2.6 बिहार • 2.7 मध्य प्रान्त और बरार • 2.8 असम • 2.9 उड़ीसा • 2.10 दिल्ली • 2.11 अजमेर मेरवाड़ा • 2.12 कूर्ग • 2.13 मैसूर • 2.14 जम्मू एवं कश्मीर • 2.15 त्रावणकोर-कोचीन • 2.16 मध्य भारत • 2.17 सौराष्ट्र • 2.18 राजस्थान • 2.19 विन्ध्य प्रदेश • 2.20 कूचबिहार • 2.21 त्रिपुरा और मणिपुर • 2.22 भोपाल • 2.23 कच्छ • 2.24 हिमाचल प्रदेश • 3 समितियाँ • 4 घटनाक्रम • 5 चित्रावली • 6 सन्दर्भ • 7 इन्हेंभीदेखें • 8 बाहरी कड़ियाँ परिचय [ ] भारतीय संविधान सभा के सदस्य [ ] मद्रास [ ] महाराष्ट्र [ ] पश्चिम बंगाल [ ] [ ] पूर्वी पंजाब [ ] बिहार [ ] [ ] असम [ ] उड़ीसा [ ] दिल्ली [ ] अजमेर मेरवाड़ा [ ] कूर्ग [ ] मैसूर [ ] (वर्तमान में जम्मू एवं कश्मीर [ ] त्रावणकोर-कोचीन [ ] (वर्तमान में मध्य भारत [ ] सौराष्ट्र [ ] राजस्थान [ ] जयपुर से विन्ध्य प्रदेश [ ] कूचबिहार [ ] त्रिपुरा और मणिपुर [ ] भोपाल [ ] कच्छ [ ] हिमाचल प्रदेश [ ] समितियाँ [ ] संविधान सभा ने संविधान निर्माण के कार्य को त्वरित गति से पूरा करने के लिए 22 समितियों का निर्माण किया था जिसमें आठ प्रमुख समितियाँ थीं। प्रमुख समितियाँ • मसौदा समिति - • केन...