साइबर क्राइम व्हाट्सप्प नंबर

  1. Home Ministry Issued New Cyber Crime Helpline Number, Know Cyber Expert Advice Ann
  2. साइबर क्राइम शिकायत को पुलिस के साइबर सेल में कैसे दर्ज करें
  3. याद रखें ये 4 अंक, Cyber Crime होने पर तुरंत करें डायल, मिल जाएंगे पैसे, जानें कैसे करता है काम
  4. Cyber Fraud: बदल गया है साइबर क्राइम का हेल्पलाइन नबंर, अब यहां दर्ज करें शिकायत
  5. मोबाइल में सेव कर लें 4 डिजिट का ये खास नंबर, ऑनलाइन फ्रॉड से बचने में मिलेगी मदद
  6. Cyber Fraud: बदल गया है साइबर क्राइम का हेल्पलाइन नबंर, अब यहां दर्ज करें शिकायत
  7. याद रखें ये 4 अंक, Cyber Crime होने पर तुरंत करें डायल, मिल जाएंगे पैसे, जानें कैसे करता है काम
  8. मोबाइल में सेव कर लें 4 डिजिट का ये खास नंबर, ऑनलाइन फ्रॉड से बचने में मिलेगी मदद
  9. Home Ministry Issued New Cyber Crime Helpline Number, Know Cyber Expert Advice Ann
  10. साइबर क्राइम शिकायत को पुलिस के साइबर सेल में कैसे दर्ज करें


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Home Ministry Issued New Cyber Crime Helpline Number, Know Cyber Expert Advice Ann

Cyber Fraud New Helpline Number: डिजिटल लेन-देन के बढ़ते दौर के बीच देश में साइबर क्राइम (Cyber Crime) भी बढ़ता जा रहा है. ठग रोजाना नए-नए तरीकों से ऑनलाइन फ्रॉड (Online Fraud) को अंजाम दे रहे हैं. इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार ने शिकायत के लिए 155260 नंबर जारी किया था लेकिन अब इस नंबर की जगह दूसरा नंबर लॉन्च किया गया है. ये नंबर गृह मंत्रालय (Home Ministry) के निर्देश पर जारी किया गया है और वेबसाइड पर भी दिखाई दे रहा है जो देशभर में लागू होगा. नए जारी हुए नंबर पर कॉल कर आप अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. जारी किया गया है ये नंबर गृह मंत्रालय ने 155260 की जगह 1930 हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. साइबर एक्सपर्ट श्याम चन्देल ने बताया की साइबर अपराध के मामलों की बढ़ती संख्या के जवाब में गृह मंत्रालय के निर्देश पर पुलिस विभाग ने एक नया साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 शुरू किया है. ये नंबर पहले से संचालित टोल फ्री नंबर 155260 की जगह लेगा. टोल फ्री नंबर को चरणबद्ध तरीके से बदला जाएगा. नया साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 के साथ-साथ पुराना 155260 नंबर भी काम करेगा. तुरंत दर्ज करा सकते हैं शिकायत श्याम चन्देल ने बताया कि पिछले कुछ सालों में देश में डिजिटल व ऑनलाइन बैंकिंग का चलन तेजी से बढ़ा है तो वहीं प्रतिदिन साइबर क्राइम से जुड़ी घटनाएं भी बढ़ी हैं. हालांकि, जब भी हमारे साथ कुछ ऐसा होता है तो जानकारी की कमी के चलते हम तुरंत धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज नहीं करा पाते हैं. ऐसे में कुछ तरीकों के जरिए लोग मिनटों में अपनी शिकायत दर्ज करा पाएंगे. इसके लिए सबसे पहले प्रार्थी अपनी शिकायत साइबर पोर्टल पर भी दर्ज करा सकते हैं. इसके लिए उसे आधिकारिक पोर्टल (https://cybercrime.gov.in/) पर विजिट करना होगा. ...

साइबर क्राइम शिकायत को पुलिस के साइबर सेल में कैसे दर्ज करें

Image Source- https://rb.gy/ul5dhw यह लेख Ramanuj Mukherjee , सीईओ, लॉसिखो द्वारा लिखा गया है और एमिटी लॉ स्कूल, नोएडा की लॉ की 5वीं वर्ष की छात्रा Pooja Kapoor और निरमा विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ के तीसरे वर्ष के छात्र Yash Jain द्वारा अपडेट किया गया है। इस लेख में साइबर क्राइम शिकायत की अवधारणा (कंसेप्ट) और साइबर क्राइम की शिकायत को ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से दर्ज करने के तरीके पर चर्चा की गई है। इस लेख का अनुवाद Sakshi Gupta द्वारा किया गया है। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • साइबर क्राइम क्या है? कोई भी गतिविधि (एक्टिविटी) जो गैरकानूनी प्रकृति की होती है, जिसमें ऐसी गतिविधि करने के लिए किसी नेटवर्क या नेटवर्क डिवाइस या कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है, साइबर क्राइम के रूप में जाना जाता है। इस परिभाषा से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि “कंप्यूटर” मुख्य तत्व है जिसका उपयोग या तो सीधे साइबर क्राइम करने के लिए एक उपकरण (टूल) के रूप में किया जा सकता है या अन्य कंप्यूटर्स या उपकरणों को टारगेट करने के लिए किया जा सकता है। पहली श्रेणी (केटेगरी) जिसमें सीधे हथियार के रूप में कंप्यूटर की आवश्यकता होती है, में साइबर टेरेरिज्म, पोर्नोग्राफी, इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स के उल्लंघन आदि जैसे क्राइम शामिल हैं। जबकि बाद की श्रेणी में हैकिंग, वायरस हमले आदि जैसे क्राइम किए जाते हैं। साइबर क्राइम शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया निम्नलिखित है। साइबर क्राइम एक आपराधिक गतिविधि है जो कंप्यूटर और इंटरनेट के उपयोग से की जाती है। कुछ स...

याद रखें ये 4 अंक, Cyber Crime होने पर तुरंत करें डायल, मिल जाएंगे पैसे, जानें कैसे करता है काम

साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके आप साइबर फ्रॉड की शिकायत कर सकते हैं. इससे आपको साइबर क्राइम में चोरी हुए पैसे को रिकवर करने में मदद मिलेगी. ऐसे में अगर आपको भी हैकर्स ने टारगेट किया है और आप भी साइबर क्राइम के शिकार बने हैं तो आपको बस 1930 पर कॉल करना है. ये एक तरह से इमरजेंसी नंबर की तरह काम करेगा. इससे पहले यूजर्स को 155360 डायल करना होता था लेकिन, उसे 1930 नंबर से रिप्लेस कर दिया गया है. गृह मंत्रालय ने DoT के साथ मिल कर इस नंबर को इस साल की शुरुआत में जारी किया था. कैसे काम करता है हेल्पलाइन नंबर? किसी तरह का साइबर क्राइम होने पर विक्टिम को हेल्पलाइन नंबर डायल करना होता है. इसके बाद कॉल करने वाले को नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल में एक फॉर्मली कंप्लेंट दर्ज करने के लिए कहा जाता है. इसके बाद एक टिकट फाइनेंशियल इंटरमिडियरीज (FI) कंसर्न के साथ जेनरेट होता है. फ्रॉड ट्रांजैक्शन टिकट डेबिटेड Fl (विक्टिम का बैंक अकाउंट) और क्रेडिटेड Fl (फ्रॉडस्टर का बैंक या वॉलेट) के डैशबोर्ड पर दिखता है. बैंक या वॉलेट जहां पर टिकट गया है वो फ्रॉड ट्रांजैक्शन की डिटेल्स को चेक करते हैं. अगर फंड को मूव किया जा चुका है तो अगले Fl को इसकी डिटेल्स शेयर की जाती है. लेकिन, अगर फंड को मूव नहीं किया गया है तो उसे होल्ड कर दिया जाता है. साइबर फ्रॉड होने की स्थिति में यूजर तुरंत सारी डिटेल्स साइबर हेल्पलाइन नंबर पर दें. इसमें देरी नहीं करनी चाहिए.

Cyber Fraud: बदल गया है साइबर क्राइम का हेल्पलाइन नबंर, अब यहां दर्ज करें शिकायत

जैसे-जैसे इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ रहा है, उसी स्पीड से साइबर फ्रॉड के मामले भी बढ़ रहे हैं. साइबर ठग नए-नए हथकंडे अपनाकर लोगों को ठग रहे हैं. बैंक से लेकर तमाम फाइनेंशियल सर्विस मुहैया कराने वाले और सरकार समय-समय पर लोगों को ऑनलाइन फ्रॉड को लेकर अलर्ट करते रहते हैं. सरकार ने साइबर फ्रॉड से जुड़े मामलों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं. दिल्ली पुलिस ने भी ऑनलाइन फ्रॉड से जुड़ी शिकायतों के लिए नया हेल्पलाइन नंबर 1900 शेयर किया है. अगर आपके साथ इंटरनेट से जुड़ा कोई क्राइम हुआ है तो आप इस नंबर पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा आप साइबर क्राइम की वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. बढ़ रही हैं घटनाएं डिजिटलाइजेशन का दौर में साइबर अपराधों की संख्या में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है. जालसाज लोगों को ठगने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाते रहते हैं. ऐसे में आपको काफी ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. लोगों को ठगने के लिए जालसाल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सहारा लेते हैं. क्योंकि, लोग अपना ज्यादा समय सोशल मीडिया साइट्स पर ही गुजारते हैं. साइबर अपराधी सोशल मीडिया साइट्स पर कई तरह के डिस्काउंट का लालच दिखाकर लोगों को लूटते हैं. यह भी पढ़ें- इन बातों का रखें ध्यान सोशल मीडिया पर बंपर डिस्काउंट, लॉटरी लगने या फिर इनाम जीतने वाले विज्ञापनों के झांसे में ना आएं. अगर आप डिस्काउंट का विज्ञापन देखने के बाद कुछ शॉपिंग का प्लान कर भी रहे हैं तो सबसे पहले उस वेबसाइट के बारे में अच्छे से पता कर लें. ध्यान दें कि वेबसाइट की रिटर्न पॉलिसी क्या है. अगर कुछ भी डाउटफुल लगे तो शॉपिंग ना करें. अगर आप कोई सामान ले रहे हैं तो कैश ऑन डिलीवरी का ऑप्शन ही चुनें. इस...

मोबाइल में सेव कर लें 4 डिजिट का ये खास नंबर, ऑनलाइन फ्रॉड से बचने में मिलेगी मदद

Cyber Security: देशभर में साइबर क्राइम (Cyber Crime) का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है. जालसाज ऑनलाइन ठगी के नए-नए तरीके निकाल रहे हैं. ऑनलाइन फ्रॉर्ड (Online Fraud) को रोकने के लिए सरकार समय-समय पर लोगों को जागरूक कर रही है. इस कड़ी में, सरकार ने ऑनलाइन फ्रॉर्ड के शिकार लोगों की मदद के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. चार डिजिट का यह नंबर सभी के लिए खास है क्योंकि यहां ऑनलाइन ठगी का शिकार होने की शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसलिए आप अपने मोबाइल में इस खास नंबर को जरूर सेव कर लें. ये भी पढ़ें- साइबर फ्रॉड से बचने के तरीके- • Cash Voucher, Rewards और Lottery जैसे ऑनलाइन झांसों के लालच में ना आये, क्योंकि ये साइबर अपराध का प्रयास हो सकता है. • बैंक कभी भी ATM कार्ड नंबर, OTP, PIN जैसी जानकारी फोन पर नहीं मांगता. • किसी अजनबी या दोस्त द्वारा किए गए अनैतिक या अभद्र विडिओ कॉल को स्वीकार न करें. यह ब्लैकमेलिंग/ धमकी देने के लिए रिकार्ड किया जा सकता है. • ओटीपी शेयर नहीं करें. OTP आपके बैंक खाता, ई-वॉलेट, मोबाइल वॉलेट व सोशल मीडिया की चाभी है. • इंस्टेंट लोन ऐप से सावधान रहें. कस्टमर केयर कॉल एक स्कैम कॉल हो सकती है. ऐसे कॉल की दोहरी जांच करें और निजी जानकारी कभी शेयर न करें. • उस पासवर्ड को तुरंत बदल दें जो गलती से किसी के साथ साझा हो गया हो. • Free की हर चीज अच्छी नहीं होती. ऑनलाइन भुगतान करने के लिए असुरक्षित / public वाईफाई नेटवर्क का उपयोग न करें. ये भी पढ़ें- Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

Cyber Fraud: बदल गया है साइबर क्राइम का हेल्पलाइन नबंर, अब यहां दर्ज करें शिकायत

जैसे-जैसे इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ रहा है, उसी स्पीड से साइबर फ्रॉड के मामले भी बढ़ रहे हैं. साइबर ठग नए-नए हथकंडे अपनाकर लोगों को ठग रहे हैं. बैंक से लेकर तमाम फाइनेंशियल सर्विस मुहैया कराने वाले और सरकार समय-समय पर लोगों को ऑनलाइन फ्रॉड को लेकर अलर्ट करते रहते हैं. सरकार ने साइबर फ्रॉड से जुड़े मामलों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं. दिल्ली पुलिस ने भी ऑनलाइन फ्रॉड से जुड़ी शिकायतों के लिए नया हेल्पलाइन नंबर 1900 शेयर किया है. अगर आपके साथ इंटरनेट से जुड़ा कोई क्राइम हुआ है तो आप इस नंबर पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा आप साइबर क्राइम की वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. बढ़ रही हैं घटनाएं डिजिटलाइजेशन का दौर में साइबर अपराधों की संख्या में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है. जालसाज लोगों को ठगने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाते रहते हैं. ऐसे में आपको काफी ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. लोगों को ठगने के लिए जालसाल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सहारा लेते हैं. क्योंकि, लोग अपना ज्यादा समय सोशल मीडिया साइट्स पर ही गुजारते हैं. साइबर अपराधी सोशल मीडिया साइट्स पर कई तरह के डिस्काउंट का लालच दिखाकर लोगों को लूटते हैं. यह भी पढ़ें- इन बातों का रखें ध्यान सोशल मीडिया पर बंपर डिस्काउंट, लॉटरी लगने या फिर इनाम जीतने वाले विज्ञापनों के झांसे में ना आएं. अगर आप डिस्काउंट का विज्ञापन देखने के बाद कुछ शॉपिंग का प्लान कर भी रहे हैं तो सबसे पहले उस वेबसाइट के बारे में अच्छे से पता कर लें. ध्यान दें कि वेबसाइट की रिटर्न पॉलिसी क्या है. अगर कुछ भी डाउटफुल लगे तो शॉपिंग ना करें. अगर आप कोई सामान ले रहे हैं तो कैश ऑन डिलीवरी का ऑप्शन ही चुनें. इस...

याद रखें ये 4 अंक, Cyber Crime होने पर तुरंत करें डायल, मिल जाएंगे पैसे, जानें कैसे करता है काम

साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके आप साइबर फ्रॉड की शिकायत कर सकते हैं. इससे आपको साइबर क्राइम में चोरी हुए पैसे को रिकवर करने में मदद मिलेगी. ऐसे में अगर आपको भी हैकर्स ने टारगेट किया है और आप भी साइबर क्राइम के शिकार बने हैं तो आपको बस 1930 पर कॉल करना है. ये एक तरह से इमरजेंसी नंबर की तरह काम करेगा. इससे पहले यूजर्स को 155360 डायल करना होता था लेकिन, उसे 1930 नंबर से रिप्लेस कर दिया गया है. गृह मंत्रालय ने DoT के साथ मिल कर इस नंबर को इस साल की शुरुआत में जारी किया था. कैसे काम करता है हेल्पलाइन नंबर? किसी तरह का साइबर क्राइम होने पर विक्टिम को हेल्पलाइन नंबर डायल करना होता है. इसके बाद कॉल करने वाले को नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल में एक फॉर्मली कंप्लेंट दर्ज करने के लिए कहा जाता है. इसके बाद एक टिकट फाइनेंशियल इंटरमिडियरीज (FI) कंसर्न के साथ जेनरेट होता है. फ्रॉड ट्रांजैक्शन टिकट डेबिटेड Fl (विक्टिम का बैंक अकाउंट) और क्रेडिटेड Fl (फ्रॉडस्टर का बैंक या वॉलेट) के डैशबोर्ड पर दिखता है. बैंक या वॉलेट जहां पर टिकट गया है वो फ्रॉड ट्रांजैक्शन की डिटेल्स को चेक करते हैं. अगर फंड को मूव किया जा चुका है तो अगले Fl को इसकी डिटेल्स शेयर की जाती है. लेकिन, अगर फंड को मूव नहीं किया गया है तो उसे होल्ड कर दिया जाता है. साइबर फ्रॉड होने की स्थिति में यूजर तुरंत सारी डिटेल्स साइबर हेल्पलाइन नंबर पर दें. इसमें देरी नहीं करनी चाहिए.

मोबाइल में सेव कर लें 4 डिजिट का ये खास नंबर, ऑनलाइन फ्रॉड से बचने में मिलेगी मदद

Cyber Security: देशभर में साइबर क्राइम (Cyber Crime) का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है. जालसाज ऑनलाइन ठगी के नए-नए तरीके निकाल रहे हैं. ऑनलाइन फ्रॉर्ड (Online Fraud) को रोकने के लिए सरकार समय-समय पर लोगों को जागरूक कर रही है. इस कड़ी में, सरकार ने ऑनलाइन फ्रॉर्ड के शिकार लोगों की मदद के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. चार डिजिट का यह नंबर सभी के लिए खास है क्योंकि यहां ऑनलाइन ठगी का शिकार होने की शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसलिए आप अपने मोबाइल में इस खास नंबर को जरूर सेव कर लें. ये भी पढ़ें- साइबर फ्रॉड से बचने के तरीके- • Cash Voucher, Rewards और Lottery जैसे ऑनलाइन झांसों के लालच में ना आये, क्योंकि ये साइबर अपराध का प्रयास हो सकता है. • बैंक कभी भी ATM कार्ड नंबर, OTP, PIN जैसी जानकारी फोन पर नहीं मांगता. • किसी अजनबी या दोस्त द्वारा किए गए अनैतिक या अभद्र विडिओ कॉल को स्वीकार न करें. यह ब्लैकमेलिंग/ धमकी देने के लिए रिकार्ड किया जा सकता है. • ओटीपी शेयर नहीं करें. OTP आपके बैंक खाता, ई-वॉलेट, मोबाइल वॉलेट व सोशल मीडिया की चाभी है. • इंस्टेंट लोन ऐप से सावधान रहें. कस्टमर केयर कॉल एक स्कैम कॉल हो सकती है. ऐसे कॉल की दोहरी जांच करें और निजी जानकारी कभी शेयर न करें. • उस पासवर्ड को तुरंत बदल दें जो गलती से किसी के साथ साझा हो गया हो. • Free की हर चीज अच्छी नहीं होती. ऑनलाइन भुगतान करने के लिए असुरक्षित / public वाईफाई नेटवर्क का उपयोग न करें. ये भी पढ़ें- Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

Home Ministry Issued New Cyber Crime Helpline Number, Know Cyber Expert Advice Ann

Cyber Fraud New Helpline Number: डिजिटल लेन-देन के बढ़ते दौर के बीच देश में साइबर क्राइम (Cyber Crime) भी बढ़ता जा रहा है. ठग रोजाना नए-नए तरीकों से ऑनलाइन फ्रॉड (Online Fraud) को अंजाम दे रहे हैं. इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार ने शिकायत के लिए 155260 नंबर जारी किया था लेकिन अब इस नंबर की जगह दूसरा नंबर लॉन्च किया गया है. ये नंबर गृह मंत्रालय (Home Ministry) के निर्देश पर जारी किया गया है और वेबसाइड पर भी दिखाई दे रहा है जो देशभर में लागू होगा. नए जारी हुए नंबर पर कॉल कर आप अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. जारी किया गया है ये नंबर गृह मंत्रालय ने 155260 की जगह 1930 हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. साइबर एक्सपर्ट श्याम चन्देल ने बताया की साइबर अपराध के मामलों की बढ़ती संख्या के जवाब में गृह मंत्रालय के निर्देश पर पुलिस विभाग ने एक नया साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 शुरू किया है. ये नंबर पहले से संचालित टोल फ्री नंबर 155260 की जगह लेगा. टोल फ्री नंबर को चरणबद्ध तरीके से बदला जाएगा. नया साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 के साथ-साथ पुराना 155260 नंबर भी काम करेगा. तुरंत दर्ज करा सकते हैं शिकायत श्याम चन्देल ने बताया कि पिछले कुछ सालों में देश में डिजिटल व ऑनलाइन बैंकिंग का चलन तेजी से बढ़ा है तो वहीं प्रतिदिन साइबर क्राइम से जुड़ी घटनाएं भी बढ़ी हैं. हालांकि, जब भी हमारे साथ कुछ ऐसा होता है तो जानकारी की कमी के चलते हम तुरंत धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज नहीं करा पाते हैं. ऐसे में कुछ तरीकों के जरिए लोग मिनटों में अपनी शिकायत दर्ज करा पाएंगे. इसके लिए सबसे पहले प्रार्थी अपनी शिकायत साइबर पोर्टल पर भी दर्ज करा सकते हैं. इसके लिए उसे आधिकारिक पोर्टल (https://cybercrime.gov.in/) पर विजिट करना होगा. ...

साइबर क्राइम शिकायत को पुलिस के साइबर सेल में कैसे दर्ज करें

Image Source- https://rb.gy/ul5dhw यह लेख Ramanuj Mukherjee , सीईओ, लॉसिखो द्वारा लिखा गया है और एमिटी लॉ स्कूल, नोएडा की लॉ की 5वीं वर्ष की छात्रा Pooja Kapoor और निरमा विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ के तीसरे वर्ष के छात्र Yash Jain द्वारा अपडेट किया गया है। इस लेख में साइबर क्राइम शिकायत की अवधारणा (कंसेप्ट) और साइबर क्राइम की शिकायत को ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से दर्ज करने के तरीके पर चर्चा की गई है। इस लेख का अनुवाद Sakshi Gupta द्वारा किया गया है। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • साइबर क्राइम क्या है? कोई भी गतिविधि (एक्टिविटी) जो गैरकानूनी प्रकृति की होती है, जिसमें ऐसी गतिविधि करने के लिए किसी नेटवर्क या नेटवर्क डिवाइस या कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है, साइबर क्राइम के रूप में जाना जाता है। इस परिभाषा से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि “कंप्यूटर” मुख्य तत्व है जिसका उपयोग या तो सीधे साइबर क्राइम करने के लिए एक उपकरण (टूल) के रूप में किया जा सकता है या अन्य कंप्यूटर्स या उपकरणों को टारगेट करने के लिए किया जा सकता है। पहली श्रेणी (केटेगरी) जिसमें सीधे हथियार के रूप में कंप्यूटर की आवश्यकता होती है, में साइबर टेरेरिज्म, पोर्नोग्राफी, इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स के उल्लंघन आदि जैसे क्राइम शामिल हैं। जबकि बाद की श्रेणी में हैकिंग, वायरस हमले आदि जैसे क्राइम किए जाते हैं। साइबर क्राइम शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया निम्नलिखित है। साइबर क्राइम एक आपराधिक गतिविधि है जो कंप्यूटर और इंटरनेट के उपयोग से की जाती है। कुछ स...