साहिवाल गाय की पहचान

  1. साहिवाल गाय का महत्व: पहचान, कीमत और दूध
  2. Essay on Cow in Hindi
  3. गाय की प्रमुख नस्ले


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साहिवाल गाय का महत्व: पहचान, कीमत और दूध

साहिवाल गाय की पहचान (Sahiwal Gay Ki Pahchan) • • रंग: साहिवाल गाय( Sahiwal Cow) का रंग गंभीर होता है और अधिकतर गायों की तुलना में लाल रंग का होता है। इसके बाकी हिस्सों पर अक्सर सफेद रंग की धाराएं होती हैं। • साइज: साहिवाल गाय एक मजबूत और भारी जानवर होती है, जिसकी वजन लगभग 500 किलोग्राम तक हो सकता है। • शीर्ष: साहिवाल गाय का शीर्ष थोड़ा बड़ा होता है और इसमें एक लंबी और स्थिर वसा की धारा होती है जो उसकी शीर्ष पर ढीली होती है। • बैक कम्ब: साहिवाल गाय का बैक कम्ब सुथरी होता है जो उसे अधिक सुगमता से गायब होने वाली बीमारियों से बचाता है। • उपस्थिति: साहिवाल साहिवाल गाय की उत्पत्ति (Origin Of Sahiwal Cow) साहिवाल (Sahiwal Gai) का मूल स्थान पाकिस्तान है, जो पंजाब प्रांत के साहीवाल जिले से आती है। इसीलिए इसे साहीवाल गाय कहा जाता है। यह गाय पाकिस्तान, भारत, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और अन्य कुछ देशों में पाई जाती है। साहीवाल गाय का मूल स्थान पाकिस्तान में होने के कारण इसे पाकिस्तानी गाय भी कहा जाता है। इस नस्ल को पाकिस्तान के अलावा भारत में भी पाला जाता है और इसे भारतीय साहीवाल गाय भी कहा जाता है। साहिवाल गाय की विशेषता- Sahiwal Nasl Ki Gay • उत्तम दूध उत्पादन: साहिवाल गाय एक उत्तम दूध उत्पादक है। इसका दूध मक्खन जैसा होता है जो कि घर में आसानी से बने घी के लिए उपयोग किया जा सकता है (Sahiwal nasl ki gay) • स्वस्थ शारीरिक गुणवत्ता: साहिवाल गाय का शारीर बहुत मजबूत और स्वस्थ होता है जो इसे अन्य प्रजातियों से अलग बनाता है। इसके शारीर में ऊर्जा भरपूर होती है जो इसे उन्नति तक पहुंचाती है। • सहज शोध प्रणाली: साहिवाल गाय की शोध प्रणाली अन्य प्रजातियों से अलग होती है। इसके अंदर कई उपयोगी ए...

Essay on Cow in Hindi

गाय पर हिंदी में निबंध –Essay on Cow for Class 1 to 12th गाय पर निबंध – Essay on Cow in Hindi –इस लेख में हम गाय के विषय पर विस्तारपूर्वक चर्चा करेंगे। यह निबंध काफी सरल तथा ज्ञानवर्धक है। इन निबंधों के माध्यम से हमने गाय से जुड़े विभिन्न विषयों जैसे कि गाय को माता क्यों कहते हैं? गाय का भारतीय संस्कृति में महत्व क्या है? गौपालन का इतिहास क्या है? गाय सबसे अच्छा पालतू जीव क्यों है? गाय का खान-पान क्या है? गाय का उपयोग क्या है? आदि पर प्रकाश डालने का प्रयास किया है। सामग्री – (Content) • • • • • • • • • • प्रस्तावना गाय हमारी पृथ्वी पर हजारों वर्षों से विद्यमान है। गाय को हिंदू धर्म में मां के समान माना गया है क्योंकि जिस प्रकार हमारी मां हमारा पूरा ख्याल रखती है उसी प्रकार गाय भी हमें स्वादिष्ट दूध देकर हमें हृष्ट पुष्ट बनाती है। गाय पूरे विश्व भर में पाई जाती है और इसे पूरे विश्व में एक पालतू जानवर के रूप में ही पाला जाता है। हमारे भारत देश में गाय को हिंदू धर्म में पूजनीय माना गया है। यहाँ पर गाय की हत्या करना एक बहुत बड़ा अपराध है। विश्व भर में सबसे ज्यादा गाय हमारे भारत में ही पाई जाती है। भारत में गाय को सम्मान की नज़रों से देखा जाता है क्योंकि हिंदू धर्म में कहा जाता है कि गाय के अंदर 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। कई देशों में गाय को पवित्र पशु का दर्जा प्राप्त है और भारत में इसे एक देवी की तरह पूजा जाता है। हिंदू समाज ने गाय को माँ का दर्जा दिया है और इसे ”गौ-माता” कहकर संबोधित किया जाता है। गाय की उत्पत्ति गाय की उत्पत्ति की पुराणों में कई प्रकार की कथाएँ मिलती है। पहली तो यह कि जब ब्रह्मा एक मुख से अमृत पी रहे थे तो उनके दूसरे मुख से कुछ फेन (झाग) निकल गया...

गाय की प्रमुख नस्ले

इस लेख में हम गाय की प्रमुख नस्ले,जैसे-दुधारू नस्ल और द्विकाजी नस्ल के बारे में जानेंगे। पशुपालन को हम कृषि से अलग करके नही देख सकते क्योंकि प्राचीनकाल से ही कृषि और पशुपालन को बराबर महत्व दिया गया है। गाय एक महत्वपूर्ण पशु है जो दुनिया में हर जगह पाई जाती है। जिसके दूध से हम काफी चीजे बनाते है । इनके बछड़े बड़े होकर गाडी खीचते है और खेत में जुताई का काम भी करते है। भारत में लगभग गाय की 40 नस्ले पाई जाती है।इनकी उपयोगिता के आधार पर इन्हें तीन भागो में बाटा गया। गाय की प्रमुख नस्ले – ये भी पढ़े– ये भी पढ़े- दुधारू नस्ल- इस नस्ल की गायो को मुख्य रूप से दूध के लिए पाला जाता है। यह नस्ल डेयरी में अधिक दूध उत्पादन के लिए पाली जाती है । जैसे – साहीवाल- साहिवाल नस्ल की गाय जेबू मवेशी नस्ल की गाय है ,जिनका जन्म स्थान पाकिस्तान बॉर्डर और भारत का पंजाब का फाजिल्का जिला क्षेत्र माना जाता है। इनका वजन लगभग 400-500kg (मादा) और नर का वजन 600-700kg होता है। एक ब्यात में औसतन 2270kg दूध उत्पादन होता है। देवानी- देवानी नस्ल की गाय दक्षिणभारत में पाई जाई है।इनका दुश उत्तम होता है। ये मध्यम आकार की होती है,इनका वजन लगभग 350kg-400kg होता है और एक ब्यात में लगभग 1500kg-2000kg दूध उत्पादन होता है । गिर-गिर नस्ल की गाय गुजरात में पायी जाती है।यह भारी वजन वाली गाय होती है इनका वजन लगभग 600kg-800kg होता है। एक ब्यात में 1500kg-3500kg दूध उत्पादन होता है।ये स्वभाव से काफी शांत होती है। ये भी पढ़े- ये भी पढ़े- सिन्धी- सिन्धी नस्ल की गाय पकिस्तान के सिंध प्रांत में पाई जाती है,इनका आकार मध्यम होता है ये काफी शांत और धैर्यशाली होती है इनका वजन लगभग 500kg होता है और ये एक ब्यात में 1500kg-3500kg दूध उत्पादन ...

साहीवाल

साहीवाल- गुणों से भरपूर शानदार गाय साहीवाल ‘ज़ेबु मवेशियों’ की नस्ल है और इसे भारत में सबसे अच्छी दुधारू मवेशियों में से एक माना जाता है। साहिवाल की उत्पत्ति शुष्क पंजाब क्षेत्र में हुई, जो भारतीय-पाकिस्तानी सीमा के साथ स्थित है। उन्हें एक बार बड़े-बड़े झुंडों में रखा जाता था, जिन्हें पेशेवर चरवाहे “जंगीज” कहते थे। यह सबसे होनहार नस्ल है जो दूध की सबसे अधिक मात्रा का उत्पादन करती है और इसके बाद लाल सिंधी और बुटाना नस्लों के समान है। इन जानवरों को “लैंबी बार”, “लोला”, “मॉन्टगोमेरी”, “मुल्तानी” और “लेली” के रूप में भी जाना जाता है। इसकी लोकप्रियता का कारण यह है कि दूध उत्पादन के मामले में साहिवाल तुलनात्मक रूप से अधिक कुशल हैं। इसके अलावा, इसके दूध में वसा की मात्रा अधिक होती है, जो अन्य आयातित गाय की नस्लों की तुलना में बहुत स्वस्थ है। यह उच्च मक्खन वसा सामग्री के साथ दूध की उच्च गुणवत्ता का उत्पादन करने की अपनी क्षमता के कारण लोकप्रिय है। कहा जा रहा है कि, सहिवाल का उपयोग वाणिज्यिक मांस उत्पादन के लिए भी किया जा सकता है, आमतौर पर खेत में। साहीवाल मवेशियों की उत्पत्ति पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के साहीवाल जिले से हुई है। नस्ल का प्रजनन पथ पंजाब के फिरोजपुर और अमृतसर जिले और राजस्थान के श्री गंगानगर जिले है। शुद्ध साहिवाल मवेशियों के अच्छे झुंड पंजाब में फिरोजपुर जिले के फाजिल्का और अबोहर कस्बों के आसपास उपलब्ध हैं। गायों का रंग भूरा लाल होता है; शेड्स महोगनी लाल भूरे रंग से लेकर अधिक लाल रंग तक भिन्न हो सकते हैं। एक साहीवाल गाय कितना दूध देती है? अन्य देसी गाय की नस्लों की तुलना में साहीवाल गाय अधिक दूध देती है। औसत उपज 8 से 10 लीटर प्रति गाय प्रति दिन है, 4.5% की वसा सामग्...