सालनपुर हनुमानजी मंदिर

  1. हनुमानगढ़ी, अयोध्या
  2. सालासर बालाजी मंदिर की जानकारी, इतिहास और यात्रा
  3. Hanuman Mandir
  4. हनुमान जी के ये 10 प्रसिद्ध मंदिर जहां पूरी होती है हर मनोकामना
  5. ये है वो मंदिर जहां हनुमान जी के साथ विराजित है उनकी पत्नी सुवर्चला
  6. सोनपुर के हरिहरनाथ मंदिर के दर्शन की जानकारी


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हनुमानगढ़ी, अयोध्या

अयोध्या के मध्य में स्थित, 76 सीढ़ियाँ हनुमानगढ़ी तक जाती हैं जो मान्यता [ ] जब रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद भगवान राम अयोध्या लौटे, तो हनुमानजी यहां रहने लगे। इसीलिए इसका नाम हनुमानगढ़ या हनुमान कोट रखा गया। यहीं से हनुमानजी रामकोट की रक्षा करते थे। मुख्य मंदिर में, पवनसुत माता अंजनी की गोद में बैठते हैं। परिसर [ ] यह विशाल मंदिर और इसका आवासीय परिसर 52 बीघा में फैला हुआ है। वृंदावन, नासिक, उज्जैन, जगन्नाथपुरी सहित देश के कई मंदिरों में इस मंदिर की संपत्ति, अखाड़े और बैठकें हैं। हनुमान गढ़ी मंदिर इतिहास [ ] 1855 में, समारोह [ ] • • • इन्हें भी देखें [ ] • • • • बाहरी कड़ियाँ [ ] • सन्दर्भ [ ] • Lutgendorf, Philip (2007-01-11). Hanuman's Tale: The Messages of a Divine Monkey (अंग्रेज़ी में). Oxford University Press. पृ॰244. 978-0-19-804220-4. • Times of India Travel . अभिगमन तिथि 2020-07-28. • www.uptourism.gov.in. . अभिगमन तिथि 2020-07-28. • www.incredibleindia.org. . अभिगमन तिथि 2020-07-28. • www.ayodhya.gov.in. . अभिगमन तिथि 2020-07-29. • Dutta, Prabhash K (7 December 2017). India Today (अंग्रेज़ी में) . अभिगमन तिथि 2020-07-28. • Pillai, Manu S. (2017-12-06). Livemint (अंग्रेज़ी में) . अभिगमन तिथि 2020-07-29.

सालासर बालाजी मंदिर की जानकारी, इतिहास और यात्रा

3.2/5 - (4 votes) Salasar Balaji Temple In Hindi : अगर आप हनुमानजी के भक्त हैं और राजस्थान घूमने गए हैं, तो सालासर बालाजी मंदिर के दर्शन करना मत भूलिएगा। यह मंदिर राजस्थान के चुरू जिले में स्थित है। सालासर बालाजी पवन पुत्र हनुमान का पवित्र धाम है। कहने को तो भारत देश में हनुमानजी के कई मंदिर हैं, लेकिन हनुमानजी के इस मंदिर की उनके भक्तों के बीच बहुत मान्यता है। यही वजह है कि यहां हर साल 6 से 7 लाख हनुमान भक्त उनके दर्शन के लिए जुटते हैं। बालाजी के यहां प्रकट होने की कथा जितनी चमत्कारिक है, उतने ही चमत्कारी अंदाज में पवनपुत्र हनुमान बालाजी के रूप में अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं। उनके दर से कोई खाली हाथ नहीं लौटता। तो चलिए आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको राजस्थान के मशहूर सालासर बालाजी मंदिर का इतिहास और उनकी यात्रा कराते हैं। भारत में दो बालाजी मंदिर मशहूर हैं। एक तो आंध्रप्रदेश में स्थित • • • • • 1. श्री सालासर बालाजी धाम मंदिर का इतिहास – History Of Salasar Balaji In Hindi जब सालासर बालाजी मंदिर में हनुमानजी की मूर्ति स्थापित की गई थी। सालासर बालाजी मंदिर का इतिहास मै हनुमान भगवान बड़े ही चमत्कारिक ढंग से यहां प्रकट हुए थे। इसके पीछे की कथा भी बड़ी रोचक है। घटना 1754 की है जब नागपुर जिले में असोटा गांव में एक जाट किसान अपना खेत जोत रहा था। तभी उसका हल किसी नुकीली पथरीली चीज से टकराया। उसने खोदा तो देखा कि यहां एक पत्थर था। उसने पत्थर को अपने अंगोछे से साफ किया तो देखा कि पत्थर पर बालाजी भगवान की छवि बनी है। उसी समय जाट की पत्नी खाना लेकर आई, तो उसने भी मूर्ति को अपनी साड़ी से साफ किया और दोनों दंपत्ति ने पत्थर को साक्षात नमन किया। तब किसान ने बाजरे के चूरमे ...

Hanuman Mandir

1. बालाजी हनुमान मंदिर मेहंदीपुर (राजस्थान) : राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाड़ियों के बीच बसा हुआ घाटा मेहंदीपुर नामक स्थान है, जहां पर बहुत बड़ी चट्टान में हनुमानजी की आकृति स्वत: ही उभर आई है जिसे श्रीबालाजी महाराज कहते हैं। इसे हनुमानजी का बाल स्वरूप माना जाता है। इनके चरणों में छोटी-सी कुंडी है जिसका जल कभी समाप्त नहीं होता। यहां के हनुमानजी का विग्रह काफी शक्तिशाली एवं चमत्कारिक माना जाता है तथा इसी वजह से यह स्थान न केवल राजस्थान में बल्कि पूरे देश में विख्यात है। यहां हनुमानजी के साथ ही शिवजी और भैरवजी की भी पूजा की जाती है। जनश्रुति है कि यह मंदिर करीब 1 हजार साल पुराना है। यहां पर एक बहुत विशाल चट्टान में हनुमानजी की आकृति स्वयं ही उभर आई थी। इसे ही श्री हनुमानजी का स्वरूप माना जाता है। 2. बालाजी हनुमान मंदिर, सालासर (राजस्थान) : हनुमानजी का यह मंदिर राजस्थान के चुरु जिले के गांव सालासर में स्थित है। इन्हें सालासर के बालाजी हनुमान के नाम से पुकारा जाता है। यहां स्थित हनुमानजी की प्रतिमा दाढ़ी व मूंछ से सुशोभित है। दूर-दूर से श्रद्धालु यहां अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं और मनचाहा वरदान पाते हैं। Halharini amavasya 2023 : आषाढ़ माह की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते हैं। किसानों के लिए यह शुभ दिन है। यह दिन किसानों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि आषाढ़ में पड़ने वाली इस अमावस्या के समय तक वर्षा ऋतु का आरंभ हो जाता है और धरती भी नम पड़ जाती है। फसल की बुआई के लिए यह समय उत्तम होता है। इसे आषाढ़ी अमावस्या भी कहा जाता है। How to Care for Indoor Plants in Hindi : घर में हरेभरे पौधा के होने से मन प्रसन्न रहता है और सकारात्मकता फैलती है। क्या आपके गमले में पौधे ...

हनुमान जी के ये 10 प्रसिद्ध मंदिर जहां पूरी होती है हर मनोकामना

बालाजी हनुमान मंदिर, राजस्थान दाढ़ी और मूंछ वाली अनोखी हनुमान जी की मूर्ति को लोग सालासर वाले हनुमान जी के नाम से संबांधित करते हैं। यह मंदिर राजस्थान के चुरू जिले में स्थित सालासर गांव में स्थित है। कहते हैं कि हनुमत भक्ति के इस धाम में आने वाला व्यक्ति कभी खाली हाथ वापस नहीं जाता और उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। हनुमान दंडी मंदिर, गुजरात इस मंदिर में बजरंगबली मकरध्वज के साथ मौजूद हैं। मान्यता है कि मंदिर में मकरध्वज की मूर्ति हनुमाजन जी के मुकाबले पहले छोटी हुआ करती थी, लेकिन अब दोनों मूर्ति एक समान ऊंची हो गई है। मान्यता यह भी है कि अहिरावण ने भगवान श्रीराम-लक्ष्मण को इसी स्थान पर छिपाकर रखा था। जब हनुमानजी श्रीराम-लक्ष्मण को लेने के लिए आए, तब उनका मकरध्वज के साथ घोर युद्ध हुआ। अंत में बजरंगबली ने उसे परास्त कर उसी की पूंछ से उसे बांध दिया। संकटमोचन मंदिर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश मान्यता है कि हनुमानजी की यह मूर्ति गोस्वामी तुलसीदासजी के तप एवं पुण्य से प्रकट हुई थी। बाबा विश्वनाथ की नगरी में उनके अंशावतार बजरंग बली के बारे में मान्यता है कि उनके दर्शन मात्र से सभी संकट दूर हो जाते हैं। इसीलिए लोग इस मंदिर को संकटमोचन मंदिर के नाम से बुलाते हैं।

ये है वो मंदिर जहां हनुमान जी के साथ विराजित है उनकी पत्नी सुवर्चला

• about an hour ago • about an hour ago • 2 hours ago • 5 hours ago • 12 hours ago • 14 hours ago • 15 hours ago • 16 hours ago • 18 hours ago • 18 hours ago • 18 hours ago • 18 hours ago • 18 hours ago • 20 hours ago • 21 hours ago • 21 hours ago • 22 hours ago • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • 39.5°C हनुमान परमेश्वर की भक्ति की सबसे लोकप्रिय अवधारणाओं और भारतीय महाकाव्य रामायण के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों में प्रधान हैं। वह कुछ विचारों के अनुसार भगवान शिवजी के रुद्रावतार, सबसे बलवान और बुद्धिमान माने जाते हैं। रामायण के अनुसार बजरंगबली जानकी के अत्यधिक प्रिय हैं। इस धरा पर जिन सात मनीषियों को अमरत्व का वरदान प्राप्त है, उनमें बजरंगबली भी हैं। हनुमान जी के बारे में माना जाता है की वें बाल ब्रह्मचारी है। लेकिन भारत के कुछ हिस्सों खासकर तेलंगाना में हनुमान जी को विवाहित माना जाता है। इन क्षेत्रों में प्रचलित मान्यताओं के अनुसार हनुमानजी की पत्नी का नाम सुवर्चला है और वे सूर्य देव की पुत्री हैं। यहां पर हनुमानजी और सुवर्चला का एक प्राचीन मंदिर स्थित है। इसके अलावा पाराशर संहिता में भी हनुमान जी और सुवर्चला के विवाह की कथा है। और ये भी पढ़े • Rudraksh therapy: महंगे इलाज नहीं ले सकते, रुद्राक्ष थैरेपी से संभव है रोग और शोक को नष्ट करना • Wind Chimes: समाज में लोकप्रियता पाने का शौक है तो इस दिशा में लगाएं विंड चाइम्स • Smile please: ये हैं अहंकारी व्यक्ति के लक्षण, देखें आप में कितने हैं ? तेलंगाना के खम्मम जिले में है मंदिर हैदराबाद से 220 कि.मी की दूर...

सोनपुर के हरिहरनाथ मंदिर के दर्शन की जानकारी

3.5/5 - (2 votes) Hariharnath Temple In Hindi, हरिहरनाथ मंदिर भारत के बिहार राज्य के सोनपुर में गंडक और गंगेश नदी के तट पर स्थित हैं। हरिहरनाथ मंदिर (Baba Harihar Nath Mandir Sonepur Bihar) के प्रमुख देवता भगवान (हरि) विष्णु और भगवान (हर) शंकर हैं। माना जाता हैं कि हरिहरनाथ मंदिर अपनी तरह का एक मात्र तीर्थ स्थल हैं जहां हरी और हर दोनों एक साथ एक ही शिला पर स्थित है। सोनपुर में स्थित इस मंदिर की महिमा कुछ ऐसी हैं कि भक्त अपने आप ही खिचे चले आते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने और भगवान हरिहरनाथ के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ती है। इसी दिन से सोनपुर पशु मेले की शुरुआत होती हैं जोकि पर्यटकों को बहुत अधिक आकर्षित करता है। माना जाता हैं कि भगवान हरिहरनाथ के दर्शन करने से आपके मन की सारी मुरादे पूरी हो जाती हैं और भक्त कभी अपने भगवान के दर से खाली हाथ नही जाते हैं। यदि आप हरिहरनाथ मंदिर के इतिहास और कहानी के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े – Table of Contents • • • • • • • • • • • बाबा हरिहरनाथ मंदिर की कहानी – Hariharnath Temple Story In Hindi Image Credit: Amit Priyadarshi सोनपुर में स्थित बाबा हरिहरनाथ मंदिर के बारे कई कहानियां सामने आती हैं। माना जाता हैं कि हरिहरनाथ टेम्पल सोनपुर बिहार की स्थापना भगवान राम ने सीता स्वयंबरम के लिए जाते समय मार्ग में की थी। हालाकि इतिहासकार इस पर एक मत नही हैं। एक पौराणिक कथा के अनुसार गज (हाथी) और ग्राह (घड़ियाल) के बीच छिडे युद्ध को समाप्त करने के लिए भगवान विष्णु को धरती पर आना पड़ा और उसी के परिणाम स्वरुप इस मंदिर की स्थापना हुई। बता दें कि गज और ग्राह के बीच हुए युद्ध क...