Samtal darpan kise kahate hain

  1. Darpan कितने प्रकार के होते हैं?
  2. दर्शन शास्त्र क्या है ? उदाहरण और Darshan shastra Ke prakar
  3. संचार किसे कहते हैं
  4. Darpan कितने प्रकार के होते हैं?
  5. संचार किसे कहते हैं
  6. दर्शन शास्त्र क्या है ? उदाहरण और Darshan shastra Ke prakar


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Darpan कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंदर्पणों को इसलिए भी प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि ये सदैव सीधा प्रतिबिंब बनाते हैं यद्यपि वह छोटा होता है। इनका दृष्टि-क्षेत्र भी बहुत अधिक है क्योंकि ये बाहर की ओर वक्रित होते हैं। अतः समतल दर्पण की तुलना में उत्तल दर्पण ड्राइवर को अपने पीछे के बहुत बड़े क्षेत्र को देखने में समर्थ बनाते हैं। दर्पण की वक्रता त्रिज्या 20cm है इसका फोकसांतर क्या है? इसे सुनेंरोकेंअगर गोलीय दर्पण की वक्रता-त्रिज्या `20cm` है तो इसका फोकसांतर यानी की गोलीय दर्पण की फोकस दूरी 10 सेमी होगी। कौन सा दर्पण वस्तु से छोटा व आभासी प्रतिबिम्ब बनाता है? इसे सुनेंरोकेंउत्तल दर्पण (आभासी प्रतिबिम्य)। इनमें से कौन सा दर्पण वस्तु से छोटा व आभासी प्रतिबिम्ब बनाता है? इसे सुनेंरोकेंअब ज़रा उत्तल दर्पण पर विचार करें। इन दर्पणों का उपयोग आम तौर पर वाहनों में रीयर-व्यू मिरर के रूप में किया जाता है। इनमें आपको हमेशा आभासी व सीधा प्रतिबिम्ब मिलेगा, चाहे वस्तु को दर्पण से कितनी भी दूरी पर रखें। और प्रतिबिम्ब सदैव वस्तु से छोटा होता है। दर्पण का द्वारक क्या है? इसे सुनेंरोकेंदर्पण के परावर्तक तल के व्यास को दर्पण का द्वारक कहते हैं। पढ़ना: मिश्री का प्रयोग कैसे करें? एक गोलाकार दर्पण जिसकी परावर्तक सतह अंदर की ओर मुड़ी होती है उसे कौन सा दर्पण कहा जाता है? इसे सुनेंरोकेंसही उत्तर अवतल है। आप स्पर्श करके अवतल दर्पण की पहचान कैसे करेंगे? इसे सुनेंरोकेंस्पर्श के द्वारा – छू कर पहचान करना है तो mirror का परावर्तक तल स्पर्श करेगे जिसका परावर्तक तल समतल होगा वह समतल मिरर होगा। जिसका परावर्तक तल अंदर की तरफ दबा होगा वह अवतल दर्पण। जिसका तल बाहर की तरफ उभरा हुआ होगा वह उत्तल दर्पण रहेगा। दर्पण और लेंस में क्या ...

दर्शन शास्त्र क्या है ? उदाहरण और Darshan shastra Ke prakar

Philosophy in hindi दर्शन शास्त्र (Philosophy) का अर्थ देखा जाए तो दर्शन उस विद्या का नाम है, जो सत्य एवं ज्ञान का बोध कराता है. व्यापक अर्थ में दर्शन तर्कपूर्ण, विधिपूर्वक एवं क्रमबद्ध विचार की कला होती है। Darshan Shastra Kise Kahate Hai दर्शनशास्त्रको Philosophyकहा जाता है और दर्शनशास्त्रीको Philosopherकहा जाता है। फिलॉसफी दो शब्दो से बना है:- फिलॉस + सोफिया = फिलॉसफर फिलॉस = अनुराग, प्रेम सोफिया = ज्ञान 1) भारतीय दर्शन :- षटदर्शन :- यह ऐसा दर्शन है, जो दर्शनशास्र का का मुख्य अंग होता है। इसके (Shatdarshan) अंतर्गत निम्नलिखित दर्शन आते है :- Shatdarshan kya hai षटदर्शन नाम - रचियता 1) सांख्य दर्शन - कपिल मुनि 2) योग दर्शन - पतंजलि 3) न्याय दर्शन - गौतम 4) वैशेषिक दर्शन - कणाद 5) पूर्व मीमांसा - जैमिनी 6) उत्तर मीमांसा (अद्वैत, वेदांत दर्शन) - बादरायण इन 6 दर्शनों को Shatdarshan (षटदर्शन) कहा जाता है। भारतीयों के अन्य दर्शन निम्नलिखित है :- 7) चारवाक दर्शन (लोकायात या भौतिकतावादी दर्शन) - वृहस्पति 8) जैन दर्शन - महावीर 9) बौद्ध दर्शन - गौतम बुद्ध प्रसिद्ध समकालीन भारतीय दार्शनिक चिंतक निम्नलिखित है:- 10) कौटिल्य - सप्तांग सिद्धांत, मंडल सिद्धांत 11) स्वामी विवेकानंद - व्यवहारिक वेदांत, सार्वभौम धर्म 12) श्री अरविन्द - समग्र योग, अतिमानस 13) गांधी जी - अहिंसा, सत्याग्रह, एकादश व्रत 14) बी.आर. अम्बेडकर - सामाजिक चिंतन 15) वल्लभाचार्य - पुष्टिमार्ग । 2) पाश्चत्य दर्शन पाश्चत्य दर्शन :-प्रमुख पाश्चत्य दर्शन निम्नलिखित है - 1) प्लेटो - सद्गुण 2) अरस्तू - कारणता सिद्धांत 3) देकार्त - संदेह पद्धति 4) स्पिनोजा - द्रव्य, सर्वेश्वरवाद 5) लाइब्नीत्ज - चीद्णुवाद 6) लॉक - ज्ञान मीमां...

संचार किसे कहते हैं

संचार किसे कहते हैं- संचार किसे कहते हैं परिभाषा व प्रकार | Sanchar Kise Kahate Hain (Sanchar Kya hai) प्यारे मित्रों, क्या आप भी यूजीसीनेट परीक्षाकी तैयारी कर रहे हैं? क्या आप भी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होना चाहते हैं? जी हाँ, आज हम आपको बताने वाले हैं- संचार, संचार किसे कहते हैं? ( Sanchar Kise Kahate Hain) संचार की परिभाषा क्या है? संचार कितने प्रकार के होते हैं? संचार अर्थात् Communication यह एक ऐंसा टाॅपिक है जो कि विभिन्न परीक्षाओं में पूछा जाता है। जी हाँ, आज हम विशेष रूप से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं तथा UGC NET PAPER 1 SYLLABUS के आधार पर तीसरी यूनिट में रखा गया विषय- संचार, इसकी विस्तृत रूप से चर्चा करेंगे। संचार क्या है (Sanchar Kya Hai)? संचार किसे कहते हैं? संचार से पूछे गये प्रश्न, आदि विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा करने जा रहे हैं। तो आइये, स्वागत है आपका! दिल की गहराइयों से! इसे भी देखें- संचार किसे कहते हैंं- परिभाषा, अर्थ, प्रकार , उदाहरण - सब कुछ पाओ(Communication) इस लेख में संचार किसे कहते हैं (Sanchar Kya Hai) संचार किसे कहते हैं- परिभाषा प्रभावी संचार किस कहते हैं संचार माध्यम किसे कहते हैं संचार के मूल तत्व कौन-कौन से हैं संचार कितने प्रकार के होते हैं संचार किसे कहते हैं (Sanchar Kiss Kahate Hain) दो या दो से अधिक व्यक्तियों के मध्य सूचनाओं अथवा सन्देशों व विचारों का आदान-प्रदान ही संचार कहलाता है। संचार अथवा सम्प्रेषण को संदेशवाहन, सन्देश, एवं अंग्रेजी में Communication आदि नामों से भी जाना जाता है। सम्प्रेषण अथवा संचार शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के कम्यूनिस (Communi s) शब्द से हुई। कहा जाता है कि संचार शब्द लैटिन भाषा के कम्यूनि...

Darpan कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंदर्पणों को इसलिए भी प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि ये सदैव सीधा प्रतिबिंब बनाते हैं यद्यपि वह छोटा होता है। इनका दृष्टि-क्षेत्र भी बहुत अधिक है क्योंकि ये बाहर की ओर वक्रित होते हैं। अतः समतल दर्पण की तुलना में उत्तल दर्पण ड्राइवर को अपने पीछे के बहुत बड़े क्षेत्र को देखने में समर्थ बनाते हैं। दर्पण की वक्रता त्रिज्या 20cm है इसका फोकसांतर क्या है? इसे सुनेंरोकेंअगर गोलीय दर्पण की वक्रता-त्रिज्या `20cm` है तो इसका फोकसांतर यानी की गोलीय दर्पण की फोकस दूरी 10 सेमी होगी। कौन सा दर्पण वस्तु से छोटा व आभासी प्रतिबिम्ब बनाता है? इसे सुनेंरोकेंउत्तल दर्पण (आभासी प्रतिबिम्य)। इनमें से कौन सा दर्पण वस्तु से छोटा व आभासी प्रतिबिम्ब बनाता है? इसे सुनेंरोकेंअब ज़रा उत्तल दर्पण पर विचार करें। इन दर्पणों का उपयोग आम तौर पर वाहनों में रीयर-व्यू मिरर के रूप में किया जाता है। इनमें आपको हमेशा आभासी व सीधा प्रतिबिम्ब मिलेगा, चाहे वस्तु को दर्पण से कितनी भी दूरी पर रखें। और प्रतिबिम्ब सदैव वस्तु से छोटा होता है। दर्पण का द्वारक क्या है? इसे सुनेंरोकेंदर्पण के परावर्तक तल के व्यास को दर्पण का द्वारक कहते हैं। पढ़ना: मिश्री का प्रयोग कैसे करें? एक गोलाकार दर्पण जिसकी परावर्तक सतह अंदर की ओर मुड़ी होती है उसे कौन सा दर्पण कहा जाता है? इसे सुनेंरोकेंसही उत्तर अवतल है। आप स्पर्श करके अवतल दर्पण की पहचान कैसे करेंगे? इसे सुनेंरोकेंस्पर्श के द्वारा – छू कर पहचान करना है तो mirror का परावर्तक तल स्पर्श करेगे जिसका परावर्तक तल समतल होगा वह समतल मिरर होगा। जिसका परावर्तक तल अंदर की तरफ दबा होगा वह अवतल दर्पण। जिसका तल बाहर की तरफ उभरा हुआ होगा वह उत्तल दर्पण रहेगा। दर्पण और लेंस में क्या ...

संचार किसे कहते हैं

संचार किसे कहते हैं- संचार किसे कहते हैं परिभाषा व प्रकार | Sanchar Kise Kahate Hain (Sanchar Kya hai) प्यारे मित्रों, क्या आप भी यूजीसीनेट परीक्षाकी तैयारी कर रहे हैं? क्या आप भी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होना चाहते हैं? जी हाँ, आज हम आपको बताने वाले हैं- संचार, संचार किसे कहते हैं? ( Sanchar Kise Kahate Hain) संचार की परिभाषा क्या है? संचार कितने प्रकार के होते हैं? संचार अर्थात् Communication यह एक ऐंसा टाॅपिक है जो कि विभिन्न परीक्षाओं में पूछा जाता है। जी हाँ, आज हम विशेष रूप से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं तथा UGC NET PAPER 1 SYLLABUS के आधार पर तीसरी यूनिट में रखा गया विषय- संचार, इसकी विस्तृत रूप से चर्चा करेंगे। संचार क्या है (Sanchar Kya Hai)? संचार किसे कहते हैं? संचार से पूछे गये प्रश्न, आदि विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा करने जा रहे हैं। तो आइये, स्वागत है आपका! दिल की गहराइयों से! इसे भी देखें- संचार किसे कहते हैंं- परिभाषा, अर्थ, प्रकार , उदाहरण - सब कुछ पाओ(Communication) इस लेख में संचार किसे कहते हैं (Sanchar Kya Hai) संचार किसे कहते हैं- परिभाषा प्रभावी संचार किस कहते हैं संचार माध्यम किसे कहते हैं संचार के मूल तत्व कौन-कौन से हैं संचार कितने प्रकार के होते हैं संचार किसे कहते हैं (Sanchar Kiss Kahate Hain) दो या दो से अधिक व्यक्तियों के मध्य सूचनाओं अथवा सन्देशों व विचारों का आदान-प्रदान ही संचार कहलाता है। संचार अथवा सम्प्रेषण को संदेशवाहन, सन्देश, एवं अंग्रेजी में Communication आदि नामों से भी जाना जाता है। सम्प्रेषण अथवा संचार शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के कम्यूनिस (Communi s) शब्द से हुई। कहा जाता है कि संचार शब्द लैटिन भाषा के कम्यूनि...

दर्शन शास्त्र क्या है ? उदाहरण और Darshan shastra Ke prakar

Philosophy in hindi दर्शन शास्त्र (Philosophy) का अर्थ देखा जाए तो दर्शन उस विद्या का नाम है, जो सत्य एवं ज्ञान का बोध कराता है. व्यापक अर्थ में दर्शन तर्कपूर्ण, विधिपूर्वक एवं क्रमबद्ध विचार की कला होती है। Darshan Shastra Kise Kahate Hai दर्शनशास्त्रको Philosophyकहा जाता है और दर्शनशास्त्रीको Philosopherकहा जाता है। फिलॉसफी दो शब्दो से बना है:- फिलॉस + सोफिया = फिलॉसफर फिलॉस = अनुराग, प्रेम सोफिया = ज्ञान 1) भारतीय दर्शन :- षटदर्शन :- यह ऐसा दर्शन है, जो दर्शनशास्र का का मुख्य अंग होता है। इसके (Shatdarshan) अंतर्गत निम्नलिखित दर्शन आते है :- Shatdarshan kya hai षटदर्शन नाम - रचियता 1) सांख्य दर्शन - कपिल मुनि 2) योग दर्शन - पतंजलि 3) न्याय दर्शन - गौतम 4) वैशेषिक दर्शन - कणाद 5) पूर्व मीमांसा - जैमिनी 6) उत्तर मीमांसा (अद्वैत, वेदांत दर्शन) - बादरायण इन 6 दर्शनों को Shatdarshan (षटदर्शन) कहा जाता है। भारतीयों के अन्य दर्शन निम्नलिखित है :- 7) चारवाक दर्शन (लोकायात या भौतिकतावादी दर्शन) - वृहस्पति 8) जैन दर्शन - महावीर 9) बौद्ध दर्शन - गौतम बुद्ध प्रसिद्ध समकालीन भारतीय दार्शनिक चिंतक निम्नलिखित है:- 10) कौटिल्य - सप्तांग सिद्धांत, मंडल सिद्धांत 11) स्वामी विवेकानंद - व्यवहारिक वेदांत, सार्वभौम धर्म 12) श्री अरविन्द - समग्र योग, अतिमानस 13) गांधी जी - अहिंसा, सत्याग्रह, एकादश व्रत 14) बी.आर. अम्बेडकर - सामाजिक चिंतन 15) वल्लभाचार्य - पुष्टिमार्ग । 2) पाश्चत्य दर्शन पाश्चत्य दर्शन :-प्रमुख पाश्चत्य दर्शन निम्नलिखित है - 1) प्लेटो - सद्गुण 2) अरस्तू - कारणता सिद्धांत 3) देकार्त - संदेह पद्धति 4) स्पिनोजा - द्रव्य, सर्वेश्वरवाद 5) लाइब्नीत्ज - चीद्णुवाद 6) लॉक - ज्ञान मीमां...