Salim ali ka janm kab hua

  1. सलीम अली का जीवन परिचय
  2. भगवान शिव का जन्म कैसे और कहां हुआ?
  3. Salim Ali
  4. सालिम अली
  5. सावित्रीबाई फुले का जीवन परिचय
  6. रावण का जन्म कब हुआ था? » Ravan Ka Janam Kab Hua Tha
  7. वीर सावरकर का जीवन परिचय (Biography of Veer Savarkar in Hindi)


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सलीम अली का जीवन परिचय

परिचय सलीम अली एक भारतीय पक्षी रिसर्चर और प्रकृतिवादी थे। वे ‘भारत के बर्डमैन’ के नाम से भी जाने जाते थे। सलीम अली भारत के पहले ऐसे व्यक्ति बने, जिन्होंने पूरे भारत में व्यवस्थित रूप से पक्षी सर्वेक्षण करवाया और उन्होंने पक्षियों पर किताबें भी लिखी, जिन किताबों ने भारत की पक्षी-विज्ञान के विकास में बहुत मदद की है। 1976 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। शुरुआती जीवन सलीम अली का पूरा नाम ‘सालिम मुईनुद्दीन अब्दुल अली’ था। सलीम अली का जन्म 12 नवम्बर 1896 को बॉम्बे में हुआ था। वे सुलेमानी बोहरा मुस्लिम परिवार से थे। वे अपने परिवार में सबसे छोटे थे। उनके पिता का नाम ‘मोइज़ुद्दीन’ और माता का नाम ‘ज़ीनत-उन-निस्सा’ था। सलीम अली जब एक साल के थे, तब उनके पिता मोइज़ुद्दीन का देहांत हो गया और जब वे 3 वर्ष के थे, तब उनकी माँ ज़ीनत-उन-निस्सा का भी देहांत हो गया था। माँ-बाप के बिना सलीम अली का बचपन मामा ‘अमिरुद्दीन तैयाबजी’ और बेऔलाद चाची, ‘हमिदा बेगम’ की देख-रेख में मुंबई के खेतवाड़ी नामक इलाके में एक मध्यम वर्ग परिवार में हुआ। उनके एक चाचा का नाम ‘अब्बास तैयाब जी’ था, जो भारत के एक मशहूर स्वतंत्रता सेनानी थे। ‘मुंबई प्राकृतिक इतिहास सोसायटी’ (B.N.H.S) के सचिव डबल्यू. एस. मिलार्ड के साथ मिलकर और उनकी देख-रेख में सलीम अली ने पक्षियों पर रिसर्च करना शुरू कर दिया। डबल्यू. एस. मिलार्ड वे व्यक्ति थे, जिन्होंने असामान्य रंग की गौरैया की पहचान की थी। उस गौरैया का शिकार युवा सलीम अली ने खेल-खेल में किया था। इसके बाद ही डबल्यू. एस. मिलार्ड ने सलीम अली को पक्षियों पर रिसर्च करने के लिए प्रोत्साहित किया और डबल्यू. एस. मिलार्ड ने सलीम को पक्षियों की कुछ किताबें भी दी।...

भगवान शिव का जन्म कैसे और कहां हुआ?

वेद कहते हैं कि जो जन्मा है, वह मरेगा अर्थात जो बना है, वह फना है। वेदों के अनुसार ईश्वर या परमात्मा अजन्मा, अप्रकट, निराकार, निर्गुण और निर्विकार है। अजन्मा का अर्थ जिसने कभी जन्म नहीं लिया और जो आगे भी जन्म नहीं लेगा। प्रकट अर्थात जो किसी भी गर्भ से उत्पन्न न होकर स्वयंभू प्रकट हो गया है और अप्रकट अर्थात जो स्वयंभू प्रकट भी नहीं है। निराकार अर्थात जिसका कोई आकार नहीं है, निर्गुण अर्थात जिसमें किसी भी प्रकार का कोई गुण नहीं है, निर्विकार अर्थात जिसमें किसी भी प्रकार का कोई विकार या दोष भी नहीं है। अब सवाल यह उठता है कि फिर शिव क्या है? वे किसी न किसी रूप में जन्मे या प्रकट हुए तभी तो उन्होंने विवाह किया। तभी तो उन्होंने कई असुरों को वरदान दिया और कई असुरों का वध भी किया। दरअसल, जब हम 'शिव' कहते हैं तो वह निराकर ईश्वर की बात होती है और जब हम 'सदाशिव' कहते हैं तो ईश्वर महान आत्मा की बात होती है और जब हम शंकर या महेश कहते हैं तो वह सती या पार्वती के पति महादेव की बात होती है। बस, हिन्दूजन यहीं भेद नहीं कर पाते हैं और सभी को एक ही मान लेते हैं। अक्सर भगवान शंकर को शिव भी कहा जाता है। शिवपुराण के अनुसार भगवान सदाशिव और पराशक्ति अम्बिका (पार्वती या सती नहीं) से ही भगवान शंकर की उत्पत्ति मानी गई है। उस अम्बिका को प्रकृति, सर्वेश्वरी, त्रिदेवजननी (ब्रह्मा, विष्णु और महेश की माता), नित्या और मूल कारण भी कहते हैं। सदाशिव द्वारा प्रकट की गई उस शक्ति की 8 भुजाएं हैं। पराशक्ति जगतजननी वह देवी नाना प्रकार की गतियों से संपन्न है और अनेक प्रकार के अस्त्र शक्ति धारण करती है। वह शक्ति की देवी कालरूप सदाशिव की अर्धांगिनी दुर्गा हैं। उस सदाशिव से दुर्गा प्रकट हुई। काशी के आनंदरूप वन में रमण ...

Salim Ali

Spouse Tehmina Ali Relatives Awards Scientific career Fields Influences Sálim Moizuddin Abdul Ali (12 November 1896– 20 June 1987) Birdman of India", Salim Ali was the first Indian to conduct systematic bird surveys across India and wrote several Along with Early life [ ] Salim Ali was born into a Salim was introduced to the serious study of birds by Common birds of Bombay, encouraged Salim to make a collection of birds and offered to train him in skinning and preservation. Millard later introduced young Salim to (later Sir) Salim went to primary school at Burma and Germany [ ] Salim Ali's early education was at Ali was fascinated by motorcycles from an early age and starting with a 3.5 HP Stratheden from Bombay and biked around Europe, injuring himself in a minor mishap in France apart from having several falls on cobbled roads in Germany. When he arrived on a fully loaded bike, just in time for the first session at Uppsala, word went around that he had ridden all the way from India! He regretted not having owned a On his return to India in 1930, he discovered that the guide lecturer position had been eliminated due to lack of funds. Unable to find a suitable job, Salim Ali and Tehmina moved to The study of Indian birds in 1929 where he mentioned that the racquets at the end of the long tail feathers of the It has been a very great benefit to me that we drifted into collaboration largely in its beginning as an accident-when you pointed out my mistake over the webs of Dron...

सालिम अली

poora nam salim moizuddin abdul ali any nam bardamain aauf iandiya janm janm bhoomi b aaumbe (ab mrityu mrityu sthan abhibhavak moizuddin abdul aur zinat-an-nisa pati/patni tahamina ali karm bhoomi karm-kshetr pakshi vijnani aur prakritivadi mukhy rachanaean 'd buk aauf iandiyan bards', 'haindabuk aauf d bards aauf iandiya end pakistan', 'd phal aauf e spairo' adi khoj bina kasht pahuanchae chidi़yoan ko pak dane ki prasiddh goang eand phayar v dekkan vidhi salim ali ki hi khoj hai jinhean aj bhi pakshi jagat mean prayog kiya jata hai. shiksha snatak (jantu vijnan) puraskar-upadhi vishesh yogadan bharatapur pakshi vihar ki sthapana mean pramukh bhoomika nibhaee nagarikata bharatiy sanbandhit lekh any janakari gauratalab hai ki inake nam par b aaumbe naichural histri sosaiti aur paryavaran evan van mantralay dvara salim ali ( Salim Ali, poora nam: 'salim moizuddin abdul ali', janm: bharat ke bardamain ke roop mean jana jata hai. salim ali pariandoan ka chalata phirata vishvakosh kaha jata tha. jivan parichay salim moizuddin abdul ali ka janm 12 navambar, 1896 ko b aaumbe (ab prakriti premi salim ali ki bachapan se hi prakriti ke svachchhand vatavaran mean ghoomane ki ruchi rahi. isi karan ve apani padhaee bhi poori tarah se nahian kar paye. b da hone par salim ali ko b de bhaee ke sath usake kam mean madad karane ke lie barma (vartaman bardamain aauf iandiya duniya mean aise kam hi log haian, jo doosaroan ke lie jite haian aur iansani jamat se alag jivoan ke bare mean socha...

सावित्रीबाई फुले का जीवन परिचय

सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले (Savitribai Jyotirao Phule) एक प्रमुख भारतीय सामाजिक सुधारक, शिक्षाविद और कवियत्री थी. जिन्होंने उन्नीसवीं शताब्दी के दौरान महिला शिक्षा और सशक्तिकरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्हें उस समय की कुछ साक्षर महिलाओं में गिना जाता है. सावित्रीबाई को पुणे में अपने पति ज्योतिराव फुले के साथ भिडवाडा में स्कूल स्थापित करने के लिए श्रेय दिया जाता है. उन्होंने बाल विवाह के प्रति शिक्षित करने और उन्मूलन करने, सती प्रथा के खिलाफ प्रचार करने और विधवा पुनर्विवाह के लिए वकालात करने के लिए बहुत मेहनत की. महाराष्ट्र के सामाजिक सुधार आंदोलन का एक प्रमुख व्यक्तित्व और उन्हें बी आर अम्बेडकर, अन्नाभाऊ साठे की पसंद के साथ दलित मंगल जाति का प्रतीक माना जाता है. उन्होंने अस्पृश्यता (Untouchability) के खिलाफ अभियान चलाया और जाति व लिंग आधारित भेदभाव को समाप्त करने में सक्रिय रूप से काम किया. बिंदु(Points) जानकारी (Information) नाम (Name) सावित्रीबाई फुले जन्म (Birth) 3 जनवरी, 1831 मृत्यु (Death) 10 मार्च 1897 जन्म स्थान (Birth Place) सातारा जिला कार्यक्षेत्र (Profession) समाज सेवक पिता का नाम (Father Name) खांडोजी नेवेशे पाटिल पति का नाम(Husband Name) ज्योतिराव फुले सावित्रीबाई फुले का प्रारंभिक जीवन (Savitribai Phule Early Life) सावित्रीबाई का जन्म 3 जनवरी, 1831 को नायगांव (वर्तमान में सातारा जिले में) में कृषि परिवार में हुआ था. इनके पिता का नाम खंडोजी नेवसे पाटील और माता का नाम लक्ष्मी था. वे परिवार की सबसे बड़ी बेटी थी. उन दिनों की लड़कियों का जल्दी ही विवाह कर दिया जाता था, इसलिए प्रचलित रीति-रिवाजों के बाद नौ वर्षीय सावित्रीबाई की शादी 1840 में 12 वर्षीय ज्य...

रावण का जन्म कब हुआ था? » Ravan Ka Janam Kab Hua Tha

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आज की रावण का जन्म कब हुआ इस बारे में जो है कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है बट वाल्मीकि रामायण की मानें तो रावण पुलस्त्य मुनि का पोता था उनके पुत्र विश्रवा का पुत्र था और बाकी जो वर्मा हनी और कैक्सी नाम की दो पत्नियां थी और वह वाहिनी ने कुबेर को जन्म दिया था जबकि कैक्सी में बेला यानी अशुभ समय में गर्भ धारण किया था जिससे रावण का जन्म हुआ था aaj ki ravan ka janam kab hua is bare mein jo hai koi jaankari nahi mil paa rahi hai but valmiki ramayana ki manen toh ravan pulastya muni ka pota tha unke putra vishrava ka putra tha aur baki jo verma honey aur kaiksi naam ki do patniya thi aur vaah vahini ne kuber ko janam diya tha jabki kaiksi mein bela yani ashubh samay mein garbh dharan kiya tha jisse ravan ka janam hua tha आज की रावण का जन्म कब हुआ इस बारे में जो है कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है बट वाल्मीकि राम

वीर सावरकर का जीवन परिचय (Biography of Veer Savarkar in Hindi)

“ वीर सावरकर का जीवन परिचय” सावरकर जी भारतीय इतिहास के नायक हैं। स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में वो हमेशा सभी रास्तों में आगे रहते थे। उन्होंने हिंदुओं के ठंडे खून को गर्म करने के लिए हथियारों का सहारा लिया। “वीर सावरकर का जीवन परिचय (Veer Savarkar ka Jivan Parichay)”। एक जर्जरित समाज का आधुनिकीकरण करने के लिए ये किया था। उसे एक वैज्ञानिक दिशा दी, रूढ़ियों से मुक्त करने के लिए छुआ-छूत से मुक्त करने का अभियान चलाया। साहित्य एवं पत्रकारिता को आधार बना कर जन जागरूकता की लहर पैदा की। इन सब से बढ़ कर हिन्दूओं को हिन्दुत्व के दर्शन कराके उन्हें जीने की शिक्षा दी। साहसपूर्वक यह कहना सिखलाया कि “ गर्व से कहो हम हिंदू हैं“। “वीर सावरकर का जीवन परिचय” एक जर्जरित समाज का आधुनिकीकरण करने के लिए ये किया था। उसे एक वैज्ञानिक दिशा दी, रूढ़ियों से मुक्त करने के लिए छुआ-छूत से मुक्त करने का अभियान चलाया। साहित्य एवं पत्रकारिता को आधार बना कर जन जागरूकता की लहर पैदा की। साहसपूर्वक यह कहना सिखलाया कि “गर्व से कहो हम हिंदू हैं।” वीर सावरकर की जीवनी Veer Savarkar ki Jivani Hindi “ वीर सावरकर का जीवन परिचय” आज हम “ वीर सावरकर का जीवन परिचय” से सम्बन्धित उन तमाम सवालों को जानेंगे जो हमारे पाठको को आधा अधुरा ज्ञान मिलता है। मै अपने पाठको को “ वीर सावरकर” (Veer Savarkar in Hindi) के जीवन का वह अछूता अंग के बारे में जानकारी दूंगी। जो आज तक वह “ वीर सावरकर” (Veer Savarkar in Hindi) के बारे में गलत-गलत जानकरियो पर उन्हें आंक लेते है। हमारे मन में हमेशा हर तरह का सवाल पैदा होते रहता है। जैसे की “वीर सावरकर” (Veer Savarkar in Hindi) से जुडी सवाल- “वीर सावरकर का जीवन परिचय (Veer Savarkar ka Jivan Parich...

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