सामाजिक प्रगति सूचकांक 2022

  1. सामाजिक प्रगति सूचकांक (SPI) 2022: पुडुचेरी ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया
  2. सामाजिक प्रगति सूचकांक (Social Progress Index) 2022 जारी किया गया
  3. Civil Services Chronicle Magazines रिपोर्ट एवं सूचकांक
  4. सामाजिक प्रगति सूचकांक
  5. SPI 2022
  6. वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) 2022
  7. भारत सामाजिक प्रगति सूचकांक में 132 देशों में 102वें स्थान पर


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सामाजिक प्रगति सूचकांक (SPI) 2022: पुडुचेरी ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) ने इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस और सोशल प्रोग्रेस इम्पेरेटिव द्वारा तैयार भारत के राज्यों और जिलों के लिए सामाजिक प्रगति सूचकांक (Social Progress Index: SPI) 20 दिसंबर को जारी किया। सामाजिक प्रगति सूचकांक (SPI): तीन आयाम और 12 घटक • SPI राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय स्तरों पर किसी देश की सामाजिक प्रगति के समग्र मापदण्‍ड के रूप में काम कर सकता है। • यह सूचकांक सामाजिक प्रगति के तीन महत्वपूर्ण आयामों– बुनियादी मानव आवश्यकताओं (Basic Human Needs), रहन-सहन के आधार (Foundations of Wellbeing) और अवसर (Opportunity) के 12 घटकों के आधार पर राज्यों और जिलों का आकलन करता है। • सूचकांक एक व्यापक ढांचे का उपयोग करता है जिसमें राज्य स्तर पर 89 संकेतक और जिला स्तर पर 49 संकेतक शामिल हैं। तीन आयाम • 1. बुनियादी मानवीय आवश्यकताएं पोषण और बुनियादी चिकित्सा देखभाल, जल और स्वच्छता, व्यक्तिगत सुरक्षा और आश्रय के संदर्भ में राज्यों और जिलों के प्रदर्शन का आकलन करती हैं। • 2. फाउंडेशन ऑफ़ वेलबीइंग बुनियादी ज्ञान तक पहुँच, सूचना और संचार तक पहुँच, स्वास्थ्य और कल्याण, और पर्यावरणीय गुणवत्ता के घटकों में देश द्वारा की गई प्रगति का मूल्यांकन करता है। • 3. अवसर व्यक्तिगत अधिकारों, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पसंद, समावेशिता और उन्नत शिक्षा तक पहुंच पर केन्‍द्रित है। राज्यों की रैंकिंग • SPI स्कोर के आधार पर, राज्यों और जिलों को सामाजिक प्रगति के छह स्तरों के तहत रैंक किया गया है: टीयर 1: बहुत उच्च सामाजिक प्रगति; टीयर 2: उच्च सामाजिक प्रगति; टीयर 3: ऊपरी मध्य सामाजिक प्रगति; टीयर 4: निम्न मध्य सामाजिक प्रगति, टीयर 5: कम सामाजिक प्रगति और टीयर 6: बहुत कम सामाजि...

सामाजिक प्रगति सूचकांक (Social Progress Index) 2022 जारी किया गया

सामाजिक प्रगति सूचकांक (Social Progress Index) क्या है? राज्यों और जिलों के लिए सामाजिक प्रगति सूचकांक (Social Progress Index – SPI), हाल ही में Institute for Competitiveness and Social Progress Imperative द्वारा जारी किया गया, यह सामाजिक प्रगति के 6 स्तरों के तहत SPI स्कोर के आधार पर राज्यों और जिलों को रैंक करता है। सामाजिक प्रगति के छह स्तर हैं टीयर 1: अति उच्च सामाजिक प्रगति; टीयर 2: उच्च सामाजिक प्रगति; टीयर 3: उच्च मध्य सामाजिक प्रगति; टीयर 4: निम्न मध्य सामाजिक प्रगति; टीयर 5: कम सामाजिक प्रगति और टीयर 6: बहुत कम सामाजिक प्रगति। SPI स्कोर का आकलन कैसे किया जाता है? राज्यों और जिलों का मूल्यांकन सामाजिक प्रगति के 3 महत्वपूर्ण आयामों में 12 घटकों के आधार पर किया जाता है, जैसे कि बुनियादी मानवीय आवश्यकताएं, कल्याण के आधार और अवसर। यह राज्य स्तर पर 89 संकेतकों और जिला स्तर पर 49 संकेतकों का उपयोग करता है। बुनियादी मानव आवश्यकता आयाम में जल और स्वच्छता, व्यक्तिगत सुरक्षा, आश्रय और पोषण और बुनियादी चिकित्सा देखभाल के क्षेत्रों में प्रदर्शन का आकलन शामिल है। फ़ाउंडेशन ऑफ़ वेलबीइंग डाइमेंशन बुनियादी ज्ञान तक पहुंच बढ़ाने, आईसीटी तक पहुंच, स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती और पर्यावरणीय गुणवत्ता में हुई प्रगति का आकलन करता है। अवसर आयाम समावेशिता, व्यक्तिगत अधिकार, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पसंद के साथ-साथ उन्नत शिक्षा तक पहुंच पर केंद्रित है। SPI 2022 में उपलब्धियां • टियर 1: पुदुचेरी (65.99) ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पसंद, आश्रय, और पानी और स्वच्छता जैसे घटकों में अपने प्रदर्शन के कारण सर्वोच्च स्कोर किया। लक्षद्वीप और गोवा ने क्रमशः 65.89 और 65.53 का दूसरा और तीसरा उच्चतम स्कोर दर्ज...

Civil Services Chronicle Magazines रिपोर्ट एवं सूचकांक

घरेलू उपभोक्ताओं की मानसिकता पर रिपोर्ट - (March 2023) लोकल सर्कल्स नामक एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ने सर्वेक्षण घरेलू उपभोक्ताओं की मानसिकता और उनकी स्थितियों के बारे में जानने के लिए एक ऑनलाइन सर्वे आयोजन किया गया इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ने 309 जिलों में सर्वे किया। सर्वे के मुताबिक, देश में 60% परिवारों का मानना है कि आने वाले दिनों में उनकी आय में गिरावट आने वाली है। नागरिक आय सिटी फ़ाइनेंस रैंकिंग 2022 - (March 2023) केंद्रीय आवास और शहरीमंत्रालय द्वारा शहरी स्थानीय निकायों का मूल्यांकन, पहचान और रिवॉर्ड देने के लिए सिटी फाइनेंस रैंकिंग शुरू की गई है।उद्देश्यः नगर निगम में वित्त सुधारों को लागू करने के लिए।मुख्य बिंदुः शहरी स्थानीय निकायों का मूल्यांकन तीन प्रमुख नगरपालिका वित्त मूल्यांकन मापदंडों जैसे संसाधन जुटाना, व्यय प्रदर्शन और वित्तीय शासन में 15 संकेतकों पर किया जाएगा। शहरों ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी रिपोर्ट - (March 2023) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रकाशित ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (Community Health Centers-CHCs) में लगभग 80% जरूरी स्पेशलिस्ट डॉक्टर की कमी है। रिपोर्ट के मुख्य बिंदुः रिपोर्ट बताती है कि CHC में जिन विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है, उनमें सर्जन (83.2%), प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ (74.2%), चिकित्सक वैश्विक जोखिम रिपोर्ट-2023 - (March 2023) विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने वैश्विक जोखिम रिपोर्ट-2023 (18वाँ संस्करण) जारी की है।रिपोर्ट के मुख्य बिंदुः रिपोर्ट में विश्व से अगले दो वर्षों में ‘प्राकृतिक आपदाओं और चरम मौसमी घटनाओं’ के लिये तैयार रहने की बात कही ...

सामाजिक प्रगति सूचकांक

• सामयिक खबरें • राष्ट्रीय सामाजिक प्रगति सूचकांक 20 दिसंबर, 2022 को प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के अध्यक्ष डॉ. बिबेक देबरॉय द्वारा ‘सामाजिक प्रगति सूचकांक : भारत के राज्य एवं जिले’ (Social Progress Index : States and Districts of India) नामक रिपोर्ट जारी की गई। • सूचकांक का विकास: यूएस-आधारित गैर-लाभकारी संस्था 'सोशल प्रोग्रेस इम्पेरेटिव' (Social Progress Imperative) तथा 'इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस' (Institute for Competitiveness) द्वारा विकसित। सूचकांक के बारे में • सामाजिक प्रगति सूचकांक, सामाजिक प्रगति के 3 महत्वपूर्ण आयामों- बुनियादी मानव आवश्यकताओं (Basic Human Needs), कल्याण के आधार (Foundations of Wellbeing) तथा अवसर (Opportunity) में 12 घटकों के आधार पर राज्यों और जिलों का आकलन करता है। • सूचकांक एक व्यापक ढांचे का उपयोग करता है जिसमें राज्य स्तर पर 89 संकेतक और जिला स्तर पर 49 संकेतक शामिल हैं। • एसपीआई स्कोर के आधार पर, राज्यों और जिलों को सामाजिक प्रगति के 6 स्तरों के तहत रैंक प्रदान की गई है। ये 6 स्तर हैं- • टीयर 1: बहुत उच्च सामाजिक प्रगति; • टीयर 2: उच्च सामाजिक प्रगति; • टीयर 3: ऊपरी मध्य सामाजिक प्रगति; • टीयर 4: निम्न मध्य सामाजिक प्रगति, • टीयर 5: कम सामाजिक प्रगति और • टीयर 6: बहुत कम सामाजिक प्रगति। प्रमुख निष्कर्ष • पुडुचेरी का देश में उच्चतम एसपीआई स्कोर 65.99 है, जिसका श्रेय व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पसंद, आश्रय, और जल और स्वच्छता जैसे घटकों में इसके उल्लेखनीय प्रदर्शन को दिया जाता है। लक्षद्वीप और गोवा क्रमशः 65.89 और 65.53 के स्कोर के साथ दुसरे एवं तीसरे स्थान पर हैं। झारखंड और बिहार ने सबसे कम (क्रमशः 43.95 और 44.47) स्कोर हा...

SPI 2022

सामाजिक प्रगति सूचकांक 2022 हाल ही में जारी किया गया। सामाजिक प्रगति सूचकांक (Social Progress Index) क्या है? राज्यों और जिलों के लिए सामाजिक प्रगति सूचकांक (Social Progress Index – SPI), हाल ही में Institute for Competitiveness and Social Progress Imperative द्वारा जारी किया गया, यह सामाजिक प्रगति के 6 स्तरों के तहत SPI स्कोर

वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) 2022

टैग्स: • • • • • • प्रिलिम्स के लिये: वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) 2022, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम, मेन्स के लिये: भारत में गरीबी की स्थिति और इस संबंध में उठाए गए कदम चर्चा में क्यों? हाल ही में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और ‘ ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डे वलपमेंट इनीशिएटिव’ (OPHI) द्वारा वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) 2022 जारी किया गया। सूचकांक की मुख्य विशेषताएँ: • वैश्विक आँकड़ा: • 2 बिलियन लोग बहुआयामी गरीबी के दायरे में आते हैं। • उनमें से लगभग आधे लोग गंभीर गरीबी की स्थिति में रहते हैं। • आधे गरीब लोग (593 मिलियन) 18 वर्ष से कम आयु के हैं। • गरीब लोगों की संख्या उप सहारा अफ्रीका (579 मिलियन) में सबसे अधिक है, इसके बाद दक्षिण एशिया (385 मिलियन) का स्थान है। दोनों क्षेत्रों में कुल मिलाकर 83% गरीब लोग रहते हैं। • महामारी का प्रभाव: • हालाँकि आँकड़ा महामारी के बाद के बदलावों को प्रतिबिंबित नहीं करता है। • रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 महामारी वैश्विक स्तर पर गरीबी उन्मूलन में हुई प्रगति को 3-10 वर्ष पीछे धकेल सकती है। • विश्व खाद्य कार्यक्रम के खाद्य सुरक्षा पर नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2021 में खाद्य संकट या इससे भी बदतर स्थिति में रहने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 193 मिलियन हो गई। भारत के बारे में प्रमुख निष्कर्ष: • आँकड़ा: • दुनिया में सबसे ज़्यादा 22.8 करोड़ गरीब भारत में हैं, इसके बाद नाइजीरिया में 9.6 करोड़ लोग गरीब हैं। • इनमें से दो-तिहाई लोग ऐसे घरों में रहते हैं जिसमें कम-से-कम एक व्यक्ति पोषण से वंचित है। • गरीबी में कमी: • देश में गरीबी वर्ष 2005-06 के 55.1% से घटकर वर्ष 2019-21 में 16.4% हो गई। • सभी 10 MPI संकेतक...

भारत सामाजिक प्रगति सूचकांक में 132 देशों में 102वें स्थान पर

अमेरिका स्थित गैर लाभकारी संगठन सोशल प्रोग्रेस इम्पेरेटिव द्वारा 3 अप्रैल 2014 को प्रकाशित सामाजिक प्रगति सूचकांक (एसपीआई) में भारत 132 देशों में 102वें स्थान पर रहा. पहले सामाजिक प्रगति सूचकांक का प्रकाशन 2013 में हुआ था जिसमें 50 देशों के लिए सामाजिक प्रगति कि गणना की गयी थी. वर्ष 2014 का सामाजिक प्रगति सूचकांक समावेशी विकास एवं साझा समृद्धि पर मौजूदा बहस को उल्लेखित करता हैं. एसपीआई 132 देशों को 50 से अधिक संकेतकों जिनमें स्वस्थ्य,स्वच्छता, आवास, व्यक्तिगत सुरक्षा, सूचना तक पहुँच, संधारणीयता, सहिष्णुता व समावेशन एवं शिक्षा तक पहुँच सम्मिलित हैं के आधार पर मूल्यांकन करता हैं. सामाजिक प्रगति सूचकांक के मुख्य अंश: •शीर्ष पाँच देशों में न्यूजीलैंड, स्विटजरलैंड, आइसलैंड, नीदरलैंड्स और नॉर्वे हैं. ये देश जो की अपेक्षाकृत कम जनसंख्या वाले देश हैं, ने सूचकांक के सभी आयामों में अच्छा प्रदर्शन किया हैं. •सूडान (128 वां), गिनी (129 वां), बुरुंडी (130 वां), मध्य अफ्रीकी गणराज्य (131 वां) और चाड (132 वां) सूची में सबसे निचले पायदान पर हैं. •ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) का सामाजिक प्रगति संकेतकों पर प्रदर्शन मिली जुली प्रकृति का हैं यद्यपि इन देशों को विकास क्षमता वाली अर्थव्यवस्थाओं के रूप में देखा जाता है. •ब्रिक्स समूह में केवल ब्राजील (46 वां) सामाजिक प्रगति में अच्छा प्रदर्शन करता हैं जबकि प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद में इसका 57 वां स्थान हैं. रूस का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद में स्थान (39 वां) उच्च हैं लेकिन सामाजिक प्रगति सूचकांक (80 वां) में काफी निचले पायदान पर हैं. दक्षिण अफ्रीका का सामाजिक प्रगति में 69 वां, एवं सकल घरेलू उत्पाद में 58 वा...