साबर मंत्र कैसे सिद्ध करें

  1. अति प्राचीन शाबर मंत्र कौन सा है / शाबर मंत्र के नुकसान
  2. शाबर वशीकरण मंत्र संग्रह, Shabar Mantro dwara Vashikaran ke Achook upaay
  3. कैसे करे शाबर मंत्र सिद्ध
  4. अति प्राचीन ग्रामीण शाबर मंत्र जो करें हर समस्या का निवारण
  5. Shabar Mantra Bhairav
  6. Grahan me Mantra Siddh
  7. इस तरीके से तुरंत सिद्ध हो जाते हैं मंत्र, जानिए रहस्य...


Download: साबर मंत्र कैसे सिद्ध करें
Size: 65.57 MB

अति प्राचीन शाबर मंत्र कौन सा है / शाबर मंत्र के नुकसान

अति प्राचीन शाबर मंत्र कौन सा है / शाबर मंत्र के नुकसान –व्यक्ति अगर काफी मेहनत करता हैं. फिर भी उसको सफलता नहीं मिलती हैं. तो वह हताश और परेशान हो जाता हैं. व्यक्ति जो पाना चाहता है. उसके पीछे मन लगाकर भागता हैं. फिर भी व्यक्ति को जो चाहिए वह नहीं मिल पाता हैं. हमने काफी जगह पर ऐसे लोग देखे हैं. जो अपने जीवन में कुछ पाने के लिए मेहनत करने से पीछे नहीं हटते हैं. लेकिन मेहनत करने के बाद भी कुछ नहीं मिलता हैं. जब व्यक्ति का काम मेहनत से नहीं होता हैं. तो कुछ लोग तंत्र-मंत्र का सहारा लेते हैं. जो व्यक्ति के काम में आ जाता हैं. और व्यक्ति को सफलता मिल जाती हैं. जिसमें से अति प्राचीन शाबर मंत्र बहुत ही प्रभावशाली माना जाता हैं. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से अति प्राचीन शाबर मंत्र तथा शाबर मंत्र के नुकसान बताने वाले हैं. इसके अलावा यह भी बताने वाले है की शाबर मंत्र कैसे सिद्ध करें. यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. अति प्राचीन शाबर मंत्र काला कलवा चौंसठ वीर वेगी आओ माई, के वीर अजर तोड़ो बजर तोड़ो किले का, बंधन तोड़ो नजर तोड़ो मुठ तोड़ो, जहां से आई वही को मोड़ो जल खोलो जलवाई, खोलो बंद पड़े तुपक को खोलो, घर दुकान का बंधन खोलो, बंधे खेत खलिहान खोलो, बंधा हुआ मकान खोलो, बंधी नाव पतवार खोलो, दस दिशा का बंधन खोलो, इतना काम मेरा न करे, तो तुझको माता का दूध पिया हराम है, माता पार्वती की दुहाई, शब्द सांचा फुरो मंत्र ईश्वर वाचा दोस्तों यह मंत्र अति प्राचीन शाबर मंत्र माना जाता हैं. इस मंत्र के जाप से आपको सभी क्षेत्र में सफलता मिल सकती हैं. तथा यह मंत्र सिद्ध करने के पश्चात आपकी सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं. अगर इस मंत्र का आप गलत उप...

शाबर वशीकरण मंत्र संग्रह, Shabar Mantro dwara Vashikaran ke Achook upaay

Shabar Mantra dwara Vashikaran 1. शाबर मंत्र : तिलक द्वारा वशीकरण (Tilak dwara Vashikaran ) :- ॐ नमो आदेश गुरु को | राजा मोहुँ | प्रजा मोहुँ | मोहुँ ब्राह्मण बनियाँ | हनुमन्त ब्राह्मण बनियाँ | हनुमन्त रूप मे जगत मोहूँ | तो रामचन्द्र परमाणियाँ | गुरु की शक्ति | मेरी भक्ति | फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा | शनिवार के दिन सिन्दूरी हनुमान जी की प्रतिमा का पूजन करें और मूर्ति को सिन्दूर का चोला चढ़ाएं | इसके बाद इस मंत्र की एक माला का जाप करें | यह जाप आप 21 दिन तक लगातार करें | जब आवश्यकता हो यह मंत्र जाप करते हुए किसी चौराहे से मिटटी उठा लें और भाल का टीका लगातार अभिलाषित व्यक्ति के समक्ष जायें तो वह आपकी जी – हुजूरी करने लगेगा | 2. शाबर मंत्र : स्त्री वशीकरण (Stri Vashikaran ):- काला कलुवा चौंसठ वीर | ताल भागी तोर | जहाँ को भेजू वहीं को जाये | माँस – मज्जा को शब्द बन जाये | अपना मारा , आप दिखावे | चलत बाण मारु | उलट मूठ मारु | मार मार कलुआ | तेरी आस चार | चौमुख दिया | मार बादी की छाती | इतना काम मेरा न करे तो तुजे माता का दूध पिया हराम | आप जिस भी स्त्री को अपने वश में करना चाहते है उसके बाएँ पाँव के नीचे की मिटटी लेकर इस मिटटी को इस मंत्र द्वारा 7 बार अभिमंत्रित कर ले और अब इस मिटटी को अभिलषित स्त्री के सिर पर डाल दे | ऐसा करने से वह स्त्री आपके वशीभूत जो जाएगी | कृपया इस प्रकार के मंत्रो का आप गलत कार्य के लिए उपयोग कदापि न करें | 3. शाबर मंत्र : चमेली के तेल द्वारा वशीकरण (Chameli ke Tel dwara Vashikaran) :- ॐ नमो मन मोहिनी | मोहिनी चला | गैर के मस्तक धरा | तेल का दीपक जला | जल मोहुँ | थल मोहुँ | मोहुँ सारा जगत | मोहिनी रानी जा शैया पै ला | न लाये तो गौरा पार्वती की दुहाई | लोना च...

कैसे करे शाबर मंत्र सिद्ध

फिर एक मिट्टी के पात्र में पानी भर कर मन्त्र - लिखित भोजपत्रों को उसमें डालते जायें अथवा उन्हें किसी नदी की धारा में प्रवाहित करदें तो उस मन्त्र का उत्कीलन हो जाता है। अष्टगन्ध में निम्नलिखित वस्तुओं की गणना की जाती है १ . गोरोचन २. कपूर ३ .हाथी का मद ४ .अगर ५ .कस्तूरी ६ .केशर ७ .लाल चन्दन और ८ . श्वेत चन्दन मिट्टी द्वारा पुरुष के आकार वाली इष्टदेव की प्रतिमा बनायें फिर उसकी प्राण प्रतिष्ठा करे तदुपरान्त शुभ महर्त में भोजपत्र के ऊपर मन्त्र लिखकर , उसे प्रतिमा की छाती में लगाएँ तथा एक मास तक उसका धूप , दीप , नैवेद्य आदि से पूजन कर तदुपरान्त गुरु की आज्ञा लेकर उस मन्त्र को तो स्वयं लेले तथा प्रतिमा को नदी में बहाकर ब्राह्मणों को भोजन करायें। फिर मन्त्र का जप करें तो वह सिद्ध हो जायेगा।

अति प्राचीन ग्रामीण शाबर मंत्र जो करें हर समस्या का निवारण

ग्रामीण शाबर मंत्र में तो कुछ मंत्र ऐसे हैं जिनको सिद्ध करने की जरूरत नहीं होती केवल कुछ समय उच्चारण करने से ही इनका प्रभाव स्पष्ट दिखाई देने लगता है। एक बात का ध्यान हमेशा रखना चाहिए कि शाबर मंत्रों को सिद्ध करने से पूर्व अपने गुरु से दीक्षा विधिवत रूप से लेनी चाहिए। दिवाली, होली या ग्रहण के अवसर पर इन मंत्रों के जाप से विशेष सिद्धि और फल प्राप्त होते हैं और हमारी राय में एक बार जब मंत्र में सिद्धि हासिल हो जाए तब भी उस मंत्र का नित्य जाप करना चाहिए ताकि उस मंत्र का प्रभाव निरंतर बना रहे। यदि किसी ग्रामीण शाबर मंत्र की जप संख्या निर्धारित नहीं है तो मात्र 1008 बार मंत्र जाप करने से ही उस मंत्र को सिद्ध समझना चाहिए, फिर भी हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि शाबर मंत्र की साधना सिद्धि से पूर्व किसी शाबर मंत्र विशेषज्ञ योग्य गुरु से ही परामर्श करने के बाद इस मंत्र में सिद्धि हासिल करें। साधना में सिद्धि कैसे हासिल करे अति प्राचीन ग्रामीण शाबर मंत्र की सिद्धि के लिए मन में दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति का होना आवश्यक है, जिस प्रकार की इच्छा शक्ति साधक के मन में होती है उसी प्रकार का लाभ उसे मिल जाता है. यदि मन में दृढ़ इच्छाशक्ति है तो अन्य किसी भी परिस्थिति या कुविचारों का उस पर प्रभाव नहीं पड़ता। जो मनुष्य मन में धारणा बना लेता है और उस पर दृढ़ रहता है वह मनुष्य सदैव प्रसन्न और शांत रहता है और शाबर मंत्रों में सिद्धि आसानी से हासिल कर सकता है। संसार में जितने भी उच्च कोटि के योगी और साधक हुए हैं उनके मूल में दृढ़ इच्छाशक्ति ही रही है क्योंकि दृढ़ इच्छाशक्ति के माध्यम से ही व्यक्ति अपने महान कार्यों का संचालन करता है और उसी के द्वारा वह सफलता प्राप्त करता है। ग्रामीण शाबर मंत्रों में ...

Shabar Mantra Bhairav

कहते हैं कि सभी देवी और देवताओं के शाबर मंत्री की रचना मत्स्येंद्रनाथ के शिष्य गुरु गोरखनाथ ने की थी। शाबर मंत्र बहुत ही सरल भाषा परंतु सटीक होते हैं। भैरवनाथ का भी साबर मंत्र है। साबर मंत्र के साथ एक बात यह जुड़ी है कि इनका जप करने में सावधानी और नियम का पालन करना जरूरी है अन्यथा उल्टा परिणाम भुगतना पड़ सकता है। आओ जानते हैं भैरव नाथ का शाबर मंत्र। उल्लेखनीय है कि उक्त शाबर मंत्र की जप और साधना विधि जानकर ही इसका जप करें। यहां सिर्फ जानकारी के लिए ही यह मंत्र दिया गया है। किसी योग्य जानकार से ही जानकर इस मंत्र का जप करें, क्योंकि भैरवनाथ के शाबर मं‍त्र कई है और सभी मंत्रों के कार्य अलग अलग है। आपके उद्येश्य के अनुसार ही मंत्र का चयन करना होता है।

Grahan me Mantra Siddh

चन्द्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण धार्मिक द्रष्टि से बहुत महत्व रखते है | ग्रहण काल का समय जहाँ गर्भवती महिलाओं , बीमार और वृद्धों के लिए अशुभ संकेत देने वाला माना गया है वहीं साधकों के लिए ग्रहण काल एक सुनहरे अवसर के रूप में आता है | बड़े-बड़े साधक लम्बे समय से ग्रहण काल( Grahan me Mantra Siddh)का इन्तजार करते है ताकि उस समय वे अपनी साधना में सिद्धि प्राप्त कर सके | धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ग्रहण काल में किये गये मंत्र जप और यज्ञ से 100 गुना अधिक पुण्य प्राप्त होता है और शीघ्र ही मंत्र भी सिद्ध होते है | सूर्य ग्रहण जून 2020 : आने वाली इस तारीख 21 जून 2020 को सूर्य ग्रहण होने जा रहा है | जिसे भारत सहित – मध्य अफ्रीका – इथियोपिया – पाकिस्तान – चीन और कांगो आदि देशों में देखा जा सकेगा | सूर्य ग्रहण को नंगी आँखों से नहीं देखना चाहिए, इससे आपकी आँखों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है | सूर्य ग्रहण 21 जून 2020 समय सूर्य ग्रहण 21 जून रविवार को सुबह 10 बजकर 21 मिनट से आरम्भ होकर दोपहर 2 बजकर 2 मिनट तक रहेगा | इस प्रकार सूर्य ग्रहण काल की कुल अवधि 3 घंटे 25 मिनट की रहेगी Grahan me Mantra Siddh : ग्रहण के समय में मंत्र सिद्धि :- शास्त्रों के अनुसार ग्रहण काल का समय अशुभ माना गया है जिसमें मंदिरों के कपाट बंद रहते है | ग्रहण काल के समय किसी भी प्रकार की पूजा-पाठ करना वर्जित माना गया है | किन्तु ग्रहण काल के समय में किये गये यज्ञ और मंत्र जप का पुण्य 100 गुना अधिक प्राप्त होता है ऐसा शास्त्रों में वर्णित है | किसी भी शाबर मंत्र को सिद्ध करने के लिए ग्रहण काल का समय सबसे उपयुक्त माना गया है | बहुत से साधक तो अपनी साधना में सफलता प्राप्त करने के लिए ग्रहण काल आने का इन्तजार करते है | 21 जून को होन...

इस तरीके से तुरंत सिद्ध हो जाते हैं मंत्र, जानिए रहस्य...

मुख्यत: 3 प्रकार के मंत्र होते हैं- 1.वैदिक 2.तांत्रिक और 3.शाबर मंत्र।..पहले तो आपको यह तय करना होगा कि आप किस तरह के मंत्र को जपने का संकल्प ले रहे हैं। साबर मंत्र बहुत जल्द सिद्ध होते हैं, तांत्रिक मंत्र में थोड़ा समय लगता है और वैदिक मंत्र थोड़ी देर से सिद्ध होते हैं। लेकिन जब वैदिक मंत्र सिद्ध हो जाते हैं और उनका असर कभी समाप्त नहीं होता है। मंत्र जप तीन प्रकार हैं:- 1.वाचिक जप, 2. मानस जप और 3. उपाशु जप। वाचिक जप में ऊंचे स्वर में स्पष्ट शब्दों में मंत्र का उच्चारण किया जाता है। मानस जप का अर्थ मन ही मन जप करना। उपांशु जप का अर्थ जिसमें जप करने वाले की जीभ या ओष्ठ हिलते हुए दिखाई देते हैं लेकिन आवाज नहीं सुनाई देती। बिलकुल धीमी गति में जप करना ही उपांशु जप है। मंत्र नियम : मंत्र-साधना में विशेष ध्यान देने वाली बात है- मंत्र का सही उच्चारण। दूसरी बात जिस मंत्र का जप अथवा अनुष्ठान करना है, उसका अर्घ्य पहले से लेना चाहिए। मंत्र सिद्धि के लिए आवश्यक है कि मंत्र को गुप्त रखा जाए। प्रतिदिन के जप से ही सिद्धि होती है। किसी विशिष्ट सिद्धि के लिए सूर्य अथवा चंद्रग्रहण के समय किसी भी नदी में खड़े होकर जप करना चाहिए। इसमें किया गया जप शीघ्र लाभदायक होता है। जप का दशांश हवन करना चाहिए और ब्राह्मणों या गरीबों को भोजन कराना चाहिए। इसी तरह लगातार जप का अभ्यास करते रहने से आपके चित्त में वह मंत्र इस कदर जम जाता है कि फिर नींद में भी वह चलता रहता है और अंतत: एक दिन वह मंत्र सिद्ध हो जाता है। दरअसल, मन जब मंत्र के अधीन हो जाता है तब वह सिद्ध होने लगता है। अब सवाल यह उठता है कि सिद्ध होने के बाद क्या होता है या कि उसका क्या लाभ? आओ अगले पन्नों पर इसे जानते हैं। मंत्र सिद्ध होने पर क्या...