साइमन कमीशन

  1. साइमन कमीशन की रिपोर्ट
  2. Simon Commission – साइमन कमीशन कि जानकारी हिंदी में – Hindi Jaankaari
  3. Simon Commission – साइमन कमीशन कि जानकारी हिंदी में – Hindi Jaankaari
  4. साइमन कमीशन की रिपोर्ट
  5. साइमन कमीशन की रिपोर्ट
  6. Simon Commission – साइमन कमीशन कि जानकारी हिंदी में – Hindi Jaankaari
  7. Simon Commission – साइमन कमीशन कि जानकारी हिंदी में – Hindi Jaankaari
  8. साइमन कमीशन की रिपोर्ट


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साइमन कमीशन की रिपोर्ट

साइमन कमीशन की रिपोर्ट 1.प्रांतों में दोहरा शासन समाप्त करके प्रांतों में उत्तरदायी शासन स्थापित किया जाए। 2.केन्द्रीय शासन में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जाए। 3.भारत के लिए संघीय शासन के स्थापना की जाए। 4.उच्च न्यायालय को भारतीय सरकार के अधीन कर दिया जाए। 5.अल्पसंख्यकों के हितों के लिए गवर्नर व गवर्नर जनरल को विशेष शक्तियाँ प्रदान की जाएँ। 6.प्रान्तीय विधान मण्डलों के सदस्यों की संख्या में वृद्धि कर दी जाए। 7.बर्मा को भारत से पृथक कर दिया जाए तथा सिंध एवं उड़ीसा को नए प्रांत के रूप में मान्यता प्रदान की जाए। 8.संघ के स्थापना से पहले भारत में एक ‘वृहदतर भारतीय परिषद’ की स्थापना की जाए। 9.रिपोर्ट में मताधिकार के विस्तार के सिफारिश की गई। 10.प्रत्येक दस वर्ष पश्चात् भारत की संवैधानिक प्रगति की जाँच को समाप्त कर दिया जाए तथा ऐसा नवीन लचीला संविधान बनाया जाए, जो स्वत: विकसित होता रहे। सयद्यपि साइमन कमीशन की बातों की तीखी आलोचना हुई तथा सर शिवस्वामी आयर द्वारा इसे रद्दी की टोकरी में फेंकने लायक बताया गया, किन्तु फिर भी इस कमीशन की अनेक बातों को 1935ई. के अधिनियम में अपना लिया गया। माक्र्वस आॅफ हेस्टिंग्स (1813-1823) पिन्डारियों का दमन, मराठा शक्ति अन्तिम रूप से नष्ट कर दी गयी। मालाबार, कनारा, कोयम्बटूर, मदुरै एवं डिडिंगुल में रैयतवाड़ी एवं महलवारी दोनों की मिली-जुली भू-प्रणाली लागू की गई। नई न्याय प्रणाली तथा प्रेस पर पहले से चला आ रहा प्रतिबन्ध समाप्त कर दिया गया। लाॅड एमहस्र्ट (1823-28) भरतपुर का किला, जिसे जीतने में लाॅर्ड लेक को कड़ा संघर्ष करना पड़ा था, ध्वस्त कर दिया गया। लाॅर्ड विलियम बेंटिंक (1828-35) 1833 ई. के चार्टर अधिनियम के अन्तर्गत बेंटिक भारत का प्रथम गवर्नर ...

Simon Commission – साइमन कमीशन कि जानकारी हिंदी में – Hindi Jaankaari

साइमन कमीशन ब्रिटिश प्रधान मंत्री सर जॉन साइमन(John Simon ) ने शुरू किया था। साइमन कमीशन की घोषणा 8 November 1927 को की गयी। इस कमीशन में साथ ब्रिटिश सांसद के लोग थे। साइमन कमीशन को श्वेत कमीशन (White Commision ) भी कहा जाता है। इस कमीशन को बनाने का मुख्य कारण था भारत में संविधान को सुधारना। साइमन कमीशन की नियुक्ति कब हुई? कमीशन ki नियुक्ति 8 November 1927 को हुई। साइमन कमीशन में किसी भी भारतीय को नहीं रखा गया था जिसका बहुत विरोध हुआ। महात्मा गाँधी जी ने इसका भारत के नेताओ का अपमान माना। यहाँ देखें the simon commission was boycotted because, साइमन कमीशन भारत कब आया था, simon commission go back व साइमन कमीशन की नियुक्ति कब हुई कि जानकारी | what is साइमन कमीशन ? Aaiye jaane साइमन कमीशन के बारे में • ब्रिटिश लोगों का पतन न हो • सांप्रदायिक भावनाओं पैदा हो जिससे लोगो के अंदर मतभेद बना रहे। • लोगों को यह दिखाना की ब्रिटिश सरकार भारतीयों के लिए प्रयासों में ईमानदार थे। • शक्तिशाली प्रांत बनाया जा सके जिससे क्षेत्रीयवाद की भावना पैदा हो। • राजनीतिक अधिकार बन सके। साइमन कमीशन का विरोध क्यों? इस कमीशन का जमकर विरोध हुआ क्योकि इसमें एक भी भारतीय नहीं था। साइमन कमीशन से यह देखना चाहते थे की क्या अब भारत को अधिकार देने चाहिए य नहीं, अगर दिए जाये तो उसका महत्त्व क्या होगा? दूसरा कारण 1927को मद्रास कांग्रेस के अध्यक्ष श्री एम.एन. अंसारी ने कहा कि “भारतीय जनता का अधिकार है की वह अपने संविधान का निर्णय कर सके लेकिन साइमन कमीशन के द्वारा उसे मना क्र दिया गया मुस्लिम लीग ने भी इसका बहिष्कार किया साइमन कमीशन के सुझाव सभी देशो में व्यवस्तिथ तथा ज़िम्मेदार सरकार बनाई जाये| केन्द्र में उत्तरदायी...

Simon Commission – साइमन कमीशन कि जानकारी हिंदी में – Hindi Jaankaari

साइमन कमीशन ब्रिटिश प्रधान मंत्री सर जॉन साइमन(John Simon ) ने शुरू किया था। साइमन कमीशन की घोषणा 8 November 1927 को की गयी। इस कमीशन में साथ ब्रिटिश सांसद के लोग थे। साइमन कमीशन को श्वेत कमीशन (White Commision ) भी कहा जाता है। इस कमीशन को बनाने का मुख्य कारण था भारत में संविधान को सुधारना। साइमन कमीशन की नियुक्ति कब हुई? कमीशन ki नियुक्ति 8 November 1927 को हुई। साइमन कमीशन में किसी भी भारतीय को नहीं रखा गया था जिसका बहुत विरोध हुआ। महात्मा गाँधी जी ने इसका भारत के नेताओ का अपमान माना। यहाँ देखें the simon commission was boycotted because, साइमन कमीशन भारत कब आया था, simon commission go back व साइमन कमीशन की नियुक्ति कब हुई कि जानकारी | what is साइमन कमीशन ? Aaiye jaane साइमन कमीशन के बारे में • ब्रिटिश लोगों का पतन न हो • सांप्रदायिक भावनाओं पैदा हो जिससे लोगो के अंदर मतभेद बना रहे। • लोगों को यह दिखाना की ब्रिटिश सरकार भारतीयों के लिए प्रयासों में ईमानदार थे। • शक्तिशाली प्रांत बनाया जा सके जिससे क्षेत्रीयवाद की भावना पैदा हो। • राजनीतिक अधिकार बन सके। साइमन कमीशन का विरोध क्यों? इस कमीशन का जमकर विरोध हुआ क्योकि इसमें एक भी भारतीय नहीं था। साइमन कमीशन से यह देखना चाहते थे की क्या अब भारत को अधिकार देने चाहिए य नहीं, अगर दिए जाये तो उसका महत्त्व क्या होगा? दूसरा कारण 1927को मद्रास कांग्रेस के अध्यक्ष श्री एम.एन. अंसारी ने कहा कि “भारतीय जनता का अधिकार है की वह अपने संविधान का निर्णय कर सके लेकिन साइमन कमीशन के द्वारा उसे मना क्र दिया गया मुस्लिम लीग ने भी इसका बहिष्कार किया साइमन कमीशन के सुझाव सभी देशो में व्यवस्तिथ तथा ज़िम्मेदार सरकार बनाई जाये| केन्द्र में उत्तरदायी...

साइमन कमीशन की रिपोर्ट

साइमन कमीशन की रिपोर्ट 1.प्रांतों में दोहरा शासन समाप्त करके प्रांतों में उत्तरदायी शासन स्थापित किया जाए। 2.केन्द्रीय शासन में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जाए। 3.भारत के लिए संघीय शासन के स्थापना की जाए। 4.उच्च न्यायालय को भारतीय सरकार के अधीन कर दिया जाए। 5.अल्पसंख्यकों के हितों के लिए गवर्नर व गवर्नर जनरल को विशेष शक्तियाँ प्रदान की जाएँ। 6.प्रान्तीय विधान मण्डलों के सदस्यों की संख्या में वृद्धि कर दी जाए। 7.बर्मा को भारत से पृथक कर दिया जाए तथा सिंध एवं उड़ीसा को नए प्रांत के रूप में मान्यता प्रदान की जाए। 8.संघ के स्थापना से पहले भारत में एक ‘वृहदतर भारतीय परिषद’ की स्थापना की जाए। 9.रिपोर्ट में मताधिकार के विस्तार के सिफारिश की गई। 10.प्रत्येक दस वर्ष पश्चात् भारत की संवैधानिक प्रगति की जाँच को समाप्त कर दिया जाए तथा ऐसा नवीन लचीला संविधान बनाया जाए, जो स्वत: विकसित होता रहे। सयद्यपि साइमन कमीशन की बातों की तीखी आलोचना हुई तथा सर शिवस्वामी आयर द्वारा इसे रद्दी की टोकरी में फेंकने लायक बताया गया, किन्तु फिर भी इस कमीशन की अनेक बातों को 1935ई. के अधिनियम में अपना लिया गया। माक्र्वस आॅफ हेस्टिंग्स (1813-1823) पिन्डारियों का दमन, मराठा शक्ति अन्तिम रूप से नष्ट कर दी गयी। मालाबार, कनारा, कोयम्बटूर, मदुरै एवं डिडिंगुल में रैयतवाड़ी एवं महलवारी दोनों की मिली-जुली भू-प्रणाली लागू की गई। नई न्याय प्रणाली तथा प्रेस पर पहले से चला आ रहा प्रतिबन्ध समाप्त कर दिया गया। लाॅड एमहस्र्ट (1823-28) भरतपुर का किला, जिसे जीतने में लाॅर्ड लेक को कड़ा संघर्ष करना पड़ा था, ध्वस्त कर दिया गया। लाॅर्ड विलियम बेंटिंक (1828-35) 1833 ई. के चार्टर अधिनियम के अन्तर्गत बेंटिक भारत का प्रथम गवर्नर ...

साइमन कमीशन की रिपोर्ट

साइमन कमीशन की रिपोर्ट 1.प्रांतों में दोहरा शासन समाप्त करके प्रांतों में उत्तरदायी शासन स्थापित किया जाए। 2.केन्द्रीय शासन में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जाए। 3.भारत के लिए संघीय शासन के स्थापना की जाए। 4.उच्च न्यायालय को भारतीय सरकार के अधीन कर दिया जाए। 5.अल्पसंख्यकों के हितों के लिए गवर्नर व गवर्नर जनरल को विशेष शक्तियाँ प्रदान की जाएँ। 6.प्रान्तीय विधान मण्डलों के सदस्यों की संख्या में वृद्धि कर दी जाए। 7.बर्मा को भारत से पृथक कर दिया जाए तथा सिंध एवं उड़ीसा को नए प्रांत के रूप में मान्यता प्रदान की जाए। 8.संघ के स्थापना से पहले भारत में एक ‘वृहदतर भारतीय परिषद’ की स्थापना की जाए। 9.रिपोर्ट में मताधिकार के विस्तार के सिफारिश की गई। 10.प्रत्येक दस वर्ष पश्चात् भारत की संवैधानिक प्रगति की जाँच को समाप्त कर दिया जाए तथा ऐसा नवीन लचीला संविधान बनाया जाए, जो स्वत: विकसित होता रहे। सयद्यपि साइमन कमीशन की बातों की तीखी आलोचना हुई तथा सर शिवस्वामी आयर द्वारा इसे रद्दी की टोकरी में फेंकने लायक बताया गया, किन्तु फिर भी इस कमीशन की अनेक बातों को 1935ई. के अधिनियम में अपना लिया गया। माक्र्वस आॅफ हेस्टिंग्स (1813-1823) पिन्डारियों का दमन, मराठा शक्ति अन्तिम रूप से नष्ट कर दी गयी। मालाबार, कनारा, कोयम्बटूर, मदुरै एवं डिडिंगुल में रैयतवाड़ी एवं महलवारी दोनों की मिली-जुली भू-प्रणाली लागू की गई। नई न्याय प्रणाली तथा प्रेस पर पहले से चला आ रहा प्रतिबन्ध समाप्त कर दिया गया। लाॅड एमहस्र्ट (1823-28) भरतपुर का किला, जिसे जीतने में लाॅर्ड लेक को कड़ा संघर्ष करना पड़ा था, ध्वस्त कर दिया गया। लाॅर्ड विलियम बेंटिंक (1828-35) 1833 ई. के चार्टर अधिनियम के अन्तर्गत बेंटिक भारत का प्रथम गवर्नर ...

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साइमन कमीशन ब्रिटिश प्रधान मंत्री सर जॉन साइमन(John Simon ) ने शुरू किया था। साइमन कमीशन की घोषणा 8 November 1927 को की गयी। इस कमीशन में साथ ब्रिटिश सांसद के लोग थे। साइमन कमीशन को श्वेत कमीशन (White Commision ) भी कहा जाता है। इस कमीशन को बनाने का मुख्य कारण था भारत में संविधान को सुधारना। साइमन कमीशन की नियुक्ति कब हुई? कमीशन ki नियुक्ति 8 November 1927 को हुई। साइमन कमीशन में किसी भी भारतीय को नहीं रखा गया था जिसका बहुत विरोध हुआ। महात्मा गाँधी जी ने इसका भारत के नेताओ का अपमान माना। यहाँ देखें the simon commission was boycotted because, साइमन कमीशन भारत कब आया था, simon commission go back व साइमन कमीशन की नियुक्ति कब हुई कि जानकारी | what is साइमन कमीशन ? Aaiye jaane साइमन कमीशन के बारे में • ब्रिटिश लोगों का पतन न हो • सांप्रदायिक भावनाओं पैदा हो जिससे लोगो के अंदर मतभेद बना रहे। • लोगों को यह दिखाना की ब्रिटिश सरकार भारतीयों के लिए प्रयासों में ईमानदार थे। • शक्तिशाली प्रांत बनाया जा सके जिससे क्षेत्रीयवाद की भावना पैदा हो। • राजनीतिक अधिकार बन सके। साइमन कमीशन का विरोध क्यों? इस कमीशन का जमकर विरोध हुआ क्योकि इसमें एक भी भारतीय नहीं था। साइमन कमीशन से यह देखना चाहते थे की क्या अब भारत को अधिकार देने चाहिए य नहीं, अगर दिए जाये तो उसका महत्त्व क्या होगा? दूसरा कारण 1927को मद्रास कांग्रेस के अध्यक्ष श्री एम.एन. अंसारी ने कहा कि “भारतीय जनता का अधिकार है की वह अपने संविधान का निर्णय कर सके लेकिन साइमन कमीशन के द्वारा उसे मना क्र दिया गया मुस्लिम लीग ने भी इसका बहिष्कार किया साइमन कमीशन के सुझाव सभी देशो में व्यवस्तिथ तथा ज़िम्मेदार सरकार बनाई जाये| केन्द्र में उत्तरदायी...

Simon Commission – साइमन कमीशन कि जानकारी हिंदी में – Hindi Jaankaari

साइमन कमीशन ब्रिटिश प्रधान मंत्री सर जॉन साइमन(John Simon ) ने शुरू किया था। साइमन कमीशन की घोषणा 8 November 1927 को की गयी। इस कमीशन में साथ ब्रिटिश सांसद के लोग थे। साइमन कमीशन को श्वेत कमीशन (White Commision ) भी कहा जाता है। इस कमीशन को बनाने का मुख्य कारण था भारत में संविधान को सुधारना। साइमन कमीशन की नियुक्ति कब हुई? कमीशन ki नियुक्ति 8 November 1927 को हुई। साइमन कमीशन में किसी भी भारतीय को नहीं रखा गया था जिसका बहुत विरोध हुआ। महात्मा गाँधी जी ने इसका भारत के नेताओ का अपमान माना। यहाँ देखें the simon commission was boycotted because, साइमन कमीशन भारत कब आया था, simon commission go back व साइमन कमीशन की नियुक्ति कब हुई कि जानकारी | what is साइमन कमीशन ? Aaiye jaane साइमन कमीशन के बारे में • ब्रिटिश लोगों का पतन न हो • सांप्रदायिक भावनाओं पैदा हो जिससे लोगो के अंदर मतभेद बना रहे। • लोगों को यह दिखाना की ब्रिटिश सरकार भारतीयों के लिए प्रयासों में ईमानदार थे। • शक्तिशाली प्रांत बनाया जा सके जिससे क्षेत्रीयवाद की भावना पैदा हो। • राजनीतिक अधिकार बन सके। साइमन कमीशन का विरोध क्यों? इस कमीशन का जमकर विरोध हुआ क्योकि इसमें एक भी भारतीय नहीं था। साइमन कमीशन से यह देखना चाहते थे की क्या अब भारत को अधिकार देने चाहिए य नहीं, अगर दिए जाये तो उसका महत्त्व क्या होगा? दूसरा कारण 1927को मद्रास कांग्रेस के अध्यक्ष श्री एम.एन. अंसारी ने कहा कि “भारतीय जनता का अधिकार है की वह अपने संविधान का निर्णय कर सके लेकिन साइमन कमीशन के द्वारा उसे मना क्र दिया गया मुस्लिम लीग ने भी इसका बहिष्कार किया साइमन कमीशन के सुझाव सभी देशो में व्यवस्तिथ तथा ज़िम्मेदार सरकार बनाई जाये| केन्द्र में उत्तरदायी...

साइमन कमीशन की रिपोर्ट

साइमन कमीशन की रिपोर्ट 1.प्रांतों में दोहरा शासन समाप्त करके प्रांतों में उत्तरदायी शासन स्थापित किया जाए। 2.केन्द्रीय शासन में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जाए। 3.भारत के लिए संघीय शासन के स्थापना की जाए। 4.उच्च न्यायालय को भारतीय सरकार के अधीन कर दिया जाए। 5.अल्पसंख्यकों के हितों के लिए गवर्नर व गवर्नर जनरल को विशेष शक्तियाँ प्रदान की जाएँ। 6.प्रान्तीय विधान मण्डलों के सदस्यों की संख्या में वृद्धि कर दी जाए। 7.बर्मा को भारत से पृथक कर दिया जाए तथा सिंध एवं उड़ीसा को नए प्रांत के रूप में मान्यता प्रदान की जाए। 8.संघ के स्थापना से पहले भारत में एक ‘वृहदतर भारतीय परिषद’ की स्थापना की जाए। 9.रिपोर्ट में मताधिकार के विस्तार के सिफारिश की गई। 10.प्रत्येक दस वर्ष पश्चात् भारत की संवैधानिक प्रगति की जाँच को समाप्त कर दिया जाए तथा ऐसा नवीन लचीला संविधान बनाया जाए, जो स्वत: विकसित होता रहे। सयद्यपि साइमन कमीशन की बातों की तीखी आलोचना हुई तथा सर शिवस्वामी आयर द्वारा इसे रद्दी की टोकरी में फेंकने लायक बताया गया, किन्तु फिर भी इस कमीशन की अनेक बातों को 1935ई. के अधिनियम में अपना लिया गया। माक्र्वस आॅफ हेस्टिंग्स (1813-1823) पिन्डारियों का दमन, मराठा शक्ति अन्तिम रूप से नष्ट कर दी गयी। मालाबार, कनारा, कोयम्बटूर, मदुरै एवं डिडिंगुल में रैयतवाड़ी एवं महलवारी दोनों की मिली-जुली भू-प्रणाली लागू की गई। नई न्याय प्रणाली तथा प्रेस पर पहले से चला आ रहा प्रतिबन्ध समाप्त कर दिया गया। लाॅड एमहस्र्ट (1823-28) भरतपुर का किला, जिसे जीतने में लाॅर्ड लेक को कड़ा संघर्ष करना पड़ा था, ध्वस्त कर दिया गया। लाॅर्ड विलियम बेंटिंक (1828-35) 1833 ई. के चार्टर अधिनियम के अन्तर्गत बेंटिक भारत का प्रथम गवर्नर ...