साईं बाबा की अमृतवाणी

  1. रोज करें साईं बाबा जी का ये पाठ, मिलेगा संतान प्राप्ति का सुख – Perfect Gyan
  2. Sai Baba Biography in Hindi
  3. साईं बाबा की आरती पढ़े
  4. साईं अमृत वाणी
  5. Sai Baba Ke 11 Vachan
  6. Maharashtra: शिरडी के साईं बाबा संस्थान ने मस्जिदों के लिए किया दान? इस दावे की सच्चाई सामने आई
  7. Sai Baba Thursday Vrat Puja Vidhi Udhyapan Niyam When To Start Sai Baba Guruwar Vrat


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रोज करें साईं बाबा जी का ये पाठ, मिलेगा संतान प्राप्ति का सुख – Perfect Gyan

Aarati Katha : गुरुवार के दिन श्री शिरडी साईं बाबा की पूजा-अर्चना की जाती हैं। जाे काेई भी सच्चे मन के साथ उनकी भक्ती करता हैं उसकी हर इच्छा पूरी हाेती हैं, ताे चलिए करते हैं श्री शिरडी साईं कवच का पाठ- ॥ साई कवच ॥ सदगुरु साई मुझे शक्ति दो, करुँ मैं तेरा ध्यान । विनती सुन लो, मुझ को दे दो चरणों में स्थान ॥ अंतर्मन के सिंहासन पर बैठो दयानिधान । बीते कितने जनम व्यर्थ ही अब कर दो कल्याण ॥ श्रद्धा-सबुरी ही हो मेरी भक्ति का आधार । ज्ञानरश्मि दो और मिटा दो अंतस का अंधियार ॥ लक्ष्मी बनकर भर दो मेरा खाली घर-भण्डार । बनकर राम संयमित कर दो वाणी और व्यवहार ॥ षडरिपुओं का शमन करो मेटो बाधा-व्यवधान । रोग-शोक को हर लो साई दो सुख का वरदान ॥ शरण तुम्हारी आया हूँ कर दो जीवन आसान । कृपा करके पूरा कर दो मुक्ति का अरमान ॥ तुम हो अंतर्यामी साई समझो मन के भाव । पूरा कर दो पूर्व कर्म का बाकी बचा हिसाब ॥ भक्तों के वत्सल हो साई, मेटो सकल अभाव । चित्त शुद्ध कर दो, मुझको दो अपना परम स्वभाव ॥ प्रेमपूर्णता, करुणामयता, निश्छलता दो साई । दयाभाव दो, क्षमाभाव दो, विनम्रता दो साई ॥ बल-सम्बल दो, संतृप्ति दो, निर्भयता दो साई । सच्चाई, ईमान, मधुरता अरु समता दो साई ॥ ज्योतिपुंज हो, ज्योतित कर दो अंतस का आकाश । हर लो सारी चिंता, हर पल दो अपना एहसास ॥ सारे पूज्य स्वरुप तुम्हारे ही स्वरुप हैं साई । सिरजनहार सकल सृष्टि का एक तुम्हीं हो साई ॥ शांति, परमसुख, शुभाशीष और कृपादृष्टि दो साई । साई कवच को उर्जा से भरपूर बना दो साई ॥ गाये जो “श्री साई कवच” वो पाये तेरी सुरक्षा । कठिन समय में भी उसकी पूरी हो जाये इच्छा ॥ धन–सन्तति–सम्मान–सुयश सब सहज प्राप्त हो साई । हर दिन सुखमय, सारा जीवन मंगलमय हो साई ॥ श्रधा से तेरी महिमा...

Sai Baba Biography in Hindi

आज शिरडी के साईं बाबा से बड़ी संख्या में लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। साईं बाबा के अद्भुत चमत्कारों और रहस्यों की चर्चा उनके भक्तों द्वारा हमेशा की जाती रही है। साईं बाबा को भगवान का अवतार माना जाता है, जिनकी पूजा हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों के लोग समान भाव से करते हैं। साईं बाबा एक भारतीय धार्मिक गुरु थे, जिन्हें उनके अनुयायियों द्वारा एक फकीर, संत, योगी और सतगुरु के रूप में विश्व स्तर पर पूजा जाता है। साईं बाबा के जन्म और उनके धर्म को लेकर कई तरह के विरोधाभास प्रचलित हैं, कोई उन्हें हिंदू मानता है तो कोई मुस्लिम। वर्तमान में वह एक चमत्कारी व्यक्ति थे जो सभी धर्मों का सम्मान करते थे, जो जीवन भर “सब का मलिक एक” का जाप करते रहे। उन्होंने सभी धर्मों के लोगों से प्रेम के साथ रहने का आह्वान करना जारी रखा और हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों का पाठ पढ़ाते रहे। उन्होंने मुस्लिम टोपी पहनी थी, और अपना अधिकांश जीवन शिरडी, महाराष्ट्र में एक सुनसान मस्जिद में गुजारा। साईं बाबा का जन्म आज भी बना हुआ है रहस्य साईं बाबा के जन्म, जन्मस्थान और धर्म के बारे में इतिहासकारों और विद्वानों के कई अलग-अलग मत हैं। कुछ विद्वानों के अनुसार उनका जन्म 28 सितंबर 1835 को महाराष्ट्र के पथरी गांव में हुआ था। उनके जन्म के संबंध में अभी तक कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है। हालांकि, कई दस्तावेजों के अनुसार, साईं बाबा को पहली बार 1854 ई. में शिरडी में देखा गया था। उस दौरान उनकी उम्र करीब 16 साल रही होगी। साईं सच्चरित्र पुस्तक के अनुसार, साईं बाबा का जन्म 27 सितंबर, 1830 को महाराष्ट्र राज्य के पथरी में हुआ था और 23 से 25 वर्ष की आयु में शिरडी आ गए थे। साईं सत्चरित्र पुस्तक के अनुसार, साईं 16 वर्ष की आयु में ब्रिटिश ...

साईं बाबा की आरती पढ़े

जीवन में सुख का आधार बाबा की शिक्षाओं–श्रद्धा और सबुरी–का पालन तथा उन्हें साफ दिल से याद करना है। जो ऐसा करता है, उसे हर तरह की बरकत नसीब होती है। ऐसा कौन है जो बाबा के दर से खाली हाथ जाता हो? कोई नहीं। आइए, उन्हें दिल से याद करें और भक्तिभाव से भर जाएँ– आरती श्री साई गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की। जा की कृया विपुल सुखकारी, दुःख, शोक, संकट, भयहारी। शिरडी में अवतार रचाया, चमत्कार से तत्त्व दिखाया। कितने भक्त चरण पर आये, वे सुख शान्ति चिरंतन पाये। भाव धेरै जो मन में जैसा, पावत अनुभव वो ही वैसा। गुरुकी उदी लगावे तन को, समाधान लाभत उस मन को। गुरुवासर करिपूजा-सेवा, उस पर कृपा करत गुरुदेवा। विविध धर्म के सेवक आते, दर्शन इच्छित फल पाते। जै बोलो साईं बाबा की, जै बोलो अवधूत गुरु की। साईंदास आरती को गावै, घर में बसि सुख, मंगल पावे। एक अमेज़न एसोसिएट के रूप में उपयुक्त ख़रीद से हमारी आय होती है। यदि आप यहाँ दिए लिंक के माध्यम से ख़रीदारी करते हैं, तो आपको बिना किसी अतिरिक्त लागत के हमें उसका एक छोटा-सा कमीशन मिल सकता है। धन्यवाद! विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर साईं बाबा की आरती (Sai Baba Ki Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें साईं बाबा की आरती रोमन में– Read Sai Baba Ki Aarti āratī śrī sāī guruvara kī, paramānanda sadā suravara kī। jā kī kṛyā vipula sukhakārī, duḥkha, śoka, saṃkaṭa, bhayahārī। śiraḍī meṃ avatāra racāyā, camatkāra se tattva dikhāyā। kitane bhakta caraṇa para āye, ve sukha śānti ciraṃtana pāye। bhāva dherai jo mana meṃ jaisā, pāvata anubhava vo hī vaisā। gurukī udī lagāve tana ko, samādhāna ...

साईं अमृत वाणी

“साईं करूणा” जिस घर में साईं की पूजा होती हैं, साईं आपके करुणा से सबकी विपदा ताली, साईं आपके चिंतन से हर दुःख की रैना ढली जय हो साई बाबा, जय हो साई बाबा। साईं आपकी शक्ति की ज्योति हर मन में हैं, आपके नाम की सुगंध तो कण कण में हैं। जो साँसे आपके नाम की माला जापे, उसकी नैया कभी भी भंवर मैं ना घिरे। साईं आपके समक्ष बलाओं की एक ना चली जय हो साई बाबा,जय हो साई बाबा। साईं नाम की शक्ति हर एक भक्त के पास हैं, भक्त का बहुत बिस्वास हैं साईं आप पर, आपकी पूजा से ही घर का अंधकार मिटे, और दुःख की काली छाया भी दूर भागे। साईं आप हो राजाओं के राजा शिरडी के साईं महाराज जय हो साई बाबा, जय हो साई बाबा।

Sai Baba Ke 11 Vachan

जिस प्रकार माना जाता है जो कोई भी भक्त सच्चे मन से साईं बाबा का नाम लेता है, उसकी साड़ी समस्याएं दूर हो जाती है और कोई भी मुश्किल का समाधान हो जाता है। साईं बाबा अपने भक्तों के दुख दर्द को तुरंत दूर कर देते हैं। यह भी पढ़ें: साईं बाबा अपने भक्तों के जीवन में सभी समस्याओं का निवारण कर देते हैं। जो कोई भी साईं बाबा की शरण में गया है वह कभी भी दुखी नहीं लौटा है। बाबा को याद करने से सारी समस्याएं पल भर में दूर हो जाती है बाबा की महिमा अपरंपार है। विषय सूची • • • • • • • • • • • • • • Sai Baba Ke 11 Vachan Hindi वैसे तो साईं बाबा की पूजा करने का कोई विधिवत तरीका नहीं है लेकिन साईं बाबा के द्वारा दिए गए Gyarah अनमोल Vachan ही उनके भक्तों एवं श्रद्धालुओं के लिएअमूल्य है। बहुत से लोग कहते हैं कि साईं बाबा के 11 वचन को जीवन में उतार लेने से सारी समस्याओं का समाधान हो जाता है, एवं उनके जीवन में कभी कष्टों का आगमन नहीं होता उन्हें हर जगह सफलताएं प्राप्त होती है। तो आइए दोस्तों जानते हैं साईं बाबा के 11 वचन कौन-कौन से हैं ? “जो शिरडी में आयेगा, आपद दूर भगाएगा” साईं बाबा का प्रसिद्ध मंदिर शिरडी एवं उनका मुख्य स्थान भी शिर्डी में है। इसलिए साईं बाबा इस वचन में कहते हैं सिर्फ शिर्डी आने मात्र से ही उनके सभी भक्तों का दुख दूर हो जाता है एवं उनके जीवन में कोई भी समस्याएं नहीं रहती है। “चढ़े समाधि की सीढ़ी पर, पैर तले दुख की पीढ़ी पर” यदि आपके मन में साईं बाबा के प्रति श्रद्धा भावना है तो शिरडी के समाधि वाले शिरडी पर पैर रखते ही आपके सारे दुखों का निवारण हो जाएगा एवं कोई भी समस्या आपको पीछे मुड़कर नहीं देखेगी। “त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौड़ आऊंगा” साईं बाबा कहते हैं भले ही मैं अपने श...

Maharashtra: शिरडी के साईं बाबा संस्थान ने मस्जिदों के लिए किया दान? इस दावे की सच्चाई सामने आई

Maharashtra: शिरडी के साईं बाबा संस्थान ने मस्जिदों के लिए किया दान? इस दावे की सच्चाई सामने आई Shirdi Sai Baba Sansthaan: शिरडी के साईं बाबा के चरणों में श्रद्धालू जो लाखों-करोड़ों रुपए के मूल्य की रकम या चीजें दान करते हैं, उसका एक बड़ा हिस्सा मस्जिदों को दान किया जा रहा है. ऐसी एक खबर सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही है. अहमदनगर: शिरडी के साईं बाबा के चरणों में जो भक्त गण लाखों-करोड़ों रुपयों के मूल्य की नकद और सामान दान करते हैं, उनका एक बड़ा हिस्सा क्या मस्जिदों को पहुंचाया जा रहा है? क्या शिरडी साईं संस्थान बाबा के चरणों में भेंट की हुई राशि मस्जिदों की मदद के लिए इस्तेमाल में ला रही है? अगर ऐसा किया जा रहा है तो इसके पीछे की वजह क्या है? आखिर शिरडी साईं संस्थान की ओर से दान की रकम मस्जिदों के लिए देने की जरूरत क्या है? ये सारे सवाल उतनी ही तेजी से खड़े हो रहे हैं, जितनी तेजी से सोशल मीडिया में यह खबर फैल रही है. इस खबर के साथ एक वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में कुछ लोग ढेर सारी रकम बोरों में भरते हुए नजर आ रहे हैं. ये सारे लोग टोपी पहने हुए हैं. यानी साफ तौर से मुसलमान नजर आ रहे हैं. इस वीडियो और खबर के वायरल होने की वजह से साईं भक्तों के बीच एक भ्रम पैदा हो गया है. चूंकि यह खबर अब तक किसी अधिकृत न्यूज वेबसाइट या चैनल में नहीं आई है, इसलिए साईं भक्त यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि वे सोशल मीडिया में फैल रही खबर पर यकीन करें कि नहीं? यह भी पढ़ें- वीडियो में नोट गिनते हुए लोग मुसलमान हैं, पर पैसे साईं बाबा के दान के हैं? सोशल मीडिया में वायरल हो रही खबर के साथ जुड़े वीडियो में मौजूद लोग मुसलमान हैं, वे नोट गिनते हुए भी नजर आ रहे हैं, लेकिन क्या ये नोट ...

Sai Baba Thursday Vrat Puja Vidhi Udhyapan Niyam When To Start Sai Baba Guruwar Vrat

Sai Baba, Thursday vrat Puja: गुरुवार का दिन साईं बाबा को समर्पित हैं. साईं बाबा के लिए सभी भक्त समान हैं, उन्होंने कभी जाति, धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया. जो सच्चे मन से साईं की भक्ति करता है कहते हैं उसके समस्त कष्टों का निवारण हो जाता है. साईं का मात्र नाम जपने से ही मुरादें पूर्ण हो जाती है लेकिन गुरुवार के दिन साईं बाबा का व्रत रखने से वो अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं. नान्यता है कि गुरुवार को साईं बाबा का व्रत रखने से बिगड़े काम बन जाते हैं. आइए जानते हैं कि साईं बाबा का व्रत कितने दिन तक करें और क्या है पूजन विधि साईं बाबा के व्रत कैसे किया जाता है? साईं बाबा माह कि किसी भी गुरुवार से शुरु किया जा सकता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए साईं बाबा का 9 गुरुवार तक लगातार व्रत रखना शुभ होता है. व्रत को शुरु करते समय 5,7,9, 11 या 21 व्रत का संकल्प लें. मन्नत के गुरुवार पूर्ण होने पर व्रत का उद्यापन करें. व्रतधारी विधिवत गुरुवार व्रत का उद्यापन करने के बाद इस दिन गरीबों को भोजन जरुर कराएं और सामर्थ्य अनुसार दान दें. गरीबों की सेवा से साईं बाबा बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं. साईं बाबा का व्रत कब शुरू करना चाहिए? • गुरुवार को साईं बाबा का व्रत सच्ची श्रृद्धा के साथ करें. गुरुवार व्रत का फल तभी मिलता है जब सच्चे मन से साईं बाबा की भक्ति की जाए. • साईं बाबा के व्रत में मन की शांति बहुत जरूरी है. ऐसे में दूसरों के प्रति द्वेष की भावना न रखें. वरना पूजा के सकारात्मक परिणाम नहीं मिलेंगे. • साईं बाबा के व्रत को निर्जल नहीं रखा जाता. ये व्रत अपनी क्षमतानुसार करें. इसमें साईं की आराधना के बाद फलाहार या एक समय भोजन भी कर सकते हैं. • किसी कारणवश...